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==हरिहरनाथ मंदिर==
==हरिहरनाथ मंदिर==
[[हिंदू]] धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इंद्रद्युम्न नामक एक राजा ,[[अगस्त्य]] मुनि के शाप से हाथी बन गए थे और हुहु नामक गंधर्व देवल मुनि के शाप से मगरमच्छ। कालांतरण में गज(हाथी) और मगरमच्छ के बीच सोनपुर में गंगा और गंडक के संगम पर युद्ध हुआ था।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/multimedia/2013/11/131123_world_famous_sonepur_mela_gallery_pk|title=बिहार में सोनपुर मेले की धूम}}</ref> इसी के पास कोनहराघाट में पौराणिक कथा के अनुसार गज और ग्राह(मगरमच्छ) का वर्षों चलनेवाला युद्ध हुआ था। बाद में भगवान [[विष्णु]] की सहायता से गज की विजय हुई थी।<ref>{{cite web|url=https://khabar.ndtv.com/news/faith/sonpur-fair-where-elephant-and-crocodile-fought-lord-vishnu-intervened-to-stop-fight-1626141|title=यहां हुई थी ‘गज’ और ‘ग्राह’ की लड़ाई, भगवान विष्णु को करना पड़ा था हस्तक्षेप}}</ref><ref>{{cite web|url=http://www.jagran.com/bihar/patna-city-11748243.html|title=भगवान विष्णु व शिव की क्रीड़ास्थली है हरिहर क्षेत्र - See more at: http://www.jagran.com/bihar/patna-city-11748243.html#sthash.TzKYLFgN.dpuf}}</ref> एक अन्य किंवदंती के अनुसार जय और विजय दो भाई थे। जय शिव के तथा विजय विष्णु के भक्त थे। इन दोनों में झगड़ा हो गया तथा दोनों गज और ग्राह बन गए। बाद में दोनों में मित्रता हो गई वहाँ शिव और विष्णु दोनों के मंदिर साथ साथ बने जिससे इसका नाम हरिहरक्षेत्र पड़ा। कुछ लोगों के अनुसार प्राचीन काल में यहाँ ऋषियों और साधुओं का एक विशाल सम्मेलन हुआ तथा शैव और वैष्णव के बीच गंभीर वादविवाद खड़ा हो किंतु बाद में दोनों में सुलह हो गई और शिव तथा विष्णु दोनों की मूर्तियों की एक ही मंदिर में स्थापना की गई, उसी को स्मृति में यहाँ कार्तिक में पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित किया जाता है।
[[हिंदू]] धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इंद्रद्युम्न नामक एक राजा ,[[अगस्त्य]] मुनि के शाप से हाथी बन गए थे और हुहु नामक गंधर्व देवल मुनि के शाप से मगरमच्छ। कालांतरण में गज(हाथी) और मगरमच्छ के बीच सोनपुर में गंगा और गंडक के संगम पर युद्ध हुआ था।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/multimedia/2013/11/131123_world_famous_sonepur_mela_gallery_pk|title=बिहार में सोनपुर मेले की धूम}}</ref> इसी के पास कोनहराघाट में पौराणिक कथा के अनुसार गज और ग्राह(मगरमच्छ) का वर्षों चलनेवाला युद्ध हुआ था। बाद में भगवान [[विष्णु]] की सहायता से गज की विजय हुई थी।<ref>{{cite web|url=https://khabar.ndtv.com/news/faith/sonpur-fair-where-elephant-and-crocodile-fought-lord-vishnu-intervened-to-stop-fight-1626141|title=यहां हुई थी ‘गज’ और ‘ग्राह’ की लड़ाई, भगवान विष्णु को करना पड़ा था हस्तक्षेप}}</ref><ref>{{cite web|url=http://www.jagran.com/bihar/patna-city-11748243.html|title=भगवान विष्णु व शिव की क्रीड़ास्थली है हरिहर क्षेत्र - See more at: http://www.jagran.com/bihar/patna-city-11748243.html#sthash.TzKYLFgN.dpuf}}</ref> एक अन्य किंवदंती के अनुसार जय और विजय दो भाई थे। जय शिव के तथा विजय विष्णु के भक्त थे। इन दोनों में झगड़ा हो गया था। तथा दोनों गज और ग्राह बन गए। बाद में दोनों में मित्रता हो गई वहाँ शिव और विष्णु दोनों के मंदिर साथ साथ बने जिससे इसका नाम हरिहरक्षेत्र पड़ा। कुछ लोगों के अनुसार प्राचीन काल में यहाँ ऋषियों और साधुओं का एक विशाल सम्मेलन हुआ तथा शैव और वैष्णव के बीच गंभीर वादविवाद खड़ा हो किंतु बाद में दोनों में सुलह हो गई और शिव तथा विष्णु दोनों की मूर्तियों की एक ही मंदिर में स्थापना की गई, उसी को स्मृति में यहाँ कार्तिक में पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित किया जाता है।

==सोनपुर मेला==
==सोनपुर मेला==
इस मेले का आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। हरिहर क्षेत्र 2017 सोनपुर मेला 32 दिनों का होगा।<ref>{{cite web|url=http://www.jagran.com/bihar/vaishali-harihar-kshetra-mela-will-for-32-days-16596083.html|title=इस बार 32 दिनों का होगा हरिहर क्षेत्र मेला}}</ref> सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है।<ref>{{cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/city/patna/Rustic-touch-of-Sonepur-Mela-attracts-foreigners/articleshow/49955254.cms|title=Rustic touch of Sonepur Mela attracts foreigners}}</ref><ref>{{cite web|url=https://www.telegraphindia.com/1151127/jsp/bihar/story_55367.jsp|title=Through foreign eyes, Sonepur fares better Visitors say state's cattle mela mirrors real India more than Pushkar fair does}}</ref> जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस एवं अन्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्विस कॉटेजों का निर्माण किया जाता है।<ref>{{cite web|url=https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-MAT-latest-patna-news-030502-13486-NOR.html|title=सोनपुर मेला 4 नवंबर से, कॉटेज बुकिंग शुरू}}</ref> सोनपुर मेले का उदघाटन इस बार 2 नवंबर को तथा समापन 3 दिसंबर को किया जाएगा।<ref>{{cite web|url=http://www.prabhatkhabar.com/news/vaishali/story/1043888.html|title=इस बार 32 दिनों का होगा हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला}}</ref> मेला में नौका दौड़, दंगल, वाटर सर्फिंग, वाटर के¨नग सहित विभिन्न प्रकार के खेल व प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।
इस मेले का आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। हरिहर क्षेत्र 2017 सोनपुर मेला 32 दिनों का होगा।<ref>{{cite web|url=http://www.jagran.com/bihar/vaishali-harihar-kshetra-mela-will-for-32-days-16596083.html|title=इस बार 32 दिनों का होगा हरिहर क्षेत्र मेला}}</ref> सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है।<ref>{{cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/city/patna/Rustic-touch-of-Sonepur-Mela-attracts-foreigners/articleshow/49955254.cms|title=Rustic touch of Sonepur Mela attracts foreigners}}</ref><ref>{{cite web|url=https://www.telegraphindia.com/1151127/jsp/bihar/story_55367.jsp|title=Through foreign eyes, Sonepur fares better Visitors say state's cattle mela mirrors real India more than Pushkar fair does}}</ref> जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस एवं अन्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्विस कॉटेजों का निर्माण किया जाता है।<ref>{{cite web|url=https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-MAT-latest-patna-news-030502-13486-NOR.html|title=सोनपुर मेला 4 नवंबर से, कॉटेज बुकिंग शुरू}}</ref> सोनपुर मेले का उदघाटन इस बार 2 नवंबर को तथा समापन 3 दिसंबर को किया जाएगा।<ref>{{cite web|url=http://www.prabhatkhabar.com/news/vaishali/story/1043888.html|title=इस बार 32 दिनों का होगा हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला}}</ref> मेला में नौका दौड़, दंगल, वाटर सर्फिंग, वाटर के¨नग सहित विभिन्न प्रकार के खेल व प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।

17:54, 10 मार्च 2018 का अवतरण

बिहार की राजधानी पटना से पाँच किलोमीटर उत्तर सारण में गंगा और गंडक के संगम पर स्थित 'सोनपुर' नामक कस्बे को ही प्राचीन काल में हरिहरक्षेत्र कहते थे। देश के चार धर्म महाक्षेत्रों में से एक हरिहरक्षेत्र है।[1][2] ऋषियों और मुनियों ने इसे प्रयाग और गया से भी श्रेष्ठ तीर्थ माना है। ऐसा कहा जाता है कि इस संगम की धारा में स्नान करने से हजारों वर्ष के पाप कट जाते हैं। कर्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ एक विशाल मेला लगता है जो मवेशियों के लिए एशिया का सबसे बड़ा मेला समझा जाता है।[3] यहाँ हाथी, घोड़े, गाय, बैल एवं चिड़ियों आदि के अतिरिक्त सभी प्रकार के आधुनिक सामान, कंबल दरियाँ, नाना प्रकार के खिलौने और लकड़ी के सामान बिकने को आते हैं। सोनपुर मेला लगभग एक मास तक चलता है। इस मेले के संबंध में अनेक किंवदंतियाँ प्रचलित हैं।[4]

गज और ग्राह

हरिहरनाथ मंदिर

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इंद्रद्युम्न नामक एक राजा ,अगस्त्य मुनि के शाप से हाथी बन गए थे और हुहु नामक गंधर्व देवल मुनि के शाप से मगरमच्छ। कालांतरण में गज(हाथी) और मगरमच्छ के बीच सोनपुर में गंगा और गंडक के संगम पर युद्ध हुआ था।[5] इसी के पास कोनहराघाट में पौराणिक कथा के अनुसार गज और ग्राह(मगरमच्छ) का वर्षों चलनेवाला युद्ध हुआ था। बाद में भगवान विष्णु की सहायता से गज की विजय हुई थी।[6][7] एक अन्य किंवदंती के अनुसार जय और विजय दो भाई थे। जय शिव के तथा विजय विष्णु के भक्त थे। इन दोनों में झगड़ा हो गया था। तथा दोनों गज और ग्राह बन गए। बाद में दोनों में मित्रता हो गई वहाँ शिव और विष्णु दोनों के मंदिर साथ साथ बने जिससे इसका नाम हरिहरक्षेत्र पड़ा। कुछ लोगों के अनुसार प्राचीन काल में यहाँ ऋषियों और साधुओं का एक विशाल सम्मेलन हुआ तथा शैव और वैष्णव के बीच गंभीर वादविवाद खड़ा हो किंतु बाद में दोनों में सुलह हो गई और शिव तथा विष्णु दोनों की मूर्तियों की एक ही मंदिर में स्थापना की गई, उसी को स्मृति में यहाँ कार्तिक में पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित किया जाता है।

सोनपुर मेला

इस मेले का आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। हरिहर क्षेत्र 2017 सोनपुर मेला 32 दिनों का होगा।[8] सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है।[9][10] जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस एवं अन्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्विस कॉटेजों का निर्माण किया जाता है।[11] सोनपुर मेले का उदघाटन इस बार 2 नवंबर को तथा समापन 3 दिसंबर को किया जाएगा।[12] मेला में नौका दौड़, दंगल, वाटर सर्फिंग, वाटर के¨नग सहित विभिन्न प्रकार के खेल व प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।

सन्दर्भ

  1. "हाजीपुर में पहले लगता था हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला".
  2. "श्रावन माह को ले आस्था एवं भक्ति का केंद्र बना हरिहरक्षेत्र".
  3. "उत्तर वैदिक काल से शुरू हुआ था सोनपुर मेला".
  4. "तस्वीरेंः हरिहर क्षेत्र का सोनपुर मेला".
  5. "बिहार में सोनपुर मेले की धूम".
  6. "यहां हुई थी 'गज' और 'ग्राह' की लड़ाई, भगवान विष्णु को करना पड़ा था हस्तक्षेप".
  7. "भगवान विष्णु व शिव की क्रीड़ास्थली है हरिहर क्षेत्र - See more at: http://www.jagran.com/bihar/patna-city-11748243.html#sthash.TzKYLFgN.dpuf". |title= में बाहरी कड़ी (मदद)
  8. "इस बार 32 दिनों का होगा हरिहर क्षेत्र मेला".
  9. "Rustic touch of Sonepur Mela attracts foreigners".
  10. "Through foreign eyes, Sonepur fares better Visitors say state's cattle mela mirrors real India more than Pushkar fair does".
  11. "सोनपुर मेला 4 नवंबर से, कॉटेज बुकिंग शुरू".
  12. "इस बार 32 दिनों का होगा हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला".