"आना सागर झील": अवतरणों में अंतर

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इस झील का निर्माण [[पृथ्वीराज चौहान]] के पितामह अरुणोराज या आणाजी चौहान ने बारहवीं शताब्दी के मध्य (११३५-११५० ईस्वी) करवाया था। आणाजी द्वारा निर्मित करवाये जाने के कारण ही इस झील का नामकरण ''आणा सागर'' या ''आना सागर'' प्रचलित माना जाता है।
इस झील का निर्माण [[पृथ्वीराज चौहान]] के पितामह अरुणोराज या आणाजी चौहान ने बारहवीं शताब्दी के मध्य (११३५-११५० ईस्वी) करवाया था। आणाजी द्वारा निर्मित करवाये जाने के कारण ही इस झील का नामकरण ''आणा सागर'' या ''आना सागर'' प्रचलित माना जाता है।
==निर्माण==
==निर्माण==
झील के लिए जलसंभरण का कार्य स्थानीय आबादी द्वारा करवाया गया था। १६३७ ईस्वी में [[शाहजहाँ]] ने झील के किनारे लगभग १२४० फीट लम्बा कटहरा लगवाया और पाल पर संगमरमर की पाँच बारादरियों का निर्माण करवाया। झील के प्रांगण में स्थित '''दौलत बाग''' का निर्माण [[जहाँगीर]] द्वारा करवाया गया जिसे '''सुभाष उद्यान''' के नाम से भी जाना जाता है। आना सागर का फैलाव लगभग १३ किलोमीटर की परिधि में विस्तृत है।<ref>[https://sites.google.com/site/ajmervisit/ajamera-mem-kya-dekhem/anasagara-jhila आनासागर झील]</ref>
झील के लिए जलसंभरण का कार्य स्थानीय आबादी द्वारा करवाया गया था। १६३७ ईस्वी में [[शाहजहाँ]] ने झील के किनारे लगभग १२४० फीट लम्बा कटहरा लगवाया और पाल पर संगमरमर की पाँच बारादरियों का निर्माण करवाया। झील के प्रांगण में स्थित '''दौलत बाग''' का निर्माण [[जहाँगीर]] द्वारा करवाया गया जिसे '''सुभाष उद्यान''' के नाम से भी जाना जाता है। आना सागर का फैलाव लगभग १३ किलोमीटर की परिधि में विस्तृत है।<ref>[https://sites.google.com/site/ajmervisit/ajamera-mem-kya-dekhem/anasagara-jhila आनासागर झील]</ref>iski dusari yeh viheshata hi ki ish baag me nurjanha ki ma aai thi jisane sent ka nirmankiya tha


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==

12:14, 18 जून 2016 का अवतरण

आना सागर झील
आना सागर झील is located in पृथ्वी
आना सागर झील
आना सागर झील
स्थानअजमेर, राजस्थान
निर्देशांक26°28′30″N 74°37′30″E / 26.475°N 74.625°E / 26.475; 74.625निर्देशांक: 26°28′30″N 74°37′30″E / 26.475°N 74.625°E / 26.475; 74.625
द्रोणी देशभारत

आना सागर झील, आनासागर झील या आणा सागर झील भारत में राजस्थान राज्य के अजमेर संभाग में स्थित एक कृत्रिम झील है।

इतिहास

इस झील का निर्माण पृथ्वीराज चौहान के पितामह अरुणोराज या आणाजी चौहान ने बारहवीं शताब्दी के मध्य (११३५-११५० ईस्वी) करवाया था। आणाजी द्वारा निर्मित करवाये जाने के कारण ही इस झील का नामकरण आणा सागर या आना सागर प्रचलित माना जाता है।

निर्माण

झील के लिए जलसंभरण का कार्य स्थानीय आबादी द्वारा करवाया गया था। १६३७ ईस्वी में शाहजहाँ ने झील के किनारे लगभग १२४० फीट लम्बा कटहरा लगवाया और पाल पर संगमरमर की पाँच बारादरियों का निर्माण करवाया। झील के प्रांगण में स्थित दौलत बाग का निर्माण जहाँगीर द्वारा करवाया गया जिसे सुभाष उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। आना सागर का फैलाव लगभग १३ किलोमीटर की परिधि में विस्तृत है।[1]iski dusari yeh viheshata hi ki ish baag me nurjanha ki ma aai thi jisane sent ka nirmankiya tha

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ