"नन्द कुमार सिंह चौहान": अवतरणों में अंतर

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==राजनैतिक जीवन==
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सन् 1978-80 व 1983-87 तक [[शाहपुर]] के [[नगर पालिका]] के अध्यक्ष के तौर पर भाजपा से विजय होकर नगरअध्यक्ष रहे थे. इसके बाद सन् 1985-96 तक लगातार 2बार भाजपा से विजयी हो कर [[मध्यप्रदेश विधानसभा]] के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे. सन् 1996 को 11वें [[लोकसभा चुनाव]] मे भाजपा ने उन्हें [[खंडवा]] क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था जिसमे वें विजयी हुए थें लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही रहा जिसके बाद सन् 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव मे वह दुसरी बार '''खंडवा क्षेत्र''' से विजयी हुए थे. यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही रहा.सन् 1999 में 13वीं लोकसभा के उपचुनाव में फिर से '''भाजपा''' ने '''खंडवा क्षेत्र''' से इन्हें उम्मीदवार बनाया जिसमें भी वें 3री बार विजयी हुए. जिसने इनका कार्यकाल 1999-2004 तक 5वर्ष पूर्ण चला. इसके बाद सन् 2004 मे 14वीं लोकसभा चुनाव मे वह चौथी बार फिर से '''खंडवा क्षेत्र''' से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वह विपक्ष मे बैठे.
सन् ''1978-80''''1983-87'' तक [[शाहपुर]] के [[नगर पालिका]] के अध्यक्ष के तौर पर [[भाजपा]] से विजय होकर '''नगरअध्यक्ष''' रहे थे. इसके बाद सन् ''1985-96'' तक लगातार 2बार '''भाजपा''' से विजयी हो कर '''मध्यप्रदेश विधानसभा'' के [[बुरहानपुर]] क्षेत्र से विधायक रहे थे. सन् ''1996'' को '''11वें लोकसभा चुनाव''' मे '''भाजपा''' ने उन्हें [[खंडवा]] क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था जिसमे वें विजयी हुए थें लेकिन उनका कार्यकाल ''1996-97'' तक ही रहा क्योकी [[अटल बिहारी वाजपेयी]]सरकार ने अपना त्यागपत्र दे कर सरकार निरस्त कर दी थी. जिसके बाद सन् ''1998'' में उपचुनाव में '''12वीं लोकसभा चुनाव''' मे वह दुसरी बार '''खंडवा क्षेत्र''' से विजयी हुए थे. यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही रहा जिसका मुख्य कारण '''वाजपेयी सरकार''' के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था.सन् ''1999'' में '''13वीं लोकसभा उपचुनाव''' में फिर से '''भाजपा''' ने '''खंडवा क्षेत्र''' से इन्हें उम्मीदवार बनाया जिसमें भी वें 3री बार विजयी हुए. जिसने इनका कार्यकाल '''1999-2004''' तक 5वर्ष पूर्ण चला. इसके बाद सन् ''2004'' मे '''14वीं लोकसभा चुनाव''' मे वह चौथी बार फिर से '''खंडवा क्षेत्र''' से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वह विपक्ष मे बैठे.क्योकिं केन्द्र मे [[मनमोहन सिंह]] की [[कांग्रेस]] सरकार बन चुकी थी. फिर सन् ''2009'' के '''15वी लोकसभा चुनाव''' मे उन्हें फिर से '''खंडवा क्षेत्र''' से '''भाजपा''' ने उम्मीदवार बनाया परंतु इस बार वें '''कांग्रेस''' प्रत्याशी '''अरूण यादव''' से चुनाव हार गए थे परंतु उन्हें पार्टी ने [[मध्यप्रदेश]]राज्य का '''भाजपा पार्टी''' का '''प्रदेशअध्यक्ष''' बनाया गया था परंतु सन् ''2013'' के '''मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव''' मे उन्हें हटाकर [[नरेंद्र सिंह तोमर]] को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था. व उन्हें '''16वीं लोकसभा चुनाव''' में '''भाजपा''' ने उन्हें पुन: '''खंडवा क्षेत्र''' से उम्मीदवार बनाया जिसमें वे '''मोदी लहर''' मे [[नरेन्द्र मोदी]] के नेत्तव हुए चुनाव मे विजयी हुए. व उन्हें पुन: '''मध्यप्रदेश भाजपा''' का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था व सन् 2017 मे उन्होने अपना त्यागपत्र '''भाजपा प्रदेशअध्यक्ष''' पद से दे दिया ताकि वह अपने संसदीय क्षेत्र मे विकासकार्य कर सकें.


==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==

20:09, 16 फ़रवरी 2019 का अवतरण

नन्द कुमार सिंह चौहान

सांसद - खंडवा
कार्यकाल
2014 से 2019
पूर्वा धिकारी अरूण यादव

प्रदेश अध्यक्ष (भाजपा,मध्यप्रदेश)
उत्तरा धिकारी राकेश सिंह

राष्ट्रीयता भारतीय

नन्द कुमार सिंह चौहान भारत की सोलहवीं लोक सभा के सांसद हैं। २०१४ के चुनावों में वे मध्य प्रदेश के खंडवा से निर्वाचित हुए। वे भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध हैं।वह भाजपा के मध्यप्रदेशराज्य के प्रदेशअध्यक्ष भी रह चुके हैं| 18अफेल,2018 को उनके बाद राकेश सिंह को बना दिया गया था उन्होने यह कहकर अपना त्यागपत्र दे दिया था कि वह अब अपने सांसदीय क्षेत्र मे कार्य करना चाहते हैं

[1] [2]

राजनैतिक जीवन

सन् 1978-801983-87 तक शाहपुर के नगर पालिका के अध्यक्ष के तौर पर भाजपा से विजय होकर नगरअध्यक्ष' रहे थे. इसके बाद सन् 1985-96 तक लगातार 2बार भाजपा से विजयी हो कर मध्यप्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे. सन् 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव मे भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था जिसमे वें विजयी हुए थें लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही रहा क्योकी अटल बिहारी वाजपेयीसरकार ने अपना त्यागपत्र दे कर सरकार निरस्त कर दी थी. जिसके बाद सन् 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव मे वह दुसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए थे. यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही रहा जिसका मुख्य कारण वाजपेयी सरकार के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था.सन् 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया जिसमें भी वें 3री बार विजयी हुए. जिसने इनका कार्यकाल 1999-2004 तक 5वर्ष पूर्ण चला. इसके बाद सन् 2004 मे 14वीं लोकसभा चुनाव मे वह चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वह विपक्ष मे बैठे.क्योकिं केन्द्र मे मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार बन चुकी थी. फिर सन् 2009 के 15वी लोकसभा चुनाव मे उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु इस बार वें कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव से चुनाव हार गए थे परंतु उन्हें पार्टी ने मध्यप्रदेशराज्य का भाजपा पार्टी का प्रदेशअध्यक्ष बनाया गया था परंतु सन् 2013 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव मे उन्हें हटाकर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था. व उन्हें 16वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पुन: खंडवा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जिसमें वे मोदी लहर मे नरेन्द्र मोदी के नेत्तव हुए चुनाव मे विजयी हुए. व उन्हें पुन: मध्यप्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था व सन् 2017 मे उन्होने अपना त्यागपत्र भाजपा प्रदेशअध्यक्ष पद से दे दिया ताकि वह अपने संसदीय क्षेत्र मे विकासकार्य कर सकें.

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. भारतीय चुनाव आयोग की अधिसूचना, नई दिल्ली
  2. "Constituencywise-All Candidates". अभिगमन तिथि 17 मई 2014.