"पाशन नियम": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Paschen curves.svg|right|thumb|300px|[[हिलियम]], [[आर्गन]], [[हाइड्रोजन]] और [[नाइट्रोजन]] के लिए पाशन वक्र]]
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'''पाशन नियम''' (Paschen's Law) एक समीकरण है जो दो इलेक्ट्रोडों के बीच भरी [[गैस]] की [[भंजन वोल्टता]] बताता है। इस नियम का नाम [[फ्रेड्रिख पाशन]] (Friedrich Paschen) के नाम पर पड़ा है जिसने १८८९ में यह नियम दिया था।
'''पाशन नियम''' (Paschen's Law) एक [[समीकरण]] है जो दो इलेक्ट्रोडों के बीच भरी [[गैस]] की [[भंजन वोल्टता]] बताता है। इस नियम का नाम [[फ्रेड्रिख पाशन]] (Friedrich Paschen) के नाम पर पड़ा है जिसने १८८९ में यह नियम दिया था।


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जहाँ
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* <Math> V_b </math> डीसी भंजन वोल्टता (वोल्ट में)
* <Math> V_b </math> डी.सी. [[भंजन वोल्टता]] (वोल्ट में)
* <Math> A </math> तथा <math> B </math> नियतांक हैं जो आसपास की गैस की प्रकृति पर निर्भर करते हैं।
* <Math> A </math> तथा <math> B </math> नियतांक हैं जो आसपास की गैस की प्रकृति पर निर्भर करते हैं।
* <Math> p </math> आसपास की गैस का [[दाब]] (पास्कल में)
* <Math> p </math> आसपास की गैस का [[दाब]] (पास्कल में)

14:34, 13 अक्टूबर 2018 का अवतरण

हिलियम, आर्गन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन के लिए पाशन वक्र

पाशन नियम (Paschen's Law) एक समीकरण है जो दो इलेक्ट्रोडों के बीच भरी गैस की भंजन वोल्टता बताता है। इस नियम का नाम फ्रेड्रिख पाशन (Friedrich Paschen) के नाम पर पड़ा है जिसने १८८९ में यह नियम दिया था।

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जहाँ

  • डी.सी. भंजन वोल्टता (वोल्ट में)
  • तथा नियतांक हैं जो आसपास की गैस की प्रकृति पर निर्भर करते हैं।
  • आसपास की गैस का दाब (पास्कल में)
  • इलेक्ट्रोडों के बीच की दूरी (सेन्टीमीटर में)
  • द्वितीयक इलेक्ट्रान विसर्जन नियतांक

अधिक दाब तथा अधिक इलेक्ट्रोड-दूरी हो तो भंजन वोल्टता का मान मोटे तौर पर दाब और दूरी के गुणनफल के समानुपाती होता है। कभी-कभी इसी सरल नियम को ही पाशन का नियम कह दिया जाता है।

पाशन वक्रों से स्पष्ट है कि किसी विशेष दाब (जो न बहुत कम हो, न बहुत अधिक) पर भंजन वोल्टता न्यूनतम होती है। अतः भंजन वोल्टता अधिक पाने के लिए या तो बहुत कम दाब रखा जाना चाहिए या पर्याप्त रूप से उच्च दाब।