"जामा मस्जिद (आगरा)": अवतरणों में अंतर
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[[आगरा]] की [[जामा मस्जिद (आगरा)|जामा मस्जिद]] एक विशाल मस्जिद है, जो शाहजहाँ की पुत्री, शाहजा़दी [[जहाँआरा बेगम़]] को समर्पित है। इसका निर्माण १६४८ में हुआ था, और यह अपने मीनार रहित ढाँचे तथा विषेश प्रकार के गुम्बद के लिये जानी जाती है। |
[[आगरा]] की [[जामा मस्जिद (आगरा)|जामा मस्जिद]] एक विशाल मस्जिद है, जो शाहजहाँ की पुत्री, शाहजा़दी [[जहाँआरा बेगम़]] को समर्पित है। इसका निर्माण १६४८ में हुआ था, और यह अपने मीनार रहित ढाँचे तथा विषेश प्रकार के गुम्बद के लिये जानी जाती है।जामा मस्जिद का निर्माण 1571 में अकबर के शासनकाल के दौरान हुआ था। फतेहपुर सीकरी का निर्माण इसी मस्जिद के आसपास हुआ था इससे मस्जिद के महत्व का पता चलता है। मस्जिद का बरामदा बहुत बड़ा है और इसके दोनों ओर जम्मत खाना हॉल और जनाना रौजा हैं। जामा मस्जिद से सूफी शेख सलीम चिश्ती की मजार पर नजर पड़ती है जो कलाकारी का अद्भुत नमूना है। पूरी जामा मस्जिद खूबसूरत नक्काशी और रंगीन टाइलों से सजी हुई है। बुलंद दरवाजे से होते हुए जामा मस्जिद तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा यहां बादशाही दरवाजा भी है। इसकी खूबसूरती भी देखते ही बनती है। |
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16:44, 9 मार्च 2009 का अवतरण
आगरा की जामा मस्जिद एक विशाल मस्जिद है, जो शाहजहाँ की पुत्री, शाहजा़दी जहाँआरा बेगम़ को समर्पित है। इसका निर्माण १६४८ में हुआ था, और यह अपने मीनार रहित ढाँचे तथा विषेश प्रकार के गुम्बद के लिये जानी जाती है।जामा मस्जिद का निर्माण 1571 में अकबर के शासनकाल के दौरान हुआ था। फतेहपुर सीकरी का निर्माण इसी मस्जिद के आसपास हुआ था इससे मस्जिद के महत्व का पता चलता है। मस्जिद का बरामदा बहुत बड़ा है और इसके दोनों ओर जम्मत खाना हॉल और जनाना रौजा हैं। जामा मस्जिद से सूफी शेख सलीम चिश्ती की मजार पर नजर पड़ती है जो कलाकारी का अद्भुत नमूना है। पूरी जामा मस्जिद खूबसूरत नक्काशी और रंगीन टाइलों से सजी हुई है। बुलंद दरवाजे से होते हुए जामा मस्जिद तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा यहां बादशाही दरवाजा भी है। इसकी खूबसूरती भी देखते ही बनती है।