"परिमित समुच्चय": अवतरणों में अंतर
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वह समुच्चय जिसके अवयवों की संख्या परिमित हो उसे '''परिमित समुच्चय''' (Finite set) कहते हैं।<ref>{{cite book|title=सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा|author=शीलवंत सिंह|publisher=टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन |year=2011|isbn=9780071074810 |page=54}}</ref> |
वह समुच्चय जिसके अवयवों की संख्या परिमित हो उसे '''परिमित समुच्चय''' (Finite set) कहते हैं।<ref>{{cite book|title=सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा|author=शीलवंत सिंह|publisher=टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन |year=2011|isbn=9780071074810 |page=54}}</ref> |
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* A = {1, 2, 3, 4} |
* A = {1, 2, 3, 4} |
05:36, 13 दिसम्बर 2018 का अवतरण
वह समुच्चय जिसके अवयवों की संख्या परिमित हो उसे परिमित समुच्चय (Finite set) कहते हैं।[1]
उदाहरण
- A = {1, 2, 3, 4}
- B = {भारत के प्रधानमंत्री}
इन्हें भी देखें
- समुच्चय संकेतन
- रिक्त समुच्चय एवं शून्य समुच्चय
- अपरिमित समुच्चय
- उपसमुच्चय
- समुच्चयों का संघ
- सर्वनिष्ठ (समुच्चय सिद्धान्त)
- वेन आरेख
सन्दर्भ
- ↑ शीलवंत सिंह (2011). सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा. टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन. पृ॰ 54. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780071074810.