"मुहूर्त": अवतरणों में अंतर

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:(११) श्रेयो (१२) वसीय (१३) आयत् (१४) संभूतं (१५) भूतम् ।
:(११) श्रेयो (१२) वसीय (१३) आयत् (१४) संभूतं (१५) भूतम् ।


:"'चित्रः केतुः प्रभानाभान्त् संभान् ।
:''चित्रः केतुः प्रभानाभान्त् संभान् ।
:"'ज्योतिष्मंस्-तेजस्वानातपंस्-तपन्न्-अभितपन् ।
:"ज्योतिष्मंस्-तेजस्वानातपंस्-तपन्न्-अभितपन् ।
:"'रोचनो रोचमानः शोभनः शोभमानः कल्याणः ।
:"रोचनो रोचमानः शोभनः शोभमानः कल्याणः ।
:"'दर्शा दृष्टा दर्शता विष्वरूपा सुर्दर्शना ।
:''दर्शा दृष्टा दर्शता विष्वरूपा सुर्दर्शना ।
:"'आप्य्-आयमाणाप्यायमानाप्याया सु-नृतेरा ।
:''आप्य्-आयमाणाप्यायमानाप्याया सु-नृतेरा ।
:"'आपूर्यमाणा पूर्यमाणा पूर्यन्ती पूर्णा पौर्णमासी ।
:''आपूर्यमाणा पूर्यमाणा पूर्यन्ती पूर्णा पौर्णमासी ।
:"'दाता प्रदाताऽनन्दो मोदः प्रमोदः ॥ १०.१.१ ॥
:''दाता प्रदाताऽनन्दो मोदः प्रमोदः ॥ १०.१.१ ॥


[[शतपथ ब्राह्मण]] में एक दिन के पन्द्रहवें भाग (१/१५) को 'मुहूर्त' की संज्ञा दी गयी है।
[[शतपथ ब्राह्मण]] में एक दिन के पन्द्रहवें भाग (१/१५) को 'मुहूर्त' की संज्ञा दी गयी है।

08:40, 15 जून 2018 का अवतरण

हिन्दू धर्म में मुहूर्त एक समय मापन इकाई है। वर्तमान हिन्दी भाषा में इस शब्द को किसी कार्य को आरम्भ करने की शुभ घड़ी को कहने लगे हैं।

एक मुहूर्त बराबर होता है दो घड़ी के, या लगभग 48 मिनट के.

अमृत/जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं ; ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाड़ियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।

मुहूर्तों के नाम

क्रमांक समय मुहूर्त गुण
०६:०० - ०६:४८ रुद्र अशुभ
०६:४८ - ०७:३६ आहि अशुभ
०७:३६ - ०८:२४ मित्र शुभ
०८:२४ - ०९:१२ पितॄ अशुभ
०९:१२ - १०:०० वसु शुभ
१०:०० - १०:४८ वाराह शुभ
१०:४८ - ११:३६ विश्वेदेवा शुभ
११:३६ - १२:२४ विधि शुभ - सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर
१२:२४ - १३:१२ सतमुखी शुभ
१० १३:१२ - १४:०० पुरुहूत अशुभ
११ १४:०० - १४:४८ वाहिनी अशुभ
१२ १४:४८ - १५:३६ नक्तनकरा अशुभ
१३ १५:३६ - १६:२४ वरुण शुभ
१४ १६:२४ - १७:१२ अर्यमा शुभ - रविवार को छोड़कर
१५ १७:१२ - १८:०० भग अशुभ
१६ १८:०० - १८:४८ गिरीश अशुभ
१७ १८:४८ - १९:३६ अजपाद अशुभ
१८ १९:३६ - २०:२४ अहिर बुध्न्य शुभ
१९ २०:२४ - २१:१२ पुष्य शुभ
२० २१:१२ - २२:०० अश्विनी शुभ
२१ २२:०० - २२:४८ यम अशुभ
२२ २२:४८ - २३:३६ अग्नि शुभ
२३ २३:३६ - २४:२४ विधातॄ शुभ
२४ २४:२४ - ०१:१२ क्ण्ड शुभ
२५ ०१:१२ - ०२:०० अदिति शुभ
२६ ०२:०० - ०२:४८ जीव/अमृत बहुत शुभ
२७ ०२:४८ - ०३:३६ विष्णु शुभ
२८ ०३:३६ - ०४:२४ युमिगद्युति शुभ
२९ ०४:२४ - ०५:१२ ब्रह्म बहुत शुभ
३० ०५:१२ - ०६:०० समुद्रम् शुभ

ए ए मैकडोनेल के अनुसार तैत्तिरीय ब्राह्मण में १५ मुहुर्तों के नाम गिनाए गये हैं।

(१) संज्ञानं (२) विज्ञानं (३) प्रज्ञानं (४) जानद् (५) अभिजानत्
(६) संकल्पमानं (७) प्रकल्पमानम् (८) उपकल्पमानम् (९) उपकॢप्तं (१०) कॢप्तम्
(११) श्रेयो (१२) वसीय (१३) आयत् (१४) संभूतं (१५) भूतम् ।
चित्रः केतुः प्रभानाभान्त् संभान् ।
"ज्योतिष्मंस्-तेजस्वानातपंस्-तपन्न्-अभितपन् ।
"रोचनो रोचमानः शोभनः शोभमानः कल्याणः ।
दर्शा दृष्टा दर्शता विष्वरूपा सुर्दर्शना ।
आप्य्-आयमाणाप्यायमानाप्याया सु-नृतेरा ।
आपूर्यमाणा पूर्यमाणा पूर्यन्ती पूर्णा पौर्णमासी ।
दाता प्रदाताऽनन्दो मोदः प्रमोदः ॥ १०.१.१ ॥

शतपथ ब्राह्मण में एक दिन के पन्द्रहवें भाग (१/१५) को 'मुहूर्त' की संज्ञा दी गयी है।


सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ