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लिखी। उनकी ये सभी कृतियाँ हिंदी में थीं। इससे पहले वह उर्दू में एक [[महाकाव्य]] १८५७ जो बाद में हिन्दी में [[क्रांति कथा]] नाम से प्रकाशित हुआ तथा छोटी-बड़ी उर्दू नज़्में व गजलें लिखे चुके थे। [[आधा गाँव]], |
लिखी। उनकी ये सभी कृतियाँ हिंदी में थीं। इससे पहले वह उर्दू में एक [[महाकाव्य]] १८५७ जो बाद में हिन्दी में [[क्रांति कथा]] नाम से प्रकाशित हुआ तथा छोटी-बड़ी उर्दू नज़्में व गजलें लिखे चुके थे। [[आधा गाँव]], उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं।<ref>{{cite web |url= http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_5563.html|title= डॉ॰ राही मासूम रजा - जीवनवृत्त एवं कृतित्व=[[७ अक्टूबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher= साहित्य शिल्पी|language=}}</ref> पिछले कुछ वर्षों प्रसिद्धि में रहीं हिन्दी पॉप गायिका पार्वती खान का विवाह इनके पुत्र नदीम खान, हिन्दी फिल्म निर्देशक एवं सिनेमैटोग्राफर से हुआ था। |
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08:30, 4 जून 2015 का अवतरण
राही मासूम रज़ा |
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| नाम = डॉ॰राही मासूम रज़ा | चित्र = rahi_masoom_raza (1).jpg | चित्र आकार = 150px | चित्र शीर्षक = राही मासूम रज़ा | उपनाम = | जन्म तारीख़ = १ सितंबर, १९२५ | जन्म स्थान = गाजीपुर जिले के गंगौली गांव, उत्तर प्रदेश | मृत्यु तारीख़ = १५ मार्च १९९२ (६७ वर्ष)
| मृत्यु स्थान =
| कार्य-क्षेत्र = साहित्य, गीत
| राष्ट्रीयता = भारतीय
| भाषा = हिन्दी, उर्दू
| विधा = फिल्मी गीत, उपन्यास,
जीवनी, कहानी, पटकथा
| प्रमुख कृति = आधा गाँव(उपन्यास), महाभारत(पटकथा)
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जीवन-परिचय
जन्म-शिक्षा-आजीविका
राही मासूम रज़ा हिंदी और उर्दू सहित्य के प्रख्यात साहित्यकार हैं। उनका जन्म १ सितंबर, १९२५ को गाजीपुर जिले के गंगौली गांव में हुआ था। -१५ मार्च १९९२)[1] प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गाजीपुर और इंटरमीडियट अलीगढ़ से हुई। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उर्दू में एम.ए. और `तिलिस्म-ए-होशरुबा' पर पीएच.डी. की उपाधिप्राप्त की। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के उर्दू विभाग में प्राध्यापक हो गये। अलीगढ़ में रहते हुए ही राही ने अपने भीतर साम्यवादी दृष्टिकोण का विकास कर लिया था और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वे सदस्य भी हो गए थे। अपने व्यक्तित्व के इस निर्माण-काल में वे बड़े ही उत्साह से साम्यवादी सिद्धान्तों के द्वारा समाज के पिछड़ेपन को दूर करना चाहते थे और इसके लिए वे सक्रिय प्रयत्न भी करते रहे थे। १९६८ में राही बम्बई आ गये और फिल्मों के लिए गीत और पटकथा लिखने लगे।
साहित्यिक अवदान
हिंदी
उपन्यास
जीवनी
- छोटे आदमी की बड़ी कहानी (१९६५ के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद की जीवनी)
लिखी। उनकी ये सभी कृतियाँ हिंदी में थीं। इससे पहले वह उर्दू में एक महाकाव्य १८५७ जो बाद में हिन्दी में क्रांति कथा नाम से प्रकाशित हुआ तथा छोटी-बड़ी उर्दू नज़्में व गजलें लिखे चुके थे। आधा गाँव, उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं।[2] पिछले कुछ वर्षों प्रसिद्धि में रहीं हिन्दी पॉप गायिका पार्वती खान का विवाह इनके पुत्र नदीम खान, हिन्दी फिल्म निर्देशक एवं सिनेमैटोग्राफर से हुआ था।
संदर्भ
- ↑ "Dr. Rahi Masoom Reza =[[४ जनवरी]]" (अंग्रेज़ी में). आई.एम.डी.बी. नामालूम प्राचल
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सुझावित है) (मदद); URL–wikilink conflict (मदद) - ↑ "डॉ॰ राही मासूम रजा - जीवनवृत्त एवं कृतित्व=[[७ अक्टूबर]]" (एचटीएमएल). साहित्य शिल्पी. नामालूम प्राचल
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सुझावित है) (मदद); URL–wikilink conflict (मदद)