"राग गौड़सारङ्ग": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[गौड़ सारंग]], [[भारतीय संगीत]] का एक [[राग]] है। इसके गायन का समय दोपहर (मध्याह्न काल) है। |
|||
{{शीह-अर्थहीन}} |
|||
उस्ताद अब्दुल गनी खां साहब |
|||
'''ठाठ''' - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं) |
|||
वादी - ग |
|||
संवादी- ध |
|||
जाति- सम्पूर्ण (*वक्र सम्पूर्ण- अर्थात आरोह व अवरोह में सभी स्वरों का प्रयोग *वक्र होता है) |
|||
;विशेषताएं - |
|||
* तीव्र म का अल्प प्रयोग केवल आरोह में प के साथ ही होता है। |
|||
* नि का प्रयोग भी अल्प है। |
|||
* ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है। |
|||
[[श्रेणी:राग]] |
05:43, 25 दिसम्बर 2017 का अवतरण
गौड़ सारंग, भारतीय संगीत का एक राग है। इसके गायन का समय दोपहर (मध्याह्न काल) है।
ठाठ - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं)
वादी - ग
संवादी- ध
जाति- सम्पूर्ण (*वक्र सम्पूर्ण- अर्थात आरोह व अवरोह में सभी स्वरों का प्रयोग *वक्र होता है)
- विशेषताएं -
- तीव्र म का अल्प प्रयोग केवल आरोह में प के साथ ही होता है।
- नि का प्रयोग भी अल्प है।
- ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है।