"मालपुआ": अवतरणों में अंतर
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'''मालपुआ''' एक प्रकार का पकवान है जो मैदा, खोया व [[चीनी]] से बनाया जाता है। मालपुआ एक प्रकार का पैनकेक है जो एक भोजन के अंत में परोसे गए मिठाई की तरह या एक नाश्ता की तरह परोसा जाता हैं। यह [[भारत]] और बांग्लादेश में काफी लोकप्रिय है। <ref>{{cite book |
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==बंगाली मालपुआ नुस्खा== |
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यह मालपुआ के तले हुए किस्म का एक नुस्खा है। जिसे चीनी के घोल में डुबो कर इसे त्यार किया जाता है |
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===सामग्री=== |
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2.5 कप मैदा |
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===तैयारी=== |
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इन सभी चीजों को एक साथ मिलाये एवं एक घोल बनाये । अगर इसको अधिक मीठा बनाना हैं है और चीनी दाल सकते है। |
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'''द्वितीय''' |
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(50) बनाता है |
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===सामग्री=== |
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500 मिलीलीटर घी |
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===तैयारी=== |
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==उड़िया मालपुआ नुस्खा== |
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पूरी के [[जगन्नाथ]] मंदिर में अमालू सामान्य तौर पर किया जाने वाला एक संझा धुप हैं और अमालू के कई प्रकार (बड़ा अमालू , साना अमालू ) संझा धुप में भगवन जगन्नाथ को भोग के तौर पर चड़ाए जाते हैं । |
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''सामग्री: अमालू के लिए'' |
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*दही की 250 मिलीलीटर |
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*मैदा (परिष्कृत आटा) के 3 बड़े चम्मच |
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*तलने के लिए घी / तेल की 3-4 बड़े चम्मच |
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*भुना हुआ सौंफ़ 1 चम्मच |
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''चीनी के चाशनी के लिए (सिरा/किशमिश)'' |
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*1 मीठा नीबू का छिलका |
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*पानी की 200 मिलीलीटर |
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तैयारी: दही, आटा और सौंफ के मिश्रण का घोल बनाये। इनको तब तक मिलते रहे जब तक यह घोल एक सामान चिकना नहीं हो जाए। |
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==संदर्भ== |
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[[श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ]] |
[[श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ]] |
06:06, 27 जनवरी 2017 का अवतरण
मालपुआ | |
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उद्भव | |
वैकल्पिक नाम | Amalu |
संबंधित देश | India, Bangladesh, Nepal |
देश का क्षेत्र | Odisha, West Bengal, Assam, Rajasthan, Uttar Pradesh, Bihar, Maharashtra in India |
व्यंजन का ब्यौरा | |
भोजन | Dessert |
मुख्य सामग्री | Plain flour, rice flour, sugar, coconut |
मालपुआ एक प्रकार का पकवान है जो मैदा, खोया व चीनी से बनाया जाता है। मालपुआ एक प्रकार का पैनकेक है जो एक भोजन के अंत में परोसे गए मिठाई की तरह या एक नाश्ता की तरह परोसा जाता हैं। यह भारत और बांग्लादेश में काफी लोकप्रिय है। [1] यह पुरी में जगन्नाथ प्रभु को सुबह के भोग (सकाला धुप) के रूप में लगाया जाता हैं [2] बंगाली घरों में यह पौष संक्रांति के दौरान तैयार किया जाता है। मांसाहारी मैथिल परिवारों में यह होली के दौरान मटन करी के साथ पेश किया जाता है। [3]
मालपुआ के बनाने के लिए कुछ क्षेत्रों में इसके मिश्रण में पके केले को मसलकर, नारियल, आटा, और पानी या दूध डालकर तैयार किया जाता है। इस मिश्रण को स्वादिष्ट बनाने के लिए कभी कभी इसे इलायची के साथ संशोषित किया जाता है। मालपुए के बिहारी संस्करण में तलने से पहले घोल में चीनी डाली जाती हैं । जबकि ओडिशा तले गए पुए को चीनी के चाशनी में डाला जाता हैं।
मालपुआ बांग्लादेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र और नेपाल में काफी लोकप्रिय हैं । जहां यह त्योहारों के दौरान अन्य मिठाई के साथ-साथ पेश किया जाता है। भगवान जगन्नाथ को चड़ाए जाने वाले छप्पन भोगों में अमालु (मालपुआ) भी एक हैं ।
रमजान के पवित्र मुस्लिम महीने के दौरान मालपुआ एक प्रसिद्ध पकवान है। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में मुस्लिम परिवार उपवास तोड़ने के लिए (इफ्तार के दौरान) मालपुआ तैयार करते हैं।
इतिहास
वैदिक काल के दौरान आर्यों के द्वारा अनाज के रूप में जौ सबसे ज्यादा खाया जाता था था। इस प्रकार की किस्म अपुपा थी जिसमे जौ के आटे को घी में तलकर या पानी में उबालकर और फिर शहद में डुबाया जाता था । वर्तमान मालपुआ ने इस वैदिक नाम और इसकी तैयारी की प्रकिर्या दोनों को बरकरार रखा है। [4]
बंगाली मालपुआ नुस्खा
यह मालपुआ के तले हुए किस्म का एक नुस्खा है। जिसे चीनी के घोल में डुबो कर इसे त्यार किया जाता है
सामग्री
2.5 कप मैदा 0.5 कप चावल का आटा 2.0 कप चीनी 3.0 कप पानी 1.0 कप कटा हुआ नारियल
तैयारी
इन सभी चीजों को एक साथ मिलाये एवं एक घोल बनाये । अगर इसको अधिक मीठा बनाना हैं है और चीनी दाल सकते है।
द्वितीय
(50) बनाता है
सामग्री
500 मिलीलीटर घी इलायची 50 ग्राम सौंफ़ बीज 20 ग्राम सूजी 500 ग्राम
तैयारी
उड़िया मालपुआ नुस्खा
पूरी के जगन्नाथ मंदिर में अमालू सामान्य तौर पर किया जाने वाला एक संझा धुप हैं और अमालू के कई प्रकार (बड़ा अमालू , साना अमालू ) संझा धुप में भगवन जगन्नाथ को भोग के तौर पर चड़ाए जाते हैं ।
सामग्री: अमालू के लिए
- दही की 250 मिलीलीटर
- मैदा (परिष्कृत आटा) के 3 बड़े चम्मच
- तलने के लिए घी / तेल की 3-4 बड़े चम्मच
- भुना हुआ सौंफ़ 1 चम्मच
चीनी के चाशनी के लिए (सिरा/किशमिश)
- चीनी 200 ग्राम
- 1 मीठा नीबू का छिलका
- पानी की 200 मिलीलीटर
तैयारी: दही, आटा और सौंफ के मिश्रण का घोल बनाये। इनको तब तक मिलते रहे जब तक यह घोल एक सामान चिकना नहीं हो जाए।
संदर्भ
- ↑ Ray, Dipti (2007). Pratapararudradeva: The Great Suryavamsi King Of Orissa 1497 To 1540. Lecture notes in mathematics 1358. Northern Book Centre. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8172111953.
- ↑ CHHAPAN BHOG, 56 sacred items of Jagannath Temple, Puri
- ↑ http://www.ifood.tv/network/Malapua
- ↑ Achaya, K.T. (1998). Indian Food: A Historical Companion. Oxford University Press. पृ॰ 33. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0195644166.