"पोलो": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Polo players.jpg|thumb|पोलो खेलते हुए खिलाडी]]
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[[चित्र:Campeonato Argentino de Polo 2010 - 5237109478 e7ed034169 o.jpg|thumb|left|अर्जेंटीना में पोलो चैम्पियनशिप]]
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'''पोलो''' ({{lang-en|Polo}}) एक टीम खेल है जिसे घोडों पर बैठ कर खेला जाता है जिसका उद्द्येश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याती मिली। इसमें खिलाडी एक प्लास्टिक या लकडी की गेंद को बडे हॉकी जैसे डंडों से मार कर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिष करते है। परम्परागत तरिके में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बडे खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाडी होते है। इसका उद्भव प्राचीन फारस माना जाता है| फारस में 525 ईस्वी पूर्व में पुळु के नाम से यह खेल खेला जाता था। कुछ इसे मणिपुर मानते है|भारत से यह खेल 10वी हुसार रेजीमेंट द्वारा 1869 ईस्वी में इंग्लैण्ड ले जाया गया।
'''पोलो''' ({{lang-en|Polo}}) एक टीम खेल है जिसे घोडों पर बैठ कर खेला जाता है जिसका उद्द्येश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याती मिली। इसमें खिलाडी एक प्लास्टिक या लकडी की गेंद को बडे हॉकी जैसे डंडों से मार कर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिष करते है। परम्परागत तरिके में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बडे खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाडी होते है। इसका उद्भव प्राचीन फारस माना जाता है| फारस में 525 ईस्वी पूर्व में पुळु के नाम से यह खेल खेला जाता था। कुछ इसे मणिपुर मानते है|भारत से यह खेल 10वी हुसार रेजीमेंट द्वारा 1869 ईस्वी में इंग्लैण्ड ले जाया गया। isme sbhi khiladi helmet pehnte hain


[[श्रेणी:खेल]]
[[श्रेणी:खेल]]

16:47, 28 सितंबर 2018 का अवतरण

पोलो खेलते हुए खिलाडी
अर्जेंटीना में पोलो चैम्पियनशिप

पोलो (अंग्रेज़ी: Polo) एक टीम खेल है जिसे घोडों पर बैठ कर खेला जाता है जिसका उद्द्येश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याती मिली। इसमें खिलाडी एक प्लास्टिक या लकडी की गेंद को बडे हॉकी जैसे डंडों से मार कर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिष करते है। परम्परागत तरिके में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बडे खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाडी होते है। इसका उद्भव प्राचीन फारस माना जाता है| फारस में 525 ईस्वी पूर्व में पुळु के नाम से यह खेल खेला जाता था। कुछ इसे मणिपुर मानते है|भारत से यह खेल 10वी हुसार रेजीमेंट द्वारा 1869 ईस्वी में इंग्लैण्ड ले जाया गया। isme sbhi khiladi helmet pehnte hain