"हिन्दी": अवतरणों में अंतर

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'''हिंदी''' विश्व की एक प्रमुख [[भाषा]] है एवं [[भारत]] की [[राजभाषा]] है। केंद्रीय स्तर पर [[भारत]] में दूसरी आधिकारिक भाषा [[अंग्रेजी]] है। यह [[हिंदुस्तानी भाषा]] की एक मानकीकृत रूप है जिसमें [[संस्कृत]] के [[तत्सम]] तथा [[तद्भव]] शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिंदी [[भारत का संविधान|संवैधानिक]] रूप से [[भारत]] की [[राजभाषा]] और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली [[भाषा]] है। [[चीनी भाषा|चीनी]] के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। [[विश्व आर्थिक मंच]] की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।<ref name="auto">{{Cite web|url=https://www.weforum.org/agenda/2016/12/these-are-the-most-powerful-languages-in-the-world/|title=These are the most powerful languages in the world|website=World Economic Forum|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref>
'''हिंदी''' विश्व की एक प्रमुख [[भाषा]] है एवं [[भारत]] की [[राजभाषा]] है। केंद्रीय स्तर पर [[भारत]] में दूसरी आधिकारिक भाषा [[अंग्रेजी]] है। यह [[हिंदुस्तानी भाषा]] की एक मानकीकृत रूप है जिसमें [[संस्कृत]] के [[तत्सम]] तथा [[तद्भव]] शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिंदी [[भारत का संविधान|संवैधानिक]] रूप से [[भारत]] की [[राजभाषा]] और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली [[भाषा]] है। हालाँकि, हिन्दी [[भारत]] की [[राष्ट्रभाषा]] नहीं है,<ref>{{cite web|url=https://www.firstpost.com/india/why-hindi-isnt-the-national-language-6733241.html|title=Why Hindi isn't the national language}}</ref> क्योंकि [[भारत का संविधान]] में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था।<ref name="National TOI">{{cite news|url=http://timesofindia.indiatimes.com/india/Theres-no-national-language-in-India-Gujarat-High-Court/articleshow/5496231.cms|title=There's no national language in India: Gujarat High Court|last=Khan|first=Saeed|date=25 January 2010|location=Ahmedabad|accessdate=5 May 2014|newspaper=[[The Times of India]]|publisher=[[The Times Group]]|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20140318040319/http://timesofindia.indiatimes.com/india/Theres-no-national-language-in-India-Gujarat-High-Court/articleshow/5496231.cms|archivedate=18 March 2014|df=dmy-all}}</ref><ref name="National PTI">{{cite news|url=http://www.thehindu.com/news/national/hindi-not-a-national-language-court/article94695.ece|title=Hindi, not a national language: Court|date=25 January 2010|work=[[The Hindu]]|location=Ahmedabad|publisher=[[Press Trust of India]]|accessdate=23 December 2014|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20140704084339/http://www.thehindu.com/news/national/hindi-not-a-national-language-court/article94695.ece|archivedate=4 July 2014|df=dmy-all}}</ref> [[चीनी भाषा|चीनी]] के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। [[विश्व आर्थिक मंच]] की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।<ref name="auto">{{Cite web|url=https://www.weforum.org/agenda/2016/12/these-are-the-most-powerful-languages-in-the-world/|title=These are the most powerful languages in the world|website=World Economic Forum|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref>


हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।<ref>{{Cite web|url=https://indianexpress.com/article/research/hindi-diwas-2018-hindi-travelled-to-these-five-countries-from-india/|title=Hindi Diwas 2018: Hindi travelled to these five countries from India|date=14 सित॰ 2018|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref> [[फ़िजी]], [[मॉरिशस]], [[गयाना]], [[सूरीनाम]], [[नेपाल]] और [[संयुक्त अरब अमीरात]] की जनता भी हिन्दी बोलती है।<ref name="ethnologue.com"/> फरवरी २०१९ में [[अबू धाबी]] में [[हिन्दी]] को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।<ref>{{Cite web|url=https://www.prabhasakshi.com/literaturearticles/abu-dhabi-recognises-hindi-language|title=वसंत पंचमी पर अबू धाबी से हिन्दी भाषा के लिए आया सुखद संदेश|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://hindi.timesnownews.com/world/article/hindi-to-become-third-language-used-in-abu-dhabi-dubai-court-system/363296|title=मुस्लिम देश अबू धाबी का ऐतिहासिक फैसला, हिंदी को बनाया अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा|website=hindi.timesnownews.com|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref><ref>[ https://hindi.oneindia.com/news/india/the-abu-dhabi-judicial-department-acknowledged-hindi-language-as-official-language-492820.html अबू धाबी में हिंदी अब न्यायपालिका की आधिकारिक भाषा, सुषमा स्वराज ने कहा शुक्रिया</ref>
हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।<ref>{{Cite web|url=https://indianexpress.com/article/research/hindi-diwas-2018-hindi-travelled-to-these-five-countries-from-india/|title=Hindi Diwas 2018: Hindi travelled to these five countries from India|date=14 सित॰ 2018|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref> [[फ़िजी]], [[मॉरिशस]], [[गयाना]], [[सूरीनाम]], [[नेपाल]] और [[संयुक्त अरब अमीरात]] की जनता भी हिन्दी बोलती है।<ref name="ethnologue.com"/> फरवरी २०१९ में [[अबू धाबी]] में [[हिन्दी]] को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।<ref>{{Cite web|url=https://www.prabhasakshi.com/literaturearticles/abu-dhabi-recognises-hindi-language|title=वसंत पंचमी पर अबू धाबी से हिन्दी भाषा के लिए आया सुखद संदेश|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://hindi.timesnownews.com/world/article/hindi-to-become-third-language-used-in-abu-dhabi-dubai-court-system/363296|title=मुस्लिम देश अबू धाबी का ऐतिहासिक फैसला, हिंदी को बनाया अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा|website=hindi.timesnownews.com|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref><ref>[ https://hindi.oneindia.com/news/india/the-abu-dhabi-judicial-department-acknowledged-hindi-language-as-official-language-492820.html अबू धाबी में हिंदी अब न्यायपालिका की आधिकारिक भाषा, सुषमा स्वराज ने कहा शुक्रिया</ref>

14:02, 3 जून 2019 का अवतरण

हिन्दी
हिंदी या मानक हिंदी

शब्द "हिन्दी" देवनागरी में
उच्चारण हिन्दुस्तानी उच्चारण: [ˈmaːnək ˈɦin̪d̪iː]
बोलने का  स्थान भारत
एवं नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान (हिंदुस्तान)
तिथि / काल १९९१
मातृभाषी वक्ता ४२ करोड़ ६० लाख (२००१) कुल जनसँख्या का ४१.०३%[1]
द्वितीय भाषा: १२ करोड़ (१९९९)[1]
भाषा परिवार
लिपि देवनागरी
राजभाषा मान्यता
औपचारिक मान्यता None
नियंत्रक संस्था केंद्रीय हिंदी निदेशालय[2]
भाषा कोड
आइएसओ 639-1 hi
आइएसओ 639-2 hin
आइएसओ 639-3 hin
लिंग्विस्ट लिस्ट hin-hin
भाषावेधशाला 59-AAF-qf
Indic script
Indic script
इस पन्ने में हिन्दी के अलावा अन्य भारतीय लिपियां भी है। पर्याप्त सॉफ्टवेयर समर्थन के अभाव में आपको अनियमित स्थिति में स्वर व मात्राएं तथा संयोजक दिख सकते हैं। अधिक...

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हिंदी विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर भारत में दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिंदुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालाँकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है,[3] क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था।[4][5] चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।[6]

हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।[7] फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात की जनता भी हिन्दी बोलती है।[1] फरवरी २०१९ में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।[8][9][10]

2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिंदी को अपनी मूल भाषा बताया।[11] भारत के बाहर, हिंदी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में ८,६३,०७७[12][13]; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिंदी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।[14]

इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिंदी के काफी समान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिंदी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिंदी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है।

हिंदी भारत में संपर्क भाषा का कार्य करती है [15][16] और कुछ हद तक पूरे भारत में आमतौर पर एक सरल रूप में समझी जानेवाली भाषा है । हिंदी का कभी-कभी नौ भारतीय राज्यों के संदर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिंदी है और हिंदी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।

'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिंदवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिंदुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिंदी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखंडों में एवं विभिन्न संदर्भों में प्रयुक्त हुए हैं।

लिपि

हिन्दी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। इसे नागरी नाम से भी पुकारा जाता है। देवनागरी में ११ स्वर और ३३ व्यंजन हैं और अनुस्वार, अनुनासिक एवं विसर्ग होता है तथा इसे बायें से दाईं ओर लिखा जाता है।

'हिंदी' शब्द की व्युत्पत्ति

हिन्दी शब्द का सम्बंध संस्कृत शब्द सिंधु से माना जाता है। 'सिंधु' सिंध नदी को कहते थे और उसी आधार पर उसके आस-पास की भूमि को सिन्धु कहने लगे। यह सिंधु शब्द ईरानी में जाकर ‘हिंदू’, हिंदी और फिर ‘हिंद’ हो गया। बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और इस शब्द के अर्थ में विस्तार होता गया तथा हिंद शब्द पूरे भारत का वाचक हो गया। इसी में ईरानी का ईक प्रत्यय लगने से (हिन्द+ईक) ‘हिंदीक’ बना जिसका अर्थ है ‘हिन्द का’। यूनानी शब्द ‘इन्दिका’ या अंग्रेजी शब्द ‘इंडिया’ आदि इस ‘हिंदीक’ के ही विकसित रूप हैं। हिंदी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग शरफुद्दीन यज्दी’ के ‘जफरनामा’(1424) में मिलता है।

प्रोफेसर महावीर सरन जैन ने अपने " हिंदी एवं उर्दू का अद्वैत " शीर्षक आलेख में हिंदी की व्युत्पत्ति पर विचार करते हुए कहा है कि ईरान की प्राचीन भाषा अवेस्ता में 'स्' ध्वनि नहीं बोली जाती थी। 'स्' को 'ह्' रूप में बोला जाता था। जैसे संस्कृत के 'असुर' शब्द को वहाँ 'अहुर' कहा जाता था। अफ़ग़ानिस्तान के बाद सिंधु नदी के इस पार हिंदुस्तान के पूरे इलाके को प्राचीन फ़ारसी साहित्य में भी 'हिंद', 'हिंदुश' के नामों से पुकारा गया है तथा यहाँ की किसी भी वस्तु, भाषा, विचार को 'एडजेक्टिव' के रूप में 'हिन्दीक' कहा गया है जिसका मतलब है 'हिन्द का'। यही 'हिन्दीक' शब्द अरबी से होता हुआ ग्रीक में 'इन्दिके', 'इन्दिका', लैटिन में 'इन्दिया' तथा अंग्रेज़ी में 'इण्डिया' बन गया। अरबी एवं फ़ारसी साहित्य में भारत (हिंद) में बोली जाने वाली भाषाओं के लिए 'ज़बान-ए-हिन्दी', पद का उपयोग हुआ है। भारत आने के बाद अरबी-फारसी बोलने वालों ने 'ज़बान-ए-हिंदी', 'हिंदी ज़बान' अथवा 'हिंदी' का प्रयोग दिल्ली-आगरा के चारों ओर बोली जाने वाली भाषा के अर्थ में किया। भारत के गैर-मुस्लिम लोग तो इस क्षेत्र में बोले जाने वाले भाषा-रूप को 'भाखा' नाम से पुकारते थे, 'हिंदी' नाम से नहीं।

हिन्दी एवं उर्दू

भाषाविद हिन्दी ब्लॉग एवं उर्दू को एक ही भाषा समझते है। हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और शब्दावली के स्तर पर अधिकांशत: संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करती है। उर्दू, फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है और शब्दावली के स्तर पर उस पर फ़ारसी और अरबी भाषाओं का प्रभाव अधिक है। व्याकरणिक रूप से उर्दू और हिन्दी में लगभग शत-प्रतिशत समानता है। केवल कुछ विशेष क्षेत्रों में शब्दावली के स्रोत (जैसा कि ऊपर लिखा गया है) में अंतर होता है। कुछ विशेष ध्वनियाँ उर्दू में अरबी और फ़ारसी से ली गयी हैं और इसी प्रकार फ़ारसी और अरबी की कुछ विशेष व्याकरणिक संरचना भी प्रयोग की जाती है। उर्दू और हिन्दी को खड़ी बोली की दो शैलियाँ कहा जा सकता है।

परिवार

हिन्दी हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा की हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। हिन्द-आर्य भाषाएँ वो भाषाएँ हैं जो संस्कृत से उत्पन्न हुई हैं। उर्दू, कश्मीरी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, रोमानी, मराठी नेपाली जैसी भाषाएँ भी हिन्द-आर्य भाषाएँ हैं।

हिन्दी के विभिन्न नाम या रूप

  1. देशी भाषा
  2. विश्वी
  3. हिन्दवी
  4. रेख्ता
  5. दक्खिनी
  6. खड़ी बोली[17]

इतिहास क्रम

हिन्‍दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। हिन्‍दी भाषा व साहित्‍य के जानकार अपभ्रंश की अंतिम अवस्‍था 'अवहट्ठ' से हिन्‍दी का उद्भव स्‍वीकार करते हैं। चंद्रधर शर्मा गुलेरी ने इसी अवहट्ठ को 'पुरानी हिन्दी' नाम दिया।

अपभ्रंश की समाप्ति और आधुनिक भारतीय भाषाओं के जन्मकाल के समय को संक्रांतिकाल कहा जा सकता है। हिन्दी का स्वरूप शौरसेनी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से विकसित हुआ है। १००० ई. के आसपास इसकी स्वतंत्र सत्ता का परिचय मिलने लगा था, जब अपभ्रंश भाषाएँ साहित्यिक संदर्भों में प्रयोग में आ रही थीं। यही भाषाएँ बाद में विकसित होकर आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के रूप में अभिहित हुईं। अपभ्रंश का जो भी कथ्य रूप था - वही आधुनिक बोलियों में विकसित हुआ।

अपभ्रंश के सम्बंध में ‘देशी’ शब्द की भी बहुधा चर्चा की जाती है। वास्तव में ‘देशी’ से देशी शब्द एवं देशी भाषा दोनों का बोध होता है। प्रश्न यह कि देशीय शब्द किस भाषा के थे ? भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र में उन शब्दों को ‘देशी’ कहा है ‘जो संस्कृत के तत्सम एवं सद्भव रूपों से भिन्न है। ये ‘देशी’ शब्द जनभाषा के प्रचलित शब्द थे, जो स्वभावत: अप्रभंश में भी चले आए थे। जनभाषा व्याकरण के नियमों का अनुसरण नहीं करती, परंतु व्याकरण को जनभाषा की प्रवृत्तियों का विश्लेषण करना पड़ता है, प्राकृत-व्याकरणों ने संस्कृत के ढाँचे पर व्याकरण लिखे और संस्कृत को ही प्राकृत आदि की प्रकृति माना। अतः जो शब्द उनके नियमों की पकड़ में न आ सके, उनको देशी संज्ञा दी गई।

हिन्दी का मानकीकरण

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिन्दी और देवनागरी के मानकीकरण की दिशा में निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रयास हुये हैं :-

हिन्दी की शैलियाँ

हिन्दी संघ की राजभाषा है। इसके अलावा पीले रंग में दिखाये गये क्षेत्रों (राज्यों) की राजभाषा भी है।

भाषाविदों के अनुसार हिन्दी के चार प्रमुख रूप या शैलियाँ हैं :

  • (१) उच्च हिन्दी - हिन्दी का मानकीकृत रूप, जिसकी लिपि देवनागरी है। इसमें संस्कृत भाषा के कई शब्द है, जिन्होंने फ़ारसी और अरबी के कई शब्दों की जगह ले ली है। इसे शुद्ध हिन्दी भी कहते हैं। आजकल इसमें अंग्रेज़ी के भी कई शब्द आ गये हैं (ख़ास तौर पर बोलचाल की भाषा में)। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती थी।
  • (२) दक्खिनी - उर्दू-हिन्दी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में बोला जाता है। इसमें फ़ारसी-अरबी के शब्द उर्दू की अपेक्षा कम होते हैं।
  • (३) रेख़्ता - उर्दू का वह रूप जो शायरी में प्रयुक्त होता था।
  • (४) उर्दू - हिन्दवी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजाय फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं, और फ़ारसी-अरबी के शब्द अधिक। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।

[18]

हिन्दी और उर्दू दोनों को मिलाकर हिन्दुस्तानी भाषा कहा जाता है। हिन्दुस्तानी मानकीकृत हिन्दी और मानकीकृत उर्दू के बोलचाल की भाषा है। इसमें शुद्ध संस्कृत और शुद्ध फ़ारसी-अरबी दोनों के शब्द कम होते हैं और तद्भव शब्द अधिक। उच्च हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है (अनुच्छेद ३४३, भारतीय संविधान)। यह इन भारतीय राज्यों की भी राजभाषा है : उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली। इन राज्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिन्दी भाषी राज्यों से लगते अन्य राज्यों में भी हिन्दी बोलने वालों की अच्छी संख्या है। उर्दू पाकिस्तान की और भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर की राजभाषा है, इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, बिहार,तेलंगाना और दिल्ली में द्वितीय राजभाषा है। यह लगभग सभी ऐसे राज्यों की सह-राजभाषा है; जिनकी मुख्य राजभाषा हिन्दी है।

हिन्दी की बोलियाँ

हिन्दी का क्षेत्र विशाल है तथा हिन्दी की अनेक बोलियाँ (उपभाषाएँ) हैं। इनमें से कुछ में अत्यंत उच्च श्रेणी के साहित्य की रचना भी हुई है। ऐसी बोलियों में ब्रजभाषा और अवधी प्रमुख हैं। ये बोलियाँ हिन्दी की विविधता हैं और उसकी शक्ति भी। वे हिन्दी की जड़ों को गहरा बनाती हैं। हिन्दी की बोलियाँ और उन बोलियों की उपबोलियाँ हैं जो न केवल अपने में एक बड़ी परंपरा, इतिहास, सभ्यता को समेटे हुए हैं वरन स्वतंत्रता संग्राम, जनसंघर्ष, वर्तमान के बाजारवाद के खिलाफ भी उसका रचना संसार सचेत है।[19]

हिन्दी की बोलियों में प्रमुख हैं- अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, भोजपुरी, हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया, कुमाउँनी, मगही आदि। किन्तु हिन्दी के मुख्य दो भेद हैं - पश्चिमी हिन्दी तथा पूर्वी हिन्दी।

शब्दावली

हिन्दी शब्दावली में मुख्यतः दो वर्ग हैं-

प्रथम वर्ग

  • तत्सम शब्द- ये वे शब्द हैं जिनको संस्कृत से बिना कोई रूप बदले ले लिया गया है। जैसे अग्नि, दुग्ध दन्त, मुख। (परन्तु हिन्दी में आने पर ऐसे शब्दों से विसर्ग का लोप हो जाता है जैसे संस्कृत 'नामः' हिन्दी में केवल 'नाम' हो जाता है।[20])।
  • तद्भव शब्द- ये वे शब्द हैं जिनका जन्म संस्कृत या प्राकृत में हुआ था, लेकिन उनमें काफ़ी ऐतिहासिक बदलाव आया है। जैसे— आग, दूध, दाँत, मुँह।

द्वितीय वर्ग

  • देशज शब्द- देशज का अर्थ है - 'जो देश में ही उपजा या बना हो'। तो देशज शब्द का अर्थ हुआ जो न तो विदेशी भाषा का हो और न किसी दूसरी भाषा के शब्द से बना हो। ऐसा शब्द जो न संस्कृत का हो, न संस्कृत-शब्द का अपभ्रंश हो। ऐसा शब्द किसी प्रदेश (क्षेत्र) के लोगों द्वारा बोल-चाल में य़ों ही बना लिया जाता है। जैसे- खटिया, लुटिया
  • विदेशी शब्द- इसके अलावा हिन्दी में कई शब्द अरबी, फ़ारसी, तुर्की, अंग्रेज़ी आदि से भी आये हैं। इन्हें विदेशी शब्द कहते हैं।

जिस हिन्दी में अरबी, फ़ारसी और अंग्रेज़ी के शब्द लगभग पूरी तरह से हटा कर तत्सम शब्दों को ही प्रयोग में लाया जाता है, उसे "शुद्ध हिन्दी" या "मानकीकृत हिन्दी" कहते हैं।

हिन्दी स्वनविज्ञान

देवनागरी लिपि में हिन्दी की ध्वनियाँ इस प्रकार हैं :

स्वर

ये स्वर आधुनिक हिन्दी (खड़ीबोली) के लिये दिये गये हैं।

वर्णाक्षर “प” के साथ मात्रा आईपीए उच्चारण "प्" के साथ उच्चारण IAST समतुल्य अंग्रेज़ी समतुल्य हिन्दी में वर्णन
/ ə / / / a बीच का मध्य प्रसृत स्वर
पा / α: / / pα: / ā दीर्घ विवृत पश्व प्रसृत स्वर
पि / i / / pi / i ह्रस्व संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पी / i: / / pi: / ī दीर्घ संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पु / u / / pu / u ह्रस्व संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पू / u: / / pu: / ū दीर्घ संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पे / e: / / pe: / e दीर्घ अर्धसंवृत अग्र प्रसृत स्वर
पै / æ: / / pæ: / ai दीर्घ लगभग-विवृत अग्र प्रसृत स्वर
पो / ο: / / pο: / o दीर्घ अर्धसंवृत पश्व वर्तुल स्वर
पौ / ɔ: / / pɔ: / au दीर्घ अर्धविवृत पश्व वर्तुल स्वर
<none> <none> / ɛ / / / <none> ह्रस्व अर्धविवृत अग्र प्रसृत स्वर

इसके अलावा हिन्दी और संस्कृत में ये वर्णाक्षर भी स्वर माने जाते हैं :

  • — इसका उच्चारण रि और रु के बीच का होगा, परंतु आधुनिक हिंदी में इसका उच्चारण "रि" की तरह किया जाता है ।
  • अं — पंचम वर्ण - ङ्, ञ्, ण्, न्, म् का नासिकीकरण करने के लिए (अनुस्वार)
  • अँ — स्वर का अनुनासिकीकरण करने के लिए (चन्द्रबिन्दु)
  • अः — अघोष "ह्" (निःश्वास) के लिए (विसर्ग)

व्यंजन

जब किसी स्वर प्रयोग नहीं हो, तो वहाँ पर 'अ' माना जाता है। स्वर के न होने को हलन्त्‌ अथवा विराम से दर्शाया जाता है। जैसे क्‌ ख्‌ ग्‌ घ्‌।

स्पर्श (Plosives)
अल्पप्राण
अघोष
महाप्राण
अघोष
अल्पप्राण
घोष
महाप्राण
घोष
नासिक्य
कण्ठ्य / /
/ khə /
/ /
/ gɦə /
/ ŋə /
तालव्य / / या / tʃə /
/ chə / या /tʃhə/
/ ɟə / या / dʒə /
/ ɟɦə / या / ɦə /
/ ɲə /
मूर्धन्य / ʈə /
/ ʈhə /
/ ɖə /
/ ɖɦə /
/ ɳə /
दन्त्य / t̪ə /
/ hə /
/ d̪ə /
/ ɦə /
/ /
ओष्ठ्य / /
/ phə /
/ /
/ bɦə /
/ /
स्पर्शरहित (Non-Plosives)
तालव्य मूर्धन्य दन्त्य/
वर्त्स्य
कण्ठोष्ठ्य/
काकल्य
अन्तस्थ / /
/ /
/ /
/ ʋə /
ऊष्म/
संघर्षी
/ ʃə /
/ ʂə /
/ /
/ ɦə / या / /
ध्यातव्य
  • इनमें से ळ (मूर्धन्य पार्विक अन्तस्थ) एक अतिरिक्त व्यंजन है जिसका प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है। मराठी और वैदिक संस्कृत में सभी का प्रयोग किया जाता है।
  • संस्कृत में का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर जैसी आवाज़ करना। शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनि शाखा में कुछ वाक़्यात में का उच्चारण की तरह करना मान्य था। आधुनिक हिन्दी में का उच्चारण पूरी तरह की तरह होता है।
  • हिन्दी में का उच्चारण कभी-कभी ड़ँ की तरह होता है, यानी कि जीभ मुँह की छत को एक ज़ोरदार ठोकर मारती है। परन्तु इसका शुद्ध उच्चारण जिह्वा को मूर्धा (मुँह की छत. जहाँ से 'ट' का उच्चार करते हैं) पर लगा कर की तरह का अनुनासिक स्वर निकालकर होता है।

विदेशी ध्वनियाँ

ये ध्वनियाँ मुख्यत: अरबी और फारसी भाषाओं से लिये गये शब्दों के मूल उच्चारण में होतीं हैं। इनका स्रोत संस्कृत नहीं है। देवनागरी लिपि में ये सबसे करीबी देवनागरी वर्ण के नीचे बिन्दु (नुक़्ता) लगाकर लिखे जाते हैं किन्तु हिन्दी की मानक वर्तनी में विदेशी शब्दों को बिना नुक्ते के ही उनके देसीकृत रूप में लिखने की अनुशंशा की गयी है। इसलिये आजकल हिन्दी में नुक्ता लगाने की प्रथा को लोग अनावश्यक मानने लगे हैं और ऐसा माना जाने लगा है कि नुक्ते का प्रयोग केवल तब किया जाय जब अरबी/उर्दू/फारसी वाले अपनी भाषा को देवनागरी में लिखना चाहते हों।

वर्णाक्षर
(आईपीए उच्चारण)
उदाहरण वर्णन देशी उच्चारण
क़ (/ q /) क़त्ल अघोष अलिजिह्वीय स्पर्श (/ k /)
ख़ (/ x या χ /) ख़ास अघोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षी (/ /)
ग़ (/ ɣ या ʁ /) ग़ैर घोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षी (/ g /)
फ़ (/ f /) फ़र्क अघोष दन्त्यौष्ठ्य संघर्षी (/ /)
ज़ (/ z /) ज़ालिम घोष वर्त्स्य संघर्षी (/ /)
ड़ (/ɽ /) पेड़ अल्पप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्त (/ ɖ /)
ढ़ (/ ɽʱ /) पढ़ना महाप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्त (/ ɖʱ /)

हिन्दी में ड़ और ढ़ व्यंजन फ़ारसी या अरबी से नहीं लिये गये हैं, न ही ये संस्कृत में पाये जाये हैं। वास्तव में ये संस्कृत के साधारण , "ळ" और के बदले हुए रूप हैं।

व्याकरण

अन्य सभी भारतीय भाषाओं की तरह हिन्दी में भी कर्ता-कर्म-क्रिया वाला वाक्यविन्यास है। हिन्दी मे दो लिंग होते हैं - पुल्लिंग और स्त्रीलिंग। नपुंसक वस्तुओं का लिंग भाषा-परम्परा के अनुसार पुलिंग या स्त्रीलिंग होता है। क्रिया का रूप, कर्ता के लिंग पर भी निर्भर करता है। हिन्दी में दो वचन होते हैं— एकवचन और बहुवचन। क्रिया, वचन से भी प्रभावित होती है। विशेषण, विशेष्य के पहले लगता है। ने, को, से, के लिए, का, की, के, में, पर, आदि कारक चिह्न प्रयोग किए जाते हैं।

हिन्दी और कम्प्यूटर

मुख्य लेख : हिन्दी कम्प्यूटरी, हिन्दी टाइपिंग, कम्प्यूटर और हिन्दी, हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास, मोबाइल फोन में हिन्दी समर्थन और अन्तरजाल पर हिन्दी के उपकरण (सॉफ्टवेयर)

कम्प्यूटर और इन्टरनेट ने पिछले वर्षों मे विश्व मे सूचना क्रांति ला दी है। आज कोई भी भाषा कम्प्यूटर (तथा कम्प्यूटर सदृश अन्य उपकरणों) से दूर रहकर लोगों से जुड़ी नही रह सकती। कम्प्यूटर के विकास के आरम्भिक काल में अंग्रेजी को छोड़कर विश्व की अन्य भाषाओं के कम्प्यूटर पर प्रयोग की दिशा में बहुत कम ध्यान दिया गया जिससे कारण सामान्य लोगों में यह गलत धारणा फैल गयी कि कम्प्यूटर अंग्रेजी के सिवा किसी दूसरी भाषा (लिपि) में काम ही नही कर सकता। किन्तु यूनिकोड (Unicode) के पदार्पण के बाद स्थिति बहुत तेजी से बदल गयी। 19 अगस्त 2009 में गूगल ने कहा की हर 5 वर्षों में हिन्दी की सामग्री में 94% बढ़ोतरी हो रही है।[21] इसके अलावा गूगल ने कहा की वह हिन्दी में खोज को और आसान बनाने जा रही है। जिससे कोई भी आसानी से इंटरनेट पर कुछ भी हिन्दी में खोज सकेगा।[22][23]

हिन्दी की इंटरनेट पर अच्छी उपस्थिति है। गूगल जैसे सर्च इंजन हिन्दी को प्राथमिक भारतीय भाषा के रूप में पहचानते हैं। इसके साथ ही अब अन्य भाषा के चित्र में लिखे शब्दों का भी अनुवाद हिन्दी में किया जा सकता है।[24] फरवरी २०१८ में एक सर्वेक्षण के हवाले से खबर आयी कि इंटरनेट की दुनिया में हिंदी ने भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अंग्रेजी को पछाड़ दिया है। यूथ4वर्क की इस सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इस आशा को सही साबित किया है कि जैसे-जैसे इंटरनेट का प्रसार छोटे शहरों की ओर बढ़ेगा, हिंदी और भारतीय भाषाओं की दुनिया का विस्तार होता जाएगा। [25]

इस समय हिन्दी में सजाल (websites), चिट्ठे (Blogs), विपत्र (email), गपशप (chat), खोज (web-search), सरल मोबाइल सन्देश (SMS) तथा अन्य हिन्दी सामग्री उपलब्ध हैं। इस समय अन्तरजाल पर हिन्दी में संगणन के संसाधनों की भी भरमार है और नित नये कम्प्यूटिंग उपकरण आते जा रहे हैं। लोगों मे इनके बारे में जानकारी देकर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है ताकि अधिकाधिक लोग कम्प्यूटर पर हिन्दी का प्रयोग करते हुए अपना, हिन्दी का और पूरे हिन्दी समाज का विकास करें। शब्दनगरी जैसी नयी सेवाओं का प्रयोग करके लोग अच्छे हिन्दी साहित्य का लाभ अब इंटरनेट पर भी उठा सकते हैं।[26] [27]

हिन्दी और जनसंचार

हिन्दी सिनेमा का उल्लेख किये बिना हिन्दी का कोई भी लेख अधूरा होगा। मुम्बई मे स्थित "बॉलीवुड" हिन्दी फ़िल्म उद्योग पर भारत के करोड़ो लोगों की धड़कनें टिकी रहती हैं। हर चलचित्र में कई गाने होते हैं। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बइया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों मे उपयुक्त होती हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। अधिकतर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं। कुछ लोकप्रिय चलचित्र हैं: महल (1949), श्री ४२० (1955), मदर इंडिया (1957), मुग़ल-ए-आज़म (1960), गाइड (1965), पाकीज़ा (1972), बॉबी (1973), ज़ंजीर (1973), यादों की बारात (1973), दीवार (1975), शोले (1975), मिस्टर इंडिया (1987), क़यामत से क़यामत तक (1988), मैंने प्यार किया (1989), जो जीता वही सिकन्दर (1991), हम आपके हैं कौन (1994), दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), कुछ कुछ होता है (1998), ताल (1999), कहो ना प्यार है (2000), लगान (2001), दिल चाहता है (2001), कभी ख़ुशी कभी ग़म (2001), देवदास (2002), साथिया (2002), मुन्ना भाई एमबीबीएस (2003), कल हो ना हो (2003), धूम (2004), वीर-ज़ारा (2004), स्वदेस (2004), सलाम नमस्ते (2005), रंग दे बसंती (2006) इत्यादि।

अब मोबाइल कंपनियां ऐसे हैंडसेट बना रही हैं जो हिंदी और भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां हिंदी जानने वाले कर्मचारियों को वरीयता दे रही हैं। हॉलीवुड की फिल्में हिंदी में डब हो रही हैं और हिंदी फिल्में देश के बाहर देश से अधिक कमाई कर रही हैं। हिंदी, विज्ञापन उद्योग की पसंदीदा भाषा बनती जा रही है। गूगल, ट्रांसलेशन, ट्रांस्लिटरेशन, फोनेटिक टूल्स, गूगल असिस्टैन्ट आदि के क्षेत्र में नई नई रिसर्च कर अपनी सेवाओं को बेहतर कर रहा है। हिंदी और भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का डिजिटलीकरण जारी है।

फेसबुक और व्हाट्स एप हिंदी और भारतीय भाषाओं के साथ तालमेल बिठा रहे हैं। सोशल मीडिया ने हिंदी में लेखन और पत्रकारिता के नए युग का सूत्रपात किया है और कई जनान्दोलनों को जन्म देने और चुनाव जिताने-हराने में उल्लेखनीय और हैरान करने वाली भूमिका निभाई है। सितम्बर २०१८ में प्रकाशित हुई एक अमेरिकी रपट के अनुसार हिन्दी में ट्वीट करना अत्यन्त लोकप्रिय हो रहा है। रपट में कहा गया है कि पिछले वर्ष सबसे अधिक पुनः ट्वीट किए गये १५ सन्देशों में से ११ हिन्दी के थे।[28] हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं का बाजार इतना बड़ा है कि अनेक कम्पनियाँ अपने उत्पाद और वेबसाइटें हिन्दी और स्थानीय भाषाओं में ला रहीं हैं।[29]

हिन्दी का वैश्विक प्रसार

सन् 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था। सन् 1997 में 'सैन्सस ऑफ़ इंडिया' का भारतीय भाषाओं के विश्लेषण का ग्रन्थ प्रकाशित होने तथा संसार की भाषाओं की रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूनेस्को द्वारा सन् 1998 में भेजी गई यूनेस्को प्रश्नावली के आधार पर उन्हें भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के तत्कालीन निदेशक प्रोफेसर महावीर सरन जैन द्वारा भेजी गई विस्तृत रिपोर्ट के बाद अब विश्व स्तर पर यह स्वीकृत है कि मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से संसार की भाषाओं में चीनी भाषा के बाद हिन्दी का दूसरा स्थान है। चीनी भाषा के बोलने वालों की संख्या हिन्दी भाषा से अधिक है किन्तु चीनी भाषा का प्रयोग क्षेत्र हिन्दी की अपेक्षा सीमित है। अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग क्षेत्र हिन्दी की अपेक्षा अधिक है किन्तु मातृभाषियों की संख्या अंग्रेजी भाषियों से अधिक है।

विश्वभाषा बनने के सभी गुण हिन्दी में विद्यमान हैं।[30] बीसवीं शती के अंतिम दो दशकों में हिन्दी का अनतरराष्ट्रीय विकास बहुत तेजी से हुआ है। हिंदी एशिया के व्यापारिक जगत् में धीरे-धीरे अपना स्वरूप बिंबित कर भविष्य की अग्रणी भाषा के रूप में स्वयं को स्थापित कर रही है।[31] वेब, विज्ञापन, संगीत, सिनेमा और बाजार के क्षेत्र में हिन्दी की मांग जिस तेजी से बढ़ी है वैसी किसी और भाषा में नहीं। विश्व के लगभग 150 विश्वविद्यालयों तथा सैकड़ों छोटे-बड़े केंद्रों में विश्वविद्यालय स्तर से लेकर शोध स्तर तक हिन्दी के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था हुई है। विदेशों में 25 से अधिक पत्र-पत्रिकाएं लगभग नियमित रूप से हिन्दी में प्रकाशित हो रही हैं। यूएई के 'हम एफ-एम' सहित अनेक देश हिन्दी कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं, जिनमें बीबीसी, जर्मनी के डॉयचे वेले, जापान के एनएचके वर्ल्ड और चीन के चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिन्दी सेवा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

दिसम्बर २०१६ में विश्व आर्थिक मंच ने १० सर्वाधिक शक्तिशाली भाषाओं की जो सूची जारी की है उसमें हिन्दी भी एक है।[6] इसी प्रकार 'कोर लैंग्वेजेज' नामक साइट ने 'दस सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाषाओं'[32] में हिन्दी को स्थान दिया था। के-इण्टरनेशनल ने वर्ष २०१७ के लिये सीखने योग्य सर्वाधिक उपयुक्त नौ भाषाओं[33] में हिन्दी को स्थान दिया है।

हिन्दी का एक अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने और विश्व हिन्दी सम्मेलनों के आयोजन को संस्थागत व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से ११ फरवरी २००८ को विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना की गयी थी। संयुक्त राष्ट्र रेडियो अपना प्रसारण हिन्दी में भी करना आरम्भ किया है। हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाये जाने के लिए भारत सरकार प्रयत्नशील है। अगस्त २०१८ से संयुक्त राष्ट्र ने साप्ताहिक हिन्दी समाचार बुलेटिन आरम्भ किया है। [34]

कुछ सर्वाधिक प्रयुक्त हिन्दी शब्द

हिन्दी तुल्य अंग्रेजी हिन्दी तुल्य अंग्रेजी हिन्दी तुल्य अंग्रेजी हिन्दी तुल्य अंग्रेजी
का, के, की of और and एक a, one तक till, up to
में in है is आप you (formal) कि that
यह it वह he था was लिए for
पर on केवल only सदा always साथ with
उसके his वे they मैं I बाद after
होना be खाना to eat, food माँ mother से from
या or नाम name घर home द्वारा through
शब्द word लेकिन but नहीं no क्या what
सब all थे were हम we जब when
आपके yours भाषा language कहा said वहाँ there
उपयोग use देश country, land प्रत्येक every जो who
हमारा our करना to do कैसे how उनके their
अगर if होगा will be ऊपर on, above अन्य other
के of उधर there बहुत very फिर again
उन them इन these इसलिए that is why, because of that कुछ some
उसे to him, to her अच्छा good, well, nice बनाना to build, to construct जैसा as, like
बोला spoken सुना heard समय time सामने in front
देखना to look कम less अधिक more लिखना to write
जाना to go धन्यवाद thank you संख्या number, count कोई someone, something
रास्ता way सका could (masculine) लोग people मेरे mine
गया gone (masculine) पहले before पानी water किया done
पीना to drink कौन who दो give, two अब now
भी also, as well, too दोपहर noon नीचे below दिन day
रात night मिल meet आना to come, come बनाया build
आराम rest, relax भाग part सुबह morning सोना to sleep, gold

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Hindi". Ethnologue. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  2. "परिचय:: केंद्रीय हिंदी निदेशालय".
  3. "Why Hindi isn't the national language".
  4. Khan, Saeed (25 जनवरी 2010). "There's no national language in India: Gujarat High Court". The Times of India. Ahmedabad: The Times Group. मूल से 18 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2014. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  5. "Hindi, not a national language: Court". The Hindu. Ahmedabad: Press Trust of India. 25 जनवरी 2010. मूल से 4 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 दिसंबर 2014. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  6. "These are the most powerful languages in the world". World Economic Forum. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  7. "Hindi Diwas 2018: Hindi travelled to these five countries from India". 14 सित॰ 2018. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  8. "वसंत पंचमी पर अबू धाबी से हिन्दी भाषा के लिए आया सुखद संदेश". अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  9. "मुस्लिम देश अबू धाबी का ऐतिहासिक फैसला, हिंदी को बनाया अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा". hindi.timesnownews.com. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  10. [ https://hindi.oneindia.com/news/india/the-abu-dhabi-judicial-department-acknowledged-hindi-language-as-official-language-492820.html अबू धाबी में हिंदी अब न्यायपालिका की आधिकारिक भाषा, सुषमा स्वराज ने कहा शुक्रिया
  11. "Census of India: Abstract of speakers' strength of languages and mother tongues –2001". www.censusindia.gov.in. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  12. "Hindi most spoken Indian language in US, Telugu speakers up 86% in 8 years - Times of India". The Times of India. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  13. http://www.census.gov/prod/2013pubs/acs-22.pdf
  14. "न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा". https://www.livehindustan.com. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  15. "How languages intersect in India". Hindustan Times.
  16. "How many Indians can you talk to?". www.hindustantimes.com. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  17. "हिंदी - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर". bharatdiscovery.org. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  18. कीथ ब्राउन, सारा ओगिल्वी (२०१०). Concise Encyclopedia of Languages of the World [दुनिया की भाषाओं का संक्षिप्त विश्वकोश]. एल्सेवियर. पृ॰ 498. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780080877754.
  19. "अपने घर में कब तक बेगानी रहेगी हिन्दी" (एचटीएम). वेब दुनिया. अभिगमन तिथि 9 जून 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  20. Masica, p. 65
  21. "हिन्दी सामग्री का उपयोग इंटरनेट पर 94% बढ़ा: गूगल". दैनिक जागरण. 19 अगस्त 2015. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2015.
  22. "गूगल पर हिन्दी में कुछ भी खोजिए". दैनिक जागरण. 19 अगस्त 2015. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2015.
  23. टेक्नोलॉजी की जरूरत बन गई हिन्दी (अमर उजाला)
  24. "फोटो देखकर हिन्दी में अनुवाद कर देगा गूगल". दैनिक जागरण. 30 जुलाई 2015. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2015.
  25. "नेट में अंग्रेजी को पछाड़ती हिंदी- Amarujala". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  26. "इंटरनेट पर चमक रही हमारी ¨हदी". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  27. "वेब मीडिया ने बढ़ाया हिंदी का दायरा - Amarujala". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  28. "भारत में हिंदी के ट्वीट करना हो रहा है लोकप्रिय, रिसर्च में आया सामने". https://www.livehindustan.com. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  29. How online vernacular market is becoming the next big battle ground for tech cos (मार्च २०१८)
  30. हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य (डा. करुणाशंकर उपाध्याय)
  31. Vimal, Ganga Prasad (1 मार्च 2018). "Hindi Ki Vishwavyapti". Prabhat Prakashan. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019 – वाया Google Books.
  32. [http://corelanguages.com/top-ten-important-languages/ Top Ten Most Important Languages
  33. Kroulek, Alison (14 दिस॰ 2017). "The Top Languages to Learn in 2018". अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  34. "Hindi weekly news bulletin from UN has begun: Sushma Swaraj". 11 अग॰ 2018. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019 – वाया The Economic Times. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

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