"मैत्रेयी पुष्पा": अवतरणों में अंतर
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मैत्रेयी पुष्पा एक हिंदी कथा लेखक है। हिन्दी में एक प्रख्यात लेखक, मैत्रेयी पुष्पा उसे क्रेडिट के लिए दस उपन्यास और सात लघु कहानी संग्रह है |
मैत्रेयी पुष्पा एक हिंदी कथा लेखक है। हिन्दी में एक प्रख्यात लेखक, मैत्रेयी पुष्पा उसे क्रेडिट के लिए दस उपन्यास और सात लघु कहानी संग्रह है |
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'''मैत्रेयी पुष्पा''' ([[30 नवंबर]], [[1944]]) हिंदी [[साहित्यकार]] है। मैत्रेयी पुष्पा को हिन्दी अकादमी दिल्ली का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।<ref>http://www.pressnote.in/Litrature-News_271550.htmlप्रेसनोट</ref> |
'''मैत्रेयी पुष्पा''' ([[30 नवंबर]], [[1944]]) हिंदी [[साहित्यकार]] है। मैत्रेयी पुष्पा को हिन्दी अकादमी दिल्ली का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।<ref>http://www.pressnote.in/Litrature-News_271550.htmlप्रेसनोट</ref> |
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12:13, 3 जुलाई 2019 का अवतरण
मैत्रेयी पुष्पा एक हिंदी कथा लेखक है। हिन्दी में एक प्रख्यात लेखक, मैत्रेयी पुष्पा उसे क्रेडिट के लिए दस उपन्यास और सात लघु कहानी संग्रह है मैत्रेयी पुष्पा (30 नवंबर, 1944) हिंदी साहित्यकार है। मैत्रेयी पुष्पा को हिन्दी अकादमी दिल्ली का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।[1]
जीवन
उनका जन्म अलीगढ़ जिले के सिकुर्रा गांव में हुआ। उनके जीवन का आरंभिक भाग बुंदेलखण्ड में बीता।
शिक्षा
उनकी आरंभिक शिक्षा झांसी जिले के खिल्ली गांव में तथा एम.ए.(हिंदी साहित्य) बुंदेलखंड कालेज, झाँसी में हुआ।
कृतियाँ
उपन्यास
- स्मृति दंश (१९९०)[2]
- बेतवा बहती रही (१९९३)
- इदन्नमम (१९९४)
- चाक (१९९७)
- झूला नट (१९९९)
- अल्मा कबूतरी
- कहै ईसुरी फाग
- चिन्हार
- गुनाह बेगुनाह
आत्मकथा
कहानी संग्रह
- चिन्हार
- ललमनियाँ तथा अन्य कहानियां
- त्रिया हठ
- फैसला
- सिस्टर
- सेंध
- अब फूल नहीं खिलते
- बोझ
- पगला गई है भागवती
- छाँह
- तुम किसकी हो बिन्नी?
कविता संग्रह
- लकीरें
यात्रा संस्मरण
- अगनपाखी
लेख संग्रह
- खुली खिड़कियां
सम्मान
- हिंदी अकादमी द्वारा साहित्य कृति सम्मान
- कहानी 'फ़ैसला' पर कथा पुरस्कार मिला
- 'बेतवा बहती रही' उपन्यास पर उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा प्रेमचंद सम्मान
- 'इदन्नमम' उपन्यास पर शाश्वती संस्था बंगलौर द्वारा नंजनागुडु तिरुमालंबा पुरस्कार
- म.प्र. साहित्य परिषद द्वारा वीरसिंह देव सम्मान
- वनमाली सम्मान 2011[3]
बाहरी कडियाँ
- खुद को पत्नी माना ही नहीं कभी: हंस के एक अंक में राजेन्द्र यादव ने मैत्रेयी की तुलना मरी हुयी गाय से की, इस पर साहित्य जगत में काफी हलचल हुयी। इस व अन्य विषयों पर कथाकार अमरीक सिंह दीप की मैत्रेयी पुष्पा से निरंतर ब्लॉगज़ीन में प्रकाशित बातचीत।
- भारतीय साहित्य संग्रह पर मैत्रेयी की पुस्तकें
- मंच से बिन्नू बोलेगी या फिर मैत्रेयी पुष्पा
- गजब नेता – मैत्रेयी पुष्पा
- मैत्रेयी पुष्पा - सेक्स प्रेम की मृत्यु है
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ http://www.pressnote.in/Litrature-News_271550.htmlप्रेसनोट
- ↑ गोपाल, राय (२०१४). हिन्दी उपन्यास का इतिहास. नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन. पृ॰ ३८७.
- ↑ जागरण जोश