"ज्या": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Trigono b00.svg|right|thumb|150px|समकोण त्रिभुज में किसी कोण की ज्या उस कोण के सामने की भुजा और कर्ण के अनुपात के बराबर होती है।]]
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[[गणित]] में '''ज्या''' (Sine), एक त्रिकोणमितीय [[फलन]] का नाम है। [[समकोण त्रिभुज]] में का समकोण के अलावा एक कोण '''x''' है तो,
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: ''' ज्या (x) = कोण x के सामने की भुजा की माप / कर्ण की माप'''
: ''' ज्या (x) = कोण x के सामने की भुजा की माप / कर्ण की माप'''

07:51, 7 मई 2018 का अवतरण

समकोण त्रिभुज में किसी कोण की ज्या उस कोण के सामने की भुजा और कर्ण के अनुपात के बराबर होती है।

गणित में ज्या (Sine), एक त्रिकोणमितीय फलन का नाम है। समकोण त्रिभुज में का समकोण के अलावा एक कोण x है तो,

ज्या (x) = कोण x के सामने की भुजा की माप / कर्ण की माप
(पार्श्व चित्र देखें)

उदाहरण के लिये, यदि कोण का मान डिग्री में हो तो,

ज्या (०) = ० , ज्या (३०) = १/२ , ज्या (९०) = १

इतिहास

'ज्या' शब्द भारत से उत्पन्न हुआ और अरब होते हुए यूरोप पहुँचा। इस क्रम में ज्या से अपभ्रंश होकर 'साइन' बन गया। भारत के अनेकों प्राचीन गणितज्ञों ने श्लोक के रूप में ज्या-सारणी प्रस्तुत की जिनमें आर्यभट (आर्यभटीय), भास्कर द्वितीय (करणकुतुहल और सिद्धान्तशिरोमणि), वराहमिहिर (पञ्चसिद्धान्तिका), ब्रह्मगुप्त (ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त), श्रीपति (सिद्धान्तशेखर), वटेश्वर (वटेश्वरसिद्धान्त), नित्यानन्द (सर्वसिद्धान्तराज) तथा ज्ञानराज (सिद्धान्तसुन्दर) प्रमुख हैं। [1]

ज्या का ग्राफ

इन्हें भी कड़ियाँ

  1. [www.hamsi.org.nz/p/sanskrit-sine-tables.html Sanskrit Sine Tables]