"सदस्य:Jayantikawiki": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नया पृष्ठ: मैं जयन्तिका कुमरी छुन्दवत हूँ। मैं देओगर्ह में रेह्ती हू जो उद...
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{Infobox user
<!-- INFOBOX FORMATTING -------->
| abovecolor =
| color =
| fontcolor =
| abovefontcolor =
| headerfontcolor =
| tablecolor =
<!-- LEAD INFORMATION ---------->
| title =
| status =
| image =
| image_caption =
| image_width = 250px
| name = जयन्तिका कुमारी
| birthname = जयन्तिका कुमारी
| real_name =
| gender = स्त्रि
| languages = हिन्दि/ अग्रेज़ी
| birthdate = १६-११-१९९६
| birthplace = ज्यपुर्
| location = राजस्थान्
| country = भारत्
| nationality = भारतिय्
| ethnicity =
| occupation =
| employer =
| education =
| primaryschool =
| intschool =
| highschool =
| college =
| university =
| hobbies =
| religion =
| politics = स्वतंत्र
| aliases =
| movies =
| books =
| interests =
<!-- CONTACT INFO -------------->
| website =
| blog =
| email =
| facebook =
| twitter =
| joined_date =
| first_edit =
| userboxes =
}}

मैं जयन्तिका कुमरी छुन्दवत हूँ। मैं देओगर्ह में रेह्ती हू जो उदैपुर के काफी नज़्दीक हैं। देओगर्ह एक छोटा सा गांव है जिसमे हम सब खुशी खुशी रेह्ते हैं।
मैं जयन्तिका कुमरी छुन्दवत हूँ। मैं देओगर्ह में रेह्ती हू जो उदैपुर के काफी नज़्दीक हैं। देओगर्ह एक छोटा सा गांव है जिसमे हम सब खुशी खुशी रेह्ते हैं।
मैंने तेराकी अपने ही घर में सीखा है जिस्से मैं राश्त्रिया स्थर तक ले गयी। मेरी और बहूत सारी दिल्चस्पियाँ है जैसे कि नाचना, नाटक करना और खेल कूद में भी दिल्छस्पी रखती हूँ। मुझे कहानियाँ पदना और सुन्ना बहूत अच्छा लगता है।
मैंने तेराकी अपने ही घर में सीखा है जिस्से मैं राश्त्रिया स्थर तक ले गयी। मेरी और बहूत सारी दिल्चस्पियाँ है जैसे कि नाचना, नाटक करना और खेल कूद में भी दिल्छस्पी रखती हूँ। मुझे कहानियाँ पदना और सुन्ना बहूत अच्छा लगता है।

14:19, 15 जनवरी 2016 का अवतरण

Jayantikawiki
नाम जयन्तिका कुमारी
जन्मनाम जयन्तिका कुमारी
लिंग स्त्रि
जन्म तिथि १६-११-१९९६
जन्म स्थान ज्यपुर्
निवास स्थान राजस्थान्
देश साँचा:Country data भारत्
नागरिकता भारतिय्
शौक, पसंद, और आस्था
राजनीती स्वतंत्र

मैं जयन्तिका कुमरी छुन्दवत हूँ। मैं देओगर्ह में रेह्ती हू जो उदैपुर के काफी नज़्दीक हैं। देओगर्ह एक छोटा सा गांव है जिसमे हम सब खुशी खुशी रेह्ते हैं। मैंने तेराकी अपने ही घर में सीखा है जिस्से मैं राश्त्रिया स्थर तक ले गयी। मेरी और बहूत सारी दिल्चस्पियाँ है जैसे कि नाचना, नाटक करना और खेल कूद में भी दिल्छस्पी रखती हूँ। मुझे कहानियाँ पदना और सुन्ना बहूत अच्छा लगता है। मैं अपनी मम्मी पापा से बहूत प्यार करती हूँ। मैं हमेशा उन्के आदर्शों का पालन करती हूँ और वह हमेशा मेरे अच्छे के लिए सोच्छते हैं। मैंने अपने माता-पिता को बहूत सारी मुश्किलोंन का सामना करतें हुए देखा है तो इस्लिए मैं जब मेरे अपने पैर पर खडी हो जाती हूँ तब मैं उन्का ख्याल रखना चाहती हू। अभी मेरी माँ एक विध्यालय में शिक्षिका है और मेरे पिता व्यापारी हैं। मेरा एक बडा भाई है जो मम्बाई में काम करता है। हम चारों इतने दूर रहते हैं लेकिन फिर भी हम सब दिल से काफी करीब है। मुझे घूमना बहूत पसंद है और मेरी यही ख्वाहिश है कि मैं भारत के हर एक कोने को देखना चाहती हूँ।