"सोमदेव": अवतरणों में अंतर

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सोमदेव शैव ब्राह्मण थे। तथापि [[बौद्ध धर्म]] के प्रति भी उनकी अगाध श्रद्धा थी। कथासरित्सागर के किसी-किसी कथा में इसी कारण बौद्ध प्रभाव परिलक्षित होता है।
सोमदेव शैव ब्राह्मण थे। तथापि [[बौद्ध धर्म]] के प्रति भी उनकी अगाध श्रद्धा थी। कथासरित्सागर के किसी-किसी कथा में इसी कारण बौद्ध प्रभाव परिलक्षित होता है।

==इन्हें भी देखें==
*[[सोमदेव सुरि]]


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==
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[[श्रेणी:संस्कृत कथाकार]]
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[[en:Somadeva]]
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15:02, 11 जनवरी 2016 का अवतरण

सोमदेव (अनुमानतः ग्यारहवीं शताब्दी) कथासरित्सागर के रचयिता हैं। वे कश्मीर के निवासी थे।

सोमदेव के जीवन के बारे में कुछ भी पता नहीं है। उनके पिता का नाम 'राम' था। सम्भवतः १०६३ और १०८१ के मध्य उन्होने रानी सूर्यमती के चित्तविनोद के लिये उन्होने इस महाग्रन्थ की रचना की। सूर्यमती जालन्धर की राजकुमारी और कश्मीर के राजा अनन्तदेव की पत्नी थीं। कहा जाता है कि भयानक राजनैतिक अशान्ति, रक्तपात और जटिल परिस्थितियों के कारण बिषादग्रस्त हुई रानी के मानसिक स्वास्थ्य के लिये इस ग्रन्थ की रचना हुई।

सोमदेव शैव ब्राह्मण थे। तथापि बौद्ध धर्म के प्रति भी उनकी अगाध श्रद्धा थी। कथासरित्सागर के किसी-किसी कथा में इसी कारण बौद्ध प्रभाव परिलक्षित होता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  • The Katha Sarit Sagara, or Ocean of the Streams of Story, Translated by C.H.Tawney, 1880