"महिला": अवतरणों में अंतर
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नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार।
विभिन्न संस्कृतियों मे नारी
भारतीय नारी
ऐतिहासिक तौर पर भारतीय नारी की भूमिका में काफ़ी फ़र्क आया है। परम्परागत तौर पर मध्य वर्ग में नारी की भूमिका घरेलू कामों से जुडी़ रहती थी जैसे कि बच्चों की देखभाल करना और ज़्यादातर औरतें पैसे कमाने नहीं जाती थीं। गरीब नारी में, खासकर के मेहनती वर्ग में पैसों की कमी की वजह से नारी को काम करना पड़ता था, हालांकि औरतों को दिये जाने वाले काम हमेशा मर्दों को दिये जाने वाले कामों से प्रतिष्ठा और पैसों दोनो में छोटे होते थे। धीरे-धीरे, घर की नारी का काम न करना धन और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाने लगा जबकि नारी के काम करने का मतलब उस घर को निचले वर्ग का गिना जाता था। आरती वर्मा एक महान महिला / लेकिन वर्तमान में नारी का कम करना प्रतिष्ठा की सूचक बनता जा रहा हैं.संतोषी सदा सुखी की नितांत अंतर्निहित नारी की सोच में महिलाएं अपनी क्षमता का आकलन कर अदूर्द्र्शितापूर्ण निर्णय लेने लगी हैं.नैतिक मूल्यों का गला घोटकर अपने भविष्य के प्रति अनिश्चितता की भावना भी रखती हैं.
बाहरी कडियाँ
- शक्ति का सशक्तीकरण - राजेन्द्र गुप्त का नारी-सशक्तीकरण पर केंद्रित जालस्थल
- आधी आबादी (स्त्रियों से सम्बन्धित विषयों का सम्पूर्ण हिन्दी पोर्टल)
- नारी कामसूत्र (गूगल पुस्तक ; लेखिका - डॉ विनोद वर्मा)
- नोबेल पुरस्कृत महिलाएँ (गूगल पुस्तक ; लेखिका - आशा रानी वोहरा)