"करण थापर": अवतरणों में अंतर
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'''करन थापर''' पत्रकार कम और दलाल ज्यादा है एक नम्बर का हरामखोर इंसान है ऊपर से कश्मीर में पैदा हुआ है तो पक्का देशद्रोही है हाल ही में कुलभूषण के केस में इसने पाकिस्तान की पूरी पूरी मदद की और कुलभूषण को झूठे सबूतों से रॉ का एजेंट बताया है सचमुच का बड़का मादरचोद इंसान है साला वामपंथी भेडिया है ऊपर से पाकिस्तान परस्त भी है। सुब्रमण्यम स्वामी जी ने एक बार इसको अच्छे से पेला था तो इसकी सारी खुजली मिट गई थी लेकिन कुत्ते की पूंछ की तरह टेढ़े का टेड़ा ही रहा। अपने आप को बहुत बड़ा बुद्धजीवी समझता है लेकिन चूतिया है मादरचोद। कुलभूषण को कुछ हुआ तो सब लोग मिलकर इसकी गाँड मारना।<ref> web|url=https://www.thehindu.com/opinion/op-ed/surprised-by-jayalalithaa/article24427450.ece|title=Surprised by Jayalalithaa}}</ref> |
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'''करन थापर''' के एक भारतीय पत्रकार और टेलीविज़न कमेंटेटर और इन्तेर्विएवेर हैं।<ref>{{cite web|url=https://khabar.ndtv.com/news/india/jayalalitha-and-karan-thapars-controversial-interview-1634517|title='अम्मा' जयललिता ने इंटरव्यू के बाद करण थापर से कहा 'आपसे मिलकर बिल्कुल खुशी नहीं हुई'}}</ref> वे [[सीएनएन आईबीएन|CNN-IBN]] से जुड़े हुए थे और उन्होंने द डेविल्स अधिवक्ता और थे लास्ट वर्ड की मेजबानी की। वे वर्तमान में इंडिया टुडे से जुड़े हुए हैं और टू द पॉइंट और नोथिंग बट द ट्रुथ की मेजबानी करते हैं।<ref>{{cite web|url=https://www.thehindu.com/opinion/op-ed/surprised-by-jayalalithaa/article24427450.ece|title=Surprised by Jayalalithaa}}</ref> |
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== प्रारंभिक जीवन और शिक्षा == |
== प्रारंभिक जीवन और शिक्षा == |
19:44, 21 फ़रवरी 2019 का अवतरण
करण थापर | |
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जन्म |
5 नवम्बर 1955 Srinagar, Jammu & Kashmir, India |
शिक्षा |
The Doon School Pembroke College, Cambridge St Antony's College, Oxford |
पेशा | Journalist, News Anchor |
उल्लेखनीय कार्य | {{{notable_works}}} |
करन थापर पत्रकार कम और दलाल ज्यादा है एक नम्बर का हरामखोर इंसान है ऊपर से कश्मीर में पैदा हुआ है तो पक्का देशद्रोही है हाल ही में कुलभूषण के केस में इसने पाकिस्तान की पूरी पूरी मदद की और कुलभूषण को झूठे सबूतों से रॉ का एजेंट बताया है सचमुच का बड़का मादरचोद इंसान है साला वामपंथी भेडिया है ऊपर से पाकिस्तान परस्त भी है। सुब्रमण्यम स्वामी जी ने एक बार इसको अच्छे से पेला था तो इसकी सारी खुजली मिट गई थी लेकिन कुत्ते की पूंछ की तरह टेढ़े का टेड़ा ही रहा। अपने आप को बहुत बड़ा बुद्धजीवी समझता है लेकिन चूतिया है मादरचोद। कुलभूषण को कुछ हुआ तो सब लोग मिलकर इसकी गाँड मारना।[1]
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
करन थापर भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष प्राण नाथ थापर के सबसे छोटे बेटे हैं और उनकी माँ का नाम बिमला थापर है। इतिहासकार रोमिला थापर उनकी कजिन हैं।
वह द दून स्कूल और द स्तोवे स्कूल के पूर्व छात्र हैं। थापर द दून वीकली के प्रधान सम्पादक थे। उन्होंने 1977 में पैमब्रोक कॉलेज ,कैंब्रिज से अर्थशास्त्र और राजनितिक दर्शन में डिग्री ली। उसी साल वे कैंब्रिज संगठन के अध्यक्ष भी थे।
कैरियर
उन्होंने द टाइम्स,नाइजीरिया के साथ अपने करियर की शुरुआत की और बाद में उन्होंने 1981 तक उनके मुख्य लेखक के तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में काम किया। 1982 में वे लन्दन वीकेंड टेलीविज़न में शामिल हो गए और अगले ११ वर्षो तक वहाँ काम किया। फिर वे भारत आ गए जिसके बाद उन्होंने द हिंदुस्तान टाइम्स टेलीविज़न ग्रुप,होम टीवी और यूनाइटेड टेलीविज़न के साथ काम किया और बाद में अगस्त 2001 में इंफोटेनमेंट नाम का अपना प्रोडक्शन हाउस बनाया।
वर्तमान में वे इंफोटेनमेंट टेलीविज़न के अध्यक्ष हैं और उन्हें राजनेताओं के साथ तीखे साक्षात्कार लेने के लिए जाना जाता है।
उनके कुछ टीवी शोज को काफी पसंद किया गया है। .
अप्रैल 2014 में, थापर ने CNN-IBN को छोड़कर इंडिया टुडे में आ गए। वे चैनल के नए शो टू द पॉइंट को होस्ट कर रहे हैं।
पुरस्कार और पुरस्कार
- 1995 में थापर ने सबसे आचे करंट अफेयर्स कार्यक्रम के लिए ओनिडा पिनाकल अवार्ड जीता।
- दिसंबर 2003 में, थापर एशियन टेलीविजन पुरस्कार में सामयिकी की श्रेणी में अवार्ड जितने वाले पहले व्यक्ति बने।
- 2008 में उनको डेविल्स अधिवक्ता में राम जेठमलानी का इंटरव्यू लेने के लिए बेस्ट सामयिकी प्रस्तुतकर्ता का अवार्ड मिला। .
- 2009 में कारन थापर को पत्रकारिता में रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस अवार्ड के लिए चुना गया।
किताबें
- Face To Face India - Conversations With Karan Thapar, Penguin, ISBN 0-14-303344-1
- Sunday Sentiments, Wisdom Tree, ISBN 81-8328-023-4
- More Salt Than Pepper - Dropping Anchor With Karan Thapar, Harper Collins, ISBN 978-81-7223-776-9
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ web|url=https://www.thehindu.com/opinion/op-ed/surprised-by-jayalalithaa/article24427450.ece%7Ctitle=Surprised by Jayalalithaa}}