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08:44, 26 दिसम्बर 2018 का अवतरण

मेरा नाम जोकर

मेरा नाम जोकर का पोस्टर
निर्देशक राज कपूर
लेखक ख़्वाजा अहमद अब्बास
निर्माता राज कपूर
अभिनेता राज कपूर,
मनोज कुमार,
ओम प्रकाश
संगीतकार शंकर-जयकिशन
प्रदर्शन तिथि
1970
देश भारत
भाषा हिन्दी

मेरा नाम जोकर 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।

संक्षेप

ये कहानी राजू नाम के एक जोकर की है, जिसे सर्कस का सबसे अच्छा जोकर समझा जाता है। राजू के पिता की मौत सर्कस में एक करतब दिखाते समय होती है, इस कारण राजू की माँ उसे कभी भी सर्कस में काम नहीं करने देती है। राजू (ऋषि कपूर) को बचपन में ही अपनी शिक्षिका, मेरी (सिमी गड़ेवाल) से प्यार हो जाता है। पर वो उससे काफी बड़ी रहती है और उसकी शादी हो जाती है। इस कारण उसका दिल टूट जाता है पर उसे ये भी एहसास होता है कि वो पूरी दुनिया को हंसाने के लिए बना है।

बड़े होने के बाद राजू (राज कुमार) को जेमिनी सर्कस में काम मिल जाता है। वो सर्कस महेन्द्र सिंह (धर्मेन्द्र) का होता है, जो राजू के क्षमता को अच्छी तरह जानते रहता है और उसे काम पर रख लेता है। सर्कस में रूस से कलाकारों का एक समूह आता है, उनमें से एक लड़की, मरीना (क्सेनिया रियाबिंकीना) से राजू को प्यार हो जाता है। राजू को लगते रहता है कि वे दोनों साथ रहेंगे, पर सर्कस के खत्म हो जाने के बाद मरीना वापस रूस चले जाती है, जिससे राजू का दिल फिर टूट जाता है। इसी दौरान सर्कस में राजू की माँ भी राजू के करतब देखते रहती है और उसे अपने पति के मौत याद आ जाती है, उसी तरह के करतब अपने बेटे को करते देख उसकी मौत हो जाती है।

अब राजू सर्कस छोड़ देता है और बिना किसी लक्ष्य के इधर उधर घूमते रहता है। उसकी मुलाक़ात मीनू (पद्मिनी) से होती है, जो अनाथ लड़की है और एक प्रसिद्ध अभिनेत्री बनना चाहते रहती है। वे दोनों मिल कर छोटा सा सर्कस दिखाने लगते हैं और बाद में थियेटर में काम करने लगते हैं। वे दोनों काफी सफल हो जाते हैं और मीनू को फिल्म में काम करने का मौका भी मिल जाता है। वो अपने सपने को पूरा करने के लिए उसे छोड़ कर फिल्म में काम करने का फैसला करती है। इस तरह से राजू का तीसरी बार दिल टूट जाता है।

फिल्म के अंत में वो महेन्द्र से किए वादे के अनुसार अपना आखिरी करतब करता है। वो इसे दिखाने के लिए उन तीन लड़कियों को भी बुलाता है, जिससे उसने कभी प्यार किया था। वो दर्शकों को विश्वास दिलाता है कि वो फिर से आएगा और पहले से भी ज्यादा हँसाएगा।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."दाग ना लग जाये"हसरत जयपुरीआशा भोंसले, मुकेश4:51
2."जाने कहाँ गये वो दिन"हसरत जयपुरीमुकेश4:48
3."कहता है जोकर सारा जमाना"नीरजमुकेश5:28
4."ऐ भाई ज़रा देख के चलो"नीरजमन्ना डे6:02
5."तीतर के दो आगे तीतर"हसरत जयपुरीआशा भोंसले, सिमी गरेवाल, मुकेश3:47
6."अंग लग जा बलमा"शैली शैलेन्द्रआशा भोंसले4:40
7."जीना यहाँ मरना यहाँ"शैली शैलेन्द्रमुकेश4:19
8."काटे ना कटे रैना" (संवाद सहित)शैली शैलेन्द्रमन्ना डे, आशा भोंसले11:13
9."सदके हीर तुझ पे" (संवाद सहित)प्रेम धवनमोहम्मद रफ़ी4:20

नामांकन और पुरस्कार

फ़िल्म का संगीत शंकर-जयकिशन ने दिया था। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत का पुरस्कार भी मिला था। फिल्म के गीतकार थे शैलेन्द्र और हसरत जयपुरी।

"ए भाई ज़रा देख के चलो" गीत के लिए मन्ना डे को सर्वश्रेष्ठ गायक पुरस्कार से नवाज़ा गया था।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ