"कलि संवत": अवतरणों में अंतर

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'''कलियुग संवत ''' भारत का प्राचीन संवत है जो३००८ वि.सं.पूर्व श्रीकृष्णके स्वर्गारोहण समयसे हुआ है| २९७२ ईपू]]तो वास्तविक महाभारत युद्ध हुआ था । वह समय द्वापरयुगका था| इस संवत् को युधिष्ठिरसंवत् भी कहा जाता है | पांडवौंने विजयके बाद ३६ वर्ष तक शासन कीया |पतिव्रता गान्धारीके शापसे ३६वर्षके बाद यदुवंशके के विनाश हुआ |श्रीकृष्णके परंधाम गमन के बाद पाणडवौंने अर्जुन के पुत्र परीक्षितको सिँहाशनारुढ़ करके स्वयं हिमालय की और प्रस्थान करने एंव भगवान श्रीकृष्ण के वैकुण्ठ जाने से कलिसंवत् प्रारम्भ मानी जाती है। अन्य संवत
'''कलियुग संवत ''' भारत का प्राचीन संवत है जो३००८ वि.सं.पूर्व श्रीकृष्णके स्वर्गारोहण समयसे हुआ है| ३०४४वि.सं.पूर्व तो वास्तविक महाभारत युद्ध हुआ था । वह समय द्वापरयुगका था| इस संवत् को युधिष्ठिरसंवत् भी कहा जाता है | पांडवौंने विजयके बाद ३६ वर्ष तक शासन कीया |पतिव्रता गान्धारीके शापसे ३६वर्षके बाद यदुवंशके के विनाश हुआ |श्रीकृष्णके परंधाम गमन के बाद पाणडवौंने अर्जुन के पुत्र परीक्षितको सिँहाशनारुढ़ करके स्वयं हिमालय की और प्रस्थान करने एंव भगवान श्रीकृष्ण के वैकुण्ठ जाने से कलिसंवत् प्रारम्भ मानी जाती है। अन्य संवत


* [[प्राचीन सप्तर्षि]] ६६७६ ईपू
* [[प्राचीन सप्तर्षि]] ६६७६ ईपू

15:56, 31 जुलाई 2016 का अवतरण

कलियुग संवत भारत का प्राचीन संवत है जो३००८ वि.सं.पूर्व श्रीकृष्णके स्वर्गारोहण समयसे हुआ है| ३०४४वि.सं.पूर्व तो वास्तविक महाभारत युद्ध हुआ था । वह समय द्वापरयुगका था| इस संवत् को युधिष्ठिरसंवत् भी कहा जाता है | पांडवौंने विजयके बाद ३६ वर्ष तक शासन कीया |पतिव्रता गान्धारीके शापसे ३६वर्षके बाद यदुवंशके के विनाश हुआ |श्रीकृष्णके परंधाम गमन के बाद पाणडवौंने अर्जुन के पुत्र परीक्षितको सिँहाशनारुढ़ करके स्वयं हिमालय की और प्रस्थान करने एंव भगवान श्रीकृष्ण के वैकुण्ठ जाने से कलिसंवत् प्रारम्भ मानी जाती है। अन्य संवत