"पंचांग": अवतरणों में अंतर

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12:11, 27 जून 2009 का अवतरण

पंचांग (पंच + अंग = पांच अंग) हिन्दू काल-गणना की रीति से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर को कहते हैं।

पंचांग का एक पृश्ठ 1871-72.

12 मास का एक वर्ष और 7 दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से शुरू हुआ | महीने का हिसाब सूर्यचंद्रमा की गति पैर रखा जाता है | यह 12 राशियाँ बारह सौर मास हैं | जिस दिन सूर्य जिस राशि मे प्रवेश करता है उसी दिन की संक्रांति होती है | पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र मे होता है उसी आधार पैर महीनो का नामकरण हुआ है | चंद्र वर्ष, सौर वर्ष से 11 दिन 3 घाटी 48 पल छोटा है | इसीलिए हर 3 वर्ष मे इसमे 1 महीना जोड़ दिया जाता है |


महीनों के नाम

महीनों के नाम पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा इस नक्षत्र होता है
चैत्र चित्रा , स्वाति
बैशाख विशाखा , अनुराधा
ज्येष्ठ ज्येष्ठा , मूल
आषाढ़ पूर्वाषाढ़ , उत्तराषाढ़ , सतभिषा
श्रावण श्रवण , धनिष्ठा
भाद्रपद पूर्वभाद्र , उत्तरभाद्र
आश्विन अश्विन , रेवती , भरणी
कार्तिक कृतिका , रोहणी
मार्गशीर्ष मृगशिरा , उत्तरा
पौष पुनवर्सु ,पुष्य
माघ मघा , अश्लेशा
फाल्गुन पूर्व फाल्गुन , उत्तर फाल्गुन , हस्त

वाह्य सूत्र