"जैन ग्रंथ": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो 49.34.100.238 (Talk) के संपादनों को हटाकर जैन के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[File:प्रवचनसार.jpg|thumb|प्रवचनसार जैन ग्रन्थ का हिंदी अनुवाद]] |
[[File:प्रवचनसार.jpg|thumb|प्रवचनसार जैन ग्रन्थ का हिंदी अनुवाद]] |
||
'''जैन ग्रंथ''' शब्द, [[जैन धर्म]] पर लिखे गए ग्रंथो के लिए प्रयोग किया जाता है। जैन धर्म के मूल ग्रंथो को [[आगम (जैन)|आगम]] कहा जाता है। आगम का ज्ञान रखने वाले आचार्यों द्वारा लिखे गए ग्रंथ या टीका आदि को "जैन ग्रंथ" कहा जाता |
'''जैन ग्रंथ''' शब्द, [[जैन धर्म]] पर लिखे गए ग्रंथो के लिए प्रयोग किया जाता है। जैन धर्म के मूल ग्रंथो को [[आगम (जैन)|आगम]] कहा जाता है। आगम का ज्ञान रखने वाले आचार्यों द्वारा लिखे गए ग्रंथ या टीका आदि को "जैन ग्रंथ" कहा जाता है। |
||
==प्रमुख ग्रन्थ== |
==प्रमुख ग्रन्थ== |
08:10, 20 मई 2017 का अवतरण
जैन ग्रंथ शब्द, जैन धर्म पर लिखे गए ग्रंथो के लिए प्रयोग किया जाता है। जैन धर्म के मूल ग्रंथो को आगम कहा जाता है। आगम का ज्ञान रखने वाले आचार्यों द्वारा लिखे गए ग्रंथ या टीका आदि को "जैन ग्रंथ" कहा जाता है।
प्रमुख ग्रन्थ
षट्खण्डागम, समयसार, प्रवचनसार, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, पुरुषार्थ सिद्धयुपाय, इष्टोपदेश, धवला टीका, महाधवला टीका, कसायपाहुड, जयधवला टीका, योगसार, पञ्चास्तिकायसार, बारसाणुवेक्खा, आप्तमीमांसा, अष्टशती टीका, अष्टसहस्री टीका, तत्त्वार्थराजवार्तिक टीका, तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक टीका, समाधितन्त्र,, भगवती आराधना, मूलाचार, गोम्मटसार, द्रव्यसंग्रह, भद्रबाहु संहिता
प्रथामानयोग
तत्त्वार्थ सूत्र
तत्त्वार्थ सूत्र, आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित जैन ग्रन्थ है। इसे "मोक्ष-शास्त्र" भी कहते हैं।