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'''बाज़ीगर''' 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन [[अब्बास-मस्तान]] ने किया और मुख्य भूमिकाओं में [[शाहरुख खान]] और [[काजोल]] है। यह शाहरुख खान पहली सफल भूमिका थी जिसमें वो एकमात्र हीरो थे। यह काजोल की पहली व्यावसायिक सफल फिल्म भी थी। अभिनेत्री [[शिल्पा शेट्टी]] को ''गाता रहे मेरा दिल'' के साथ शुरुआत करनी थी, लेकिन वह फिल्म बीच में ही बंद हो गई और यह उनकी पहली फिल्म बन गई।<ref>{{cite news |title=जिस फिल्म के टाइटल में 'किस' देखकर शिल्पा ने किया था इंकार, उसी मूवी ने बनाया सुपरहिट |url=https://www.patrika.com/bollywood-news/shilpa-shetty-denied-to-work-in-movie-baazigar-because-of-title-2866489/ |accessdate=3 जून 2018 |work=पत्रिका |date=28 मई 2018 |language=hi-IN}}</ref> |
'''बाज़ीगर''' 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन [[अब्बास-मस्तान]] ने किया और मुख्य भूमिकाओं में [[शाहरुख खान]] और [[काजोल]] है। यह शाहरुख खान की पहली सफल भूमिका थी जिसमें वो एकमात्र हीरो थे। यह काजोल की पहली व्यावसायिक सफल फिल्म भी थी। अभिनेत्री [[शिल्पा शेट्टी]] को ''गाता रहे मेरा दिल'' के साथ शुरुआत करनी थी, लेकिन वह फिल्म बीच में ही बंद हो गई और यह उनकी पहली फिल्म बन गई।<ref>{{cite news |title=जिस फिल्म के टाइटल में 'किस' देखकर शिल्पा ने किया था इंकार, उसी मूवी ने बनाया सुपरहिट |url=https://www.patrika.com/bollywood-news/shilpa-shetty-denied-to-work-in-movie-baazigar-because-of-title-2866489/ |accessdate=3 जून 2018 |work=पत्रिका |date=28 मई 2018 |language=hi-IN}}</ref> ''बाज़ीगर'' पहली फिल्म थी जिसमें शाहरुख खान ने खलनायक की भूमिका निभाई और पहली बार उन्होंने [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार|सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार]] अर्जित किया।<ref>{{cite news |title=बॉलीवुड का ऐसा नाम, हीरो बनकर फेल, विलेन बना तो सुपरहिट अब रोमांस किंग |url=https://www.amarujala.com/photo-gallery/entertainment/bollywood/shahrukh-khan-started-his-film-career-with-negative-roll-in-film-baazigar?pageId=3 |accessdate=3 जून 2018 |work=[[अमर उजाला]]}}</ref> |
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== संक्षेप == |
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अजय शर्मा ([[शाहरुख खान]]) एक जवान लड़का है जो अपने पिता की मौत के लिए बदला लेना चाहता |
अजय शर्मा ([[शाहरुख खान]]) एक जवान लड़का है जो अपने पिता की मौत के लिए बदला लेना चाहता है। उसके पिता के भरोसेमंद कर्मचारी मदन चोपड़ा ([[दलीप ताहिल]]) ने उन्हें धोखा दिया था और उनकी सारी जायादाद छीन ली थी। इस कारण उसकी नवजात बहन मर गई, पिता चल बसे और माँ पागल हो गई। चोपड़ा की दो बेटियाँ है, बड़ी सीमा ([[शिल्पा शेट्टी]]) और छोटी प्रिया ([[काजोल]])। |
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अजय सीमा को लुभाता है और उससे प्यार करने का नाटक करता है। इस बीच, छोटी बेटी प्रिया मद्रास (अब चेन्नई) में अपने पिता मदन चोपड़ा के साथ यात्रा करती है। |
अजय सीमा को लुभाता है और उससे प्यार करने का नाटक करता है। इस बीच, छोटी बेटी प्रिया मद्रास (अब चेन्नई) में अपने पिता मदन चोपड़ा के साथ यात्रा करती है। अजय प्रिया को वहाँ विकि मल्होत्रा बनकर आकर्षित करता है। इस तरह, वह अलग-अलग पहचानों का उपयोग करते हुए सीमा और प्रिया दोनों को फँसाता है। फिर वह सीमा को शादी करने के बहाने रजिस्ट्रार कार्यालय में ले जाता है और उसे छत से नीचे फेंक देता है। वो ये ऐसे करता है कि जैसे उसने आत्महत्या की हो। हालाँकि, प्रिया को संदेह है उसकी बहन ने आत्महत्या नहीं की है। वह अपने कॉलेज के मित्र और पुलिस निरीक्षक करण सक्सेना ([[सिद्धार्थ रे]]) के साथ गुप्त रूप से इस मामले की जाँच करती है। सीमा के कॉलेज के दोस्त रवि को जन्मदिन की पार्टी में सीमा और अजय की एक साथ ली गई तस्वीर मिलती है। जब अजय को इस बारे में पता चलता है, तो वह रवि की हत्या कर देता है और उसे एक सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करता है। इससे ऐसा लगता है जैसे रवि सीमा का हत्यारा था। इस प्रकार दूसरी बार जाँच रुकी जाती है। अजय धीरे-धीरे चोपड़ा का विश्वास जीत लेता है। |
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जल्द ही विकी और प्रिया शादी की योजना बना रहे हैं। अजय अपनी योजना में एक गड़बड़ कर देता है। प्रिया असली विकी मल्होत्रा (आदि ईरानी) से मिलती है, जो अजय का दोस्त है जिसकी पहचान उसने ली थी। अजय |
जल्द ही विकी और प्रिया शादी की योजना बना रहे हैं। सीमा की सहेली अंजलि ([[रेशम टिपनिस]]) ने कॉलेज के दिनों से अजय की एक तस्वीर को देख लिया। अंजलि अजय की सगाई के दौरान चोपड़ा निवास में फोन करती है। अजय उस फोन को उठा लेता है और प्रिया को मार देता है। इंस्पेक्टर करण को पता चलता है कि कातिल अभी भी जिंदा है। अजय अपनी योजना में एक गड़बड़ कर देता है। प्रिया असली विकी मल्होत्रा (आदि ईरानी) से मिलती है, जो अजय का दोस्त है जिसकी पहचान उसने ली थी। प्रिया विकि से अजय की असली पहचान का पता लगाती है और वह [[पनवेल]] में अजय के घर पहुँच जाती है। अजय घर आता है और अपनी कहानी बताता है और प्रिया को पता चलता है कि यह उसके पिता ही गलत किये हैं। तभी मदन आता है और अजय के बाँह में गोली मारता है और उसके गुंडों उसकी पिटाई करते हैं। जब उसकी माँ हस्तक्षेप करने की कोशिश करती है, तो मदन उसे घायल कर देता है। इससे अजय को गुस्सा आ जाता है और बदले में उसे चाकू मार देता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है। वह अपनी मां के पास लौटता है और उसकी बाहों में गिर जाता है। प्रिया और करण निराशाजनक रूप से देखते हैं क्योंकि अजय अपनी मां की बाहों में मर जाता है। |
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== मुख्य कलाकार == |
== मुख्य कलाकार == |
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* [[शाहरुख़ ख़ान]] |
* [[शाहरुख़ ख़ान]] — अजय शर्मा/ विकी मल्होत्रा |
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* [[काजोल देवगन]] |
* [[काजोल देवगन]] — प्रिया चोपड़ा |
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* [[शिल्पा शेट्टी]] |
* [[शिल्पा शेट्टी]] — सीमा चोपड़ा |
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* [[राखी गुलज़ार]] |
* [[राखी गुलज़ार]] — शोभा शर्मा |
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* [[दलीप ताहिल]] |
* [[दलीप ताहिल]] — मदन चोपड़ा |
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* [[सिद्धार्थ रे]] |
* [[सिद्धार्थ रे]] — इंस्पेक्टर करन सक्सेना |
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* [[जॉनी लीवर]] |
* [[जॉनी लीवर]] — बाबू लाल |
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* [[अनंत महादेवन]] |
* [[अनंत महादेवन]] — विश्वनाथ शर्मा, अजय के पिता |
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* [[रेशम टिपनिस]] |
* [[रेशम टिपनिस]] — अंजलि सिन्हा, सीमा की सहेली |
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* [[आदि ईरानी]] — असली विकी मल्होत्रा |
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* डब्बू मलिक — रवि |
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* [[दिनेश हिंगू]] |
* [[दिनेश हिंगू]] |
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06:03, 27 दिसम्बर 2018 का अवतरण
बाज़ीगर | |
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बाज़ीगर का पोस्टर | |
निर्देशक | अब्बास-मस्तान |
लेखक |
रोबिन भट्ट, आकाश खुराना, जावेद सिद्दीकी |
निर्माता | गणेश जैन |
अभिनेता |
शाहरुख़ ख़ान, काजोल देवगन, शिल्पा शेट्टी, राखी गुलज़ार, दलीप ताहिल |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथि |
12 नवंबर 1993 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
बाज़ीगर 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन अब्बास-मस्तान ने किया और मुख्य भूमिकाओं में शाहरुख खान और काजोल है। यह शाहरुख खान की पहली सफल भूमिका थी जिसमें वो एकमात्र हीरो थे। यह काजोल की पहली व्यावसायिक सफल फिल्म भी थी। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को गाता रहे मेरा दिल के साथ शुरुआत करनी थी, लेकिन वह फिल्म बीच में ही बंद हो गई और यह उनकी पहली फिल्म बन गई।[1] बाज़ीगर पहली फिल्म थी जिसमें शाहरुख खान ने खलनायक की भूमिका निभाई और पहली बार उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार अर्जित किया।[2]
संक्षेप
अजय शर्मा (शाहरुख खान) एक जवान लड़का है जो अपने पिता की मौत के लिए बदला लेना चाहता है। उसके पिता के भरोसेमंद कर्मचारी मदन चोपड़ा (दलीप ताहिल) ने उन्हें धोखा दिया था और उनकी सारी जायादाद छीन ली थी। इस कारण उसकी नवजात बहन मर गई, पिता चल बसे और माँ पागल हो गई। चोपड़ा की दो बेटियाँ है, बड़ी सीमा (शिल्पा शेट्टी) और छोटी प्रिया (काजोल)।
अजय सीमा को लुभाता है और उससे प्यार करने का नाटक करता है। इस बीच, छोटी बेटी प्रिया मद्रास (अब चेन्नई) में अपने पिता मदन चोपड़ा के साथ यात्रा करती है। अजय प्रिया को वहाँ विकि मल्होत्रा बनकर आकर्षित करता है। इस तरह, वह अलग-अलग पहचानों का उपयोग करते हुए सीमा और प्रिया दोनों को फँसाता है। फिर वह सीमा को शादी करने के बहाने रजिस्ट्रार कार्यालय में ले जाता है और उसे छत से नीचे फेंक देता है। वो ये ऐसे करता है कि जैसे उसने आत्महत्या की हो। हालाँकि, प्रिया को संदेह है उसकी बहन ने आत्महत्या नहीं की है। वह अपने कॉलेज के मित्र और पुलिस निरीक्षक करण सक्सेना (सिद्धार्थ रे) के साथ गुप्त रूप से इस मामले की जाँच करती है। सीमा के कॉलेज के दोस्त रवि को जन्मदिन की पार्टी में सीमा और अजय की एक साथ ली गई तस्वीर मिलती है। जब अजय को इस बारे में पता चलता है, तो वह रवि की हत्या कर देता है और उसे एक सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करता है। इससे ऐसा लगता है जैसे रवि सीमा का हत्यारा था। इस प्रकार दूसरी बार जाँच रुकी जाती है। अजय धीरे-धीरे चोपड़ा का विश्वास जीत लेता है।
जल्द ही विकी और प्रिया शादी की योजना बना रहे हैं। सीमा की सहेली अंजलि (रेशम टिपनिस) ने कॉलेज के दिनों से अजय की एक तस्वीर को देख लिया। अंजलि अजय की सगाई के दौरान चोपड़ा निवास में फोन करती है। अजय उस फोन को उठा लेता है और प्रिया को मार देता है। इंस्पेक्टर करण को पता चलता है कि कातिल अभी भी जिंदा है। अजय अपनी योजना में एक गड़बड़ कर देता है। प्रिया असली विकी मल्होत्रा (आदि ईरानी) से मिलती है, जो अजय का दोस्त है जिसकी पहचान उसने ली थी। प्रिया विकि से अजय की असली पहचान का पता लगाती है और वह पनवेल में अजय के घर पहुँच जाती है। अजय घर आता है और अपनी कहानी बताता है और प्रिया को पता चलता है कि यह उसके पिता ही गलत किये हैं। तभी मदन आता है और अजय के बाँह में गोली मारता है और उसके गुंडों उसकी पिटाई करते हैं। जब उसकी माँ हस्तक्षेप करने की कोशिश करती है, तो मदन उसे घायल कर देता है। इससे अजय को गुस्सा आ जाता है और बदले में उसे चाकू मार देता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है। वह अपनी मां के पास लौटता है और उसकी बाहों में गिर जाता है। प्रिया और करण निराशाजनक रूप से देखते हैं क्योंकि अजय अपनी मां की बाहों में मर जाता है।
मुख्य कलाकार
- शाहरुख़ ख़ान — अजय शर्मा/ विकी मल्होत्रा
- काजोल देवगन — प्रिया चोपड़ा
- शिल्पा शेट्टी — सीमा चोपड़ा
- राखी गुलज़ार — शोभा शर्मा
- दलीप ताहिल — मदन चोपड़ा
- सिद्धार्थ रे — इंस्पेक्टर करन सक्सेना
- जॉनी लीवर — बाबू लाल
- अनंत महादेवन — विश्वनाथ शर्मा, अजय के पिता
- रेशम टिपनिस — अंजलि सिन्हा, सीमा की सहेली
- आदि ईरानी — असली विकी मल्होत्रा
- डब्बू मलिक — रवि
- दिनेश हिंगू
संगीत
बाज़ीगर | ||||
---|---|---|---|---|
संगीत अनु मलिक द्वारा | ||||
जारी | 1993 | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लेबल | वीनस म्यूज़िक | |||
अनु मलिक कालक्रम | ||||
|
सभी अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
---|---|---|---|---|
1. | "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर" | नवाब आरज़ू | अलका याज्ञनिक, कुमार सानु | 7:39 |
2. | "ऐ मेरे हमसफर" | गौहर कानपुरी | विनोद राठोड़, अलका याज्ञनिक | 7:30 |
3. | "समझ कर चाँद जिसको" (फ़िल्म में नहीं) | ज़मीर काज़मी | विनोद राठोड़, अलका याज्ञनिक | 8:54 |
4. | "छुपाना भी नहीं आता" (फ़िल्म में नहीं) | रानी मलिक | पंकज उधास | 5:31 |
5. | "किताबें बहुत सी" | ज़फर गोरखपुरी | आशा भोंसले, विनोद राठोड़ | 6:31 |
6. | "छुपाना भी नहीं आता" | रानी मलिक | विनोद राठोड़ | 7:00 |
7. | "ये काली काली आँखें" | देव कोहली | कुमार सानु, अनु मलिक | 7:53 |
8. | "तेरे चेहरे पे" (फ़िल्म में नहीं) | रानी मलिक | कुमार सानु, सोनाली वाजपेई | 7:31 |
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
---|---|---|---|
1994 | गणेश जैन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
शाहरुख ख़ान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | जीत | |
शिल्पा शेट्टी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
जॉनी लीवर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
रोबिन भट्ट, आकाश खुराना, जावेद सिद्दीकी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार | जीत | |
अनु मलिक | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | जीत | |
देव कोहली ("ये काली काली आँखें") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
कुमार सानु ("ये काली काली आँखें") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत | |
कुमार सानु ("बाज़ीगर ओ बाज़ीगर") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
अलका याज्ञिक ("बाज़ीगर ओ बाज़ीगर") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
- ↑ "जिस फिल्म के टाइटल में 'किस' देखकर शिल्पा ने किया था इंकार, उसी मूवी ने बनाया सुपरहिट". पत्रिका. 28 मई 2018. अभिगमन तिथि 3 जून 2018.
- ↑ "बॉलीवुड का ऐसा नाम, हीरो बनकर फेल, विलेन बना तो सुपरहिट अब रोमांस किंग". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 3 जून 2018.