"सौरव गांगुली": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
पंक्ति 159: पंक्ति 159:
[[श्रेणी:क्रिकेट खिलाड़ी]]
[[श्रेणी:क्रिकेट खिलाड़ी]]
[[श्रेणी:कोलकाता के लोग]]
[[श्रेणी:कोलकाता के लोग]]
[[श्रेणी:बल्लेबाज]]
[[श्रेणी:बाएं हाथ के बल्लेबाज]]
[[श्रेणी:भारतीय क्रिकेट कप्तान]]
[[श्रेणी:भारतीय क्रिकेट कप्तान]]
[[श्रेणी:भारतीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी]]
[[श्रेणी:भारतीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी]]

03:22, 8 जुलाई 2018 का अवतरण

सौरव गांगुली
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम सौरव चंडीदास गांगुली
उपनाम दादा, प्रिंस ऑफ कोलकाता, बंगाल टाइगर, महाराजा
कद 5 फीट 11 इंच (1.80 मी॰)
बल्लेबाजी की शैली बाएं हाथ के बल्लेबाज़
गेंदबाजी की शैली दाँया मीडियम
भूमिका बल्लेबाज़
परिवार भाई: स्नेहाशीष गांगुली
पत्नी: डोना गांगुली (m.१९९७)
बेटी: सना गांगुली (b. २००१)
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी
राष्ट्रीय पक्ष
टेस्ट में पदार्पण (कैप २०७)२० जून १९९६ बनाम इंग्लैंड
अंतिम टेस्ट६ नवम्बर २००८ बनाम ऑस्ट्रेलिया
वनडे पदार्पण (कैप ८४)११ जनवरी १९९२ बनाम वेस्टइंडीज़
अंतिम एक दिवसीय१५ नवम्बर २००७ बनाम पाकिस्तान
एक दिवसीय शर्ट स॰
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम
१९९०-२०१० बंगाल
२००० लैंकशायर
२००५ ग्लैमोर्गन
२००६ नॉर्थहैम्पटनशायर
२००८-१० कोलकाता नाईट राइडर्स
२०११-१२ पुणे वॉरियर्ज़ इंडिया
स्रोत : क्रिकइन्फो, २० अप्रैल २०१५

सौरव चंडीदास गांगुली (जन्म ८ जुलाई १९७२) भारत क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान है। वे भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। बंगाल के एक संभ्रांत परिवार में जन्मे सौरव गांगुली अपने भाई स्नेहाशीष गांगुली के द्वारा क्रिकेट की दुनिया में लाए गए। इन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को अपनी कप्तानी में साल २००३ क्रिकेट विश्व कप में फाइनल में पहुंचाया था।

जीवनी

सौरव गांगुली का जन्म ८ जुलाई १९७२ को कलकत्ता में हुआ था। ये चंडीदास और निरूपा गांगुली के छोटे पुत्र हैं।[1][2] श्री चंडीदास एक सफल छपाई का व्यवसाय चलते थे और कोलकाता के सबसे रईस व्यक्तियों में से थे। गांगुली ने एक संभ्रांत बचपन बिताया और इन्हें महाराजा उपनाम से बुलाया जाता था। चूँकि कोल्कता के लोगों का पसंदीदा खेल फुटबौल है गांगुली भी आरंभ में इसकी तरफ आकर्षित हुए।

कैरियर

अपने कैरियर की शुरुआत उन्होंने स्कूल की और राज्य स्तरीय टीम में खेलते हुए की। वर्तमान में वह एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाडियों में ५ वें स्थान पर हैं और १०,००० बनाने वाले ५ वें खिलाडी और सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय खिलाडी हैं। क्रिकेट पत्रिका विस्डन के अनुसार वे अब तक के सर्वश्रेष्ठ एक दिवसीय बल्लेबाजों में ६ठे स्थान पर हैं।

कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (जैसे रणजी ट्राफी, दलीप ट्राफी आदि) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को राष्ट्रीय टीम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने पहले टेस्ट में १३१ रन बनाकर टीम में अपनी जगह बना कर ली। लगातार श्री लंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने और कई मैन ऑफ द मैच ख़िताब जीतने के बाद के बाद टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो गयी। १९९९ क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ ३१८ रन के साझेदारी की जो की आज भी विश्व कप इतिहास में सर्वाधिक है।

सन २००० में टीम के अन्य सदस्यों के मैच फिक्सिंग के कांड के कारण और के खराब स्वास्थ्य तात्कालिक कप्तान सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी त्याग दी, जिसके फलस्वरूप गांगुली को कप्तान बनाया गया। जल्द ही गांगुली को काउंटी क्रिकेट में डरहम की ओर से खराब प्रदर्शन और २००२ में नेटवेस्ट फायनल में शर्ट उतारने के कारण मीडिया में आलोचना का सामना करना पड़ा | सौरव ने २००३ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और भारत विश्व कप फायनल में ऑस्ट्रेलिया से हरा. उसी वर्ष बाद में खराब प्रदर्शन के कारण सौरव गांगुली को टीम से निकला गया। सन २००४ में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया जो की भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारों में से है। २००६ में सौरव गांगुली की राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसी समय वे भारत के कोच ग्रेग चैपल के साथ विवादों में आये। गांगुली पुनः टीम से निकाले गए लेकिन २००७ क्रिकेट विश्व कप में खेलने के लिए चयनित हुए |

२००८ में सौरव इंडियन प्रेमिएर लीग की टीम कोलकाता नाईट राइडर्स के कप्तान बनाये गए। इसी वर्ष ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक घरेलू सीरीस के बाद गांगुली ने क्रिकेट से त्याग की घोषणा की। इसके पश्चात गांगुली बंगाल की टीम से खेलते रहे और बंगाल के क्रिकेट संघ की क्रिकेट विकास समिति के अध्यक्ष बनाये गए। बांये हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली एक सफल एक दिवसीय खिलाडी के रूप में जाने जाते हैं इन्होने ने एक दिविसयी मैचों में ११००० से ज्यादा रन बनाये। ये भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को ४९ में से २१ मैचों में सफलता दिखाई | एक उग्र कप्तान के रूप में मशहूर गांगुली ने कई नए खिलाडियों को अपनी कप्तानी के समय खेलने का अवसर प्रदान किया।

बंगाल क्रिकेट संघ ने जुलाई २०१४ में सौरव गांगुली को खेल प्रशासक के रूप में नियुक्त किया।[3]

सन्दर्भ

  1. "Cricinfo - Players and Officials - Sourav Ganguly". Cricinfo Magazine. ESPN. अभिगमन तिथि 2008-05-19.
  2. Datta 2007, पृष्ठ 21
  3. "सौरव गांगुली ने क्रिकेट प्रशासक के रूप में शुरू की दूसरी पारी". पत्रिका समाचार समूह. २७ जुलाई २०१४. अभिगमन तिथि २७ जुलाई २०१४.