# {{विरोध}} आपके विगत अस्थायी प्रबंधकीय कार्यकाल में आपके परस्पर नकारात्मक कार्यों के कारण मैं आपके प्रस्ताव का विरोध करती हूँ।[[सदस्य:Naziah rizvi|Naziah rizvi]] ([[सदस्य वार्ता:Naziah rizvi|वार्ता]]) 14:49, 20 अक्टूबर 2016 (UTC)
प्रबन्धक या सिस्टम ऑपरेटर वह सदस्य समूह है जिसे सामान्य सदस्यों से कुछ अधिक अधिकार एक साथ उपलब्ध रहते हैं, जिससे विकि प्रणाली के समस्त कार्य सुचारु रुप से चलते रहें। वैसे तो हिन्दी विकि पर कई नए सदस्य अधिकार बनाये गये हैं जो प्रबन्धकों को एक साथ उपलब्ध रहते है। यदि कोई सदस्य प्रबन्धकों के समस्त कार्य करने का इच्छुक है तो वह प्रबन्धक पद के लिये निवेदन कर सकता है अथवा किसी विशेष अधिकार जैसे अन्तरफलक सम्पादन, सुरक्षित पृष्ठ सम्पादन, परीक्षक जाँच अधिकार, स्वतः परीक्षित अधिकार एवं रोलबैक अधिकार इत्यादि के लिये अलग से सदस्यता ले सकता है। अतः सदस्य नामांकन के समय प्रबन्धक अधिकारों के वाँछित प्रयोग को स्पष्ट करे जिससे मतदाता को एक सकारात्मक दृष्टिकोण मिले। इन सदस्य अधिकारो के बाद निम्न कार्यों के लिये कोई भी सदस्य अपने आप को प्रबन्धक पद के लिये नामांकित कर सकता है।
प्रबन्धक दायित्व
उत्पात रोकना (जिसके अन्तर्गत उत्पातियों और उनके द्वारा किए गए उत्पात पर नियन्त्रण करना सम्मिलित है)
हटाने योग्य पृष्ठों/लेखों को हटाना या उन्हें सम्पादित करके विकिपीडिया के मानकों के अनुसार सही करना।
महत्त्वपूर्ण पृष्ठों को सुरक्षित या अर्ध-सुरक्षित करना।
इन्ण्टरफेस सुधार के लिये मीडिया विकि सञ्चिकाओं को सम्पादित करना।
कुछ सदस्य समूह जैसे आइपी अवरोध मुक्त, स्वतःपरीक्षित सदस्य, स्थापित सदस्य, प्रत्याहर्ता, विशिष्ट सदस्य आदि जोड़ना एवं हटाना।
दुरुपयोग छनन एवं अन्य विकि टूल्स एवं गैजेट में विकि समाज की आवश्यकता अनुसार सुधार एवं संशोधन करना इत्यादि।
पृष्ठों/लेखों इत्यादि का सही नाम पर स्थानान्तरण करना।
प्रबन्धक अधिकार हेतु आवश्यकताएँ;
ध्यान रहे कि प्रबन्धक कोई पद अथवा विशेष अधिकारी नहीं अपितु कुछ अधिकार हैं जो विकि समुदाय के सक्रिय सदस्यों द्वारा केवल कुछ विश्वसनीय अतिसक्रिय सदस्यों को दिये जाते हैं जिससे विकि प्रणाली के समस्त कार्य सुचारु रुप से चलते रहें। अतः केवल इन अधिकारों के प्रयोग के लिये ही अपना नामांकन कारण सहित दें या स्वीकार करें। इस अधिकार की प्राप्ति के लिये निम्न आवश्यकताए हैं -
लगभग ८०% बहुमत में समर्थन (मत गणना करते समय नए, कठपुतली एवं अवरोधित सदस्यों के मतों को छोड़ा जा सकता है अर्थात कम महत्व दिया जा सकता है। अन्य विकियों जैसे मलयालम विकि आदि में तो किसी सदस्य को अपना मत देने के लिये न्यूनतम १०० सम्पादन करना आवश्यक है। अतः हिन्दी विकि में भी सम्पादनों का कुछ अनुभव रखने वाले सदस्यों का मत मान्य होगा। ऐसे सदस्य जिन्होने यहाँ सदस्य खाता तो खोल रखा है परन्तु उन्हें बहुत ही कम सम्पादनों का अनुभव है और केवल यहाँ किसी सदस्य के नामांकन पर यहाँ मत देने आते हैं, का मत मान्य नहीं होगा)।
समान्यत ४ सक्रिय प्रबंधकों एवं २ विशिष्ट सदस्य के समर्थनों के साथ स्थायी प्रबंधन अधिकार दिया जा सकता है
सामान्यतः नामांकित सदस्य एवं मतदाता विकि पर अति सक्रिय होना चाहिये अर्थात लम्बे समय तक असक्रिय न रहे।
सदस्य को उत्पात हटाने (रोलबैक) हेतु एवं लेख गुणवत्ता जाँच (परीक्षक) का अनुभव भी होना चाहिये।
सदस्य पर समुदाय का विश्वास होना चाहिये, सदस्य को नए सदस्यों की सहायता के लिये भी तत्पर रहना चाहिये।
प्रबन्धकों द्वारा निरन्तर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने पर समुदाय के समर्थन अथवा विकिनीतियों के आधार पर उन्हें हटाया जा सकता है। यह नियम विकि पर उपलब्ध प्रत्येक सदस्यता के लिए है।
इसके अतिरिक्त आवधिक (२-३ महीने) रूप से भी कुछ विशेष कार्य करने के लिए लगभग ४-५ विशेष समर्थनों (प्रबन्धक, विशिष्ट सदस्य, परीक्षक) के आधार पर यह अधिकार किसी विशिष्ट सदस्य को दिया जा सकता है। इस प्रकार कोई सदस्य प्रबंधन अधिकार में अपनी कुशलता भी सिद्ध कर सकता है
इसके अलावा किसी तकनीकी जाँच अथवा कार्य हेतु बहुत ही कम समय(१ घंटा अथवा १ दिन) के लिये यह अधिकार किसी विश्वसनीय अनुभवी सदस्य को तात्कालिक रुप से दिया जा सकता है।
प्रबन्धक पद से निवृति
प्रबन्धक पद से किसी सदस्य को हटाने का प्रावधान कुछ विकियों में है एवं कुछ विकियों में नहीं है। जैसे साधारण अंग्रेजी विकि [1] पर प्रशासक प्रबन्धक को हटा सकते है इस प्रकार कुछ अन्य विकि परियोजनाओं पर भी प्रबन्धक को हटाने के प्रावधान हैं। फ्राँसीसी विकिपीडिया में तो ६ महीने से अधिक निष्क्रिय रहने वाले प्रबन्धको को निरन्तर हटाया जाता रहा है जिसका कारण है कि नये कुशल सक्रिय सदस्यों को पदोनत्ति देना एवं लम्बे समय की अनुपस्थिति के कारण हैकिंग द्वारा प्रबन्धकों के खातों का दुरुपयोग न होना हैं।[2]।
जैसा कि प्रबन्धन नाम से ही स्पष्ट है कि कई महत्त्वपूर्ण कार्यों का महत्त्वपूर्ण अवसरों पर प्रबन्ध करना, अतः प्रबन्धन अधिकार रखने वाले सदस्यों की विकि पर सक्रिय उपस्थिति अत्यावश्यक है। अब हिन्दी विकि पर कई सदस्यताएँ भी बना दी गयी हैं जिनसे कार्य विशेष हेतु प्रबन्धक बनना आवश्यक भी नहीं रहा। सदस्य प्रबन्धक के जिस अधिकार में स्वयं को कुशल मानते है उसे अलग से प्राप्त कर सकते है। हाँ प्रबन्धक के कई कार्य या जो कार्य नये सदस्यों की सीमा से बाहर हैं, इत्यादि के लिये प्रबन्धन अधिकार हेतु समस्त सदस्यों का स्वागत है। इन सब विकियों की तर्ज पर हिन्दी विकि पर भी प्रशासकों द्वारा प्रबन्धकों को निम्न कारणों से पद मुक्त किया जा सकता है-
प्रबन्धक की लम्बे समय से विकि पर अनुपस्थिति होने पर प्रबन्धकों की अनावश्यक संख्या में वृद्धि रोकने एवं नए अति सक्रिय सदस्यों को प्रबन्धक बनने का अवसर देकर विकि की सतत रुप से प्रगति के लिये निम्न परिस्थियों में उन्हें हटाया जा सकता हैं:-
२३ मार्च २०१५ को नियमावली में कुछ परिवर्तन स्वीकृत किये गये थे जिसके अनुसार प्रथम नियम को बदलकर नवीन नियम निम्न प्रकार बनाये गये हैं:
यदि कोई प्रबन्धक छः माह तक १८० से कम सार्थक सम्पादन करता है तो उसे प्रबन्धक पद से हटा दिया जायेगा और पुनः सक्रिय होने पर आम सहमति से ही उन्हें प्रबन्धक बनाया जायेगा।
यदि कोई प्रबन्धक सदस्यों के साथ हिन्दी के स्थान पर अन्य भाषा में (सदस्य की इच्छा के विपरित) चर्चा करने लगे तो उसे प्रबन्धक पद से हटा दिया जायेगा। (यह नियम नीचे दिये गये गए अन्य नियम का ही दूसरा रूप है जिसके अनुसार प्रबन्धक का दायित्व मैत्रीपूर्ण व्यवहार बनाना है।)
यदि किसी भी समय चुनाव में किसी प्रबन्धक को ७०% (मतदान करने वालों में) से कम सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो तो उसे पदच्युत कर दिया जाये। (इसमें नवीन सदस्यों एवं अत्यल्प अथवा नकारात्मक योगदान रखने वाले सदस्यों की गणना नहीं की जायेगी।)
प्रबन्धक को चेतावनी मिलने के बाद भी अपने अधिकारो का दुरुपयोग अथवा चेतावनी मिलयाँने के बाद भी विकि नीतियों का उल्लंघन जैसे निजी टिप्पणी, कठपुतली आदि से सदस्यों को परेशान करना। ध्यान रहे मीडियाविकि नीतियों के अनुसार प्रबन्धक का दायित्व सबसे मैत्रीपूर्ण व्यवहार बनाकर सबको उत्साहित करते हुए विकि की प्रगति करना है। अतः अपने अधिकार का बार-बार दुरुपयोग करने पर प्रबन्धक को कुछ समय या हमेशा के लिये निलम्बित किया जा सकता हैं।
यदि सदस्य ने आवधिक सीमा के अन्दर प्रबन्धक पद लिया है तो उस अवधि के समाप्त होने पर उसे प्रबन्धक पद दायित्व से मुक्त किया जा सकता है।
किसी प्रबन्धक द्वारा स्वयं को इस पद से निवृति हेतु आवेदन करने पर भी उसे इस पद से मुक्त (सेवानिवृत) किया जा सकता है।
हाँ पद मुक्त किये गये प्रबन्धकों को निम्न परिस्थियों में विकि पर पुनः सक्रिय होने पर फिर से प्रबन्धक पद दिया जा सकता है:
फिर से मतदान द्वारा समर्थन प्राप्त करने पर, अथवा
हिन्दी विकि में ५००० से अधिक सम्पादन रखने वाले प्रबंधक पदमुक्त अनुभवी सदस्यों/अथवा तकनीकी रुप से दक्ष सदस्यों को निरंतर (१ माह) पुनः सक्रिय रहने पर उनके आवेदन पर बिना मतदान के सीधा ही पुनः प्रबन्धक बना दिया जायेगा, अगर उनके आवेदन पर कोई विशेष विरोध न हो तो।
अधिकार हेतु निवेदन
ध्यान दें: प्रबन्धक पद के लिये जिस सदस्य को नामित किया जा रहा है, उसे यह प्रस्ताव स्वीकार होना आवश्यक है। अतः यदि आप किसी को प्रबन्धक के लिये नामित करते हैं तो सम्बन्धित सदस्य के वार्ता पृष्ट पर उनके लिये भी सन्देश लिख दीजिये और उनसे आग्रह कीजिए कि यदि वे इस प्रस्ताव से सहमत हैं तो इस पृष्ठ पर अपनी सहमति प्रकट करें।
इसके साथ ही ध्यान रखें कि नये नामांकन का प्रस्ताव सबसे उपर ही लिखें।
आपके आवेदन करने के 7 दिन बाद तक मतदान प्रक्रिया चलेगी, इसके पश्चात परिणाम को कोई भी प्रबन्धक मॅटा विकि पर लेकर जायेगा और वहाँ के परिणाम को ही यहाँ पर घोषित किया जायेगा। नामांकन के असफल घोषित होने के कारण इसे मॅटा-विकि पर नहीं ले जाया जायेगा।
प्रबन्धक अधिकार प्राप्त कुछ सदस्यों की सक्रियता को लेकर काफी समय से सवाल उठाये जाते रहे हैं। अतः मैं निम्नलिखित प्रस्ताव लाना चाहता हूँ:
कि यदि कोई प्रबन्धक छः माह तक १८० से कम सार्थक सम्पादन करता है तो उसे प्रबन्धक पद से हटा दिया जाये और पुनः सक्रिय होने पर चुनाव के माध्यम से ही उसे प्रबन्धक बनाया जाये।
कि यदि कोई प्रबन्धक सदस्यों के साथ हिन्दी के स्थान पर अन्य भाषा में (सदस्य की इच्छा के विपरित) चर्चा करने लगे तो उसे प्रबन्धक पद से हटा दिया जाये।
कि यदि किसी भी समय चुनाव में किसी प्रबन्धक को ७०% (मतदान करने वालों में) से कम सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो तो उसे पदच्युत कर दिया जाये।
@संजीव कुमार: i suggest instead of 50 edits per 6 months it should be 180 edits on article pages per 6 months....because we are talking about admin here....normal users have more than 50 edits per 6 months....admin should be more active and more involved on wikipedia.....6 months = 180 days so 180 edits on article pages will be correct...Darth Whaleवार्ता 16:04, 16 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आपकी इच्छा के अनुसार इसे १८० कर दिया गया है लेकिन ध्यान रहे ये सार्थक सम्पादनों की बात की गयी है अर्थात मुख्य नामस्थान के सम्पादन जिनमें उचित भाषा और सम्पादन सारांश दिया गया हो। एक पृष्ठ में लिपापोती करने में यदि १८० सम्पादन कर दिये तो उन्हें नहीं गिना जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:44, 16 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार: why saying this to me mate?....further this should be audited every 1st day of month...example, on june 1, work from jan 1 to may 31 should be audited...then on july 1 work from feb 1 to june 30 should be audited...like this admins will be active every month...Darth Whaleवार्ता 03:22, 17 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
लोकतंत्र में केवल बहुमत को देखा जाना चाहिए । "हिन्दी के स्थान पर अन्य भाषा" की बात एक अनिवार्य नियम के बजाय "भाषा परंपरा" का मामला होना चाहिए - यानी यदि अधिकांश सदस्य किसी प्रबंधक के बार-बार "गैर-हिन्दी" टिप्पणियों से परेशान हों तो चौपाल या कोई और मंच पर खुलकर चर्चा हो और एक प्रस्ताव पारित करके उस प्रबंधक को हटा देना चाहिए। --मुज़म्मिल (वार्ता) 16:35, 16 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
वर्तमान नियमावली के अनुसार प्रबन्धक बनते समय समर्थन ८०% प्राप्त करना होता है लेकिन हटाने के सम्बंध में मत प्रतिशत की चर्चा नहीं की गयी है। चूँकि प्रबन्धक को हटाने के पक्ष में यदि ३० प्रतिशत सदस्य भी हैं तो उसे हटाना उचित होगा।
मैंने आसफ़ बरताव से चर्चा की और वह आश्चर्यचकित थे कि कैसे प्रबन्धक के लिए "८०%" का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? "३० प्रतिशत" सदस्य का वोट का अर्थ तो यह भी हो सकता है कोई भी तीन सदस्य कहीं चाय पर जमा हों सीधी चर्चा से किसी भी प्रबंधक को चाहे कितना ही सक्रिय क्यों न हो, निकाल दें। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:07, 16 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मैं ऊपर दिये गये तीन बिन्दुओं से सहमत हूँ, विशेष रूप से 'हिन्दी में चर्चा' और 'हटाने का अधिकार'। किन्तु मैं यह भी चाहूँगा कि प्रबन्धक अधिकार अनिश्चित काल के लिये न रहे। वर्तमान स्थिति को देखते हुए मुझे ३ वर्ष का समय ठीक लगता है। बाकी अन्य सदस्यों की मर्जी। ---- अनुनाद सिंहवार्ता03:52, 17 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मुझे लगता है कि प्रबंधकीय अधिकार ०१ वर्ष के लिये ही दिया जाना चाहिये जिसे बाद में एक-एक वर्ष के रूप में बढ़ाया जा सकता है, पिछले अनुभव यही बताते हैं कि कई प्रबंधकों की दादागिरी ने विकि से अनेक बहुत अच्छे सदस्यों को जाने के लिये विवश कर दिया--डा० जगदीश व्योमवार्ता04:05, 17 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
डा० जगदीश जी से मैं सहमत हूँ और मेरे हिसाब से एक साल भी ज्यादा है। हर तीन या छः महीने में समीक्षा होनी चाहिए। हर एक जनवरी व एक जुलाई को समीक्षा होनी चाहिए जिसमें तीन महीने से अधिक से काम कर रहे प्रबंधकों के कार्य की समीक्षा हो और किसी के कार्य से यदि कोई हानि हो रही हो तो तुरंत उचित कदम उठाया जाए। यदि दो समीक्षाओं तक लागातार कोई निष्क्रिय हो या नगण्य काम कर रहा हो तो उसे भी पदमुक्त किया जाए। सतत् समीक्षा के उपाय से नए सदस्यों को प्रबंधक बनाने में भी कोई अड़चन नहीं आएगी। --मनोज खुराना04:33, 17 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
निसार जी, आपका मुद्दा उचित है और इसमें मुज़म्मिल जी की बात का भी समाधान है। पहले से वर्णित नियमावली में यह स्पष्ट है कि प्रबन्धकों (वर्तमान संख्या ८) और प्रशासकों (वर्तमान संख्या ०) के मतों को सर्वाधिक वरियता मिलती है। इसके बाद पुनरीक्षकों को वरियता मिलती है तथा बाद में स्वतः परिक्षित सदस्यों को। आई॰पी॰ सदस्यों अथवा नगण्य योगदान रखने वाले सदस्यों के मतों की गणना नहीं की जाती है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:17, 18 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मैं ऊपर सुझाये गये निश्चित समयांतराल के बाद समीक्षा का विरोध नहीं कर रहा परंतु मेरे विचार में संजीव जी द्वारा सुझावित उपरोक्त नियम लागू हो जायें तो ऐसी कोई ज़रुरत नहीं रह जायेगी। जब किसी प्रबंधक के अधिकार पर उसके आचार-व्यवहार और कृत्यों के आधार पर कभी भी चर्चा शुरू की जा सकती हो तो ऐसे में सभी प्रबंधकों के अधिकार/दायित्व के निर्वाह की नियमित/सामयिक परीक्षा ग़ैर-ज़रूरी है। इसका कोई मतलब नहीं है!--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 18:45, 18 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
एक और सुझाव
"नामांकन के उपरान्त जब तक परिणाम की घोषणा नहीं हो जाती कोई नामांकित सदस्य अपने नामांकन पर हो रहे समर्थन/विरोध/टिप्पणियों पर सीधे अथवा कहीं इतर कोई टिप्पणी करने से परहेज करेगा जब तक कि उससे सीधे कोई प्रश्न न पूछा गया हो।"
चाहे आप लोग इसे नियम के रूप में शामिल करें या सामान्य आचार-संस्कार-व्यवहार के रूप में पर ऐसा कुछ होना चाहिये।
कम से कम जब तक नामांकन के परिणाम नहीं आते इस तरह की अभिव्यक्ति से नामांकित सदस्य को बचना चाहिए। --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 18:32, 18 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम् जी, इसमें थोड़ी कठिनाई है क्योंकि वर्तमान नियमावली के अनुसार प्रबन्धकों को कम से कम पुनरीक्षक स्तर का अनुभव होना आवश्यक है और इस स्थिति में वह किसी चर्चा में भाग न ले, ऐसा करना मुश्किल है। हाँ, उसके नामांकन से सम्बंधित चर्चा की बात की जाये तो कुछ हद तक आपकी बात उचित लगती है लेकिन फिर वो बात अपनी ही बात का विरोधाभाष करवाती है कि सदस्य से प्रश्न पूछे गये हैं। कई बार कुछ नामांकित सदस्यों पर बेबुनियाद आरोप लगा दिये जाते हैं अतः ऐसे में चुप रहना अन्य सदस्यों के मतों को भी प्रभावित करता है अतः चुप रह पाना मुश्किल होता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 18:59, 18 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी यहाँ उन्हें पुनरीक्षण नहीं करना है। जब उन्हीं पर चर्चा चल रही है तो ऐसे में खुद उसमें कूदना कहाँ से निष्पक्षता है। जब उनसे पूछा जाय तो ज़वाब दें। बेबुनियादी आरोपों वाली बात कुछ हद तक ठीक है। ऐसे में नामांकित सदस्य से उसके ऊपर हुई टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने की व्यवस्था होनी चाहिये। अगर उनके बारे में अन्य सदस्यों की टिप्पणियों से दूसरे लोग प्रभावित हो सकते हों तो नामांकित सदस्य भी अपनी टिप्पणियों द्वारा अन्य लोगों के मत प्रभावित कर सकता है। क्या यह ठीक है?--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 19:31, 18 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आपकी बात मुझे बिलकुल ठीक लग रही है लेकिन यदि आप इसका एक प्रारूप तैयार करके प्रस्तुत करेंगे तो अच्छा होगा जिससे इसे एक वाक्य में लिखा जा सके।☆★संजीव कुमार (✉✉) 20:12, 18 अप्रैल 2015 (UTC)[उत्तर दें]
उपरोक्त चर्चा को एक पुरालेख के रूप में संरक्षित किया गया है। कृपया इसमें कोई बदलाव न करें। आगे की वार्ताएँ इस पृष्ठ पर नये विभागों में होनी चाहिएँ।
यह चर्चा समाप्त हो चुकी है। कृपया इसे न बदलें। आगे की वार्ताएँ इस पृष्ठ में नये विभागों में होनी चाहिएँ।इसका संक्षिप्त परिणाम निम्न रहा:
अनिरुद्ध जी, हिन्दी विकिपीडिया के सब से पुराने अनुभवी सदस्यों और प्रबन्धकों में से एक हैं। उनकी कम सक्रियता के कारण उनक प्रबन्धक अधिकार हटाया गया था लेकिन खुशी की बात हैं कि अब अनिरुद्ध जी सक्रिय हो गयें हैं और उनके संपादनो की संख्या भी पर्याप्त हैं। में @अनिरुद्ध!: जी से विनंती करूँगा की यहाँ अपनी स्वीकृति प्रदान करें। योगेश कवीश्वर (वार्ता) 11:38, 4 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
स्वीकृति
मुझे यह दायित्व स्वीकार है। मैने सर्वाधिक सक्रियता तब दिखाई थी जब शोधार्थी था। संयोगवश दो साल तक फिर ऐसा होने का मौका मिला है। दूसरी बात यह है कि मैं प्रबंधक होने को कुछ ज्यादा पृष्ठों तक पहुँचने और कुछ ज्यादा तरह के कार्य कर सकने का अवसर समझता हूँ कोई अधिकार नहीं। हमेशा चाहता रहा हूँ कि हिंदी विकि पर सैकड़ों प्रबंधक हों। सदस्य के साथ ही प्रबंधक और प्रशासक की संख्या के विस्तार का प्रयास अंततः हिंदी विकि के विकास में सहायक होगा। अनिरुद्ध! (वार्ता) 08:19, 10 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
समर्थन -- आपत्ति करने वाले सभी माननीय सदस्यों से निवेदन है कि अनिरुद्ध जी के प्रबंधक बनने से हिंदी विकि की क्या लाभ होगा यह सवाल करने की बजाय यह सवाल करें कि इससे क्या हानि होने की संभावना है? हम सब यहाँ पर स्वेच्छा से हैं, स्वानंद के लिए हैं, ऐसे में यह दबाव डालना कि आपको सर्वगुणसंपन्न होना चाहिए, शायद ज्यादती है। अनिरुद्ध जी यदि सक्रिय रहेंगे तो अच्छा है, नहीं रहेंगे तो नियमानुसार हटा दिए जाएँगे, बात खत्म। हहेच आदि चर्चाओं में भाग मैं भी ना के बराबर ही लेता हूँ, मेरी अपनी पाबंदियाँ हैं, मुझे निर्णय लेना पड़ता है कि किस मैदान में कूदूँ, किसमें नहीं। मुखपृष्ठ अद्यतन मेरी प्राथमिकताओं में है, अन्यथा इतनी अर्हताओं की माँग देखकर मुझे लगता है कि मुझ जैसे नालायक को तो त्यागपत्र ही दे देना चाहिए। प्रबंधक अधिकार के दुरुपयोग की संभावना सदस्यों पर अनावश्यक प्रतिबंध लगाने या मुखपृष्ठ को दूषित करने तक ही है, मुझे नहीं लगता कि अनिरुद्ध जी के साथ एसे दुरुपयोग का भय किसी को भी होगा। अर्हताएँ न्यूनतम ही होनी चाहिएँ, यहाँ कोई लाभ के पद नहीं हैं जो किसी को समर्थन देने में इतना सोचना पड़े। अधिक से अधिक पुनरीक्षक/रोलबैकर, अधिक से अधिक प्रबंधक होने चाहिएँ। इससे यदि कोई दुरुपयोग करे भी तो बाकी लोग मिलकर उसे नियंत्रित कर सकते हैं। यदि कोई किसी एक क्षेत्र, या दिशा में अपनी विशेषज्ञता या एकाग्रता से योगदान कर सकता है तो उसे दसों दिशाओं में दोड़ने को क्यों कहा जाए। विशेषज्ञ बल्लेबाज या विशेषज्ञ गेंदबाज का अपना महत्व है, जरूरी नहीं कि यदि टीम में शामिल होने के लिए हर कोई हरफनमौला ही हो। और यहाँ तो हम चाहते हैं कि उसे क्रिकेट ही नहीं , फुटबॉल, कुश्ती, तीरंदाजी सब आती हो। चाहे किसी को प्रबंधक बनाने से रत्ती भर भी लाभ ना हो, चाहे कोई प्रबंधक बनने के बाद एक दिन भी कार्य न करे, यदि किसी प्रकार के नुकसान की कोई संभावना नहीं है तो हमें पॉजिटिव होना चाहिए। Assume good faith. --मनोज खुराना13:48, 14 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
विरोध कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनके जबाब एक प्रबन्धक के रूप में अनिरुद्ध जी को स्वयं से पूछना होगा। क्योंकि उन्हें जब जब यह अवसर मिला उन्होने इस उत्तरदायित्व के निर्वहन की दिशा में न्याय नहीं किया। वे स्वयं से पूछें कि विगत एक वर्षों में उन्होने कितनी बार हहेच श्रेणी की चर्चाओं में सकारात्मक रूप से भाग लिया? कितनी बार चौपाल पर पधारकर नीति नियमों की चर्चाओं में भाग लिया? कितनी बार नए सदस्यों को तकनीकी जानकारी दी? कितने निर्वाचित लेख बनाए? कितनी विकिपरियोजनाओं में अपनी सशक्त भागीदारी दी? आदि-आदि..... रहा स्थायित्व का प्रश्न तो अनिरुद्ध जी सदैव "रणछोड़" की स्थिति में रहे हैं। उन्हें जब पहली बार प्रबन्धक बनने का मौका मिला तो एक प्रबन्धक की चुनौती से डरकर विकिया की ओर रुख कर लिया और जब दूसरी बार अवसर मिला तो छ: महीने में 180 संपादन भी नहीं कर पाये। मेरे विचार से इनके स्थान पर नए और योग्य संपादकों को प्रबन्धक बनाया जाये। अगर सही मायनों में देखा जाये तो प्रबन्धक पद के योग्य अनिरुद्ध जी से बेहतर कई नए संपादक हैं जिन्हें मौका दिया जाये तो विकिहित में उत्कृष्ट कार्य कर सकते हैं।--माला चौबेवार्ता05:20, 11 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Hindustanilanguage: मुज़म्मिल जी, गारंटी तो किसी भी चीज की नहीं हैं। हमारी जिंदगी की भी कोई गारंटी नहीं होती फिरभी हम उम्मीद तो यहीं करते हैं कि हम जिन्दा रहेंगे। प्रबंधक बने रहने के लिए छ माह में १८० सम्पादन मुख्य नामस्थान (लेख) पर होने चाहिए। फिलहाल अनिरुद्ध जी के सम्पादनो की संख्या पर्याप्त हैं। और जब हम किसी जिम्मेदारी उठाने के लिए तत्पर होते हैं या सहमति देते है तब इसको अदा करने की पूर्व तैयारी होती ही है। अनिरुद्ध जी ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है। ये अधिकार के साथ अनिरुद्ध जी और उत्साहित होकर विकिपीडिया की सेवा करेंगे। अगर कोई भी प्रबन्धक सक्रिय नहीं रेहता तो उसका अधिकार हटाया जाता है और अनिरुद्ध जी को ये अनुभव हो गया है। सक्रियता न होने पर अधिकार हटाया जाएगा लेकिन आगे से एसा मान लेना ठीक नहीं है। कृपया पुन: विचार करें।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 12:26, 10 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
मित्र! विकि मेरा शौक है नौकरी नहीं जहाँ से सेवामुक्त होने की संभावना हो। काम करते हुए शौक पूरा करने की मेरी आदत रही है। जब मैं विकि पर समय नहीं दे पा रहा हूँ तो इसका यह स्वाभाविक मतलब निकाला जाना चाहिए कि दूसरे कामों की माँग अधिक और अनिवार्य हो गई है। ऐसे में असक्रियता स्वाभाविक है और उतना ही स्वाभाविक है प्रबंधक समूह से बाहर होना। किंतु जब असक्रीय प्रबंधकों को दायित्व मुक्त करने की प्रक्रियाएं हिंदी विकि पर शुरु हुई थी तब उसके पीछे प्रबंधकों की बहुत अधिक दिखने वाली संख्या को कम करना था। लेकिन उसमें यह समझदारी निहित थी की सक्रियता की स्थिति में यह दायित्व पूर्व प्रबंधकों को प्रदान करने का समर्थन किया जाएगा। वास्तव में ऐसा करना विकि के हित में है। प्रबंधक निष्क्रिय रहकर पूर्व हो जाने पर अपने ज्ञान, तकनीक और अनुभवों से वंचित नहीं हो जाते हैं। ऐसे में यदि कोई वर्ष भर भी साथ दे तो उसका योगदान प्राप्त करने से विकि को वंचित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। खासकर प्रबंधक समूह के सदस्यों को तो बिल्कुल भी नहीं। विकि की संकल्पना स्वैच्छिक योगदान की है। प्रबंधक दायित्व है पद नहीं। हम जितने लोगों को यह दायित्व दे सकें उतना ही बेहतर होगा। भरोसेमंद सदस्यों पर भरोसा करने और उसके पूरा न होने पर उचित कार्यवाई करने का रास्ता ही विकि के हित में है। इसलिए शर्तों, आत्मालोचन के परामर्शों, निष्क्रियता के आरोपों के लिए मेरे पास कोई प्रतिवाद नहीं है। प्रस्ताव की स्विकृति में ही लगभग दो वर्ष की सक्रियता का संकेत निहित है। इससे अधिक की आशा करना अगस्त हुए बिना अँजली में सागर समेटना होगा। अनिरुद्ध! (वार्ता) 02:27, 15 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Manojkhurana: जी, मेरे खयाल से तो वर्तमान के सभी प्रबन्धकों में से आप सबसे अधिक योग्य हैं। ये सही हैं कि आप एक ही काम में अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और हहेच में भाग नहीं लेते। आप वाद-विवाद में अपनी शक्ति का व्यय नहीं करते। ना ही आप आडंबर करते हैं। बाष्प से चलने वाली रेलगाड़ी को ४० की गति से चलाना हो तो उतनी और ८० की गति से चलाना हो तो उतनी कार्यशक्ति का इस्तेमाल होता हैं। ४० पे चल रही दिखे तो उसका मतलफ ये नहीं की रेलगाड़ी की कार्यक्षमता इतनी ही हैं। जरूरत पड़ने पर १८० की रफ्तार भी पकड़ सकती हैं। कार्य को देखकर व्यक्ति की कार्यशक्ति का अनुमान लगाया जा सकता हैं लेकिन उसका ये मतलब नहीं होता की उसकी कार्यक्षमता इतनी ही हैं। किसीकी भी कार्यक्षमता को कम आंकने की ग़लती कभी भी नहीं करनी चाहिए। आप जरूरत पड़ने पर सभी प्रबंधकीय कार्य कर सकते हैं इसमे कोई शंका नहीं हैं। आप इसका दिखावा नहीं करते। आप कभी आडंबर नहीं करते। आप कभी अपनी मान्यताओं से बखेड़ा खड़ा नहीं करते किन्तु उनकी अच्छाईयों को देखकर प्रोत्साहित करते हैं। इनसे ही प्रतित हो जाता हैं कि आप पूर्ण हैं। जिसके पास सब कुछ हैं वहीं दूसरो को उदार हाथ से दे सकते हैं। आपको कोटि-कोटि प्रणाम हो। सभी सदस्यो को आपके राह पर चलने की प्रेरणा मिले। अनिरुद्ध जी भी एसे ही व्यक्तित्व में से एक हैं।--योगेश कवीश्वर (वार्ता) 04:50, 15 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
क्योंकि पिछली बार केवल और केवल समय सीमा की वजह से मतदान पूर्ण होने से रह गया था इसलिए पुनः नामांकन किया जा रहा है। इस बार पहले ही स्पष्ट किया जा रहा है कि क्योंकि ये नामांकन स्वयं सदस्य द्वारा नहीं किया गया है इसलिए नामांकन के स्वीकार हो जाने के बाद ही से मतदान की समयसीमा प्रारम्भ होगी। होगी चक्रपाणी वार्ता 17:43, 16 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
स्वीकृति
मुझे योगेशजी की ही तरह चक्रपाणीजी के प्रस्ताव के रूप में प्रस्तुत यह दायित्व स्वीकार है। मैने सर्वाधिक सक्रियता तब दिखाई थी जब शोधार्थी था। संयोगवश दो साल तक फिर ऐसा होने का मौका मिला है। सदस्य के साथ ही प्रबंधक और प्रशासक की संख्या के विस्तार का प्रयास अंततः हिंदी विकि के विकास में सहायक होगा। कोशिश करूँगा कि हिंदी विकि के अनुभवी सदस्यों के बेहतर योगदान करने के मार्ग की बाधाएं दूर हों तथा नए सदस्यों का स्वागत अपनेपन के साथ हो। गलतियों पर मिटा दिए जाने की अपेक्षा सुधारने की प्रवृत्ति को बल मिले। नकारात्मकता के बजाय रचनात्मकता को बढ़ावा मिले। अनिरुद्ध! (वार्ता) 23:31, 16 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
विरोध एक बार जब मतदान हो चुका है, उसके पश्चात इस पुनः मतदान के कारण उचित नहीं दिखाई पड़ते। मेरे विचार से अनिरुद्ध जी को स्वयं अपनी सहमती वापस लेकर इस मतदान को तुरंत समाप्त करना चाहिए। --मुज़म्मिल (वार्ता) 11:25, 17 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
विरोध इस नामांकन के साथ चक्रपाणी जी ने हिन्दी विकिपीडिया पर एक नयी परंपरा की शुरुआत की है जो कहीं से भी उचित नहीं है। एक प्रबन्धक को जहां स्वयं नियम का पालन करना चाहिए और दूसरे सदस्यों से करवाना चाहिए वहाँ उनके द्वारा स्वयं नियम का उल्लंघन निराशाजनक है। मैं इस नामांकन का सख्त विरोध करती हूँ।Naziah rizvi (वार्ता) 13:45, 18 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
यहाँ देखा जा सकता है कि आपने मतदान करने से पूर्व अंतिम संपादन २ अगस्त २०१५ को किया था। एक वर्ष से आपका कोई योगदान नहीं है। आप केवल और केवल १६ जुलाई को अनिरुद्ध जी के मतदान का विरोध करने आयी थी और उसके बाद आज फिर आप ये नामांकन में मत देने आई है। दोनो नामांकन में मत देने से पूर्व एक साल से आपका कोई योगदान नहीं है। नियमानुसार आपको मत देने का अधिकार नहीं है। पीछले नामांकन में परिणाम घोषित करने वाले प्रबंधिका को भी ये देखना चाहिए था।
योगेश कवीश्वर जी, आपकी टिप्पणी पूर्णत: निराधार और असत्य पर आधारित है। मैंने अभी यहाँ देखा। इस वर्ष मेरे कुल सम्पादनों की संख्या 923 है। यदि आप "केवल यहाँ मत देने आते है" की टिप्पणी करते हैं यह पूर्णतः दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे किसी निहित स्वार्थ की शंका प्रकट होती है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 14:59, 18 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
प्रिय मित्र मुज़म्मिल जी, मेरी टिप्पणी से आपको बूरा लगा हो तो में क्षमाप्रार्थी हूँ। मैने टिप्पणी में लिखा है कि आप कुछ महिनो से सक्रिय रूप से योगदान नहीं दे रहे है। आपका नामांकन असफल होने के बाद आप सक्रिय नहीं है। ये सब नकारात्मक मतदान के कारण हुआ और इसके ही कारण आपको ये परिस्थिति का सामना करना पड़ा। अन्य योग्य सदस्यो को भी करना पड़ रहा है। सक्रिय सदस्यों की संख्या महीने के हिसाब से गिनी जाती है। इसलिए मेरा मत एसा है। पद दिलाने की बात के बारे में बताना चाहूँगा कि मैने आपका भी नामांकन किया था। सफल नहीं हुआ ये दुःख की बात है। उसके बाद आपने हतोत्साहित होकर हिन्दी विकिपीडिया छोड़ दिया था उसका भी मैने विरोध किया था जो टिप्पणीयाँ आपको चौपाल पर मिलेगी। निहत स्वार्थ के बारे में बताना चाहूँगा कि वह मैं ही था जिसने मेटा पर अनिरुद्ध जी का प्रबंधक अधिकार हटाने के लिए दरखास्त रखी थी (आई°पी° पत्ते से)। मेरी ही वजह से आज अनिरुद्ध जी को ये परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। मेरा ये कार्य नकारात्मक था और एक नकारात्मक कार्य का परिणाम आप देख ही रहे हैं।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 16:06, 18 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Naziah rizvi:ऐसे सदस्य जिन्होंने यहाँ सदस्य खाता तो खोल रखा है परन्तु उन्हें बहुत ही कम सम्पादनों का अनुभव है और केवल यहाँ किसी सदस्य के नामांकन पर यहाँ मत देने आते हैं, का मत मान्य नहीं होगा)। - इस नियमानुसार नाज़िया जी का मत मान्य नहीं होगा।--- चक्रपाणी वार्ता 16:46, 18 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
चक्रपाणी जी, ऐसा कुछ भी न किया जाये जिससे हिन्दी विकि पर अशांति उत्पन्न हो। मेरे विचार से नाज़िया जी का मत अवैध नहीं है। क्योंकि नियमानुसार हर उस सदस्य को मत देने का अधिकार है जिसने 100 संपादन किया हो। अभी जब मैं सक्रियता को देख रही थी तो पायी कि नाज़िया जी ने कल कोई नया और बेहद सुंदर पृष्ठ बनाया है। ऐसे में यह शुभ संकेत है कि मत के बहाने कोई एक सदस्य सक्रिय तो हुआ।--माला चौबेवार्ता05:12, 19 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
यही उदारता हम नामांकित सदस्य के लिए क्यूं नहीं अपना सकते ? क्यूं एक कुशल प्रबंधक को उनकी वापसी पर पुन: मौका नहीं दिया जा रहा ? नामांकन असफल होगा तब हमे तो जरूर खुशी मिलेगी लेकिन नामांकित सदस्य की भावनाओं का क्या ? वह भी इन्सान है और उनके सीने में भी दिल है। हम दिल बड़ा रखें और उन सभी को आगे बढ़ने का मौका दें। अनिरुद्ध जी प्रज्ञाचक्षु है फिरभी विकिपीडिया पर अपना योगदान दे रहे है।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 06:13, 19 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
योगेश कवीश्वर जी, हिन्दी विकिपीडिया पर निर्णय भावनाओं के आधार पर नहीं लिए जाते। नाज़िया जी का मत वैध है या अवैध, नाज़िया जी के स्पष्टीकरण के पश्चात शीघ्र ले लिए जाएँगे। आपसे आग्रह है कि कृपया आप संयम बरते और उत्पात से बचें। प्रक्रिया को प्रभावित न करें।--माला चौबेवार्ता06:25, 19 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
माला जी मेरे कारण आपको जो भी परेशानी हुई इनके लिए में सब के सामने क्षमा की प्रार्थना करता हूँ। मेरे हिसाब से तो सबसे बड़ा उत्पात दूसरे की भावनाओं और दिल को ठेस पहुंचाना है चाहे वह दिल आपका ही क्यूं न हो। विकिपीडिया पर केवल भावनाओं से निर्णय नहीं लिया जाता किन्तु तथ्य देखें तो अनिरुद्ध जी एक अनुभवी प्रबंधक है ही और अब सक्रिय भी है। उनको फिरसे मौका दिया जाएगा तो मुझे नहीं लगता कि विकिपीडिया का किसी भी प्रकार से अहिय होगा।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 07:02, 19 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
नाज़िया रिज़वी के योगदान
दिनाँक
संपादन
इससे पहले अंतिम बार एक्टिव
18 जुलाई 2016
विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन
9 जुलाई 2016
9 जुलाई 2016
विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन
2 अगस्त 2015
27 जुलाई 2015
विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन
20 जुलाई 2015
2 मई 2015
विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन
21 अप्रैल 2015
19 अप्रैल 2015
विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन
विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन
26 अगस्त 2014
3 अगस्त 2014
विकिपीडिया:पुनरीक्षक पद हेतु निवेदन
23 जुलाई 2014
Main: 191 (54.26%)
विकिपीडिया: 114 (32.39%)
वार्ता: 22 (6.25%)
सदस्य वार्ता: 11 (3.13%)
सदस्य: 4 (1.14%)
इनके योगदानों में गौर करने वालीं बात हैं
हाल ही में जब भी ये एक्टिव हुईं हैं तब सर्वप्रथम वोट देने का कार्य इनके द्वारा किया गया है। जैसे की हाल ही में 9 जुलाई 2016 को वोट देने से पहले ये 2 अगस्त 2015 में एक्टिव थीं। इसी तरह 19 अप्रैल 2015 को जब ये एक्टिव हुईं तब भी इन्होंने सर्वप्रथम वोट देने का ही कार्य किया, इससे पहले ये आखिरी बार 26 अगस्त 2014 को एक्टिव थीं।
चक्रपाणी जी, मेरे विचार से उपरोक्त आंकड़े किसी सदस्य के मत को वैध या अवैध ठहरने की दिशा में कोई मायने नहीं रखते। विकिपीडिया का हर वह सदस्य मत देने का उतराधिकारी है जिन्हें 100 से ज्यादा संपादनों का अनुभव है। आज तक हिन्दी विकिपीडिया पर यही नियम लागू होते रहे हैं और यही परंपरा भी रही है। यदि इससे अलग कोई प्रक्रिया कभी अपनाई गयी हो तो बताएं।--माला चौबेवार्ता09:55, 19 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
चक्रपाणी और योगेश कवीश्वर जी, हिन्दी विकिपीडिया पर आप दोनों नए हो और आप दोनों को इतिहास का कुछ भी पता नहीं। मैं असक्रिय हुयी नहीं थी मुझे असक्रिय किया गया था। दुर्भावना से प्रेरित होकर मेरी कठपुतली जांच कराई गयी थी। चक्रपाणी जी भले ही प्रबन्धक हों, लेकिन उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि मुझे हिन्दी विकिपीडिया पर उनसे ज्यादा अनुभव है। रही नियम की बात यहाँ ऐसा कोई भी नियम नहीं है, जिसके अंतर्गत सक्रियता का बहाना बनाकर मेरे मत को अवैध घोषित किया जाये। नियम यह कहता है कि सदस्य को १०० से ज्यादा संपादन का अनुभव हो और यही मेरे मत की वैधता का प्रमाण है।
वैसे भी वर्तमान में मैं सक्रिय हूँ, चाहे मत देने के बाद हुयी हूँ या पहले। और इस बात का पूरा भरोसा दे सकती हूँ कि अब लगातार सक्रिय रहूँगी। आप मानें या न मानें मगर अनिरुद्ध जी के नामांकन का विरोध करने के पीछे मेरा उद्देश्य यह है कि उन्होने प्राप्त अवसर को खोया है। इसलिए कुछ दिन अपनी सक्रियता का प्रमाण दें फिर मैं उनके नामांकन के समर्थन में वोट करूंगी। माला जी
यदि उनके स्थान पर चक्रपाणि जी या योगेश का नामांकन प्रबन्धक के लिए होता तो मैं अवश्य समर्थन में वोट करती, क्योंकि दोनों उनसे बेहतर प्रबन्धक हो सकते हो। मेरी गुजारिश है कि इस नामांकन को एक सहज प्रक्रिया के अंतर्गत चलने दिया जाये, चाहे फैसला किसी के पक्ष में हो, इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाया जाये।Naziah rizvi (वार्ता) 13:12, 19 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@चक्रपाणी::वैसे तो उर्दू में हाथ अपना भी तंग है लेकिन जितना समझ में आया या जो मैं कहना चाहता था वो यह कि जहाँ हिंदी विकि की इतनी दुर्गति है, वहाँ थोड़ी और सही, या कुछ दिन और सही। पंजाबी में कहावत है- मरे और सवा मरे में कोई अंतर नहीं। हमारे यहाँ प्रबंधकों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है कि अगर कोई एक बन गया तो दूसरों के लिए जगह ना बचेगी। ऐसे में जितने मर्जी प्रबंधक हों, क्या फर्क पड़ता है, बस दुरुपयोग की आशंका नहीं होनी चाहिए। इतना समझाने के बाद भी लोग तर्क वितर्क में उलझना चाहते हैं तो भई हमें और कुछ नहीं कहना... होने दो जो होता है... जहाँ बिना या इतने कम प्रबंधकों पुनरीक्षकों के इतने समय से काम चल रहा है, वहीं कुछ दिन और भी चल जाएगा। यानि... हुआ जब ग़म से यूँ बेबस तो ग़म क्या सर के कटने का। और नियम बनाओ, बचे खुचे प्रबंधक भी हटा डालो। एक साल से निर्वाचित लेख नहीं बदला, तो सभी वर्तमान प्रबंधक भी जिम्मेदार हुए। हटाओ सबको। मैं तो कहता हूँ कि एक दिन कोई योगदान न करे तो उसे हटा देना चाहिए, प्रतिदिन कोई सक्रिय हो तभी प्रबंधक के लायक समझना चाहिए। वोटर स्वयं सक्रिय हो ना हो, प्रबंधक सक्रिय होना चाहिए। अब और क्या कहूँ सिवाय इसके-
किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते, सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते...
@Manojkhurana और चक्रपाणी:जी, विगत वर्ष जब नियमों में बदलाव हो रहे थे तो चर्चा में समस्त विंदुओं पर अपनी बात रखनी चाहिए थी। अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत। छ: महीने में 180 संपादन न करने पर प्रबन्धक पद से हटाया जाना सबकी मर्जी से तय हुआ था न? तो अब रोना-गाना क्यों? चलिये फिर से करते हैं नियमों के बदलाव पर चर्चा और इसबार जोड़वा देते हैं कि छ: महीने में 180 संपादन करने वाले सक्रिय सदस्य को ही मताधिकार का अवसर प्राप्त होगा। नीति कहती है कि एक प्रबन्धक को नियम से अलग हटकर कुतर्क नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका असर पूरे समूह पर पड़ता है और वातावरण प्रदूषित होता है। मैंने बहुत पहले एक कवि की कुछ पंक्तियाँ पढ़ी थी, आप सबसे शेयर कर रही हूँ कि "दीवारों पर टंगे हुये हैं ब्रह्मचर्य के कड़े नियम, उसी फ्रेम के पीछे चिड़िया गर्भवती हो जाती है।" समझदार के लिए इशारा ही काफी है।--माला चौबेवार्ता05:57, 20 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Mala chaubey: जी, पछताने के लिए यहाँ हमारे पास, खासतौर से मेरे पास, कुछ नहीं है, ना हमने कुछ दाँव पे लगाया है ना हमने कुछ खोया है, ना हम किसी व्यक्ति विशेष के पक्ष में हैं ना विरोध में, कोई प्रबंधक बने ना बने, हम प्रबंधक रहें ना रहें, हमारा ना कोई हित है ना अहित। जब तक यहाँ हैं, तब तक हिंदी विकि का हित सर्वोपरि है। हालाँकि अभी यहाँ पर नियमों को ताक पर रखने की नौबत नहीं आई है, लेकिन अगर कभी आ भी जाए तो मेरा शुरु से यही मानना है कि नियम कभी भी उद्देश्य से बड़े नहीं होते। आपके कथन पर मेरा पुनः वही जवाब है- सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते? मेरा सवाल यह है कि चर्चा की आवश्यकता ही क्या है? यहाँ पर नुकसान क्या है? हटाने पर रोना गाना नहीं है, रोना गाना पुनः बनाने पर है। यह मुद्दा कितना बड़ा या कितना महत्वपूर्ण है जिस पर हम इतना समय और शक्ति बर्बाद कर रहे हैं? रही बात नियमावली की तो यह नियम भी है: हिन्दी विकि में ५००० से अधिक सम्पादन रखने वाले प्रबंधक पदमुक्त अनुभवी सदस्यों/अथवा तकनीकी रुप से दक्ष सदस्यों को निरंतर (१ माह) पुनः सक्रिय रहने पर उनके आवेदन पर बिना मतदान के सीधा ही पुनः प्रबन्धक बना दिया जायेगा, अगर उनके आवेदन पर कोई विशेष विरोध न हो तो। मुझे जो कहना था कह चुका, इससे अधिक समय मैं इस चर्चा में निवेश करना उचित नहीं समझता। आपका विरोध यदि विशेष विरोध की परिभाषा के अंतर्गत मान्य है तो नामांकन अस्वीकृत, अन्यथा उक्त नियम के हिसाब से स्वीकृत करके कृपया चर्चा को विराम दें और सब लोग हिंदीसेवा के अपने यज्ञ में पुनः अपनी सेवाएं अर्पित करने पर ध्यान दें। धन्यवाद।
और हाँ, क्योंकि आप और मैं मतदान में एक दूसरे के विरोध में काफी चर्चा कर चुके हैं, अतः निष्पक्षता हेतु कृपया निर्णय किसी अन्य प्रबंधक को लेने दें।--मनोज खुराना08:30, 20 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Manojkhurana:जी, हिंदी विकि का हित केवल आपके लिए ही सर्वोपरि नहीं है, यहाँ जो भी सक्रिय हैं उन सबके लिए सर्वोपरि है। इसीलिए तो नियम बनाए गए हैं। आपके कथनानुसार हिन्दी विकि में ५००० से अधिक सम्पादन रखने वाले प्रबंधक पदमुक्त अनुभवी सदस्यों/अथवा तकनीकी रुप से दक्ष सदस्यों को निरंतर (१ माह) पुनः सक्रिय रहने पर उनके आवेदन पर बिना मतदान के सीधा ही पुनः प्रबन्धक बना दिया जायेगा, अगर उनके आवेदन पर कोई विशेष विरोध न हो तो। यदि इस नियम के अंतर्गत तो बनाइये, नामांकन की क्या आवश्यकता है? हाँ यहाँ पर भी विशेष विरोध की स्थिति में आप इस प्रक्रिया को मूर्तरूप नहीं दे पाएंगे। रही नजीया रिजवी की बात, तो मेरे विचार से उनका मत मान्य है और यही सत्य भी है, जिसे आपको स्वीकार करना ही होगा। शेष इस चर्चा को आगे बढ़ाने की चाहत मुझे भी नहीं है।--माला चौबेवार्ता09:01, 20 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Naziah rizvi: जी, नमस्ते। आपने अपने विरोध में आदर और कारण के साथ अपनी बात कही। आपके मत को अमान्य करने वालों के भी अपने कुछ तर्क थे, जो चर्चा के साथ स्पष्ट हुये। संप्रति आप सक्रिय हैं यह हिन्दी विकिपीडिया के लिए शुभ संकेत का द्योतक है। आपके सकारात्मक योगदान का मैं स्वागत करती हूँ। वर्तमान में हिन्दी विकिपीडिया पर ऐसा कोई भी नियम नहीं है, जिससे आपके मत को अमान्य घोषित किया जाये। इसलिए आपसे मेरी विनती है कि आप पुन: सोच विचारकर समर्थन या विरोध में बिना किसी पर दोषारोपण करते हुये अपना मत दें।--माला चौबेवार्ता08:39, 20 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@सत्यम् मिश्र, Manojkhurana, Hunnjazal, संजीव कुमार, और चक्रपाणी:मेटा पर चर्चा के दौरान 19 जुलाई को विकीकोलोग्जी ने नाज़िया रिजवी के मत को बहाल करने का आग्रह किया था। जिसके परिप्रेक्ष्य में मैंने 20 जुलाई को नाज़िया रिजवी से पुन: मत देने का आग्रह किया था, लेकिन मैं देख रही हूँ कि मेरे मित्र प्रबन्धक चक्रपाणि जी इसे पुन: प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुये अमान्य घोषित कर दिया है। कृपया अविलंब उनके मत को बहाल किया जाये।
मेटा पर कॉमेंट इसप्रकार है-
By "negative vote" do you mean "oppose vote"?, if yes, I see no reason why Naziah rizvi's vote should be struck. The user has been around for over 2 years with over 300 edits. The user was granted autopatrol right which simply suggest to me that they are trustworthy. Is there any evidence of canvassing or sockpupetry? Is there a consensus on hi:Wiki that says editors must have made a certain number of edits to be eligible to vote at RfA? It is ridiculous to invalidate their vote on the basis of the fact that they didn't have 1000+ edits and I suggest their votes should be reinstated. Wikicology (talk) 20:41, 19 July 2016 (UTC)
this is certainly controversial for a local admin to close as not done. User:Mala chaubey, should not close a RfA as not done when they practically cannot grant the bid. Only local bureaucrats are allowed to close a RfA or stewards where there is no local bureaucrats. Admin or any editor aside bureaucrat and steward should not close any requests that they have taken part in, or those that have even a slim chance of passing. I urge steward to allow the new RfA to run for the next seven days for a clearer consensus. Warm regards. Wikicology (talk) 17:32, 19 July 2016 (UTC)
दुसरी बात नाज़िया जी का मत इसलिए अमान्य नहीं किया गया है कि उनके एडिट काम हैं बल्कि इसलिए क्योंकि ऐसा देखा गया है कि अधिकांशतः उनकी सक्रियता मत देने से ही शुरू होती है और वही से खत्म भी होती है। एक साल बात केवल मत देने के लिए एक्टिव होना मुझे समझ में नहीं आता???? --- चक्रपाणी वार्ता 04:17, 23 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@चक्रपाणी:, यह नामांकन मान्य है या नहीं, यह निर्णय अभी नहीं हुआ है। इसलिए
यहाँ केवल नाज़िया रिजवी की बात करें। आप नियम से परे जा रहे हैं। हिन्दी विकिपीडिया पर ऐसा कोई नियम नहीं है जिसका उल्लेख कर आप उनके मत को अमान्य घोषित कर सकते हैं। जब मेटा पर उन्हें बहाल करने का सुझाव दिया गया है तो फिर इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न क्यों बनाया जा रहा है। आप प्रबन्धक हैं, कृपया खुले और उदार हृदय का परिचय दें।--माला चौबेवार्ता04:34, 23 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@चक्रपाणी: जी, मत के मान्य अथवा अमान्य होने पर प्रश्न उठाना कोई भी कर सकता है परन्तु मत मान्य है अथवा अमान्य या मतगणना और नामांकन पर अन्तिम निर्णय लेने वाले प्रबंधक (अथवा स्टीवर्ड) का कार्य है। अतः अनुरोध है कि आपने जिस मत को अमान्य घोषित किया है उसे वापस स्थापित कर दें; प्रश्न आप यहाँ भी पूरी स्पष्टता के साथ रख चुके हैं और मेटा पर भी अतः नामांकन की इस पूरी प्रक्रिया पर निर्णय लेने वाले को ही यह निर्णय भी लेने दें। -सत्यम् मिश्रबातचीत08:40, 23 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@चक्रपाणी और Mala chaubey: एवं अन्य सभी से अनुरोध है कि यह नामांकन चूँकि पहले ही मेटा पर ले जाया जा चुका है, यहाँ चर्चा को विराम दें। फिलहाल वर्तमान स्थिति को सारणीबद्ध करके नीचे रखा जा रहा है और इसकी कड़ी मेटा पर स्टीवर्डस के अवलोकनार्थ दी जा रही है। कृपया उन्हें ही निर्णय करने दें। --सत्यम् मिश्रबातचीत08:40, 23 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
गुजरात में कोमी दंगल चल रहे थे और हिंसा चल रही थी इसलिए मैं सक्रिय नहीं था। निजिया जी का मत अमान्य अनुभाग में रखने का कार्य चक्रपाणी जी ने नहीं मैने किया था। आप इतिहास देख सकते हैं। अब ये निर्णय स्टुअर्ड को ही लेने दिजीये और वैमनस्य भूलकर आपसी सहयोग बनाये रखें।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 09:10, 23 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
नमस्ते विकि मित्रो!, मुझे लगता है कि इस चर्चा के समाप्त करने का समय हो चुका है। हमारे पास पाँच रास्ते हैं-
प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या कम हो जाय।
प्रस्ताव का विरोध करने वाले सदस्यों की संख्या कम हो जाय।
स्टुअर्ट इस स्थिति पर कुछ निर्णय लें।
प्रस्तावक अपना प्रस्ताव वापस ले लें।
प्रस्तावित सदस्य अपना समर्थन वापस ले लें।
संयोग से प्रबंधक न होते हुए भी चर्चा समाप्त करने का यह अंतिम विकल्प मेरे अधिकार क्षेत्र में है। अगले ४८ घंटे तक चारों विकल्पों का इस्तेमाल न किए जाने पर मैं पाँचवें का प्रयोग जरूर करना चाहूँगा। यह मेरा निर्णय है जिसपर चर्चा की गुंजाइश नहीं है। विकि पर किसी अयाचित स्थिति का देर तक बने न रहने देने के सामूहिक दायित्व में मेरी हिस्सेदारी का यही मार्ग उचित लग रहा है। गिरिधर को किसी अवसर पर रणछोड़ भी बन जाना चाहिए। अनिरुद्ध! (वार्ता) 23:41, 26 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनिरुद्ध!: जी, निहत्थे श्री कृष्ण को धर्म की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा का भंग करके शस्त्र भी उठाने चाहिए। आपके नामांकन के दौरान जो भी समस्याए आयी है और उनकी वजह से जो भी स्थिति-जो स्थिति इच्छनीय नहीं है-हुइ है उनका निर्मूलन करना भी हम सब की जिम्मेदारी है। आपने देखा की नियम परिपूर्ण नहीं है और अस्पष्ट भी। सकारात्मकता से ज्यादा नकारात्मकता को महत्व दिया जाता है। प्रबंधक बनना कोई हावा नहीं है लेकिन एसा ही बन गया है। होना तो ये चाहिए कि आप जैसे कुशल प्रबंधक और ५००० से ज्यादा संपादन करने वाले अति वरिष्ठ सदस्य को बिना विलंब ये अधिकार मिलना चाहिए था लेकिन एसा नहीं हो रहा है।
-*The wordings of the rule applied regarding validity are - "ऐसे सदस्य जिन्होने यहाँ सदस्य खाता तो खोल रखा है परन्तु उन्हें बहुत ही कम सम्पादनों का अनुभव है और केवल यहाँ किसी सदस्य के नामांकन पर यहाँ मत देने आते हैं, का मत मान्य नहीं होगा" which translates as - "Votes of such users, who have opened accounts but who have very little editing experience and come here only in order to vote on nominations, would not be regarded valid."
Since, there is dispute regarding validity of the above mentioned vote, Stewards may themselves decide whether to count it valid or not.
-** "80% or more Users in support" is regarded a successful consensus. Views of Users having Admin, reviewer or auto-patrolled user rights are regarded having more weight (but no calculation methods are specified for this).— इस अहस्ताक्षरित संदेश के लेखक हैं -सत्यम् मिश्र (वार्ता • योगदान)
प्रबंधकों से एक प्रश्न
वैसे माननीय प्रबंधकों से मैं पूछना चाहूँगा कि ये विकिकॉलजी जी हैं कौन? जहाँ तक मुझे पता है, उनपर अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर अनिश्चित काल के लिए अवरोध लगा है। क्या कोई स्टीवर्ड हमारे निर्णय लेने में सहायक नहीं हो सकता? --मुज़म्मिल (वार्ता) 14:16, 26 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
अच्छा तो वह स्टुअर्ड नहीं है ? और कोई स्टुअर्ड को संदेश भेजते है अन्यथा इन्तज़ार। स्टुअर्ड Nahid sultan जी हमारे एशिया से है। वह बांग्लादेश के है। शायद हिन्दी भी समझते होंगे।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 15:03, 26 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
मैं उनसे दो बार मिल चुका हूँ। वे हिन्दी तो नहीं जानते पर शायद हमारी सहायता कर दें क्योंकि वे समुदायों की समस्याओं के हल करने में कई बार सहायता कर चुके हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 16:42, 26 जुलाई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
फ़िलहाल हिंदी विकी पर मनोज जी के अलावा अन्य प्रबधकों की ख़ासी इनेक्टिविटी देखते हुए, हिंदी विकी के निर्बाध संचालन/प्रबंधन में सहायता के उद्देश्य के साथ मैं पुनः 3 माह या स्थायी प्रबंधन अधिकार हेतु आवेदन करता हूँ। चक्रपाणी वार्ता 22:36, 18 अक्टूबर 2016 (UTC)[उत्तर दें]