"वीरेंद्र दयाल": अवतरणों में अंतर
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''' वीरेंद्र दयाल ''' [[भारत सरकार]] ने [[१९९२]] में [[प्रशा]] के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया था। ये [[दिल्ली]] से हैं। वीरेंद्र दयाल (जन्म 29 जनवरी 1935) एक भारतीय सिविल सेवक, राजनयिक और एक पूर्व बावर्ची दे कैबिनेट सचिव जनरल रह चुके हैं। उन्होंने निदेशक के कार्यालय के विशेष राजनीतिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र के रूप में और जो भारत राजनेता एक पूर्व मंत्री के विदेश, २००५ के पॉल वोल्कर समिति रिपोर्ट में नटवर सिंह, सहित की एक संख्या के खिलाफ लगाया आरोप की जांच की विशेष दूत के रूप में सेवा की है। वह एक पूर्व भारतीय [[प्रशासनिक]] सेवा अधिकारी और विवि १९५६ के दयाल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत में सदस्य के रूप में १९९८ से २००६ के लिए दो सालो के लिए बैठ गया। |
''' वीरेंद्र दयाल ''' [[भारत सरकार]] ने [[१९९२]] में [[प्रशा]] के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया था। ये [[दिल्ली]] से हैं। वीरेंद्र दयाल (जन्म 29 जनवरी 1935) एक भारतीय सिविल सेवक, राजनयिक और एक पूर्व बावर्ची दे कैबिनेट सचिव जनरल रह चुके हैं। उन्होंने निदेशक के कार्यालय के विशेष राजनीतिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र के रूप में और जो भारत राजनेता एक पूर्व मंत्री के विदेश, २००५ के पॉल वोल्कर समिति रिपोर्ट में नटवर सिंह, सहित की एक संख्या के खिलाफ लगाया आरोप की जांच की विशेष दूत के रूप में सेवा की है। वह एक पूर्व भारतीय [[प्रशासनिक]] सेवा अधिकारी और विवि १९५६ के दयाल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत में सदस्य के रूप में १९९८ से २००६ के लिए दो सालो के लिए बैठ गया। |
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यह अपने कार्यकाल के दौरान वह दक्षिण एशिया में और कार्यकारी सहायक के उच्चायुक्त की क्षमता में वियतनाम के नाव लोग संकट में शरणार्थियों में शामिल किया गया था। |
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05:09, 9 मई 2017 का अवतरण
वीरेंद्र दयाल भारत सरकार ने १९९२ में प्रशा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। वीरेंद्र दयाल (जन्म 29 जनवरी 1935) एक भारतीय सिविल सेवक, राजनयिक और एक पूर्व बावर्ची दे कैबिनेट सचिव जनरल रह चुके हैं। उन्होंने निदेशक के कार्यालय के विशेष राजनीतिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र के रूप में और जो भारत राजनेता एक पूर्व मंत्री के विदेश, २००५ के पॉल वोल्कर समिति रिपोर्ट में नटवर सिंह, सहित की एक संख्या के खिलाफ लगाया आरोप की जांच की विशेष दूत के रूप में सेवा की है। वह एक पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और विवि १९५६ के दयाल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत में सदस्य के रूप में १९९८ से २००६ के लिए दो सालो के लिए बैठ गया। यह अपने कार्यकाल के दौरान वह दक्षिण एशिया में और कार्यकारी सहायक के उच्चायुक्त की क्षमता में वियतनाम के नाव लोग संकट में शरणार्थियों में शामिल किया गया था।
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