"राष्ट्रभाषा": अवतरणों में अंतर

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[[बांग्लादेश]] के लोगों ने केवल [[बंगाली भाषा]] को ही अपने देश की एक मात्र राष्ट्र भाषा के रूप में अपनाया है।
[[बांग्लादेश]] के लोगों ने केवल [[बंगाली भाषा]] को ही अपने देश की एक मात्र राष्ट्र भाषा के रूप में अपनाया है।


===[[भारत का प्रधानमन्त्री|भारत]] ===
===[[भारत]] ===
[[भारत का संविधान|भारतीय संविधान]] में किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में नहीं माना गया है।<ref>{{cite web|url=https://www.firstpost.com/india/why-hindi-isnt-the-national-language-6733241.html|title=Why Hindi isn't the national language}}</ref> सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें [[केन्द्र सरकार]] या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को [[भारत की आधिकारिक भाषाएँ|आधिकारिक भाषा]] के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए [[हिन्दी]]<ref>https://aajtak.intoday.in/story/hindi-is-not-indian-national-language-1-741940.html</ref> और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी भाषा]] को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में [[असमिया भाषा|असमी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[मणिपुरी भाषा|मणिपुरी]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[नेपाली भाषा|नेपाली]], [[ओड़िया भाषा|ओडिया]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], संस्कृत, [[संथाली भाषा|संतली]], [[सिन्धी भाषा|सिंधी]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[बोड़ो भाषा|बोड़ो]], [[डोगरी भाषा|डोगरी]], बंगाली और [[गुजराती भाषा|गुजराती]] है।
'''आज हिमालय की चोटी पर चढ़कर फिर हमने ललकारा है'''

'''दूर हटो ए दुनियावालो हिंदुस्तान हमारा है।'''

[[भारत का संविधान|भारतीय संविधान]] के निर्माण करने वाले डॉ॰ [[बी आर अम्बेडकर|अंबेडकर]] चाहते थे कि [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] इस देश की राष्ट्र भाषा बने, लेकिन अभी तक किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में नहीं माना गया है। सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें [[केन्द्र सरकार]] या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को [[भारत की आधिकारिक भाषाएँ|आधिकारिक भाषा]] के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए [[हिन्दी]]<ref>https://aajtak.intoday.in/story/hindi-is-not-indian-national-language-1-741940.html</ref> और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी भाषा]] को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में [[असमिया भाषा|असमी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[मणिपुरी भाषा|मणिपुरी]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[नेपाली भाषा|नेपाली]], [[ओड़िया भाषा|ओडिया]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], संस्कृत, [[संथाली भाषा|संतली]], [[सिन्धी भाषा|सिंधी]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[बोड़ो भाषा|बोड़ो]], [[डोगरी भाषा|डोगरी]], बंगाली और [[गुजराती भाषा|गुजराती]] है।


वर्तमान में सभी 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 2010 में [[गुजरात उच्च न्यायालय]] ने भी सभी भाषाओं को समान अधिकार के साथ रखने की बात की थी, हालांकि न्यायालयों और कई स्थानों में केवल अंग्रेजी भाषा को ही जगह दिया गया है।
वर्तमान में सभी 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 2010 में [[गुजरात उच्च न्यायालय]] ने भी सभी भाषाओं को समान अधिकार के साथ रखने की बात की थी, हालांकि न्यायालयों और कई स्थानों में केवल अंग्रेजी भाषा को ही जगह दिया गया है।

14:04, 3 जून 2019 का अवतरण

राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा।

देश और राष्ट्र भाषा

बांग्लादेश

बांग्लादेश के लोगों ने केवल बंगाली भाषा को ही अपने देश की एक मात्र राष्ट्र भाषा के रूप में अपनाया है।

भारत

भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में नहीं माना गया है।[1] सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिन्दी[2] और अंग्रेजी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में असमी, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संतली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, बोड़ो, डोगरी, बंगाली और गुजराती है।

वर्तमान में सभी 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 2010 में गुजरात उच्च न्यायालय ने भी सभी भाषाओं को समान अधिकार के साथ रखने की बात की थी, हालांकि न्यायालयों और कई स्थानों में केवल अंग्रेजी भाषा को ही जगह दिया गया है।

सन्दर्भ

  1. "Why Hindi isn't the national language".
  2. https://aajtak.intoday.in/story/hindi-is-not-indian-national-language-1-741940.html

बाहरी कड़ियाँ