"विकिपीडिया:प्रबन्धक सूचनापट": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
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:मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा। अगर ये सम्पादन हटा दिए तो चर्चा बेमतलब सी लगेगी। {{सुनो-प्रबंधक}} की राय ले ली जाए।--[[सदस्य:हिंदुस्थान वासी|<font color="80 00 80">हिंदुस्थान वासी</font>]]<sup> ''' [[सदस्य वार्ता:हिंदुस्थान वासी|वार्ता]]''' </sup> 16:08, 4 अप्रैल 2018 (UTC)
:मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा। अगर ये सम्पादन हटा दिए तो चर्चा बेमतलब सी लगेगी। {{सुनो-प्रबंधक}} की राय ले ली जाए।--[[सदस्य:हिंदुस्थान वासी|<font color="80 00 80">हिंदुस्थान वासी</font>]]<sup> ''' [[सदस्य वार्ता:हिंदुस्थान वासी|वार्ता]]''' </sup> 16:08, 4 अप्रैल 2018 (UTC)
:: उत्तर देने के लिए धन्यवाद [[सदस्य:हिंदुस्थान_वासी|हिंदुस्थान वासी]] जी। मेरे हिसाब से इसका समाधान ये है: मेरे कार्यस्थल के नाम की जगह "XYZ" लिख दीजिए, ताकि मेरी गोपनीयता भी बनी रहे और चर्चा बेमतलब भी न बने। --[[सदस्य:Gaurav561|गौरव]] ([[सदस्य वार्ता:Gaurav561|वार्ता]]) 17:15, 4 अप्रैल 2018 (UTC)
:: उत्तर देने के लिए धन्यवाद [[सदस्य:हिंदुस्थान_वासी|हिंदुस्थान वासी]] जी। मेरे हिसाब से इसका समाधान ये है: मेरे कार्यस्थल के नाम की जगह "XYZ" लिख दीजिए, ताकि मेरी गोपनीयता भी बनी रहे और चर्चा बेमतलब भी न बने। --[[सदस्य:Gaurav561|गौरव]] ([[सदस्य वार्ता:Gaurav561|वार्ता]]) 17:15, 4 अप्रैल 2018 (UTC)
:::{{सुनो-प्रबंधक}} जी, कृपया कुछ कीजिए। --[[सदस्य:Gaurav561|गौरव]] ([[सदस्य वार्ता:Gaurav561|वार्ता]]) 21:41, 9 जुलाई 2018 (UTC)


== श्रेणी विलय ==
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21:41, 9 जुलाई 2018 का अवतरण

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वेब साइट का प्रचार

@संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: http://www.thinkforu.org नामकी वेब साइट का Arayan1 (वार्ता योगदान) के द्वारा प्रचार किया जा रहा है। ७ लेखों से सदस्य के संपादन पूर्ववत कर दिए गए थे। ८वीं बार आई°पी° से इस लेख की कड़ी जोड़ी गयी थी। प्रबंधकों से अनुरोध है कि इसे काली सूची में डाल दें।--आर्यावर्त (वार्ता) 06:47, 7 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

काली सूची में डालने की फिलहाल जरूरत महसूस नहीं होती। फिर भी आगे ध्यान रखा जाएगा और व्यवधान होने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 12:03, 7 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
यहाँ के संपादन अनुसार सदस्य १६ बार अपनी वेबसाइट जोड़ चुके हैं और हटा चुका हूँ।--आर्यावर्त (वार्ता) 06:42, 22 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
InspiringAjay (वार्ता योगदान) को एक महीने के लिये सम्पादन करने से अवरोधित किया।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:02, 22 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
धन्यवाद पीयूष जी :)--आर्यावर्त (वार्ता) 16:24, 22 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

दो खातें

सम्यक (वार्ता योगदान) जी के दो खाते हैं, दूसरा खाता तारण (वार्ता योगदान) है। सदस्य ने अपने सदस्य पृष्ठ पर इसकी घोषणा भी की है। मैंने सदस्य के वार्तापृष्ठ पर उनको सूचना भेजी थी। सदस्य सम्यक वाले खाते से सम्पादन करना चाहते हैं। ये चर्चा सदस्य वार्ता:सम्यक पर है। गुजराती विकिपीडिया पे भी सदस्य का एक खाता प्रतिबंधित कर दिया गया है।--आर्यावर्त (वार्ता) 14:30, 7 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

भारत में जैन धर्म लेख पर इनके सम्पादनों को देखकर लगता है कि इन्हें विकिपीडिया पर प्रतिबन्धित करना ही बेहतर होगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:18, 8 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

कठपुतली खाते और प्रचारात्मक लेखों का निर्माण

@संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: जी। हिन्दी विकिपीडिया पर इन्द्रस्त्रा ग्लोबल और अमृता जश नाम के प्रचारात्मक संदिग्ध सामग्री वालें लेखों का निर्णाण किया गया था। जिस खाते से लेख बने थे उसी खाते से कुछ लेखों में इंद्रस्रा ग्लोबल की कड़ियाँ जोड़कर प्रचार किया जा रहा था और अमृता जश भी इसी कंपनी से जुड़ी हुई व्यक्ति है। न केवल हिन्दी किन्तु गुजराती और अनवरेजी विकिपीडिया पे भी इस प्रकार के लेखों का निर्माण इसी सदस्यों के द्वारा किया गया था। लेख इन्द्रस्त्रा ग्लोबल को तो अंग्रेजी विकिपीडिया में कब का हटाया जा चुका है; जिसकी चर्चा w:en:Wikipedia:Articles for deletion/IndraStra Global पर है। आज स:Usmankg जी ने अमृता जश लेख में हहेच टैग हटा दी थी जिस बदलाव को मैंने रोलबैक कर दिया था। वार्तापृष्ठ पे सदस्य ने टिप्पणी की थी कि इसे अंग्रेजी विकिपीडिया पे रखा गया है इसलिए यहाँ भी रखा जाये। मैंने अंग्रेजी विकि में भी लेख को हहेच नामांकित कर दिया तब बहुत से कठपुतली खाते लेख को रखने हेतु समर्थन देने आ गए। मेरे दूरभाष पे भी कॉल आया कि इसे न हटाया जाये। मेरे द्वारा शरू की गई हहेच चर्चा w:en:Wikipedia:Articles for deletion/Amrita Jash पे देखी जा सकती है। वहाँ इन सभी कठपुतली खातों के ऊपर शंका के कारण चैकयूजर करवाया गया जिसका परिणाम w:en:Wikipedia:Sockpuppet investigations/Rahulogy पे देखा जा सकता है। सभी खाते कठपुतली पाये गये हैं और अंग्रेजी विकिपीडिया पे प्रतिबंधित कर दिये गये हैं। मूलतः ये हमारे हिन्दी विकिपीडिया से शरू हुआ था। वि:कठपुतली के अनुसार प्रतिबंधित किया जाये एवं उनके द्वारा बनाये प्रचारात्मक लेखों की हहेच समाप्त करने के लिए अनुरोध है। कठपुतली खातों की सूची निम्नलिखित है।--आर्यावर्त (वार्ता) 21:35, 25 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

पाये गये कठपुतली खाते

कृपया ब्लॉक भी कर दें।--आर्यावर्त (वार्ता) 07:09, 26 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सदस्य:James vyan के अवरोधन हेतु निवेदन

यह सदस्य अपने सदस्य पृष्ठ का उपयोग सोशल मीडिया की तरह कर रहा है। अतः इस सदस्य को सम्पादन से अवरोधित किया जाय।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 11:30, 27 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

पन्ना खाली करके सदस्य को चेतावनी दी गयी है। --SM7--बातचीत-- 15:13, 27 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

लिंक को ब्लैकलिस्ट में डालने हेतू

नमस्कार, पिछले एक दो दिन से कोई आईपी पते द्वारा एक वेबसाइट का जमकर प्रचार कर रहा है और बैंकों के लेख में बार-बार लगा रहा है कृपया इस वेबसाइट को ब्लैक लिस्ट में डालें, ये है लिंक -https://bankcodeifsc.com --राजू जांगिड़ (वार्ता) 06:00, 22 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

संपादन अनुरोध (सुरक्षित साँचा)

नमस्ते, साँचा वार्ता:निर्देशांक पर प्रबंधकों द्वारा सुरक्षित साँचे में संपादन हेतु अनुरोध है। कृपया आवश्यक कार्रवाई करें। अग्रिम धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 17:01, 9 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

@SM7: जी, YesY पूर्ण हुआ --आर्यावर्त (वार्ता) 17:07, 9 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सदस्य:Rashtriya samajik sangthan को अवरोधित करने हेतु

१० मार्च को सदस्य:स द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद भी यह सदस्य लगातार विभिन्न लेखों पर अपने संगठन का प्रचार कर रहा है। इसके अतिरिक्त इसका एक भी सकारात्मक योगदान नहीं है। अतः मैं इस सदस्य को अवरोधित करने का अनुरोध करता हूं। - सायबॉर्ग (वार्ता) 07:00, 12 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ - वि:सदस्यनाम नीति#प्रोमोशनल सदस्यनाम अंतर्गत अमान्य सदस्य नाम एवं विकिपीडिया का प्रचार हेतु उपयोग के लिए प्रतिबंधित किया गया। सदस्य का प्रचार सामग्री जोड़ने के अलावा कोई योगदान नहीं, केवल प्रचार खाता।--आर्यावर्त (वार्ता) 07:17, 12 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

विलय अनुरोध

भारत के राजनीतिक दलों की सूची और भारतीय राजनीतिक दल लेखों का सामग्री विलय पूर्ण हो चुका है। कृपया इन दोनों का इतिहास भी विलय कर दें। - सायबॉर्ग (वार्ता) 17:38, 14 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:15, 4 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

निजी जानकारी हटाने में मदद कीजिए

कुछ समय पहले वार्ता:शोर का अल्गोरिद्म पृष्ठ पर मैंने अपनी निजी जानकारी (मेरे कार्यस्थल का नाम) दे दी थी। मैं इस जानकारी को विकिपीडिया से हटाना चाहता हूँ। कृपया ऐसा करने में मेरी मदद कीजिए।

मैंने ये मेरी निजी जानकारी निम्नलिखित सम्पादनों में डाली थी: [1], [2], [3], [4], [5], [6], [7]। --गौरव (वार्ता) 05:35, 20 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा। अगर ये सम्पादन हटा दिए तो चर्चा बेमतलब सी लगेगी। @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: की राय ले ली जाए।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:08, 4 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
उत्तर देने के लिए धन्यवाद हिंदुस्थान वासी जी। मेरे हिसाब से इसका समाधान ये है: मेरे कार्यस्थल के नाम की जगह "XYZ" लिख दीजिए, ताकि मेरी गोपनीयता भी बनी रहे और चर्चा बेमतलब भी न बने। --गौरव (वार्ता) 17:15, 4 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: जी, कृपया कुछ कीजिए। --गौरव (वार्ता) 21:41, 9 जुलाई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

श्रेणी विलय

कोई बॉटधारी प्रबंधक से अनुरोध कि श्रेणी:भारतीय फिल्म के लेखों को श्रेणी:भारतीय फ़िल्में में बॉट से मिला दें। मैं AWB से कर देता लेकिन सम्पादन काफी ज्यादा हो जाएंगे और हाल में हुए बदलाव में मेरे सम्पादन ही दिखेंगे। धन्यवाद।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:24, 4 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ --आर्यावर्त (वार्ता) 08:44, 6 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
धन्यवाद। कृपया @आर्यावर्त: जी श्रेणी:भारत के विमानक्षेत्र के भी श्रेणी:भारत में विमानक्षेत्र में मिला दें।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 13:06, 1 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

122.160.67.168 को अवरोधित करने हेतु

आईपी सदस्य 122.160.67.168 (योगदान) केवल अपनी संस्था का प्रचार कर रहा है। इसके अतिरिक्त इसका एक भी सकारात्मक योगदान नहीं है। अतः मैं इस सदस्य को अवरोधित करने का अनुरोध करता हूं। - सायबॉर्ग (वार्ता) 07:59, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

किया गया 3 महीने के लिए।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 08:09, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सदस्य:Indianprem को प्रतिबंधित करने हेतु

इनके बनाये गये पृष्ठों को देखें। केवल OK, A, S, O लिखकर चले जाते हैं और शेष काम Ganesh591 जी करते हैं। चेतावनी देने के बावजूद इनकी आदतों में कोई सुधार नहीं आया है। साथ Ganesh591 का स्वतः परीक्षित सदस्य का दर्जा छीना जाय। उनके लेखों में केवल मशीनी अनुवाद ही रहते हैं।-- गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 12:07, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

वे अति सक्रिय सदस्यों में से एक है और उनके योगदानों में किसी भी प्रकार की बर्बरता नहीं पाई गई।--आर्यावर्त (वार्ता) 12:17, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
यहाँ देखें इनके सभी लेख, ऐसा करने से हिन्दी विकीपीडिया को नुकसान होगा क्योंकि वह अति सक्रिय सदस्य हैं लेकिन इन्हें प्रतिबंधित भी किया जा रहा है तो प्रतिबंधित करने से पूर्व सदस्य के पुराने कार्य तथा लेखों पर प्रकाश अवश्य डाले। -जे. अंसारी वार्ताचित्र:Animalibrí.gif 12:23, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
@आर्यावर्त और J ansari: अगर इनके लेखों का सारा कार्य गणेश जी करते हैं तो क्यों न पृष्ठ भी वही बनाये?-- गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 13:15, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
ये उनकी इच्छा पर निर्भर है, हम उन्हें बाध्य नहीं कर सकते। वे १ साल और १० महीनों से योगदान दे रहे हैं। इसी प्रकार से स्वीकृत हैं। दोनों खातों ने मिलकर क्रिकेट के विषय में अनेकों लेख बनाये हैं और लगातार बना ही रहे हैं। उनकी पैटर्न यहीं रहती है कि एक लेख का पृष्ठ बना देता है और दूसरा उसका विस्तार कर देता है। हम उनके पृष्ठ को शीह नामांकित भी नहीं करते क्योंकि पता ही होता है कि दूसरा सदस्य उसके ऊपर लेख बना देगा इसलिए ही पृष्ठ बनाया होगा। उनके सम्पादनों में कहीं कोई बर्बरता, प्रचार, उत्पात नहीं। न तो दोनों खातों ने विकि में लेख बनाने के अलावा किसी और कार्य, चर्चा में रुचि ली है और नहीं कभी किसी मतदान में भाग लिया। न तो वे किसी भी संदेश का उत्तर देते हैं। केवल योगदान दे रहे हैं।--आर्यावर्त (वार्ता) 14:03, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
Indianprem संभवतः Ganesh591 का ही दूसरा खाता है। एक लेख बनाता है और दूसरा उसमें सामग्री डालता है। हालांकि कुछ पन्ने मैंने इनके देखें हैं जहाँ वो खाली ही रह गया लेकिन इन्हें प्रतिबंधित करने के सुझाव से मैं सहमत नहीं। हाँ, Ganesh591 से स्वत: परिक्षित अधिकार लेने के पक्ष में हूँ।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:49, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
नीति के हिसाब से और कोई अन्य कारण जैसे बर्बरता,प्रचार आदि नही है।अतः प्रतिबंधित करने के पक्ष में नही।:स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 17:07, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

ठीक है अगर समुदाय यही चाहता है कि Indianprem को ब्लॉक न किया जाय तो मैं भी इस बात पर सहमत हूँ। लेकिन Ganesh591 के हर हालत में स्वतः परीक्षित अधिकार वापस लेने चाहिये।-- गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 12:48, 13 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

इसके लिये Godric ki Kothri विकिपीडिया:स्वतः परीक्षित अधिकार हेतु निवेदन पर लिखने की सलाह दूँगा।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:28, 13 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

हिन्दुस्थानवासी बनाम जयप्रकाश


उपरोक्त लेख पर कोई अलग अलग आईपी पतों से ये लिंक डाल रहा है। पूर्ववत करने पर दोबारा डाल दे रहा है। हर बार आईपी पता अलग होने के कारण चेतावनी देने का भी कोई फायदा नहीं है। इसलिए या तो इस लिंक को ब्लॉक कर दें, या फिर पेज को सुरक्षित कर दें। धन्यवाद। सायबॉर्ग (वार्ता) 01:54, 22 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ आई°पी° सम्पादनों से सुरक्षित किया गया।--आर्यावर्त (वार्ता) 03:07, 22 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

स्वयं का प्रतिबन्ध

नमस्ते @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी:, मुझे परामर्श दिया गया था (व्यक्तिगत चर्चा में) कि, मुझे स्वयं को प्रतिबन्धित करने के लिये प्रस्तावन देना चाहिये। मैं पञ्चमाक्षरों को पुनः स्थापित करने के सन्दर्भ में जो करने के लिये कह रहा हूं, वो यदि मेरे प्रतिबन्ध से ही समाप्त हो सकता है, तो मैं समुदाय को और सभी प्रबन्धकों को ये अवसर देना चाहूँगा। मुझे बारंबार कुतर्क प्रस्तुत करने वाला कहा गया है, अतः मैं समुदाय और प्रबन्धकों पर छोड़ता हूँ, वे निर्धारित करें कि मैं कुतर्क दे रहा हूँ या नहीं। विकिपीडिया:हिन्दी_में_सामान्य_गलतियाँ#पञ्चमाक्षर_की_गलतियाँ पर अच्छे लेख लिखने की मार्गदर्शिका दी गई है, जो पञ्चमाक्षरों (ङ ञ) के उपयोग को अधिक उचित समझती है। उसके अनुसार जो इसका उपयोग नहीं करता वो उनका चयन है परन्तु शुद्धता के स्तर पर ये उपयोग अशुद्ध तो नहीं है। विकिपीडिया:प्रबंधक अधिकार नियमावली पर ञ का उपयोग किया गया है और विकिपीडिया नामस्थान में भी ञ का उपयोग मिलता है। (लेखों से हट जाने के कारण ही नहीं है अन्यथा वहाँ भी अनेक उल्लेख हैं।) पुस्तक १ पुस्तक २ पुस्तक ३ पुस्तक ४ में भी अनेक स्थानों पर ये पञ्चमाक्षर के प्रश्न पुछे जाते हैं। हिन्दी पढ़ने वालों की सुविधा के लिये भी अनेक सुविधा जनक विडियो सज्ज किये गये हैं, जो यहाँ और यहाँं देखे जा सकते हैं। पृष्ठ ७ पर अभ्यास भी दिया गया है जो भारत सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित है। समाचारपत्र में भी ङ और ञ के उपयोग को कम बताया है, उसे वर्जित नहीं किया गया है। CBSC के अभ्यासक्रम अनुसार नवमी कक्षा में भी पञ्चमाक्षर उपयोग सिखाया जाता है। अजीतजी ने एक पुस्तक का चित्र भेजा था, उस और अन्य पुस्तकों में "अब प्रायः" शब्द का उपयोग करके स्पष्ट लिखा गया था कि पञ्चमाक्षर हिन्दी भाषा का अङ्ग है, परन्तु मुद्रण युग के आरम्भ में हिन्दी में टङ्कन करना कठिन था, और राजभाषा विभाग ने भी सुविधा के लिये इसका प्रयोग कम बताया है। अब लाख लेख में बहुत ही कम स्थानों पर पञ्चमाक्षर का प्रयोग किया गया था, फिर भी उसे दूर कर दिया है। इन तर्कों में मुझे कोई कुतर्क तो नहीं लग रहा, तथापि मैं समुदाय और प्रबन्धकगण को उसे कुतर्क सिद्ध करने के लिये आमन्त्रित करता हूँ। मेरे इस पञ्चमाक्षर (ञ ङ) के विषय में बोलने पर, तो नहीं ही होगा, कोई और बोले तो हो जाएगा - यदि ऐसी स्थिति हो, तो मुझे दण्डित करके छः मास के लिये प्रतिबन्धक कर, पञ्चमाक्षर को वापस लाने के मार्ग पर भी मुझे आपत्ति नहीं है। अतः ३/५/२०१८ को मैं स्वयं दूर किये गये पञ्चमाक्षरों को पुनःस्थापित करने की प्रक्रिया आरम्भ करूंगा। वैसे उसे वापस स्थापित करना कोई अपराध नहीं। तथापि आप चाहें तो, ३/५/२०१८ के पूर्व शङ्का के तर्क पर या उसके पश्चात् दण्ड (उत्पात) के तर्क पर मुझे प्रतिबन्धित कर सकते हैं। मेरे प्रतिबन्ध से या मेरे इस विषय में मौन रहने से ही यदि बात बनती है, तो मैं बलिदान को सज्ज हूँ। पञ्चमाक्षर हिन्दी भाषा का अङ्ग है और उसके अङ्ग को काटना उचित नहीं। अस्तु। ॐNehalDaveND 09:35, 24 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

त्रुटि दुर करने पर प्रतिबन्ध क्यों लगाया जायेगा? --Navinsingh133 (वार्ता) 09:57, 24 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
नमस्कार,
  1. पञ्चमाक्षर हिन्दी का अभिन्न अङ्ग रहे हैं और रहेंगे, इसमें कोई सन्देह नहीं है। यदि किसी को इस वक्तव्य में आपत्ति है तो वह स्वयं अल्पज्ञानी है और अपने ज्ञान को उन्नत करे।
  2. यहां यह भी उतना ही ध्यानयोग्य है कि पञ्चमाक्षर ३ ही हों या ५, ऐसा कोई नियम नहीं है। पांचों पञ्चमाक्षर बराबर महत्त्वपूर्ण हैं।
  3. जिस किसी को भी सम्पादन में इनका प्रयोग करना है उसे खुली छूट है इनके प्रयोग की। इनका प्रयोग दिखाता है कि सदस्य की भाषा कितनी उन्नत है।
  4. वहीं जिस किसी को भी इनका प्रयोग न आता हो, या न करना आता हो वह भी उनके प्रयोग हेतु बाध्य नहीं है। वह अनुस्वार का प्रयोग कर सकता है। हां यदि वह पंचमाक्षर प्रयोग सीख कर भाषा उन्नत कर सके तो साधुवाद, अन्यथा उसे अपने सम्पादन जारी रखने की छूट है।
  5. जहां इनका प्रयोग किया हुआ हो, उसे किसी अन्य सम्पादक को बिना वैध कारण या चर्चा स्वयं या किसी भी बौट द्वारा बदलना सर्वथा अमान्य होगा एवं गलत है।
  6. इनकी काट हेतु कोई भी निजी कारण साक्ष्य रूप में मान्य नहीं होगा कि मुझे नहीं पता या मैंने नहीं पढा तो बदल दिया, आदि।
  7. इस बारे में कोई शंका या सन्देह हो तो यहां चर्चा कर उसे दूर किया जा सकता है व किसी को सम्मति न देनी हो तो वैध कारण सहित बता सकता है।
  8. १ सप्ताह अर्थात १ मई २०१८ से उपरोक्त बिन्दुओ को सर्वमान्य मान लिया जायेगा।

--आशीष भटनागरवार्ता 09:59, 24 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

  • टिप्पणी:
  1. विकिपीडिया पर प्रतिबंध अथवा अवरोध दंडात्मक कार्रवाई नहीं हैं, इनकी प्रवृत्ति निवारक निषेध जैसी मात्र है।
  2. स्वयं को प्रतिबंधित/अवरोधित कराने, विकिपीडिया छोड़ कर जाने, इत्यादि का दबाव बना कर नीतियों पर चर्चा कराने का तरीका बिलकुल अनुचित है और सदस्य पहले भी इस तरह के दबाव बनाने वाले प्रयास करके उत्तर की माँग करते रहे हैं। समुदाय तय कर ले कि हिंदी विकिपीडिया पर सदस्यों की कम संख्या होने को किस सीमा तक हिंदी विकिपीडिया की विकलांगता बनाना या मानना चाहता।
पंचमाक्षर प्रयोग पर
  1. पंचमाक्षर कभी हिंदी का अभिन्न अंग नहीं रहे हैं, (रहेंगे के बारे में कोई बात कहना भविष्यवाणी जैसा है, पूर्वानुमान जैसा नहीं)।
  2. पंचमाक्षर संस्कृत का अंग हैं - क्रम विकास में, बाद में, इनमें से कई हिंदी में बिलकुल प्रयोग नहीं किये जाते अगर ख़ास संस्कृत का उद्धरण देना या संस्कृत तद्रूप दिखाना उद्देश्य न हो। कुछ ध्वनियों के लिए दोनों तरह के प्रयोग प्रचलित हैं - पंचमाक्षर लिख कर भी और बिंदी (ं) के प्रयोग द्वारा भी। जो लोग पाँचों को एक समान मानते हैं उन्हें हिंदी के क्रम विकास और इतिहास का परिचय नहीं।
  3. पंचमाक्षर लिखने के प्रति आग्रह के दो प्रकार हैं - ध्वनियों के सही उच्चारण को लिखित रूप में भी द्योतित करना (स्पष्टीकरण हेतु दुहरा आयोजन करना), और दूसरा संस्कृत के प्रति मोहग्रस्त होकर हिंदी में हर उस प्रयोग को उचित समझना जो संस्कृत में है, भले इस दौरान यह भूल जाने या इस तथ्य की उपेक्षा करनी पड़े कि हिंदी क्रम-विकास में संस्कृत से बाद की भाषा है और प्रवाह, सौकर्य, सरलता इत्यादि गुणों की दृष्टि से संस्कृत की तुलना में श्रेष्ठ भी।
  4. विकिपीडिया पर संपादन करने में इनके प्रयोग हेतु कोई नियम नहीं है जिसके अनुसार इन्हें (अथवा इनमें से कुछ को) विहित/निषिद्ध किया गया हो। लिखने की खुली छूट होने का अर्थ यह बिलकुल भी नहीं माना जाना चाहिए कि यदि किसी को यह बोध है कि कोई पंचमाक्षर प्रयोग हिंदी की प्रवृत्ति से बेमेल है, तो उसे बदल न दे (मैनुअली अथवा बॉट से), ऐसे परिवर्तनों पर भी कोई निषेध नहीं और ये सर्वथा उचित हैं। पूर्व चर्चा और सहमति की आवश्यकता विवादास्पद (साबित अथवा संभाव्य) परिवर्तनों हेतु है, जबकि इसे विवाद का विषय अब बनाया जा रहा।
  5. प्रयोग से जुड़े दो भ्रम हैं - इनका प्रयोग शुद्ध प्रयोग है, अथवा श्रेष्ठ प्रयोग है; जो प्रयोग नहीं कर रहा वो इन नियमों से अनभिज्ञ है।
  6. उक्त दोनों भ्रमों का परिणाम अनुचित निकलता है और यह हिंदी में पंचमाक्षर प्रयोग की सबसे बड़ी हानि भी है - जो प्रयोग करता वह ज्ञानी है, श्रेष्ठ है और जो नहीं करता वह अल्पज्ञ है; जिसे इनका प्रयोग नहीं पता वह हेय है अथवा तुच्छ है। यह विशुद्ध ज्ञानातिरेक दिखाना मात्र है, ज्ञानकांडीय श्रेष्ठताबोध मात्र है; इससे हिंदी का नुकसान हो तो हो कोई लाभ बिलकुल नहीं होता।
  7. जहाँ तक इनके बारे में नीति निर्मित करने का प्रश्न है, परंपरा से चले आ रहे इन गैर-लाभकारी और श्रेष्ठ/हीन का विभाजन करने वाले प्रयोगों को उन सभी जगहों से बिलकुल समाप्त करने पर चर्चा होनी चाहिए जहाँ इनका प्रयोग कुछ विशिष्ट दशाओं में अनिवार्य न हो - यथा: निकटतम सही उच्चारण जो अक्सर विदेशी शब्दों के साथ जुड़ा होता है जहाँ बिंदी के प्रयोग से होने वाले उच्चारण और पंचमाक्षर प्रयोग से होने वाले उच्चारण में स्पष्ट भेद है, (लेम्कोवा को हम लेंकोवा नहीं लिख सकते, और यह तथाकथित श्रेष्ठ पंचमाक्षर नियम का स्पष्ट उल्लंघन भी हैं जिन्हें पंचमाक्षर नियम अनुसार नहीं लिखा जा सकता,क्योंकि नियम संस्कृत उच्चारणों के लिए है); या हिंदी के उन शब्दों के साथ है जिनकी प्रचलित वर्तनी हमेशा पंचमाक्षर प्रयोग द्वारा लिखे जाने वाली ही है, उदाहरण: "न" द्वित्व (सन्नाटा) और कुछ अत्यल्प अपवादों को छोड़कर "म" का द्वित्व इत्यादि (सम्मति; जबकि अत्यल्प ही सही संमेलन लिखा मिल सकता है) , ह से पहले "न्" "म्" इत्यादि - उन्हें को उंहे और तुम्हे को तुंहे नहीं लिख सकते इत्यादि।
  8. विदेशी शब्दों को लिखने में भी इनके उपयोग करने पर स्पष्ट नीति होनी चाहिए कि उच्चारण का अनुसरण किया जाय न कि केवल संस्कृत के तत्कालीन इतिहासी उच्चारणों हेतु बने इन नियमों को सबसे ऊपर मान लिया जाय।
  9. आगे भी जहाँ इनका प्रयोग किया जाए, उसे श्रेष्ठता/हीनता से न जोड़ा जाय।

उक्त के संदर्भ में दो बातें दुहरा कर कहना आवश्यक है - संस्कृत की ऐसी परंपराओं को जिन्हें छोड़ कर हिंदी "हिंदी" बनी है और जिनका हिंदी में प्रयोग किसी काम का नहीं, को दुबारा खींच कर यहाँ स्थापित करने का प्रयास करने वाले और भ्रमवश इसे हिंदी का हित करना मानने वाले गणमान्य सदस्य यह जान लें कि इससे हिंदी का लाभ नहीं हानि होती है। दूसरी बात समुदाय पहले यह भी तय कर ले कि "बम फोड़ने", "बलिदान देने" इत्यादि को सहारा बना कर नीति बनाने और न्याय माँगने की प्रवृत्ति का क्या करना चाहता। मैं इसे अनुचित मानता हूँ और ऐसी किसी चर्चा में टिप्पणी करना, या इसके बाद (तो अलग से कर लेते हैं) वाली चर्चाओं में टिप्पणी करना उचित नहीं समझता; यहाँ अपने बिंदु आवश्यक इसलिए हो गया था कि बाक़ायदा तारीख़ बता कर नीति बना देने की घोषणा की गयी थी और पूर्वोक्त कारण से टिप्पणी न करने पर इसे नीति का समर्थन मान लिया जाता। आगे इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करूँगा, इस चर्चा पर निर्णय करने वाला प्रबंधक ऊपर दिए गए असहमति के बिंदुओं को तार्किक/अतार्किक माने और नीति पर निर्णय लेते समय उन्हें संज्ञान में ले/न ले, यह उसके विवेक पर छोड़ता हूँ। --SM7--बातचीत-- 15:28, 24 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

आपकी क्रम विकास वाली बात समक्ष में आती है- जिस प्रकार अरबों के आने पर सिंधी को हिंदी बोला जाने लगा। मगर मुझे नही लगता कि नेहल देव एनडी स्वयं को प्रतिबंधित/अवरोधित कराने, विकिपीडिया छोड़ कर जाने, इत्यादि का दबाव बना कर नीतियों पर चर्चा करा रहे है। ऐसा प्रतीत होता है कि वो ल्ंबे समय से उत्पन्न हो रहे विवादों से क्रोधित/त्रस्त हो गये हैं। आशा है कि सबकुछ जल्द ही ठीक हो जायेगा--Navinsingh133 (वार्ता) 20:52, 24 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

कृपया इस प्रकार कि भ्रान्तियां न फ़ैलायें, कि हिन्दी के क्रम-विकास का नाम लिखकर आप उसे पंचमाक्षर से अलग-थलग कर देंगे। ये संस्कृत में भी उतने ही थे जितने हिन्दी में हैं। संस्कृत से हिन्दवी में आये और हिन्दवी से हिन्दी में भी आए। हाँ पिछले २० वर्षों से देखा है कि न तो बहुत से लोगों को इनका प्रयोग आता या समझ आता है न ही ऐसे अधिकांश हिन्दी शिक्षक उसे पढाते हैं, तो आगे की पीढी को भी कैसे इनका प्रयोग आये। बस एक अनुस्वार की बिन्दी का सरल कार्य मिल गया है, जिसके सहारे अपनी भाषा का जीवन काटते हैं, और औरों से भी अपेक्षा करते हैं। ऐसे ही कुछ समय में ष का प्रयोग भी हटाने के पक्षधर पैदा हो जायेंगे और उसे संस्कृत का भाग ही बतायेंगे। इसके बाद क्ष को क्श से बदलने लगेंगे।
  1. हिन्दी को वैज्ञानिक भाषा इसीलिये कहा गया है क्योंकि उसमें जो लिखते हैं वही बोलते हैं, जो बोलते हैं वही लिखते हैं।
  2. यह भी वैज्ञानिक तथ्य ही है कि पंचमाक्षर नियम जैसा बोला जाता व जा सकता है वैसा ही लिखना चाहिये कि जिससे उसे भविष्य में पढने वाला भी वैसा ही पढ़ पाये।
  3. बिन्दी का प्रयोग केवल एक वैकल्पिक प्रबन्ध मात्र है जिसे भाषा के नियमों के अनुसार कुछ स्थितियों में ही लगाया जाता है, जहाँ पंचमाक्षरों के प्रयोग नहीं होते हैं - क,च,ट,त,प वर्गों के बाद य,र,ल,व,श,ष,स,ह, आदि के साथ।
  4. हाँ जो शब्द हिन्दी की परिधि से बाहर के हैं, उनके लिये हिन्दी के नियम भी नहीं चलाये जाते। वे शब्द बोलने में भी कठिन हैं जैसे आपने लोम्केश का उदाहरण दिया।
  5. आपके दिये तथ्य वैसे ही हैं जैसे कोई मांसाहारी स्वयं तो मांसाहार छोड़ता नहीं है, और किसी शाकाहारी को ये और बताता है कि भगवान राम भी खाते थे, इसमें गलत क्या है, आजकल सभी खाते हैं। या जुआ खेलने वाले उसे सही बताते हुए युधिष्ठिर का उदाहरण देते हैं और आजकल सभी खेलते हैं। यही आधुनिक रीति है, इत्यादि कारण देते हुए जुए को सही ठहराते हैं। अतः ऐसे लोगों से कोई अनावश्यक बहस न करके उनके लिये अनुस्वार की बिन्दी का प्रयोग खुला है - कीजिये न, किन्तु सही को गलत सिद्ध न कीजिये।
  6. किसी को पंचमाक्षर प्रयोग न आता हो तो वह सीख ले। न सीखना हो तो उसके लिये अनुस्वार बिन्दी का प्रयोग खुला है। किन्तु जो मेहनत से हिन्दी की वैज्ञानिक विशेषता का निर्वाह कर रहा है, उसे आगे बनाये हुए है, कम से कम उसे तो गलत बताकर निरुत्साहित न करे।
  7. विदेशी शब्दों के लिये वही सरल नीति लागू रहती है कि उच्चारण के अनुसार लिखा जाये, पंचमाक्षर प्रयोग एक तो अनिवार्य नहीं है, दूसरे वैज्ञानिक लिपि का सर्वप्रथम नियम ये है कि बोलने के अनुसार ही लिखा जाये। किसी को इङ्ग्लिश लिखने की आवश्यकता नहीं है इंग्लिश ही लिखा जाता है। ऐसे ही अन्य अन्य विदेशी शब्द भी लिखे जाते हैं। यह वैसे ही है जैसे अरबी में एक अक्षर होता है जिसे द+ज़+उ+व=द्ज़्वु जैसा उच्चारण किया जाता है और रमज़ान शब्द में प्रयोग होता है। अन्य भाषाओं में कोई उसका ज़ अंश प्रयोग करता है और रमज़ान लिखता है, तो कोई द अंश प्रयोग करता है और रमदान लिखता है तो कुछ भाषाओं में रमवान भी लिखा जाता है - किन्तु इनके चलते अरबी में उसे नहीं बिगाड़ा जाता है और शुद्धता बनाये रखी जाती है।
यह सन्देश किसी पर निजी आक्षेप नहीं है, वरन प्रत्येक उस व्यक्ति के लिये है जिस पर लागू है। मैं स्वयं भी पंचमाक्षरों का अत्यधिक प्रयोग नहीं करता हूं, किन्तु उनका महत्त्व समझता हूं, उनकी विशेषता समझता हूं। इसके साथ ही जो इनका प्रयोग करते हैं उनके साथ हूं। किन्तु इसका ये अर्थ नहीं कि जो उसका प्रयोग नहीं करते हैं उनके साथ नहीं हूं, वरन उनके साथ नहीं हूं जो अनर्गल प्रलाप, प्रचार करते हुए पंचमाक्षर प्रयोग को गलत बताते हैं, और दूसरों को भी उनके प्रयोग करने को गलत बताते हैं। ऐसे उन लोगों के लिये निःशुल्क राय है कि जितना पाठ यहां अनावश्यक लिखकर श्रम व्यर्थ कर रहे हैं, उसका कुछ अंश किसी लेख में लिखकर उसे सार्थक करें तो कहीं बेहतर होगा। --आशीष भटनागरवार्ता 23:07, 24 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

पंचमाक्षर कभी हिंदी का अभिन्न अंग नहीं रहे हैं -- मियाँ! यह तो वही बात हो गयी कि 'भूगोल की सबसे अच्छी किताब मजीद भाई की है और उसमें 'शैल' नहीं 'चट्टान' ही लिखा है'। जाँचने पर ठीक इसके उलटा मिला। मैं तो देख रहाँ हूँ कि बहुत अधिक पुराना तो छोड़ ही दीजिए, पिछले १०० वर्ष का हिन्दी साहित्य ही देखा जाय तो 'उदन्त मार्तण्ड' मिलता है, 'हिन्दू पंच' मिलता है, 'अङ्क' मिलता है, 'ओङ्कार' मिल रहा है, 'सन्त' मिल रहा है, 'पाञ्चजन्य' मिल रहा है, 'पतञ्जलि' मिल रहा है। 'सन्मार्ग' मिल रहा है, 'सन्मति' मिल रहा है, 'भण्डार' मिल रहा है, 'खण्डन-मण्डन' मिल रहा है...। जी हाँ, प्रमाण के रूप में स्कैन किए गये पुराने पन्ने आपको दिखा सकता हूँ।

यह बात अवश्य है कि पञ्चमाक्षरों के साथ-साथ उनके स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग वर्जित नहीं किया गया या गलत नहीं माना गया। कारण मुख्यतः तकनीकी था। उदाहरण के लिए यांत्रिक टाइपराइटरों की एक सीमा थी कि सीमित स्थान में कितने 'टाइप' फिट किए जा सकते हैं। उस कारण देवनागरी के लिए छूट दी गयी कि अनुस्वार का यथासम्भव प्रयोग कर लिया जाय। इसके अलावा एक चर्चा में हिन्दी के महान कोशकार श्री अरविन्द जी ने बताया था कि समाचारपत्रों में स्थान बचाने के लिए भी अनुस्वारों का प्रयोग कारगर था।

आज यूनिकोड के समय में भी हम देखते हैं कि बहुत से लोगों को सही 'खड़ी पाई' नहीं लगाने आती। कोई '!' का प्रयोग कर लेता है तो कोई '|' का, कोई 'I' का। इसी तरह देवनागरी विसर्ग के स्थान पर कोलन (:) का प्रयोग बहुत किया जाता है। (रामः के स्थान पर राम:) । इसी तरह की अनेक गलतियाँ लोग अज्ञानवश या तकनीकी विवशता के कारण किए जा रहे हैं। कल यह तो नहीं कह सकते कि हिन्दी में का प्रयोग कभी नहीं रहा, ! का प्रयोग किया गया है।

-- अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:40, 25 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

यहाँ पुनः मुझ पर व्यक्तिगत आरोप लगाया फिर मैं कुछ भी कहता हूँ, वो व्यक्तिगत आरोप के अन्तर्गत समाविष्ट हो जाता है। समुदाय मौन है क्योंकि समुदाय सत्य का तो साथ देना चाहता है, परन्तु नेहल का नहीं। उनको एक समस्या है कि मैं व्यक्तिगत आरोप करता हूँ। अतः मैं अपने आचरण में परिष्कार कर इसके पश्चात् हि.वि पर कभी भी व्यक्तिगत आरोप न लगाऊं या टिप्पणी न करूं ऐसा प्रयास करूंगा। अभी व्यस्तता के कारण इतना ही लखना चाहता हूँ कि, पहले भी अधिकार त्याग के विषय में मुझे दोषी सिद्ध कर समुदाय में भ्रम उत्पन्न किया गया था। तब मैंने स्पष्ट कहा था कि, मेरे द्वारा लिखे लिखों में अनावश्यक परिवर्तन करके मुझे प्रताडित किया जा रहा है और सब के सामने ये चित्र प्रस्तुत किया जा रहा है कि मैं कुछ लिखता नहीं और मैं किसी काम का नहीं। तब सबने ये मान लिया था कि, मैं अधिकार त्याग के आवरण में समुदाय को धमकी दे रहा हूँ, वैसा ही अब करने का प्रयास हो रहा है। मुझे क्या पड़ी थी अपने अधिकार त्याग ने की?, जब कि मैं लेख बना रहा था और पुनरीक्षण कार्य भी कर रहा था अब मुझे क्या आवश्यकता है, प्रतिबन्धित होने की?, जब कि मैं लेख बनाने के कार्य में पुनः जुड़ने का प्रयास आरम्भ कर रहा था। हि.वि को अपने मत अनुसार परिवर्तित करके प्रताडित कोई करे और मैं बोलूं तो संस्कृत से आया है कहना या अन्यत्र चले जाओ कहना, कितना उचित है? मैंने केवल कहा है कि, आपके पास मुझे प्रतिबन्धित करेना अवसर है आप करें, दिनाङ्क भी बता दी है। अन्याय किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता। अतः ये धमकी नहीं है, या किसी आवरण के अन्तर्गत कार्य करने की आवश्यकता भी नहीं है। इतना बोला है, तब आवरण नहीं लिया, तो इस कार्य के लिये भी आवरण नहीं लिया जाएगा। सब से भी आवरण न लेने को परामर्श। अस्तु। ॐNehalDaveND 05:50, 25 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

१९२३ से निकल रही गीताप्रेस की पुस्तकों एवं कल्याण में सदा से अब तक पञ्चमाक्षरों का प्रयोग जगत प्रसिद्ध है। हां यदि कोई पढे तो उसे ज्ञात हो। न भी पढी हो तो कल्याण के मुखपृष्ठ पर भी प्रायः अङ्क शब्द का प्रयोग होता आया है, देखें सन्त अङ्क एवं अन्य उदाहरण गीताप्रेस के आधिकारिक जालस्थल पर।--आशीष भटनागरवार्ता 07:12, 25 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
यह पृष्ट (स्कैन किया हुआ) भी देखिए। एक ही पृष्ट में लगभग सभी पञ्चमाक्षर प्रयुक्त हुए दिख जाएंगे। [8]-- अनुनाद सिंह (वार्ता) 07:45, 25 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह, आशीष भटनागर, और Navinsingh133:जी आपके मत के लिये धन्यवाद। आशीषजी द्वारा लिखें ७ अंश कल से प्रभावित होंगे, अतः मैं ३/०५/२०१८ से पञ्चमाक्षरों को पुनः प्रस्थापित करने की प्रक्रिया आरम्भ करूँगा। अतः कोई अन्य परामर्श हो तो कृपया कहें। अस्तु। ॐNehalDaveND 08:08, 30 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
मेरा सुझाव चौपाल पर देखें।-- अनुनाद सिंह (वार्ता) 13:08, 30 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

गुर्जर शब्द को अवरुद्ध

पिछले कई महीनों से अलग-अलग आईपी पते द्वारा पुराने ऐतिहासिक और जाति इत्यादि से सम्बन्धित लेखों में जहाँ भी राजपूत शब्द दिख रहा है वहाँ बदलकर गुर्जर किया जा रहा है, इस कारण इस समस्या का सुलझाएं और हो सके तो इस शब्द को कुछ समय के लिए अवरुद्ध करदें।--राजू जांगिड़ (वार्ता) 11:04, 11 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

पुनरीक्षण करते समय मैंने भी ऐसे कई बेसिरपैर के सम्पादन देखे हैं। यदि ऐसा सम्भव हो, तो कुछ समय के लिए तो इस शब्द को अवश्य अवरुद्ध कर दें। - सायबॉर्ग (वार्ता) 14:20, 11 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]
मैंने भी हाल परिवर्तन में इस शब्द को बर्बरता के रूप में देखा है ओर अनेक बार पुर्ववत किया है यहाँ देखें। -जे. अंसारी वार्ताचित्र:Animalibrí.gif 14:42, 11 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]
पिछली बार मनोज शब्द को अवरुद्ध किया गया था और बाद में आपत्ति हुई थी। यदि इससे सदस्यों को संपादन में कोई समस्या होती है तो सूचित करें। ये गुर्जर शब्द का प्रचार तो एक साल से भी अधिक समय से हो रहा है। सम्भवतः मैं आज रात को अथवा कल इसे कर दूंगा।--आर्यावर्त (वार्ता) 16:01, 11 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]
मेरे मतानुसार किसी शब्द को प्रतिबंधित करना उचित नहीं है। सबसे बेहतर विकल्प यही है कि इस शब्द को स्वतः स्थापित सदस्यों के स्तर पर सुरक्षित कर दिया जाय। मुझे नहीं पता कि हिन्दी विकी पर यह विकल्प उपलब्ध है या नहीं। मगर ये विकल्प न भी उपलब्ध हो फिर भी इसे स्थापित कर देना चाहिये ताकि आगे ऐसी समस्या न आये।-- गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 07:26, 18 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

एक प्रश्न

अभी हाल ही मे सदस्य:Innocentbunny द्वारा संजीव कुमार जी की टिप्पणी के बाद पुनरीक्षण अधिकार से नामांकन वापिस ले लिया था। लेकिन लॉग मे देखने से पता चलता है कि सदस्य और समुदय की इच्छा के विरूद सदस्य के अधिकार मे बदलाव किये गये है। बस मैं इसका कारण जानना चहता था। न मै इसके विरोध में हुं। यह केवल आगे के लिये कोई विवाद ना उठे इसलिये पुछ रहा हुं।--जयप्रकाश >>> वार्ता 19:06, 15 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

Translation of English Pages to Hindi.

Dear Sir/Madam,

I want to translated Wikipedia pages which are available in English but not in Hindi. Kindly Guide me.

Regards,

Avijeet Chakraborty Patna, India

Translation of English Pages to Hindi.

Dear Sir/Madam,

I want to translated Wikipedia pages which are available in English but not in Hindi. Kindly Guide me.

Regards,

Avijeet Chakraborty Patna, India

पुनरीक्षण अधिकार

२३ फरवरी को मुझे ३ महीने के लिए उपरोक्त अधिकार दिए गए थे, जो २३ मई (५ दिन बाद) समाप्त हो जायेंगे। सारांश में हिंदुस्तानवासी जी ने लिखा था "इस अवधि की समाप्ती होने से पूर्व सूचना देकर इस अधिकार को जारी रखा जा सकता है।" इस समय में मैंने सक्रिय रूप से पुनरीक्षण किया है, जिसका प्रमाण मेरा परीक्षण लॉग है। इस आधार पर मैं पुनरीक्षण अधिकारों को जारी रखने का निवेदन करता हूँ। - सायबॉर्ग (वार्ता) 08:27, 18 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ पुनरीक्षण कार्य में आपका अमूल्य योगदान और विकि में ऐसे सक्रिय पुनरिक्षकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्थायी अधिकार दिया गया। आपकी सेवा के लिए धन्यवाद एवं उम्मीद करता हूँ कि विकि को आपकी सेवा इसी प्रकार मिलती रहेगी। शुभकामनाएं।--आर्यावर्त (वार्ता) 08:33, 18 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]
धन्यवाद आर्यावर्त जी। - सायबॉर्ग (वार्ता) 08:41, 18 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

निवेदन

हिंदी विक्कीपीडिया पर किसी mahensingha(महेन प्रताप सिंह) नमक लेखक द्वारा लोधी जाति के बारे में गलत जानकारी या अपूर्ण जानकारी पोस्ट की गयी है और इस प्रष्ठ में कोई सुधार व संशोधन नहीं हो पा रहा है इसलिए हम लोधी जाति के प्रष्ट में सुधार चाहतें है -- निवेदक: 2405:204:A09B:5A83:656A:34A9:1EB2:4B94

संदेश सही करने वाला/वाली/वालें: Navinsingh133 (वार्ता) 15:45, 22 मई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

I need help reviewing a Global RFC

Dear admins, I am preparing a Global Request for Comments about financial support for admins that might be relevant for you .

Can you please review the draft and give me some feedback about how to improve it? Thank you.

MassMessage sent by Micru on 18:00, 7 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सदस्य:Manimusic.ml अवरोधित करने हेतु

बार-बार चेतावनी देने के बाद भी सदस्य केवल अपनी कम्पनी का प्रचार कर रहा है। सदस्य पन्नों के बाहर एक भी योगदान नहीं। - सायबॉर्ग (वार्ता) 13:56, 12 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

@ArmouredCyborg: जी, सूचित करने हेतु धन्यवाद। सदस्य को चेतावनी दी है। फिर से ऐसा कोई संपादन करते हैं तो कुछ समय के लिए अवरोधित कर देंगे। सदस्यपृष्ठ पर ध्यान रखें।--आर्यावर्त (वार्ता) 14:36, 12 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]
YesY पूर्ण हुआ सदस्यनाम में भी उनकी संगीत की वेबसाइट का प्रचार होने के कारण सदस्यनाम नीति अनुसार सदस्य को प्रतिबंधित कर दिया गया था।--आर्यावर्त (वार्ता) 11:06, 16 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

हिन्दी विकिपीडिया पर सोशल साइट्स शेयरिंग टूल

हिन्दी विकिपीडिया पर सोशल साइट्स शेयरिंग टूल इस विषय पर सार्थक चर्चा हुए एक वर्ष से भी अधिक हो चुका है, पप्रबंधकगणो से अनुरोध यही की इसे शीघ्र लागू करने का कष्ट करें --सुयश द्विवेदी (वार्ता) 10:49, 16 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ--आर्यावर्त (वार्ता) 11:07, 16 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]
प्रबंधकगण कृपया ध्यान दें, इस प्रक्रिया में दो उपकरण डिफॉल्ट हो गए हैं और नए प्रयोक्ताओं को दो-दो विकल्प दिख रहे हैं। आज बिना लॉग इन किये हुए मेरे द्वारा एक लेख खोलने पर ऐसा दिखा। साझा करने वाले उपकरण को डिफॉल्ट करने के साथ ही पहले से सक्रिय छोटा यूआरएल उपकरण को डिफॉल्ट से हटाना भी था। कृपया यथाशीघ्र इसे ठीक करें। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 13:29, 26 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]
@आर्यावर्त:, इसपर ध्यान दें। ऐसा मैंने भी गौर किया था और आप जाँच सकते हैं। कृपया इसे ठीक करें।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 09:15, 29 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]
YesY पूर्ण हुआ सूचित करने हेतु धन्यवाद। चर्चा न देख पाने के कारण देरी के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।--आर्यावर्त (वार्ता) 03:50, 3 जुलाई 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सम्पादन अनुरोध वाले पृष्ठ

नमस्ते साथियों, श्रेणी:सम्पादन अनुरोध वाले पृष्ठ निर्मित की गयी है क्योंकि कई बार अन्य विकि-समुदाय के लोग कोई गलती देखकर यहाँ अनुरोध करते हैं जिसके लिए वो {{सम्पादन अनुरोध}} जैसे साँचे काम में लेते हैं। मैंने ऐसे साँचों के प्रयोग वाले वार्ता पृष्ठों के लिए उपरोक्त श्रेणी निर्मित की है अतः भविष्य में ऐसी श्रेणी दिखाई देने पर समस्या को हल करके कार्य पूर्ण करने का प्रयास करें। यदि समस्या दिखाई दे तो अन्य प्रबन्धकों अथवा स्टीवर्ड से सहायता प्राप्त करें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:27, 24 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

Would any admin please see श्रेणी:सम्पादन_अनुरोध_वाले_पृष्ठ for a few minor edits to resolve LintErrors। Thank you, Xaosflux (वार्ता) 15:06, 28 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

@Xaosflux: All done. Excuse me if it is a silly question but what is the purpose of this?--हिंदुस्थान वासी वार्ता 09:13, 29 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]
वार्ता mw:Parsing/Replacing Tidy/FAQ has a good overview - it short there used to be a program ("tidy") that would try to fix certain errors like those bad tags, it has been removed। When there are bad tags now, the page may display incorrectly to people reading your articles, etc। The errors may look different depending on the reader's browser। I ran in to them because I'm working on a cross-project cleanup with User:Fluxbot। Thank you for your help! Xaosflux (वार्ता) 11:32, 29 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]