"लक्ष्मीकुट्टी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
"Lakshmikutty" पृष्ठ का अनुवाद करके निर्मित किया गया
 
No edit summary
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==
{{reflist}}
{{reflist}}

==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.vikalpsangam.org/article/जगल-क-बड-म-करल-क-एक-आदवस-महल-ज-लगभग-५००-औषधय-क-नसख-क-अपन-समरण-शकत-म-सजय-ह-in-hindi/#.W5qE5SKEpxA जंगल की बड़ी माँ- केरल की एक आदिवासी महिला जो लगभग ५०० औषधियों के नुस्ख़ों को अपनी स्मरण-शक्ति में संजोये है ]
*[https://www.dw.com/hi/जंगल-की-दादी-को-याद-हैं-500-दवा-बनाने-का-तरीका/a-42320811 जंगल की दादी को याद हैं 500 दवा बनाने के तरीके]

[[श्रेणी:1943 में जन्मे लोग]]
[[श्रेणी:1943 में जन्मे लोग]]
[[श्रेणी:जीवित लोग]]
[[श्रेणी:जीवित लोग]]

17:16, 13 सितंबर 2018 का अवतरण

लक्ष्मीकुट्टी ( मलयालम: ലക്ഷ്മിക്കുട്ടി , जन्म 1943) भारतीय राज्य केरल के तिरुवनंतपुरम में कलार जंगलों में रहने वाली एक आदिवासी महिला हैं जिन्हें पारम्परिक दवाइयों के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[1] लक्ष्मीकुट्टी पारम्परिक दवाइयों पर काम करने वाली प्रसिद्ध विषारोग्यसाधक हैं। उन्हें केरल सरकार की तरफ से १९९५ में नाट्टु वैद्य रत्न पुरस्कार भी मिला था। वो पारम्परिक दवाइयों पर पिछले ५० वर्ष से काम कर रही हैं।[2]

सन्दर्भ

  1. ANI. "Meet Padma Shri awardee Lakshmikutty, a 75-yr-old poison healer from Kerala | Business Standard News". Business-standard.com. अभिगमन तिथि 2018-01-29.
  2. "Modi hails herbal healer Lakshmikutty". The Hindu. 2017-06-20. अभिगमन तिथि 2018-01-29.

बाहरी कड़ियाँ