"सहजन": अवतरणों में अंतर
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इसकी पत्तियों और फली की सब्जी बनती है। इसका उपयोग जल को |
इसकी पत्तियों और फली की सब्जी बनती है। इसका उपयोग जल को स्वच्छ करने के लिये तथा हाथ की सफाई के लिये भी उपयोग किया जा सकता है। इसका कभी-कभी जड़ी-बूटियों में भी उपयोग होता है।<ref>[Leone A, Spada A, Battezzati A, Schiraldi A, Aristil J, Bertoli S (2015). "Cultivation, Genetic, Ethnopharmacology, Phytochemistry and Pharmacology of Moringa oleifera Leaves: An Overview". Int J Mol Sci. 16 (6): 12791–835. doi:10.3390/ijms160612791. PMC 4490473. PMID 26057747.]</ref> |
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== पौधे का वर्णन == |
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इसका पौधा लगभग १० मीटर उंचाई वाला होता है किन्तु लोग इसे डेढ़-दो [[मीटर]] की उंचाई से प्रतिवर्ष काट देते हैं ताकि इसके फल-फूल-पत्तियों तक हाथ |
इसका पौधा लगभग १० मीटर उंचाई वाला होता है किन्तु लोग इसे डेढ़-दो [[मीटर]] की उंचाई से प्रतिवर्ष काट देते हैं ताकि इसके फल-फूल-पत्तियों तक हाथ सरलता से पहुँच सके। इसके कच्ची-हरी फलियाँ सर्वाधिक उपयोग में लायी जातीं हैं। |
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}}</ref> जबकि दूसरे भागों में पत्तियाँ अधिक पसन्द की जातीं हैं। इसके फूलों को पकाकर खाया जायता है और इनका स्वाद खुम्भी (मशरूम) जैसा बताया जाता है। अनेक देशों में इसकी छाल, रस, पत्तियों, बीजों, तेल, और फूलों से पारम्परिक दवाएँ बनायी जाती है। [[जमैका]] में इसके रस से नीली डाई (रंजक) के रूप में उपयोग किया जाता है। |
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==सन्दर्भ== |
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04:51, 11 मई 2019 का अवतरण
सहजन (Drumstick tree ; वानस्पतिक नाम : "मोरिंगा ओलिफेरा" (Moringa oleifera) ) एक बहु उपयोगी पेड़ है। इसे हिन्दी में सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पेड़ के विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरपूर पाये गये हैं इसलिये इसके विभिन्न भागों का विविध प्रकार से उपयोग किया जाता है।
इसकी पत्तियों और फली की सब्जी बनती है। इसका उपयोग जल को स्वच्छ करने के लिये तथा हाथ की सफाई के लिये भी उपयोग किया जा सकता है। इसका कभी-कभी जड़ी-बूटियों में भी उपयोग होता है।[1]
पौधे का वर्णन
इसका पौधा लगभग १० मीटर उंचाई वाला होता है किन्तु लोग इसे डेढ़-दो मीटर की उंचाई से प्रतिवर्ष काट देते हैं ताकि इसके फल-फूल-पत्तियों तक हाथ सरलता से पहुँच सके। इसके कच्ची-हरी फलियाँ सर्वाधिक उपयोग में लायी जातीं हैं। ॉ
पोषक तत्व
सहजन की कच्ची पत्तियों में पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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उर्जा 0 किलो कैलोरी 0 kJ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी सिफारिशों के सापेक्ष हैं. स्रोत: USDA Nutrient database |
सहजन के फलियों में पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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उर्जा 0 किलो कैलोरी 0 kJ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी सिफारिशों के सापेक्ष हैं. स्रोत: USDA Nutrient database |
सहजन के लगभग सभी अंग (पत्ती, फूल, फल, बीज, डाली, छाल, जड़ें, बीज से प्राप्त तेल आदि) खाये जाते हैं।
- एशिया और अफ्रीका में कच्ची फलियाँ (ड्रम स्टिक) खायी जाती हैं।
- कम्बोडिया, फिलीपाइन्स, दक्षिणी भारत, श्री लंका और अफ्रीका में पत्तियाँ खायी जाती हैं।
विश्व के कुछ भागों में नयी फलियाँ खाने की परम्परा है[2] जबकि दूसरे भागों में पत्तियाँ अधिक पसन्द की जातीं हैं। इसके फूलों को पकाकर खाया जायता है और इनका स्वाद खुम्भी (मशरूम) जैसा बताया जाता है। अनेक देशों में इसकी छाल, रस, पत्तियों, बीजों, तेल, और फूलों से पारम्परिक दवाएँ बनायी जाती है। जमैका में इसके रस से नीली डाई (रंजक) के रूप में उपयोग किया जाता है।
सन्दर्भ
- ↑ [Leone A, Spada A, Battezzati A, Schiraldi A, Aristil J, Bertoli S (2015). "Cultivation, Genetic, Ethnopharmacology, Phytochemistry and Pharmacology of Moringa oleifera Leaves: An Overview". Int J Mol Sci. 16 (6): 12791–835. doi:10.3390/ijms160612791. PMC 4490473. PMID 26057747.]
- ↑ "Drumstick". Vahrehvah.com. अभिगमन तिथि 2012-04-18.
बाहरी कड़ियाँ
- मुनगा (मध्य भारत के सगंधीय एवं औषधीय पादप)
- भली फली सहजन (अभिव्यक्ति)
- सहजन की चटनी-अचार से बीमारी होती है दूर (वेब दुनिया)
- सहजन के सेवन से रुकता है बालों का झड़ना (जागरण)
- भली फली सहजन (अभिव्यक्ति)