"हैदराबाद प्रांत": अवतरणों में अंतर
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आस जाह प्रथम निज़ाम-उल-मुल्क आसफजाह '''मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी''' |
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19:08, 5 नवम्बर 2018 का अवतरण
हैदराबाद रजवाड़ा حیدر آباد | ||||||
रजवाड़ा ब्रिटिशकालीन | ||||||
| ||||||
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राजधानी | हैदराबाद | |||||
भाषाएँ | हैदराबादी उर्दु, तेलुगु, कुछ उर्दु,मराठी, कन्नड़ फारसी दफ्तर मे। | |||||
शासन | Principality | |||||
निज़ाम | ||||||
- | १७२०-४८ (प्रथम) | आसफ़ जाह प्रथम निज़ाम-उल-मुल्क मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी | ||||
- | १९११-१९४८(अंतिम) | आसफ़ जाह सप्तम मीर उस्मान अली ख़ान | ||||
इतिहास | ||||||
- | स्थापित | १७२४ | ||||
- | ऑपरेशन पोलो के तहत भारतीय संघ में मिलाया गया | १८ सितंबर १९४८ | ||||
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हैदराबाद स्टेट (तेलुगु: హైదరాబాదు, उर्दू: حیدر آباد) जो हैदराबाद डेक्कन के रूप में भी जाना जाता था ब्रिटिश काल की सबसे बड़ी नवाबी/राजशाही रियासत थी।[1] यह भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण-पश्चिमी ओर स्थित थी। इस रियासत मे वर्तमान राज्य, उत्तरी कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र का मराठवाड़ा विभागभाग थे। इस पर १७२४ से १९४८ तक निज़ाम राजवंश का शासन रहा।[2] रियासत का बरार क्षेत्र को ब्रिटिश भारत में १९०३ में विलय कर दिया गया था। हैदराबाद के आखरी निज़ाम मीर उस्मान अली खान थे जिनकी मृत्यु १९६७ में हुई।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- Zubrzycki, John. (2006) The Last Nizam: An Indian Prince in the Australian Outback. Pan Macmillan, Australia. ISBN 978-0-330-42321-2.(1911)
- Hyderabad: A Qur'anic Paradise in Architectural Metaphors
- From the Sundarlal Report - Muslim Genocide in 1948
- Exclusive: The real story of how Hyderabad became a part of India in 1948
- Mir Osman Ali Khan, the last Nizam of Hyderabad who gave 5 tonnes gold to National Defence Fund did not use a blanket worth 35 rupees for his personal use
- 'Nizam of Hyderabad led life simpler than Mahatma Gandhi'
- Nizam gave funding for temples, and Hindu educational institutions
- Nizam Hyderabad Mir Osman Ali Khan was a perfect secular ruler