"विकिपीडिया:स्वशिक्षा/विकिपीडिया जोड़": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
सुधार
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
सुधार
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[Youa Utthan Sewa Samiti Gonda Up]]
[[Youa Utthan Sewa Samiti Gonda Up]]
[["युवा उत्थान सेवा समिति"]] का उदय 15 जून 2018 को [[गोण्डा]] जिले के एक छोटे से गांव [[रुदापुर]] में व्यापत भर्ष्टाचार , सरकारी सुविधाओं का अभाव , [[गरीबो के शोषण]] के चलते उनकी आवाज बुलंद करने के लिए एक गरीब किसान के घर से एक आदम उत्साही , साहसी , निर्भीक , उत्तेजक बालक ने गांव वालों के अंदर अपने हक़ को पाने के लिए प्रेरित किया और एक यूनिटी बनाने के लिए सभी से आग्रह किया जिससे युवा उत्थान सेवा समिति का उदय हुआ । उम्र अभी [[16 साल]] की थी उसे देख किसी को विश्वास नही होता है कि इस उम्र में ही इतना साहस और दूसरों के प्रति लगाव है । समिति गठित होने पर पहली बार जब वह अपने गांव की समस्या लेकर [[जिलाधिकारी]] के पास पंहुचा तो उस लड़के के साहस को देखकर गोण्डा जिलाधिकारी ([[श्री कै. प्रभांशु श्रीवास्त जी]]) ने उसकी पीठ थपथपाई और मुस्करा कर उन्होंने कहा :- [[" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है कि जोर कितना बाजुए कातिल में है"]] , और उन्होंने देखा कि जितने भी लोग थे ओ सभी एक ही केशरिया रंग में थे तो उन्होंने लड़के से कहा कि तुमने तो सभी को केसरिया में क्यों रंग दिया तो उसने जबाब दिया ये रंग [[त्याग और उत्तेजना]] का [[प्रतीक]] है । उस लड़के के आग्रह करने पर डीएम जी ने खुद गांव का दौरा किया । उस बालक का नाम [["बृजेश"]] है और उसके कुछ साथी है जो उसके साथ तन मन धन से जुड़े है दिन रात एक होकर गांव वालों के लिए निस्वार्थ मेहनत करते है जिसमे एक विशेष नाम जिलाजीत है । सलाम करता हूँ सहस और जज्बे को ।।
[["युवा उत्थान सेवा समिति"]] का उदय 15 जून 2018 को [[गोण्डा]] जिले के एक छोटे से गांव [[रुदापुर]] में व्यापत भर्ष्टाचार , सरकारी सुविधाओं का अभाव , [[गरीबो के शोषण]] के चलते उनकी आवाज बुलंद करने के लिए एक गरीब किसान के घर से एक आदम उत्साही , साहसी , निर्भीक , उत्तेजक बालक ने गांव वालों के अंदर अपने हक़ को पाने के लिए प्रेरित किया और एक यूनिटी बनाने के लिए सभी से आग्रह किया जिससे युवा उत्थान सेवा समिति का उदय हुआ । उम्र अभी [[16 साल]] की थी उसे देख किसी को विश्वास नही होता है कि इस उम्र में ही इतना साहस और दूसरों के प्रति लगाव है । समिति गठित होने पर पहली बार जब वह अपने गांव की समस्या लेकर [[जिलाधिकारी]] के पास पंहुचा तो उस लड़के के साहस को देखकर गोण्डा जिलाधिकारी ([[श्री कै. प्रभांशु श्रीवास्त जी]]) ने उसकी पीठ थपथपाई और मुस्करा कर उन्होंने कहा :- [[" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है कि जोर कितना बाजुए कातिल में है"]] , और उन्होंने देखा कि जितने भी लोग थे ओ सभी एक ही केशरिया रंग में थे तो उन्होंने लड़के से कहा कि तुमने तो सभी को केसरिया में क्यों रंग दिया तो उसने जबाब दिया ये रंग [[त्याग और उत्तेजना]] का [[प्रतीक]] है । उस लड़के के आग्रह करने पर डीएम जी ने खुद गांव का दौरा किया । उस बालक का नाम [["बृजेश"]] है और उसके कुछ साथी है जो उसके साथ तन मन धन से जुड़े है दिन रात एक होकर गांव वालों के लिए निस्वार्थ मेहनत करते है जिसमे एक विशेष नाम [[जिलाजीत]] है । सलाम करता हूँ सहस और जज्बे को ।।
अतः मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूँ तो कि जब एक छोटा सा लड़का अपने साहस को मरने नही देता तो हम सभी को ऐसे ही निस्वार्थ भावना के समाज का निर्माण करना चाहिए । इसके प्रेरणा लिए एक बालक के साहस का उदाहरण काफी है ।।
अतः मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूँ तो कि जब एक छोटा सा लड़का अपने साहस को मरने नही देता तो हम सभी को ऐसे ही निस्वार्थ भावना के समाज का निर्माण करना चाहिए । इसके प्रेरणा लिए एक बालक के साहस का उदाहरण काफी है ।।



07:36, 27 जनवरी 2019 का अवतरण

Youa Utthan Sewa Samiti Gonda Up "युवा उत्थान सेवा समिति" का उदय 15 जून 2018 को गोण्डा जिले के एक छोटे से गांव रुदापुर में व्यापत भर्ष्टाचार , सरकारी सुविधाओं का अभाव , गरीबो के शोषण के चलते उनकी आवाज बुलंद करने के लिए एक गरीब किसान के घर से एक आदम उत्साही , साहसी , निर्भीक , उत्तेजक बालक ने गांव वालों के अंदर अपने हक़ को पाने के लिए प्रेरित किया और एक यूनिटी बनाने के लिए सभी से आग्रह किया जिससे युवा उत्थान सेवा समिति का उदय हुआ । उम्र अभी 16 साल की थी उसे देख किसी को विश्वास नही होता है कि इस उम्र में ही इतना साहस और दूसरों के प्रति लगाव है । समिति गठित होने पर पहली बार जब वह अपने गांव की समस्या लेकर जिलाधिकारी के पास पंहुचा तो उस लड़के के साहस को देखकर गोण्डा जिलाधिकारी (श्री कै. प्रभांशु श्रीवास्त जी) ने उसकी पीठ थपथपाई और मुस्करा कर उन्होंने कहा :- " सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है कि जोर कितना बाजुए कातिल में है" , और उन्होंने देखा कि जितने भी लोग थे ओ सभी एक ही केशरिया रंग में थे तो उन्होंने लड़के से कहा कि तुमने तो सभी को केसरिया में क्यों रंग दिया तो उसने जबाब दिया ये रंग त्याग और उत्तेजना का प्रतीक है । उस लड़के के आग्रह करने पर डीएम जी ने खुद गांव का दौरा किया । उस बालक का नाम "बृजेश" है और उसके कुछ साथी है जो उसके साथ तन मन धन से जुड़े है दिन रात एक होकर गांव वालों के लिए निस्वार्थ मेहनत करते है जिसमे एक विशेष नाम जिलाजीत है । सलाम करता हूँ सहस और जज्बे को ।।

अतः मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूँ तो कि जब एक छोटा सा लड़का अपने साहस को मरने नही देता तो हम सभी को ऐसे ही निस्वार्थ भावना के समाज का निर्माण करना चाहिए । इसके प्रेरणा लिए एक बालक के साहस का उदाहरण काफी है ।।
✍️✍️✍️लेखक~~अपनी कलम
            डा. संविता सेन

जोड़ कैसे बनाएँ

किसी लेख में किसी अन्य विकिपीडिया लेख के लिए जोड़ बनाने ले लिए उसके इर्द-गिर्द दोहरे चकोर ब्रैकेट लगे दें, कुछ इस तरह:

[[प्रयोगस्थल]]

जो आपके संपादन के बाद पाठक को ऐसे दिखेगा: प्रयोगस्थल

अगर आप जोड़ तो डालना चाहते हैं, लेकिन चाहते हैं के जुड़े हुए लेख के नाम की बजाए कुछ और शब्द नज़र आएँ, तो नली के चिह्न "|" से यह आसानी से किया जा सकता है। यह अंग्रेज़ी के कुंजीबोर्ड (कीबोर्ड) में SHIFT+BACKSLASH (SHIFT+\) से आसानी से लिखा जाता है, और ध्यान दीजिये कि यह विराम ("।") के चिह्न से अलग है। देखिये, नली-चिह्न के इस्तेमाल से अगर हम लिखें:

[[लाल किला|दिल्ली वाला ऐतिहासिक लाल रंग का किला]]

तो यह ऐसा दिखेगा: दिल्ली वाला ऐतिहासिक लाल रंग का किला

आप किसी लेख के विभाग के लिए भी सीधा जोड़ डाल सकते हैं:

[[लाल किला#दीवान-ए-आम|लाल किले का सभाघर]]

तो दर्शाया गया जोड़ दिखने में ऐसा दिखेगा: लाल किले का सभाघर

अगर आप चाहते हैं के दर्शाया गया जोड़ गाढ़े या तिरछे अक्षरों में हो तो दोहरे चकोर ब्रैकेटों के इर्द-गिर्द वर्ण-लोपों (यानी अपॉस्ट्रॉफ़ीयों) के चिन्ह (') डाल दें:

''[[आषाढ़ का एक दिन]]''

जो दिखने में ऐसा लगेगा: आषाढ़ का एक दिन

जोड़ डालते हुए यह हमेशा पक्का कर लें के जोड़ सही लेख को ही पड़ रहा है। उदाहरण के लिए दूरदर्शन टेलिविज़न के उपकरण के लेख के लिए जोड़ है जबकि दूरदर्शन (चैनल) भारतीय सरकारी चैनल के लिए लेख है। अक्सर ऐसी स्थितियों के लिए "बहुविकल्पी" पन्ने बनाए जाते हैं जो स्वयं लेख नहीं होते बल्कि एक जैसे नामों वाले लेखों के लिए जोड़ों की सूची होते हैं। उदहारण के लिए नील(बहुविकल्पी) एक ऐसा पृष्ठ है। जब एक-से नाम वाले कई लेख हों, तो नली के चिन्ह का प्रयोग काफ़ी काम की चीज़ है, क्योंकि पाठक के लिए "शेख़ूपुर की बस्ती उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में है" आसान है जबकि "शेख़ूपुर की बस्ती उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला, उत्तर प्रदेश में है" पढ़ने में अजीब-सा लगता है हालांकि दोनों ही जोड़ पाठक को उसी एक लेख पर ले जाते हैं।

ध्यान रहे के अगर जोड़ किसी ऐसे लेख के लिए है जो अभी लिखा ही नहीं गया, तो उस जोड़ का रंग लाल होगा, जैसे की:

[[मंगल ग्रह पर मानवों की पाँचवी बस्ती]]

जो पाठक को ऐसा दिखेगा: मंगल ग्रह पर मानवों की पाँचवी बस्ती

जोड़ कब डालें

लेखों के लिए जोड़ डालना किसी भी पन्ने को अधिक उपयोगी बनता है, लेकिन बहुत ज़्यादा जोड़ होने से आँख बहकने से लेख को पढ़ना मुश्किल हो जाता है। बहुत अधिक जोड़ों की स्थिति से बचने के लिए, किसी लेख के लिए जोड़ केवल तभी डालें जब उसके नाम का ज़िक्र किसी पन्ने में प्रथम बार हो रहा हो। "विश्व" जैसे अत्यधिक साधारण शब्दों के लिए जोड़ ना डालें।

विकिपीडिया में कुछ अन्य अच्छे लेखों को देखकर आप सीख सकते हैं के कब जोड़ डाले जाने चाहिए और कब नहीं। कुछ अच्छे लेख आपको उत्तम लेखों की सूची में मिलेंगे।

श्रेणियाँ

आप लेखों को उचित श्रेणियों में डाल सकते हैं। अगर किसी सम्बंधित लेख की श्रेणी देखकर आपको किसी लेख के लिए उचित श्रेणी या श्रेणियाँ पता हैं, जो लेख के अंत के आस-पास [[श्रेणी:]] लिखें, और श्रेणी का नाम द्विबिंदु (कोलन, ":" का चिन्ह) और ब्रैकेटों के बीच डाल दें।

यह बहुत ज़रूरी है के आप लेखों पर सही श्रेणियाँ लगाएँ ताकि अन्य लोग आसानी से आपके बनाए लेख ढूंढ पाएँ। यह करने का सब से अच्छा तरीक़ा अपने लेख से सम्बंधित अन्य लेखों को ढूंढकर उनकी श्रेणियों को अपने लेख के लिए भी प्रयोग करना है। अगर आप किसी फल पर लिख रहें हैं तो उसी की तरह के अन्य फलों पर लेख ढूँढने का प्रयास करें जिस से आपको कुछ उचित श्रेणियाँ मिल सकें।

इन सीखों को प्रयोगस्थल में आज़माइए



दृष्टिबाधित साथी इस संबंध में और जानने के लिए दृष्टिबाधितार्थ पृष्ठ भी देख सकते हैं।