"सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी": अवतरणों में अंतर

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'''सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी''' (Software Engineering) [[अभियान्त्रिकी]] कि वह शाखा है जिसमे [[संगणक]] के [[सॉफ्टवेयर]] एवं [[संचालन प्रणाली]] की डिजाइन, रचना, विकास, परीक्षण तथा रखरखाव आदि का अध्ययन किया जाता है।
'''[[तन्त्रांश]] [[अभियान्त्रिकी]]''' (सॉफ्टवेयर इंजीनियरी) का अर्थ है व्यवस्थित, अनुशासन-बद्ध, परिमाणनात्मक, औप से तन्त्रांश का विकास, संचालन और रखरखाव और इन प्रस्तावों का अध्धयन करना ताकि प्रोद्योगिकी का प्रयोग तन्त्रांश क्षेत्र में किया जा सके| "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" शब्द सर्वप्रथम १९६८ में नाटो के तन्त्रांश अभियान्त्रिकी सम्मेलन में प्रयोग में लाया गया था जोकि उस समय के "तन्त्रांश संकट" को सुलझाने के लिए आयोजित किया गया था| तबसे ये एक ऐसे व्यवसाय के रूप में विकसित हो चुका है जो उच्च गुणवत्ता के तन्त्रांश विकसित करने के लिए समर्पित है जो सस्ते, सरलता से रखरखाव करने योग्य और तेज़ी से बनाये जा सके| चूँकि अन्य अभियान्त्रिकी शाखाओं की तुलना में "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" एक नया क्षेत्र है, इसलिए इस क्षेत्र में बहुत काम किया जाना बाकी है और इस बात को लेकर बहुत वाद-विवाद है की वास्तव में ये है क्या और ये भी की क्या ये अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में रखे जाने योग्य है भी| ये क्षेत्र में इतनी तीव्रता से वृद्धि हुई है की इसे अब केवल प्रोग्रामिंग तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता| "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" के स्थान पर तन्त्रांश उद्योग में "तन्त्रांश विकास" शब्द का भी प्रयोग किया जाता है जो अभियान्त्रिकी शब्द को तन्त्रांश विकास के लिए संकुचित मानते हैं|
एक नया व्यवसाय होने के पश्चात् भी ये भारत में एक पसंदीदा व्यवसाय और जीवन वृत्त (करियर) है और पिछले कई वर्षों में लाखों भारतीय युवक-युवतियां इस क्षेत्र में काम करने के लिए आगे आयें हैं| एक अनुमान के अनुसार भारत में ही इस उद्योग में २२ लाख लोग कार्यरत है|


== इतिहास ==
== इन्हें भी देखें ==
यद्यपि "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" शब्द १९६८ में एक सम्मलेन में प्रयोग में लाया गया था, लेकिन जिन समस्याओं को ये संबोधित करता है वो बहुत पहले की है| तन्त्रांश अभियान्त्रिकी का इतिहास जटिल रूप से संगणक हार्डवेयर और संगणक तन्त्रांश के इतिहासों से गुथा हुआ है|
* [[संगणक अभियान्त्रिकी]]
सन् १९४१ में जब प्रथम डिजीटल संगणक अस्तित्व में आया, तब उसे चलाने वाले अनुदेश एक यन्त्र में होते थे जो तारो द्बारा संगणक से जुड़ा होता था| लेकिन शीघ्र ही व्यवसायियो ने ये अनुभव किया की ये ख़ाका अधिक लचीला नहीं है और तब "संग्रहित निर्देश संरचना" या वॉन निउमन स्थापत्य का विकास हुआ|
१९५० से प्रोग्रामिंग भाषाएँ विकसित होने लगीं और ये भी मतिहीनता की और एक महत्वपूर्ण बढ़त थी| फौरट्रैन, अलगोल और कोबोल जैसी प्रमुख भाषाएँ १९५० के अंतिम वर्षों में आई जो वैज्ञानिक, प्रतीकगणितीय और व्यावसायिक समस्याओं को सुलझाने के लिया बनी थी|


== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.indore.stpi.in/hindi/home.htm सॉफ्टवेर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया इंदौर]
{{stub}}


[[श्रेणी:संगणक]]
[[श्रेणी:सॉफ्टवेयर]]
[[श्रेणी:अभियान्त्रिकी]]
[[श्रेणी:सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी]]


softwere are good fo cumputers
[[en:Software engineering]]

== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.swebok.org Guide to the Software Engineering Body of Knowledge]
* [http://www.bls.gov/oco/ocos267.htm Computer Software Engineers] - Definition and statistics from the U.S. [[Bureau of Labor Statistics]]
* [http://www.computer.org/portal/site/seportal/ IEEE Software Engineering Online]
* [http://StudentProjectGuide.info A Student's Guide to Software Engineering Projects] - a free online guide for students taking SE project courses

[[श्रेणी:rdeसॉफ्टवेयर]]

07:25, 7 जुलाई 2015 का अवतरण

तन्त्रांश अभियान्त्रिकी (सॉफ्टवेयर इंजीनियरी) का अर्थ है व्यवस्थित, अनुशासन-बद्ध, परिमाणनात्मक, औप से तन्त्रांश का विकास, संचालन और रखरखाव और इन प्रस्तावों का अध्धयन करना ताकि प्रोद्योगिकी का प्रयोग तन्त्रांश क्षेत्र में किया जा सके| "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" शब्द सर्वप्रथम १९६८ में नाटो के तन्त्रांश अभियान्त्रिकी सम्मेलन में प्रयोग में लाया गया था जोकि उस समय के "तन्त्रांश संकट" को सुलझाने के लिए आयोजित किया गया था| तबसे ये एक ऐसे व्यवसाय के रूप में विकसित हो चुका है जो उच्च गुणवत्ता के तन्त्रांश विकसित करने के लिए समर्पित है जो सस्ते, सरलता से रखरखाव करने योग्य और तेज़ी से बनाये जा सके| चूँकि अन्य अभियान्त्रिकी शाखाओं की तुलना में "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" एक नया क्षेत्र है, इसलिए इस क्षेत्र में बहुत काम किया जाना बाकी है और इस बात को लेकर बहुत वाद-विवाद है की वास्तव में ये है क्या और ये भी की क्या ये अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में रखे जाने योग्य है भी| ये क्षेत्र में इतनी तीव्रता से वृद्धि हुई है की इसे अब केवल प्रोग्रामिंग तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता| "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" के स्थान पर तन्त्रांश उद्योग में "तन्त्रांश विकास" शब्द का भी प्रयोग किया जाता है जो अभियान्त्रिकी शब्द को तन्त्रांश विकास के लिए संकुचित मानते हैं| एक नया व्यवसाय होने के पश्चात् भी ये भारत में एक पसंदीदा व्यवसाय और जीवन वृत्त (करियर) है और पिछले कई वर्षों में लाखों भारतीय युवक-युवतियां इस क्षेत्र में काम करने के लिए आगे आयें हैं| एक अनुमान के अनुसार भारत में ही इस उद्योग में २२ लाख लोग कार्यरत है|

इतिहास

यद्यपि "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" शब्द १९६८ में एक सम्मलेन में प्रयोग में लाया गया था, लेकिन जिन समस्याओं को ये संबोधित करता है वो बहुत पहले की है| तन्त्रांश अभियान्त्रिकी का इतिहास जटिल रूप से संगणक हार्डवेयर और संगणक तन्त्रांश के इतिहासों से गुथा हुआ है| सन् १९४१ में जब प्रथम डिजीटल संगणक अस्तित्व में आया, तब उसे चलाने वाले अनुदेश एक यन्त्र में होते थे जो तारो द्बारा संगणक से जुड़ा होता था| लेकिन शीघ्र ही व्यवसायियो ने ये अनुभव किया की ये ख़ाका अधिक लचीला नहीं है और तब "संग्रहित निर्देश संरचना" या वॉन निउमन स्थापत्य का विकास हुआ| १९५० से प्रोग्रामिंग भाषाएँ विकसित होने लगीं और ये भी मतिहीनता की और एक महत्वपूर्ण बढ़त थी| फौरट्रैन, अलगोल और कोबोल जैसी प्रमुख भाषाएँ १९५० के अंतिम वर्षों में आई जो वैज्ञानिक, प्रतीकगणितीय और व्यावसायिक समस्याओं को सुलझाने के लिया बनी थी|


softwere are good fo cumputers

बाहरी कड़ियाँ