"हास्य": अवतरणों में अंतर
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बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा। |
बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा। |
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बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे |
बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥ |
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==इन्हें भी देखें== |
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* [[व्यंग्य]] |
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* [[प्रहसन]] |
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* [[चुटकुले]] |
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* [[हास्यरस तथा उसका साहित्य (संस्कृत, हिन्दी)]] |
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*[[हास्य रस तथा उसका साहित्य]] |
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[[श्रेणी:रस]] |
12:14, 4 मार्च 2018 का अवतरण
हास्य 9 रसों में से एक रस है जिसका अर्थ सुखांतक अथवा कामदी होता है। रस का अर्थ एक भाव/आस्वाद से होता है और रस-सिद्धान्त में प्राचीन भारतीय कला जिसमें रंगमंच, संगीत, नृत्य, काव्य और शिल्पकला भी शामिल है।
हास्य रस का उदाहरण ---
बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा। बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥