"बलिदान": अवतरणों में अंतर
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==उदाहरण== |
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* भगतसिंह ने देश की स्वतन्त्रता के लिये स्वयं का बलिदान कर दिया। |
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* 30 जनवरी के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। |
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* इन बकरों के बलिदान को आप धर्म मानते हैं ? |
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* देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिये पशुओं का बलिदान करना उचित नहीं है। |
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* कौरवों पर पाण्डवों की विजय में अभिमन्यु के बलिदान का बहुत बड़ा योगदान था। |
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* कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से काफ़ी प्रसन्न हुये। |
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* परमेश्वर के लिये स्वयं को बलिदान करें। |
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* जरूरत पड़ने पर खुशी से अपने को बलिदान कर देना चाहिये। |
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* सुना है कि बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाते। |
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* सैकडों उदाहरण मिल जायेंगे जहां प्रेमी ने प्रेमिका की खुशी के लिये बलिदान दिये। |
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==मूल== |
==मूल== |
05:51, 3 नवम्बर 2006 का अवतरण
बलिदान का अर्थ होता अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देना। प्राचीन काल में राजा बलि ने वामन को दान में अपना शरीर और प्राण तक दे दिया था राजा बलि के इस दान से ही 'बलिदान' शब्द की व्युत्पत्ति हुई।
प्रयोग के अनुसार बलिदान शब्द के अनेक अर्थ हो जाते हैं। साधारणतः पशुओं का वध करके देवी देवताओं में चढ़ा देने को बलिदान समझा जाता है। किसी सत्कार्य के लिये अपना प्राण दे देना या अपने किसी प्रिय के प्राण ले लेना को भी बलिदान समझा जाता है। किसी अन्य की खुशी के लिये अपनी खुशियों को त्याग देना भी बलिदान का ही एक रूप है।
उदाहरण
- भगतसिंह ने देश की स्वतन्त्रता के लिये स्वयं का बलिदान कर दिया।
- 30 जनवरी के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इन बकरों के बलिदान को आप धर्म मानते हैं ?
- देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिये पशुओं का बलिदान करना उचित नहीं है।
- कौरवों पर पाण्डवों की विजय में अभिमन्यु के बलिदान का बहुत बड़ा योगदान था।
- कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से काफ़ी प्रसन्न हुये।
- परमेश्वर के लिये स्वयं को बलिदान करें।
- जरूरत पड़ने पर खुशी से अपने को बलिदान कर देना चाहिये।
- सुना है कि बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाते।
- सैकडों उदाहरण मिल जायेंगे जहां प्रेमी ने प्रेमिका की खुशी के लिये बलिदान दिये।
मूल
अन्य अर्थ
संबंधित शब्द
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