"पुष्यभूति राजवंश": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) नया पृष्ठ: {{Infobox former country | common_name = पुष्यभूति वंश | continent = Asia | conventional_long_name = |image_map = South Asia historical AD590... |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
==इन्हें भी देखें== |
==इन्हें भी देखें== |
||
*[[हर्षवर्धन]] |
*[[हर्षवर्धन]] |
||
==बाहरी कड़ियाँ== |
|||
*[http://www.gsguru.in/pushyabhuti-ancestry-and-harshvardhan/ पुष्यभूति वंश और हर्षवर्धन] |
|||
[[श्रेणी:भारत के राजवंश]] |
[[श्रेणी:भारत के राजवंश]] |
05:54, 21 मई 2017 का अवतरण
त्रुटि: कोई नाम नहीं दिया गया है। | |||||
| |||||
पुष्यभूति राजवंश का राज्यक्षेत्र आधुनिक समय के थानेसर के चारों ओर स्थित था। (ऊपर का मानचित्र)
अपने चरमोत्कर्ष के समय पुष्यभूति साम्राज्य का विस्तार (हर्ष का साम्राज्य) (नीचे वाला मानचित्र) | |||||
राजधानी | थानेसर कन्नौज | ||||
शासन | राजतन्त्र | ||||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | ६ठी शताब्दी | |||
- | अंत | ७वीं शताब्दी |
पुष्यभूति राजवंश या वर्धन राजवंश ने भारत के उत्तरी भाग में ६ठी तथा ७वीं शताब्दी में शासन किया। इस वंश का सबसे प्रतापी तथा अन्तिम राजा हर्षवर्धन हुआ जिसके शासन काल में यह वंश अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा। भारत का अधिकांश उत्तरी तथा पश्चिमोत्तर भाग इस समय हर्ष के साम्राज्य के अन्तर्गत था। पूर्व में यह साम्राज्य कामरूप तक फैला हुआ था तथा दक्षिण में नर्मदा नदी तक। कन्नौज इनकी राजधानी थी। इस वंश का शासन ६४७ ई तक रहा।[1]
सन्दर्भ
- ↑ International Dictionary of Historic Places: Asia and Oceania by Trudy Ring, Robert M. Salkin, Sharon La Boda p.507