"निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक, २००९": अवतरणों में अंतर

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* इस विधेयक में दस अहम लक्ष्यों को पूरा करने की बात कही गई है. इसमें मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने, शिक्षा मुहैया कराने का दायित्व राज्य सरकार पर होने, स्कूल पाठ्यक्रम देश के संविधान की दिशानिर्देशों के अनुरूप और सामाजिक ज़िम्मेदारी पर केंद्रित होने और एडमिशन प्रक्रिया में लालफ़ीताशाही कम करना शामिल है.
* इस विधेयक में दस अहम लक्ष्यों को पूरा करने की बात कही गई है. इसमें मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने, शिक्षा मुहैया कराने का दायित्व राज्य सरकार पर होने, स्कूल पाठ्यक्रम देश के संविधान की दिशानिर्देशों के अनुरूप और सामाजिक ज़िम्मेदारी पर केंद्रित होने और एडमिशन प्रक्रिया में लालफ़ीताशाही कम करना शामिल है.
*प्रवेश के समय कई स्कूल केपिटेशन फ़ीस की मांग करते हैं और बच्चों और माता-पिता को इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है. एडमिशन की इस प्रक्रिया को बदलने का वादा भी इस विधेयक में किया गया है.
*प्रवेश के समय कई स्कूल केपिटेशन फ़ीस की मांग करते हैं और बच्चों और माता-पिता को इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है. एडमिशन की इस प्रक्रिया को बदलने का वादा भी इस विधेयक में किया गया है.

==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.indg.in/primary-education/policiesandschemes/93693f91594d93793e-91593e-90592793f91593e930-90592793f92893f92f92e-91593e928942928/ शिक्षा का अधिकार अधिनियम]


[[श्रेणी:कानून]]
[[श्रेणी:कानून]]

13:58, 7 अगस्त 2009 का अवतरण

नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक, २००९ भारतीय संसद द्वारा सन् २००९ में पारित शिक्षा सम्बन्धी एक विधेयक है। इस विधेयक के पास होने से बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल गया है.

मुख्य प्रावधान

  • 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी.
  • इस विधेयक में समाज के कमज़ोर वर्गों के लिए प्राइवेट स्कूलों में 25 % सीटें आरक्षित की गई हैं.
  • विकलांग बच्चों के लिए मुफ़्त शिक्षा के लिए उम्र बढ़ाकर 18 साल रखी गई है.
  • बच्चों को मुफ़्त शिक्षा मुहैया कराना राज्य और केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी होगी.
  • इस विधेयक में दस अहम लक्ष्यों को पूरा करने की बात कही गई है. इसमें मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने, शिक्षा मुहैया कराने का दायित्व राज्य सरकार पर होने, स्कूल पाठ्यक्रम देश के संविधान की दिशानिर्देशों के अनुरूप और सामाजिक ज़िम्मेदारी पर केंद्रित होने और एडमिशन प्रक्रिया में लालफ़ीताशाही कम करना शामिल है.
  • प्रवेश के समय कई स्कूल केपिटेशन फ़ीस की मांग करते हैं और बच्चों और माता-पिता को इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है. एडमिशन की इस प्रक्रिया को बदलने का वादा भी इस विधेयक में किया गया है.

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