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बाइनरी ऐडर एक डिजिटल सर्किट होता है जो दो बाइनरी नंबरों का योग करता है। बाइनरी ऐडर दो मूलभूत अंगों से बनता है- अर्ध ऐडर (half adder) और पूर्ण ऐडर (full adder)।
बाइनरी ऐडर एक डिजिटल सर्किट होता है जो दो बाइनरी नंबरों का योग करता है। बाइनरी ऐडर दो मूलभूत अंगों से बनता है - अर्ध ऐडर (half adder) और पूर्ण ऐडर (full adder)।


==मूलभूत अंग==
==मूलभूत अंग==

20:57, 6 जुलाई 2016 का अवतरण

बाइनरी ऐडर एक डिजिटल सर्किट होता है जो दो बाइनरी नंबरों का योग करता है। बाइनरी ऐडर दो मूलभूत अंगों से बनता है - अर्ध ऐडर (half adder) और पूर्ण ऐडर (full adder)।

मूलभूत अंग

अर्ध ऐडर

अर्ध ऐडर का सर्किट डायग्राम
इनपुट आउटपुट
A B C S
0 0 0 0
1 0 0 1
0 1 0 1
1 1 1 0

अर्ध ऐडर एक डिजिटल सर्किट होता है जो दो बिटों का योग करता है। ये दो बिट इनपुट लेता है और दो बिट आउटपुट देता है - एक आउटपुट बिट इनपुट बिटों का योग देता है और दूसरा आउटपुट बिट उनका कैरी देता है। ऊपर दिया गया टेबल इनपुट बिटों की हर मुमकिन कॉम्बिनेशन के लिए अपेक्षित आउटपुट बिट दर्शाता है (इस टेबल में इनपुट बिटों को A और B से, कैरी आउटपुट बिट को C से और योग आउटपुट बिट को S से लेबल किया गया है)। इस टेबल से यह देखा जा सकता है कि योग आउटपुट बिट वाला कॉलम XOR गेट और कैरी आउटपुट बिट वाला कॉलम एंड गेट के ट्रुथ टेबल जैसा है। इसलिए योग आउटपुट को बनाने के लिए XOR गेट और कैरी आउटपुट को बनाने के लिए एण्ड गेट का प्रयोग किया जाता है। ऊपर दिया गया चित्र इन गेटों से बना अर्ध ऐडर दिखता है।

पूर्ण ऐडर