"कुछ कुछ होता है": अवतरणों में अंतर

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'''कुछ कुछ होता है''' 1998 की [[हिन्दी भाषा]] की [[हास्य प्रेमकहानी फ़िल्में|हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म]] फिल्म है। इसे [[करण जौहर]] ने लिखा और निर्देशित किया और लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी [[शाहरुख खान]] और [[काजोल]] ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ अभिनय किया। [[रानी मुखर्जी]] ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि [[सलमान खान]] की एक विस्तारित विशेष उपस्थिति भी थी। इस फिल्म से [[सना सईद]] जिन्होंने सहायक भूमिका निभाई, अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की।
'''कुछ कुछ होता है''' 1998 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।


यह करण जौहर की निर्देशन शुरुआत थी। फिल्म भारत और विदेशों में सफल रही और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। साथ ही यह ''[[हम आपके हैं कौन]]'' और ''[[दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे]]'' के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी। भारत के बाहर, यह फिल्म ''[[कभी खुशी कभी ग़म]]'' द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी।

कुछ कुछ होता है को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। विशेष प्रशंसा काजोल के प्रदर्शन को मिली। साउंडट्रैक भी साल का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। फिल्म ने [[फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार]], [[ज़ी सिने पुरस्कार]] और [[स्टार स्क्रीन पुरस्कार]] में "सर्वश्रेष्ठ फिल्म" पुरस्कार जीता।
== संक्षेप ==
== संक्षेप ==
राहुल ([[शाहरुख़ खान]]) और अंजलि ([[काजोल देवगन]]) एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। राहुल एक खुशदिल और मस्तमौला लड़का होता है और अंजलि एक लड़कों जैसी लगने वाली और उन्हीं के जैसे शौक रखने वाली लड़की होती है। अंजलि और राहुल दोनों बहुत अच्छे दोस्त होते हैं और पूरे कॉलेज की जान होते है। जहाँ राहुल कॉलेज की लड़कियों के पीछे भागता है वहीं अंजलि को राहुल की इस तरह की हरकते बेहद नापसंद होती है। पर राहुल को अपने ही कॉलेज में [[ऑक्सफ़ोर्ड]] से पड़ने आई प्रिन्सिपल की बेटी टीना ([[रानी मुखर्जी]]) से प्यार हो जाता है। राहुल को टीना के साथ देखकर अंजलि को जलन होने लगती है और तब उसे एहसास होता है कि अंजलि की राहुल से दोस्ती दोस्ती नहीं प्यार है। टीना भी राहुल से प्यार करने लगती है लेकिन इसी बीच वो अंजलि को देखकर जान जाती है कि वो भी राहुल से प्यार करती है। यहाँ कहानी में प्रेम त्रिकोण बनता है लेकिन राहुल और टीना के लिए अंजलि कॉलेज छोड़ देती है।


राहुल और टीना शादी कर लेते हैं और उनकी एक बेटी होती है जिसका नाम वे अंजलि रखते हैं। टीना मरने से पहले अपने बेटी के लिए उसके हर जन्मदिन पर एक चिट्ठी तोहफे में छोड़ कर जाती है। चिट्ठियो में उसकी, राहुल और अंजलि के कॉलेज की दास्तान बयान होती है। अंजलि को 8 साल की होने पर पता लगता है कि कॉलेज में अंजलि (काजोल देवगन) उसके पापा से कितना प्यार करती थी और उसकी मरती हुई माँ का एक ही ख्वाब था -राहुल और अंजलि को फिर से मिलाना। वो कसम खाती है कि वो अपने पापा को अंजलि से मिलाएगी और वो अंजलि को ढूँढ़ना शुरू कर देती है। उसे अंजलि तो मिल जाती है लेकिन तब तक अंजलि की मँगनी अमन ([[सलमान खान]]) से हो चुकी होती है।
इस फिल्म के द्वारा करण जोहर ने अपने निर्देशन कैरियर की शुरआत की और शाहरुख़ और काजोल की सफल जोड़ी को एक बार फिर दर्शकों के सामने रखा। लंबे समय से एक हिट की तलाश में चल रहे यश जोहर बैनर को और खंडाला गर्ल रानी मुख़र्जी को इस फिल्म से बहुत उमीदें थी। मित्र आदित्य चोपड़ा की तरह करन जोहर ने भी कैरियर की शुरूआत एक प्रेम कथा से की।


राहुल और उसका परिवार अंजलि की शादी में जाता है, जहां राहुल चुपचाप अंजलि को कबूल करता है कि वह उससे प्यार करता है। इसे समझते हुए, अंजलि शादी करने में संकोच करती है और खड़े होते हुए रोने लग जाती है। अमान उसकी आंखों में आँसू देख महसूस करता है कि वह हमेशा राहुल से प्यार करती रही है। वह अंजलि को सगाई से मुक्त करता है और राहुल से शादी करने के लिए कहता है। राहुल और अंजली शर्मा शादी कर लेते हैं।
फिल्म में रानी मुख़र्जी और सलमान खान ने अतिथि कलाकार के रूप में कम किया।
== मुख्य कलाकार ==
* [[शाहरुख खान]] - राहुल खन्ना
* [[काजोल]] - अंजलि शर्मा
* [[रानी मुखर्जी]] - टीना मल्होत्रा
* [[सना सईद]] - अंजलि खन्ना
* [[सलमान खान]] - अमन मेहरा
* [[फरीदा ज़लाल]] - श्रीमती खन्ना
* [[अनुपम खेर]] - प्रिंसिपल मल्होत्रा
* [[अर्चना पूरन सिंह]] - ब्रिगेन्ज़ा
* [[रीमा लागू]] - अंजलि की माँ
* [[हिमानी शिवपुरी]] - रिफात बी
* [[जॉनी लीवर]] - कर्नल अल्मेडा
* [[परजान दस्तूर]] - सरदारजी
* [[नीलम]] - विशेष उपस्थिति
* [[निखिल आडवाणी]] - कैमियो और अतिरिक्त उपस्थिति में
* [[मनीष मल्होत्रा]] - कॉलेज के छात्र के रूप में कैमियो
* [[फराह खान]] - कैमियो और अतिरिक्त उपस्थिति
* [[गीता कपूर]] - गीत "तुझे याद ना मेरी आयी" में


राहुल (शाहरुख़ खान) और अंजलि (काजोल देवगन) एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। राहुल एक खुशदिल और मस्तमौला लड़का होता है और अंजलि एक लड़कों जैसी लगने वाली और उन्हीं के जैसे शौक रखने वाली लड़की होती है। अंजलि और राहुल दोनों बहुत अच्छे दोस्त होते हैं और पूरे कॉलेज की जान होते है। जहाँ राहुल कॉलेज की लड़कियों के पीछे भागता है वहीं अंजलि को राहुल की इस तरह की हरकते बेहद नापसंद होती है। पर राहुल को अपने ही कॉलेज में ऑक्स्फर्ड से पड़ने आई प्रिन्सिपल की बेटी टीना (रानी मुख़र्जी) से प्यार हो जाता है। राहुल को टीना के साथ देखकर अंजलि को जलन होने लगती है और तब उसे एहसास होता है कि अंजलि की राहुल से दोस्ती दोस्ती नहीं प्यार है। टीना भी राहुल से प्यार करने लगती है लेकिन इसी बीच वो अंजलि को देखकर जान जाती है कि वो भी राहुल से प्यार करती है। यहाँ कहानी में प्रेम त्रिकोण बनता है लेकिन राहुल और टीना के लिए अंजलि कॉलेज छोड़ देती है।

राहुल और टीना शादी कर लेते हैं और उनकी एक बेटी होती है जिसका नाम वे अंजलि रखते हैं। टीना मरने से पहले अपने बेटी के लिए उसके हर जन्मदिन पर एक चिट्ठी तोहफे में छोड़ कर जाती है। चिट्ठियो में उसकी, राहुल और अंजलि के कॉलेज की दास्तान बयान होती है। अंजलि को 8 साल की होने पर पता लगता है कि कॉलेज में अंजलि (काजोल देवगन) उसके पापा से कितना प्यार करती थी और उसकी मरती हुई माँ का एक ही ख्वाब था -राहुल और अंजलि को फिर से मिलना| वो कसम खाती है कि वो अपने पापा को अंजलि से मिलाएगी और वो अंजलि को ढूँढना शुरू कर देती है। उसे अंजलि तो मिल जाती है लेकिन तब तक अंजलि की मँगनी अमन (सलमान खान) से हो चुकी होती है।

क्या छोटी अंजलि अपने पापा को उनकी पुरानी कॉलेज की दोस्त से मिला पाती है और मँगनी होने के बाद भी क्या अंजलि और राहुल मिल पाते हैं यह फिल्म का चरम है।

फिल्म मनोरंजक है लेकिन कई जगह पर कहानी को काट कर छोटा किया जा सकता है। मनीष मल्होत्रा ने कलाकारों के लिए बहुत अच्छे कपड़े डिज़ाइन किए हैं और फिल्म के छायांकन की जितनी तारीफ की जाए कम है। कारण जोहर ने अपनी पहली फिल्म में अच्छा निर्देशन किया है। शाहरुख हमेशा की तरह अभिनय में शीर्ष पर रहे हैं और ये फिल्म भी उनकी सबसे सफलतम फिल्मों में से एक गिनी जाती है। साना सईद ने छोटी अंजलि का किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है। रानी मुख़र्जी का किरदार छोटा है पर बाज़ी मारी काजोल देवगन ने दर्शकों को शाहरुख़ खान और काजोल देवगन की जोड़ी बेहद पसंद आई और यही जोड़ी इस फिल्म की जान है। पर्दे पर काफ़ी समय बाद शाहरुख़ खान और सलमान खान को साथ देखना अच्छा लगा। फिल्म की कहानी कुछ कुछ अंग्रेज़ी फिल्म "माय बेस्ट फ़्रेंड'स वेड्डिंग की याद दिलाती है"| जतिन ललित ने बहुत अच्छा संगीत दिया है और फिल्म के गीत लंबे समय तक श्रोताओं की ज़ुबान पर राज करेंगे। कुल मिलाकर यह फिल्म अच्छी और मनोरंजक है और देश विदेश में इसे बेहद पसंद किया गया है।

== मुख्य कलाकार - चरित्र ==
* [[शाहरुख़ ख़ान]] - राहुल खन्ना
* [[काजोल]] - अंजली शर्मा
* [[रानी मुख़र्जी]] - टीना

== दल ==
== संगीत ==
== संगीत ==
संगीतकार जोड़ी [[जतिन-ललित]] द्वारा संगीत दिया गया है। बोल [[समीर]] द्वारा प्रदान किये गए हैं। यह एल्बम साल का सर्वश्रेष्ठ बिकने वाला बॉलीवुड साउंडट्रैक बना था।
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== रोचक तथ्य ==
== परिणाम ==
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== नामांकरण और पुरस्कार ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://filmkahani.com/90-decade/kuch-kuch-hota-hai.html कुछ कुछ होता है फिल्म कहानी]
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08:39, 29 मई 2018 का अवतरण

कुछ कुछ होता है

कुछ कुछ होता है का पोस्टर
निर्देशक करण जोहर
लेखक करण जोहर
निर्माता यश जौहर
अभिनेता शाहरुख़ ख़ान,
काजोल देवगन,
सलमान ख़ान,
रानी मुखर्जी
संगीतकार जतिन-ललित
निर्माण
कंपनी
वितरक यश राज फिल्म्स
प्रदर्शन तिथि
16 अक्तूबर 1998
देश भारत
भाषा हिन्दी

कुछ कुछ होता है 1998 की हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म फिल्म है। इसे करण जौहर ने लिखा और निर्देशित किया और लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी शाहरुख खान और काजोल ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ अभिनय किया। रानी मुखर्जी ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि सलमान खान की एक विस्तारित विशेष उपस्थिति भी थी। इस फिल्म से सना सईद जिन्होंने सहायक भूमिका निभाई, अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की।

यह करण जौहर की निर्देशन शुरुआत थी। फिल्म भारत और विदेशों में सफल रही और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। साथ ही यह हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी। भारत के बाहर, यह फिल्म कभी खुशी कभी ग़म द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी।

कुछ कुछ होता है को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। विशेष प्रशंसा काजोल के प्रदर्शन को मिली। साउंडट्रैक भी साल का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। फिल्म ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और स्टार स्क्रीन पुरस्कार में "सर्वश्रेष्ठ फिल्म" पुरस्कार जीता।

संक्षेप

राहुल (शाहरुख़ खान) और अंजलि (काजोल देवगन) एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। राहुल एक खुशदिल और मस्तमौला लड़का होता है और अंजलि एक लड़कों जैसी लगने वाली और उन्हीं के जैसे शौक रखने वाली लड़की होती है। अंजलि और राहुल दोनों बहुत अच्छे दोस्त होते हैं और पूरे कॉलेज की जान होते है। जहाँ राहुल कॉलेज की लड़कियों के पीछे भागता है वहीं अंजलि को राहुल की इस तरह की हरकते बेहद नापसंद होती है। पर राहुल को अपने ही कॉलेज में ऑक्सफ़ोर्ड से पड़ने आई प्रिन्सिपल की बेटी टीना (रानी मुखर्जी) से प्यार हो जाता है। राहुल को टीना के साथ देखकर अंजलि को जलन होने लगती है और तब उसे एहसास होता है कि अंजलि की राहुल से दोस्ती दोस्ती नहीं प्यार है। टीना भी राहुल से प्यार करने लगती है लेकिन इसी बीच वो अंजलि को देखकर जान जाती है कि वो भी राहुल से प्यार करती है। यहाँ कहानी में प्रेम त्रिकोण बनता है लेकिन राहुल और टीना के लिए अंजलि कॉलेज छोड़ देती है।

राहुल और टीना शादी कर लेते हैं और उनकी एक बेटी होती है जिसका नाम वे अंजलि रखते हैं। टीना मरने से पहले अपने बेटी के लिए उसके हर जन्मदिन पर एक चिट्ठी तोहफे में छोड़ कर जाती है। चिट्ठियो में उसकी, राहुल और अंजलि के कॉलेज की दास्तान बयान होती है। अंजलि को 8 साल की होने पर पता लगता है कि कॉलेज में अंजलि (काजोल देवगन) उसके पापा से कितना प्यार करती थी और उसकी मरती हुई माँ का एक ही ख्वाब था -राहुल और अंजलि को फिर से मिलाना। वो कसम खाती है कि वो अपने पापा को अंजलि से मिलाएगी और वो अंजलि को ढूँढ़ना शुरू कर देती है। उसे अंजलि तो मिल जाती है लेकिन तब तक अंजलि की मँगनी अमन (सलमान खान) से हो चुकी होती है।

राहुल और उसका परिवार अंजलि की शादी में जाता है, जहां राहुल चुपचाप अंजलि को कबूल करता है कि वह उससे प्यार करता है। इसे समझते हुए, अंजलि शादी करने में संकोच करती है और खड़े होते हुए रोने लग जाती है। अमान उसकी आंखों में आँसू देख महसूस करता है कि वह हमेशा राहुल से प्यार करती रही है। वह अंजलि को सगाई से मुक्त करता है और राहुल से शादी करने के लिए कहता है। राहुल और अंजली शर्मा शादी कर लेते हैं।

मुख्य कलाकार

संगीत

संगीतकार जोड़ी जतिन-ललित द्वारा संगीत दिया गया है। बोल समीर द्वारा प्रदान किये गए हैं। यह एल्बम साल का सर्वश्रेष्ठ बिकने वाला बॉलीवुड साउंडट्रैक बना था।

कुछ कुछ होता है: गीत सूची
क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."कुछ कुछ होता है"उदित नारायण, अलका याज्ञनिक,4:56
2."कोई मिल गया"कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण, अलका याज्ञनिक7:16
3."साजनजी घर आए"कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण, अलका याज्ञनिक7:14
4."कुछ कुछ होता है (उदासीन)"अलका याज्ञनिक1:26
5."ये लड़का है दीवाना"उदित नारायण, अलका याज्ञनिक6:36
6."तुझे याद न मेरी आई"अलका याज्ञनिक, मनप्रीत अख्तर, उदित नारायण7:03
7."रघुपति राघव"अलका याज्ञनिक, शंकर महादेवन2:05
8."लड़की बड़ी अनजानी है"कुमार सानु, अलका याज्ञनिक6:23
कुल अवधि:42:59

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकरण और पुरस्कार

पुरस्कार श्रेणी प्राप्तकर्ता
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ फिल्म यश जौहर
सर्वश्रेष्ठ निदेशक करण जौहर
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता शाहरुख खान
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री काजोल
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता सलमान खान
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री रानी मुखर्जी
सर्वश्रेष्ठ कला निर्देश शर्मिश्ता रॉय
सर्वश्रेष्ठ पटकथा करण जौहर

बाहरी कड़ियाँ