"ग्राफीन": अवतरणों में अंतर

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== बाहरी कड़ियाँ ==
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* [http://hindi.webdunia.com/news/news/international/1010/05/1101005097_1.htm जीम, नोवोसेलोव को भौतिकी का नोबेल]
* [http://hindi.webdunia.com/news/news/international/1010/05/1101005097_1.htm जीम, नोवोसेलोव को भौतिकी का नोबेल]
*https://neturalgyan.blogspot.com/2019/02/heera-graphene-kathor-hard.html?m=1

*| [[सदस्य:बिल्लू|बिल्लू]] {{nowrap|[[सदस्य वार्ता:बिल्लू|वार्ता]]·[[विशेष:योगदान/बिल्लू|योगदान]]}} | हाँ | रुचि के क्षेत्र | विकिपरियोजना भौतिकी में भूमिका | अपना अनुभव/शिक्षा06-03-2019 विकिपीडिया पर अनुभव |
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08:53, 6 मार्च 2019 का अवतरण

ग्रेफीन की संरचना

यह एक अणु की मुटाई वाली सामान्य कार्बन की एक पतली परत है जो विलक्षण गुण प्रदर्शित करती है। इसकी खोज आंद्रे जीम (51) और कोंसटांटिन नोवोसेलोव (36) ने की जिसके लिए उन्हें वर्ष 2010 का भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

निर्माण

गीम और नोवोसेलोव ने ग्राफीन को ग्रेफाइट के एक टुकड़े से निष्कर्षित किया है। ग्रेफाइट सामान्य पेंसिल में इस्तेमाल किया जाता है। ग्रेफाइट एक भङुर पदार्थ है। जिसे तोडने पर वह काच कि तरह टुट जाता है। और बिखर जाता है।

विशेषताएँ

यह सबसे पतला पदार्थ है किंतु यह अब तक के पदार्थों में सबसे मजबूत भी है। बिजली का संवाहक होने के साथ साथ इसमें तांबे के भी गुण हैं। उष्मा का संवाहक होने के अलावा यह इस गुण में अन्य पदार्थों में सबसे आगे हैं। यह लगभग पारदर्शी है, इसके बावजूद यह इतना घना है कि सबसे छोटा गैस का अणु हीलियम भी इससे होकर गुजर नहीं सकता।

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