"राहत इन्दौरी": अवतरणों में अंतर

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== आरंभिक दिन==
== आरंभिक दिन==
राहत इंदोरी जी ने शुरुवाती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य अध्यापन शुरू कर दिया। उनके छात्रों के मुताबिक वह कॉलेज में सबसे अच्छा व्याख्याता थे ।फिर बीच में वो मुश्यारा में बहुत व्यस्त हो गए और पूरे भारत में और विदेशों से निमंत्रण प्राप्त करना शुरू कर दिया। उनकी अनमोल क्षमता, कड़ी लगन और शब्दों कला की एक विशिष्ट शैली थी ,जिसने बहुत जल्दी इन्हें बहुत अच्छी तरह से जनता के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया ।राहत साहेब ने बहुत जल्दी लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बना लिए थे और तीन से चार साल के भीतर उनकी कविता की खुशबू ने उन्हें [[उर्दू साहित्य]] की दुनिया में एक प्रसिद्ध शायर बना दिया था। वह न सिर्फ पढ़ाई में प्रवीण थे बल्कि वो खेलकूद में भी प्रवीण थे, और वो स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे। वह केवल 19 वर्ष के थे जब वह अपने कॉलेज के दिनों में अपनी पहली शायरी सुनाई।
राहत इंदोरी जी ने शुरुवाती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य अध्यापन शुरू कर दिया। उनके छात्रों के मुताबिक वह कॉलेज में सबसे अच्छे व्याख्याता थे ।फिर बीच में वो मुशायरो में बहुत व्यस्त हो गए और पूरे भारत से और विदेशों से निमंत्रण प्राप्त करना शुरू कर दिया। उनकी अनमोल क्षमता, कड़ी लगन और शब्दों की कला की एक विशिष्ट शैली थी ,जिसने बहुत जल्दी बहुत अच्छी तरह से जनता के बीच अत्यन्त लोकप्रिय बना दिया ।राहत साहेब ने बहुत जल्दी ही लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बना लिया और तीन से चार साल के भीतर ही उनकी कविता की खुशबू ने उन्हें [[उर्दू साहित्य]] की दुनिया में एक प्रसिद्ध शायर बना दिया था। वह न सिर्फ पढ़ाई में प्रवीण थे बल्कि वो खेलकूद में भी प्रवीण थे,वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे। वह केवल 19 वर्ष के थे जब उन्होने अपने कॉलेज के दिनों में अपनी पहली शायरी सुनाई थी।


==निजी जिंदगी==
==निजी जिंदगी==

15:54, 6 फ़रवरी 2016 का अवतरण

राहत इन्दौरी
चित्र:Rahat Indori.jpg
जन्मराहत
1 जनवरी 1950 (1950-01-01) (आयु 74)
इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
पेशाउर्दू शायर, गीतकार
राष्ट्रीयताभारतीय
नागरिकताभारतीय
शिक्षास्नातकोत्तर, पी. एचडी.
विधागज़ल, नज़्म, गीत
जीवनसाथीसीमा
बच्चेशिबली, फैसल, सतलज
वेबसाइट
http://www.rahatindori.co.in

राहत इन्दौरी (उर्दू: ڈاکٹر راحت اندوری) (जन्म: 1 जनवरी 1950) एक भारतीय उर्दू शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार हैं।[1]वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा

राहत का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में कपड़ा मिल के कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के यहाँ हुआ। वे उन दोनों की चौथी संतान हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की[2] और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया।[3]तत्पश्चात 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

आरंभिक दिन

राहत इंदोरी जी ने शुरुवाती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य अध्यापन शुरू कर दिया। उनके छात्रों के मुताबिक वह कॉलेज में सबसे अच्छे व्याख्याता थे ।फिर बीच में वो मुशायरो में बहुत व्यस्त हो गए और पूरे भारत से और विदेशों से निमंत्रण प्राप्त करना शुरू कर दिया। उनकी अनमोल क्षमता, कड़ी लगन और शब्दों की कला की एक विशिष्ट शैली थी ,जिसने बहुत जल्दी व बहुत अच्छी तरह से जनता के बीच अत्यन्त लोकप्रिय बना दिया ।राहत साहेब ने बहुत जल्दी ही लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बना लिया और तीन से चार साल के भीतर ही उनकी कविता की खुशबू ने उन्हें उर्दू साहित्य की दुनिया में एक प्रसिद्ध शायर बना दिया था। वह न सिर्फ पढ़ाई में प्रवीण थे बल्कि वो खेलकूद में भी प्रवीण थे,वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे। वह केवल 19 वर्ष के थे जब उन्होने अपने कॉलेज के दिनों में अपनी पहली शायरी सुनाई थी।

निजी जिंदगी

राहत जी की दो बड़ी बहनें थीं जिनके नाम तहज़ीब और तक़रीब थे,एक बड़े भाई अकील और फिर एक छोटे भाई आदिल रहे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी और राहत जी को शुरुआती दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पडा था । उन्होंने अपने ही शहर में एक साइन-चित्रकार के रूप में 10 से कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। चित्रकारी उनकी रुचि के क्षेत्रों में से एक था और बहुत जल्द ही बहुत नाम अर्जित किया था। वह कुछ ही समय में इंदौर के व्यस्ततम साइनबोर्ड चित्रकार बन गए। क्योंकि उनकी प्रतिभा, असाधारण डिज़ाइन कौशल, शानदार रंग भावना और कल्पना की है कि और इसलिए वह प्रसिद्ध भी हैं। यह भी एक दौर था की ग्राहकों को राहत द्वारा चित्रित बोर्डों पाने के लिए महीनों के लिए इंतजार करना भी स्वीकार था। यहाँ की दुकानों के लिए किया गया पेंट कई साइनबोर्डस पर इंदौर में आज भी देखा जा सकता है।

सन्दर्भ

  1. "MP's Bollywood connection grows behind the camera". India Today. September 12, 2008. Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  2. http://www.ikcollegeindore.org/aboutus.html
  3. Barkatullah University Bhopal

राहत इन्दौरी की शायरी