"अब्रहाम": अवतरणों में अंतर

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[[File:Abraham in the Mosque of Abraham IMG 2289.JPG|thumb|right|इब्राहिम मस्जिद]]
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'''हज़रत इब्राहम'''(लगभग 1800 ई.पू.) ईश्वर के आदेश से मेसोपोतेमिया के ऊपर तथा हारान नामक शहरों को छोड़कर कनान और मिस्र चले गए। बाइबिल में इब्राहम का जो वृत्तांत मिलता है (उत्पत्ति ग्रंथ, अध्याय 11-25), उसकी रचना लगभग 900 ई.पू. में अनेक परंपराओं के आधार पर हुई थी। इसमें संस्कृति और रीति-रिवाजों का जो वर्णन है वह हम्मुराबी (लि. 1728-1686 ई.पू.) से बहुत कुछ मिलता-जुलता है। इब्रानो तथा हम्मुराबी के बहुत से कानून एक जैसे हैं। आधुनिक खुदाई द्वारा हम्मुराबी का अच्छा परिचय प्राप्त हुआ है।
'''इब्राहम'''(लगभग 1800 ई.पू.) ईश्वर के आदेश से मेसोपोतेमिया के ऊपर तथा हारान नामक शहरों को छोड़कर कनान और मिस्र चले गए। बाइबिल में इब्राहम का जो वृत्तांत मिलता है (उत्पत्ति ग्रंथ, अध्याय 11-25), उसकी रचना लगभग 900 ई.पू. में अनेक परंपराओं के आधार पर हुई थी। इसमें संस्कृति और रीति-रिवाजों का जो वर्णन है वह हम्मुराबी (लि. 1728-1686 ई.पू.) से बहुत कुछ मिलता-जुलता है। इब्रानो तथा हम्मुराबी के बहुत से कानून एक जैसे हैं। आधुनिक खुदाई द्वारा हम्मुराबी का अच्छा परिचय प्राप्त हुआ है।


सारी बाइबिल में इब्राहम का महत्व स्वीकृत है-
सारी बाइबिल में इब्राहम का महत्व स्वीकृत है-
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* [[यीशु]]
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* [[मुहम्मद]]
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* [[मूसा]]
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* [[इज़राइल का इतिहास]]
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05:01, 4 दिसम्बर 2018 का अवतरण

इब्राहिम मस्जिद

इब्राहम(लगभग 1800 ई.पू.) ईश्वर के आदेश से मेसोपोतेमिया के ऊपर तथा हारान नामक शहरों को छोड़कर कनान और मिस्र चले गए। बाइबिल में इब्राहम का जो वृत्तांत मिलता है (उत्पत्ति ग्रंथ, अध्याय 11-25), उसकी रचना लगभग 900 ई.पू. में अनेक परंपराओं के आधार पर हुई थी। इसमें संस्कृति और रीति-रिवाजों का जो वर्णन है वह हम्मुराबी (लि. 1728-1686 ई.पू.) से बहुत कुछ मिलता-जुलता है। इब्रानो तथा हम्मुराबी के बहुत से कानून एक जैसे हैं। आधुनिक खुदाई द्वारा हम्मुराबी का अच्छा परिचय प्राप्त हुआ है।

सारी बाइबिल में इब्राहम का महत्व स्वीकृत है-

(1) ये एक इश्वर के मार्ग चलते थे। बाइबिल के अनुसार ईश्वर ने उनको कानान देश दिलाने की प्रतिज्ञा की थी। इनके साथ ईश्वर का जो व्याख्यान हुआ था उसकी स्मृति में यहूदी खतना करते हैं।हजरत मुहम्मद,हजरत मूसा और हजरत ईसा इब्राहम के सबसे महान्‌ वंशजों में से हैं।

(2) इब्राहम को ईश्वर का मित्र कहा गया है। ईश्वर के आदेश पर ये अपने एकमात्र पुत्र (जिनको हज़रत इब्राहीम ने इश्वर के आदेश पर अरब के मक्का में छोड़ा था)हज़रत इस्माइल की कुर्बानी करने के लिए तैयार थे। वस्तुत: अब्राहम उन समस्त लोगों के आध्यात्मिक पिता माने जाते हैं, जो एक ईश्वर पर आस्था रखते हैं।

इस्लाम धर्म में

इस्लाम धर्म के ग्रन्थ कुरान के अनुसार, हज़रत इब्राहीम एक बहुत बड़े पैगम्बर हैं ।[1] कुरआन में इब्राहीम के नाम से एक अध्याय (सूरा) भी है जिसे "सूरह-इब्राहीम" कहते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "हज से पहले काबा में होती थी कई ईश्वरों की पूजा".

संदर्भ ग्रंथ

  • एच.एच. राउली : रीसेंट डिस्कवरी ऐंड दि पैट्रिआर्कल एज, बुलेटिन ऑव दि जान राइलेनोल्स लाइब्रेरी, सितंबर, 1949;
  • ई. दोर्मे : अब्राहम दा लि केदर दि ला हिस्तोएर