"भारत पाक युद्ध १९६५": अवतरणों में अंतर
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#पुनर्प्रेषित [[1965 का भारत पाक युद्ध]] |
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भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1965 में हुई भीषण जंग आमतौर पर बराबर पर छूटी हुई मानी जाती है. लेकिन अब इतिहास दोबारा लिखा जा रहा है और ये साफ होता जा रहा है कि इस युद्ध में हमारी जीत हुई थी. दरअसल, 28 अगस्त हिंदुस्तान की फौज ने पाकिस्तान में दाखिल होकर हाजी पीर और दूसरी पोस्ट पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद 1 सितंबर 1965 को पाकिस्तान ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम लॉन्च कर जंग का स्तर और बढ़ा दिया. |
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6 सितंबर 1965 हिंदुस्तान ने लाहौर और सियालकोट को निशाना बनाकर सरहद पार बड़े हमले कर जवाब दिया. फिर 22 सितंबर 1965 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दखलंदाजी के बाद दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम हुआ. |
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आंकड़ों के मुताबिक, इस युद्ध में 2862 भारतीय सैनिक और 5800 पाकिस्तानी फौजियों की जान गई थी. 97 भारतीय टैंक औश्र 497 पाक्स्तिानी टैंक बर्बाद हो गए. करीब 1900 वर्मकिमी पाकिस्तानी इलाका हिंदुस्तान ने जीता, जबकि पाकिस्तान के हाथ 540 वर्ग किमी आया था. |
12:45, 16 अप्रैल 2018 का अवतरण
अनुप्रेषण का लक्ष्य:
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1965 में हुई भीषण जंग आमतौर पर बराबर पर छूटी हुई मानी जाती है. लेकिन अब इतिहास दोबारा लिखा जा रहा है और ये साफ होता जा रहा है कि इस युद्ध में हमारी जीत हुई थी. दरअसल, 28 अगस्त हिंदुस्तान की फौज ने पाकिस्तान में दाखिल होकर हाजी पीर और दूसरी पोस्ट पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद 1 सितंबर 1965 को पाकिस्तान ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम लॉन्च कर जंग का स्तर और बढ़ा दिया.
6 सितंबर 1965 हिंदुस्तान ने लाहौर और सियालकोट को निशाना बनाकर सरहद पार बड़े हमले कर जवाब दिया. फिर 22 सितंबर 1965 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दखलंदाजी के बाद दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम हुआ.
आंकड़ों के मुताबिक, इस युद्ध में 2862 भारतीय सैनिक और 5800 पाकिस्तानी फौजियों की जान गई थी. 97 भारतीय टैंक औश्र 497 पाक्स्तिानी टैंक बर्बाद हो गए. करीब 1900 वर्मकिमी पाकिस्तानी इलाका हिंदुस्तान ने जीता, जबकि पाकिस्तान के हाथ 540 वर्ग किमी आया था.