"विकिपीडिया:पुनरीक्षक पद हेतु निवेदन": अवतरणों में अंतर

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:: [[User:SM7]] '''हिंदुत्ववादी, ब्राह्मणवादी, <u>मूर्खता पूर्ण</u> भावनाओं के साथ समुदाय बना कर कार्य करना''' ये हि.वि के वातावरण को कलुषित करने का प्रयास नहीं तो क्या है? कहाँ गये वो लोग जो कहा करते थे कि, नेहल व्यक्तिगत आरोप लगाता है? यहाँ धर्म के आधार पर भी अब सम्पादन होने को पुष्टि मिल रही है। आपके प्रस्ताव की दुर्भावना प्रत्यक्ष हो गई, तो अब चर्चा को और निम्न स्तर पर ले जा रहे हैं। इसके पश्चात् यदि कोई आपको प्रत्युत्तर देते हुए छोटा सा भी कुछ बोल देगा, तो आप उसके दोष को महादोष बनाने लग जाएँगे। अब ये बंद करें और अपना कार्य करें और दूसरो को अपना कार्य करने दें। इसके साथ साथ ये स्वीकार कर लें कि हिन्दी में अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, बंगाली, बिहारी इत्यादि भाषाओँ के शब्दों के साथ साथ संस्कृत भाषा के भी शब्द हैं, अपने सीमित ज्ञान के अनुसार हिन्दी को सीमित न बनाएँ। आपको बर्बरता है या नहीं का उत्तर अपने चर्चा पृष्ठ पर ध्यान से पढना चाहिये था, तो इस प्रश्न का पुनरावर्तन न करना पडता। अस्तु। <b><span style="text-shadow:6px 6px 8px gray">[[u:NehalDaveND|<span style="color:#FF9933">ॐNehalDaveND</span>]]<sup>•[[सदस्य वार्ता:NehalDaveND|<font color="blue">✉</font>]]•[[विशेष:योगदान/NehalDaveND|<font color="green">✎</font>]]</sup></span></b> 08:18, 18 सितंबर 2018 (UTC)
:: [[User:SM7]] '''हिंदुत्ववादी, ब्राह्मणवादी, <u>मूर्खता पूर्ण</u> भावनाओं के साथ समुदाय बना कर कार्य करना''' ये हि.वि के वातावरण को कलुषित करने का प्रयास नहीं तो क्या है? कहाँ गये वो लोग जो कहा करते थे कि, नेहल व्यक्तिगत आरोप लगाता है? यहाँ धर्म के आधार पर भी अब सम्पादन होने को पुष्टि मिल रही है। आपके प्रस्ताव की दुर्भावना प्रत्यक्ष हो गई, तो अब चर्चा को और निम्न स्तर पर ले जा रहे हैं। इसके पश्चात् यदि कोई आपको प्रत्युत्तर देते हुए छोटा सा भी कुछ बोल देगा, तो आप उसके दोष को महादोष बनाने लग जाएँगे। अब ये बंद करें और अपना कार्य करें और दूसरो को अपना कार्य करने दें। इसके साथ साथ ये स्वीकार कर लें कि हिन्दी में अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, बंगाली, बिहारी इत्यादि भाषाओँ के शब्दों के साथ साथ संस्कृत भाषा के भी शब्द हैं, अपने सीमित ज्ञान के अनुसार हिन्दी को सीमित न बनाएँ। आपको बर्बरता है या नहीं का उत्तर अपने चर्चा पृष्ठ पर ध्यान से पढना चाहिये था, तो इस प्रश्न का पुनरावर्तन न करना पडता। अस्तु। <b><span style="text-shadow:6px 6px 8px gray">[[u:NehalDaveND|<span style="color:#FF9933">ॐNehalDaveND</span>]]<sup>•[[सदस्य वार्ता:NehalDaveND|<font color="blue">✉</font>]]•[[विशेष:योगदान/NehalDaveND|<font color="green">✎</font>]]</sup></span></b> 08:18, 18 सितंबर 2018 (UTC)
:::बेवकूफ़ानन्दनन्दन जो बोल्ड में लिख रहे उन चीजों पर चर्चा न की जाय यही मैंने भी लिखा है।--[[User:SM7|<span style="color:#00A300">SM7</span>]]<sup>[[User talk:SM7|<small style="color:#6F00FF">--बातचीत--</small>]]</sup> 08:28, 18 सितंबर 2018 (UTC)
:::बेवकूफ़ानन्दनन्दन जो बोल्ड में लिख रहे उन चीजों पर चर्चा न की जाय यही मैंने भी लिखा है।--[[User:SM7|<span style="color:#00A300">SM7</span>]]<sup>[[User talk:SM7|<small style="color:#6F00FF">--बातचीत--</small>]]</sup> 08:28, 18 सितंबर 2018 (UTC)
: अरे मूर्खवंशी, तो तू तो उस बात को ला रहा है, तेरे से पहले किसने लिखा ऐसा कुछ? संस्कृतीकरण की बात तू लाया मूखानन्द। हम हिन्दी की बात कर रहे हैं। हिन्दी में सभी शब्द अन्तर्भूत होते हैं और रही बात बर्बरता की तो वो अपने चर्चा पृष्ठ पर ही देखना उचित होगा तेरे लिये।<b><span style="text-shadow:6px 6px 8px gray">[[u:NehalDaveND|<span style="color:#FF9933">ॐNehalDaveND</span>]]<sup>•[[सदस्य वार्ता:NehalDaveND|<font color="blue">✉</font>]]•[[विशेष:योगदान/NehalDaveND|<font color="green">✎</font>]]</sup></span></b> 09:12, 18 सितंबर 2018 (UTC)

09:12, 18 सितंबर 2018 का अवतरण

साँचा:विशेषाधिकार/धागा

विकिपीडिया पुनरीक्षक
दायित्व

पुनरीक्षक अन्य सदस्यों के संपादन जाँचने का अधिकार रखते है। इनके द्वारा अंकित हुआ संपादन सही माना जाता है। इसके अलावा विकि पर कई लेख जो पुनरीक्षक के स्तर पर सुरक्षित किये जाते है केवल पुनरीक्षकों की अनुमति के बाद ही अपडेट होते है। मुख्यतः अब किसी भी पृष्ठ को अर्ध सुरक्षित या पूर्ण सुरक्षित करने की बजाय पुनरीक्षकों के स्तर पर सेट कर सकते हैं। इससे ऐसा होगा कि कोई अन्य सदस्य इस स्तर पर सुरक्षित पेज को संपादित कर पायेंगा। परन्तु उसके द्वारा किये गये परिवर्तन कच्चे होंगे वह तभी स्वीकार्य होंगे जब पुनरीक्षक उन्हे जाँच लेंगे मतलब स्वीकार कर लेंगे। इससे यह फायदा होगा कि जिस प्रकार कोई अविशिष्ट सदस्य पूर्ण सुरक्षित पृष्ठ को संपादित नहीं कर पाता परन्तु पुनरीक्षकों के स्तर पर सेट करने पर उस सदस्य को उस पृष्ठ पर संपादन करने का अधिकार मिलेगा और उसके द्वारा किये गये परिवर्तन वाले पृष्ठ को तब तक स्वीकार नहीं किया जायेगा जब तक कोई प्रबंधक या पुनरीक्षक उसे स्वीकार न करे। स्वतः पुनरीक्षित सदस्यों के संपादन स्वतः ही जाचँ हो जायेंगे आशा है इस समस्या से पूर्ण सुरक्षित होने वाले पृष्ठों को किसी अनामक सदस्य द्वारा संपादित न कर पाने वाली समस्या दूर हो जायेगी। इसके साथ कई महत्त्वपूर्ण पृष्ठों को बर्बरता एवं उत्पात से बचाया जा सकेगा। जिससे प्रबंधक एवं रोलबैकर्स उन संपादनो को वापिस नहीं लौटाते। इस अधिकार प्राप्ति के लिये कोई भी सदस्य स्वयं अथवा कोई प्रबंधक किसी कुशल सदस्य को यहां नामांकित करे। कोई भी प्रबंधक उचित लगने पर आपको यह अधिकार दे देगा।

पुनरीक्षक पद हेतु आवश्यकताएं
  1. विकि पर अच्छा संपादन अनुभव
  2. ७०% बहुमत में समर्थन अथवा ४ विशेष समर्थन(प्रबंधक, विशिष्ट सदस्य एवं पुनरीक्षक) बिना किसी विरोध के
निवृत्ति
  1. विकि नीतियों का चेतावनी मिलने के वाबजूद निरंतर उल्लंघन





Dharmadhyaksha पुनरीक्षक हेतु नामांकन









NehalDaveND पुनरीक्षण दायित्व जारी रखा जाय अथवा नहीं?

सदस्य को वर्तमान में पुनरीक्षक दायित्व प्राप्त हैं और सदस्य ने मेरे संपादन बर्बरता कहते हुए ट्विंकल से रोलबैक किये जो कि इनके स्वयं के संपादनों को पूर्ववत करने के रूप में थे। पश्न पूछे जाने पर सदस्य का उत्तर सदस्य के वार्ता पन्ने और मेरे वार्ता पृष्ठ पर देखे जा सकते हैं। स्पष्ट है कि सदस्य को बर्बरता क्या नहीं होती, प्रत्यावर्तन करने से पूर्व किसे बातचीत करनी चाहिए और इसा तरह के प्रत्यावर्तन कब नहीं करना चाहिए इत्यादि मूलभूत चीजें भी नहीं पता।

अतः समुदाय मत व्यक्त करे कि इनके इस तरह के कायों को देखते हुए इनका पुनरीक्षक अधिकार जारी रखा जाय अथवा नहीं? धन्यवाद।--SM7--बातचीत-- 17:09, 17 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मत

आप भी बदले की भावना पहचानते हैं? मेटा पर चले जाएँ। --SM7--बातचीत-- 20:54, 17 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
सलाम वालेकुम मियाँ, हम में चौधरीगिरी कहाँ वो तो दूसरों लोगों ने मुँह छुपाने के लिए रख रखी हैं।--जयप्रकाश >>> वार्ता 01:43, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
क्यों मेटा तक जाने की आदत है? हमारे मियाँ होने और परदा उतरवाने भी चले जाओ। नीचे वाले बाबू साहब भी सहजोग करेंगे। --SM7--बातचीत-- 05:04, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  • हटाया जाय - सदस्य को नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ये बर्बरता कैसे हुई? साथ ही नेहल जी का उत्पीड़न का इतिहास भी है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 17:28, 17 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  • हटाया जाय --मुज़म्मिल (वार्ता) 18:37, 17 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  • जारी रखा जाय। फिलहाल मैं सदस्य का पुनरीक्षण का अधिकार वापस लेने के पक्ष में नहीं हूँ। मशीनी अनुवाद की श्रेणी को यांत्रिक अनुवाद में बदलने के पीछे संस्कृतीकरण की मंशा यदि हो भी तो इस कार्य से हिंदी विकि का कुछ भी अहित नहीं हुआ है। इसके बजाय प्रबंधकों को सदस्य के खिलाफ अपने अधिकार प्रयोग में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। अभी एक प्रबंधक ने मेरे संपादन को भी अनावश्यक रूप से पूर्ववत किया था। लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनसे प्रबंधकीय अधिकार वापस लेने की माँग की जानी चाहिए। ऐसा करके हम एक गलत परंपरा को जन्म देंगें। अनिरुद्ध! (वार्ता) 19:48, 17 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
अनिरुद्ध! जी नमस्ते, आप शायद इसे "फिलहाल" वाली समस्या समझ रहे हैं। जबकि हुआ यह है कि इस घटनाक्रम में सदस्य की बर्बरता की समझ सामने आ गयी है। हिंदी का हित मशीनी में है अथवा यांत्रिक में यह अपना अपना मत हो सकता है और ऐसे प्रयासों से हिंदी का अहित होता है यह मैं बहुत दृढ़तापूर्वक मानता हूँ। मुझे नहीं लगता कि आप यह मानते होंगे कि संस्कृतनिष्ठ हिंदी ही अच्छी हिंदी होती। बहरहाल इस तरह के पक्षपात की नीयत बाँध कर संपादन करना विघटनकारी सम्पादन तो कहलाता ही है। कब उससे अहित होने से बच गया यह चर्चा का विषय है। और जो आपने अपनी बात कहा, एक प्रबंधक ने अनावश्यक आपका संपादन पूर्ववत किया तो आप उनसे कारण पूछ सकते हैं बजाय खुद अनावश्यक घोषित करने के। कम से कम आपने उस पूर्ववत करने को यह कहके तो रोलबैक नहीं ही कर दिया होगा कि यह बर्बरता है । मैंने यह आवेदन उक्त पूर्ववत करने से नाराज़ होकर नहीं किया बल्कि सदस्य की इस दायित्व हेतु अयोग्यता के स्पष्ट प्रमाण के रूप में इसे प्रस्तुत कर रहा। संस्कृताइजेशन तो यह बहुत दिनों से कर रहे, वह भी नाराजगी का विषय नहीं बल्कि चर्चा की चीज है, पर इस तरह कोई इंटेंशन रखते हुए विकिपीडिया पर अपने मत को प्रचारित करने का प्रयास विघटनकारी है; भले आपको लगता हो कि संस्कृताइजेशन से हिंदी का हित होगा। --SM7--बातचीत-- 20:43, 17 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
प्रबंधक बनने के बाद ज्ञानचक्षु खुल गए लगते हैं। समझ में आने लगा है कि कहाँ क्या बात करनी चाहिए। यह कहाँ दिखा कि संस्कृतनिष्ठ हिंदी के विरोध में यह प्रस्ताव लाया गया है। मत कार्य को देख कर दे रहे या आपकी विचारधारा का आदमी है इसलिए पद पर बने रहने दिया जाय ?--SM7--बातचीत-- 05:04, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
पक्षपात किसे कहते हैं, ये घटना उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
  1. एक सदस्य जो किसी अधिकार को अनुपयुक्त मानता है, वो अधिकार त्यागना नहीं चाहता परन्तु कोई अन्य उसका उपयोग करने का प्रयास करे, तो उसे रोकना अवश्य चाहता है। इतने महिने हो गये अब तक चित्र प्रेरक का अधिकार त्यागा क्यों नहीं गया?
  2. एक सदस्य जो तीन प्रबन्धकों का कार्य पूर्ववत् कर देता है, जो पश्चात् अनुचित सिद्ध होता है, फिर वो एक पुनरीक्षक स्तर के सम्पादक को बिना कारण प्रतिबन्धित कर देता है, इतना सब करने के पश्चात् भी उसे चेतावनी नहीं मिली है, ये हास्यास्पद पक्षपात् का साक्षी समुदाय रहा है। उसे कब मिलेगी चेतावनी?
  3. एक सदस्य जो समुदाय की चर्चाओं को सर्वदा अनिर्णय की अवस्था में पहुंचा कर कलह को जन्म देता है, वो स्वयं पक्षपाती हो कर एक पक्ष को नष्ट करने का प्रयास करता है, वो सामने वाले को संस्कृतीकरण करने वाला कहता है। परन्तु उसके पूर्व किसी ने देवनागरी अङ्को से अरबी अङ्क कर दिये, तो तब वो कुछ नहीं बोलेगा। इस सम्पादन के विषय में बोलने से जो व्यक्ति भागता है, वो अन्य बातों में तो आक्रमक हो कर निर्णय लेने को कहता है, ऐसे की बात समुदाय क्यों सुने?
  4. इनके पक्षपात् का उदाहरण इस चर्चा में ही उपस्थित है, जो आपने अपनी बात कहा, एक प्रबंधक ने अनावश्यक आपका संपादन पूर्ववत किया तो आप उनसे कारण पूछ सकते हैं बजाय खुद अनावश्यक घोषित करने के। इस वाक्य से ये दूसरो को अनुचित घोषित करने का प्रयास करे, वो कुछ नहीं? क्या वो पूछ नहीं सकते थे कि मैंने ऐसा क्यों किया? क्यों उन्होंने मेरे सम्पादन को स्वयं ही अनावश्यक और अनुचित घोषित कर दिया? वो पूछते तो बिना विवाद ये बात समाप्त हो जाती। क्योंकि इस घटना में एक ही त्रुटि है, मशीनी अनुवाद श्रेणी को दूर करने का नामाङ्कन, मुझे विलय करने के लिये कहना चाहिये था, मशीनी अनुवाद नामक लेख भी यान्त्रिक अनुवाद को अनुप्रेषित हुआ है। आन्तर्विकि कड़ी का परिष्कार भी मैंने नहीं किया था। ये चर्चा पूर्ण होगी, तब मैं आन्तर्विकि का दोष दूर कर दूंगा और विलय के लिये नामाङ्कन भी करूंगा। अस्तु। ॐNehalDaveND 03:23, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
बंधू प्रस्ताव आप ही के खिलाफ है। यह मत अनुभाग में इतना प्रलाप क्यों ? पूछा जाय कुछ तो सफाई दीजिये और अलग अनुभाग में दीजिये। इतना तो पुनरीक्षक होने के नाते समझते होंगे। --SM7--बातचीत-- 05:04, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  • सादर अधिकार बनाए रखें :- और इसके साथ हिन्दी विकि समुदाय यह भी समझ ले कि यह प्रस्ताव उस सदस्य को रास्ते से हटाने के लिए है जो हिन्दी विकी के फ़ाऱस़ीक़ऱण़ का विरोधी रहा है। मिया एस एम ७ आरम्भ से ही परोक्ष या प्रत्यक्ष हिन्दी और देवनागरी के विरुद्ध कार्य करते रहे हैं। मैं दसों उदाहरण दे सकता हूँ। सुनते हैं जयचन्द ने एक आक्रन्ता को चिट्ठी लिखी थी और भारत पर आक्रमण के लिए बुलाया था। यदि मेरी स्मृति ठीक है तो कुछ दिन पहले जनाब ने भी इस तरह की चिट्ठी लिखकर सबको चकित कर दिया था। इसलिए यदि इसी तरह की कोई कार्वाई करनी है तो इसके वास्तविक ह़क़द़ार ये ज़ऩाब ही हैं। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:31, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
आप का आना स्वागत योग्य है। नजाने कितने वर्षों से हिंदी विकिपीडिया को हिंदू विकिपीडिया बनाने और भारतीय (अपनी संकीर्ण सोच के साथ) विकिपीडिया बनाने के प्रोजेक्ट पर हैं। बरसों पहले जिसे प्रतिबंधित हो जाना चाहिए था वो ऐसी बात यहाँ तो न करे। मत दें, कुछ और न करें। और अगली बार कोसिस करना बाबू साहब कि हर अच्छर के नीचे नुक्ता लगा के लिख पाओ। हो सकता है इससे आपके मत का वज़न कई गुना बढ़ जाए। --SM7--बातचीत-- 05:04, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]


टिप्पणी

कृपया सदस्य गण इन पुनरीक्षक महोदय के कार्यों पर विचार करें, इन्हें नीति नहीं समझ आती इसलिए प्रस्ताव लाया गया है। मेरे द्वारा इनका संपादन पूर्ववत करना बर्बरता था या नही यह विचार का विषय हो सकता है। संस्कृतीकरण, हिन्दूकरण, मेरा मियाँ होना, या एक ख़ास गैंग का इन हिंदुत्ववादी, ब्राह्मणवादी, मूर्खता पूर्ण भावनाओं के साथ समुदाय बना कर कार्य करना, हिंदी का हित किसमें है किसमें नहीं, यह तय करना ... इत्यादि इस प्रस्ताव के विषय नहीं हैं। ऐसी टिप्पणी करने वाले का मत प्रबंधक किस प्रकार गिनते हैं उन्हें भी सोचना होगा। यह वोटिंग नहीं है। --SM7--बातचीत-- 05:18, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

कुतर्क करने के चक्कर में आप अपने आप को हास्यास्पद बना रहे हैं। ऊपर लिखते हैं, "मत दें, कुछ और न करें"। फिर नीचे लिखते हैं, "यह वोटिंग नहीं है"। वास्तव में आपके इस विषवमन ने मेरी बातों पर आपसे स्वयं मुहर लगवा दिया है। एक बात और। किस मदरसे ने आपको 'मिया' शब्द का नकारात्मक अर्थ रटाया है? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 06:02, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
User:SM7 हिंदुत्ववादी, ब्राह्मणवादी, मूर्खता पूर्ण भावनाओं के साथ समुदाय बना कर कार्य करना ये हि.वि के वातावरण को कलुषित करने का प्रयास नहीं तो क्या है? कहाँ गये वो लोग जो कहा करते थे कि, नेहल व्यक्तिगत आरोप लगाता है? यहाँ धर्म के आधार पर भी अब सम्पादन होने को पुष्टि मिल रही है। आपके प्रस्ताव की दुर्भावना प्रत्यक्ष हो गई, तो अब चर्चा को और निम्न स्तर पर ले जा रहे हैं। इसके पश्चात् यदि कोई आपको प्रत्युत्तर देते हुए छोटा सा भी कुछ बोल देगा, तो आप उसके दोष को महादोष बनाने लग जाएँगे। अब ये बंद करें और अपना कार्य करें और दूसरो को अपना कार्य करने दें। इसके साथ साथ ये स्वीकार कर लें कि हिन्दी में अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, बंगाली, बिहारी इत्यादि भाषाओँ के शब्दों के साथ साथ संस्कृत भाषा के भी शब्द हैं, अपने सीमित ज्ञान के अनुसार हिन्दी को सीमित न बनाएँ। आपको बर्बरता है या नहीं का उत्तर अपने चर्चा पृष्ठ पर ध्यान से पढना चाहिये था, तो इस प्रश्न का पुनरावर्तन न करना पडता। अस्तु। ॐNehalDaveND 08:18, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
बेवकूफ़ानन्दनन्दन जो बोल्ड में लिख रहे उन चीजों पर चर्चा न की जाय यही मैंने भी लिखा है।--SM7--बातचीत-- 08:28, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]
अरे मूर्खवंशी, तो तू तो उस बात को ला रहा है, तेरे से पहले किसने लिखा ऐसा कुछ? संस्कृतीकरण की बात तू लाया मूखानन्द। हम हिन्दी की बात कर रहे हैं। हिन्दी में सभी शब्द अन्तर्भूत होते हैं और रही बात बर्बरता की तो वो अपने चर्चा पृष्ठ पर ही देखना उचित होगा तेरे लिये।ॐNehalDaveND 09:12, 18 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]