"कुर्अतुल ऐन हैदर": अवतरणों में अंतर
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* [http://wikisource.org/wiki/कुर्रतुलएन हैदर कुर्रतुलएन हैदर] (विकिस्रोत) |
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* [http://en.wikipedia.org/wiki/Qurratulain_Hyder कुर्रतुलएन हैदर] (अंग्रेज़ी विकिपीडिया) |
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19:56, 22 दिसम्बर 2008 का अवतरण
ऐनी आपा के नाम से जानी जानी वाली क़ुर्रतुल ऐन हैदर प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखिका थीं।
जन्म: 20 January 1926, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत
निधन: 21 अगस्त 2007, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद/ दिल्ली
जीवनी
उनका जन्म 1927 में उत्तर प्रदेश के शहर अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता सज्जाद हैदर यलदरम उर्दू के जाने-माने लेखक थे और उनकी मां नज़्र ज़ाहरा बिन्नत-ए-बाक़र भी उर्दू की लेखिका थीं। वो बचपन से रईसी व पाश्चात्य संस्कृति में पली-बढ़ीं। विभाजन के समय 1947 में अपने परिवार के साथ वह पाकिस्तान चली गईं थी लेकिन जल्द ही वो वहाँ से जा कर कुछ समय तक इंग्लैण्ड में रहीं और फिर भारत वापस आ गईं और तब से यहीं रहीं। उन्होंने विवाह नहीं किया।
उन्होंने बहुत कम आयु में लिखना शुरू किया था। जब वह 17-18 वर्ष की थीं तब 1945 में उनकी कहानी का संकलन ‘शीशे का घर’ सामने आया। उन्होंने अपना कैरियर एक पत्रकार की हैसियत से शुरू किया लेकिन इसी दौरान वे लिखती भी रहीं और उनकी कहानियां, उपन्यास, अनुवाद, रिपोर्ताज़ वग़ैरह सामने आते रहे। वो उर्दू में लिखती और अँग्रेजी में पत्रकारिता करती थीं। ‘इलस्ट्रेटेड वीकली’, ‘द डेली टेलीग्राफ’ और ‘इंप्रिंट’ में उन्होंने काम किया। काफी समय तक बीबीसी से भी जुड़ी रहीं। उनका पहला उपन्यास ‘मेरे भी सनमख़ाने’ है। उनके बहुत से उपन्यासों का अनुवाद अंग्रेज़ी और हिंदी भाषा में हो चुका है। उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास आग का दरिया आज़ादी के बाद लिखा जाने वाला सबसे बड़ा उपन्यास था, जिसके बारे में निदा फ़ाज़ली ने यहाँ तक कहा है - मोहम्मद अली जिन्ना ने हिन्दुस्तान के साढ़े चार हज़ार सालों की तारीख़ (इतिहास) में से मुसलमानों के 1200 सालों की तारीख़ को अलग करके पाकिस्तान बनाया था। क़ुर्रतुल ऎन हैदर ने नॉवल 'आग़ का दरिया' लिख कर उन अलग किए गए 1200 सालों को हिन्दुस्तान में जोड़ कर हिन्दुस्तान को फिर से एक कर दिया।
मंगलवार, 21 अगस्त, 2007 को सुबह तीन बजे (3:00 AM India Time) दिल्ली के पास नोएडा के कैलाश अस्पताल में 80 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।
रचनाएँ
- शीशे के घर (पहला कहानी संकलन) (1945 में प्रकाशित)
- सितारों से आगे (कहानी संग्रह)
- पतझड़ की आवाज़ (कहानी संग्रह)
- रोशनी की रफ़्तार (कहानी संग्रह)
- मेरे भी सनमख़ाने (पहला उपन्यास)
- हाउसिंग सोसाइटी (उपन्यास)
- आग का दरिया (उपन्यास) (1959)
- सफ़ीन-ए-ग़मे दिल (उपन्यास)
- आख़िरे-शब के हमसफ़र (उपन्यास) - 'निशांत के सहयात्री' शीर्षक से हिन्दी अनुवाद - साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
- गर्दिशे-रंगे-चमन (उपन्यास)
- चांदनी बेगम (उपन्यास)
- यह दाग दाग उजाला (उपन्यास)
- कार-ए-जहाँ दराज़ है (दो भागों में) (जीवनी-उपन्यास)
- चार नावेलेट (जीवनी-उपन्यास)
- सीता हरन (जीवनी-उपन्यास)
- दिलरुबा (जीवनी-उपन्यास)
- चाय के बाग़ (जीवनी-उपन्यास)
- अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो (जीवनी-उपन्यास)
- क्लासिकल गायक बड़े ग़ुलाम अली खाँ की जीवनी (सह लिखित)
- छुटे असीर तो बदला हुआ ज़माना था (रिपोर्ताज़)
- कोह-ए-दमावंद (रिपोर्ताज़)
- गुलगश्ते जहाँ (रिपोर्ताज़)
- ख़िज़्र सोचता है (रिपोर्ताज़)
- सितम्बर का चाँद (रिपोर्ताज़)
- दकन सा नहीं ठार संसार में (रिपोर्ताज़)
- क़ैदख़ाने में तलातुम है कि हिंद आती है (रिपोर्ताज़)
- जहान ए दीगर (रिपोर्ताज़)
- हमीं चराग़, हमी परवाने - हेनरी जेम्स के उपन्यास ‘पोर्ट्रेट ऑफ़ ए लेडी' का अनुवाद
- कलीसा में क़त्ल - अंग्रेज़ी नाटक ‘मर्डर इन द कैथेड्रल’ का अनुवाद
- आदमी का मुक़द्दर (अनुवाद)
- आल्पस के गीत (अनुवाद)
- तलाश (अनुवाद)
- आग का दरिया (उनके अपने उर्दू उपन्यास का अंग्रेज़ी अनुवाद या ट्रांस्क्रिएशन) (1999)
पुरस्कार और सम्मान
- 1967 साहित्य अकादमी पुरस्कार, कहानी पतझड़ की आवाज़, उपन्यास ‘आख़िरी शब के हमसफ़र’ के लिए
- 1969 सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, अनुवाद के लिये
- 1984 पद्मश्री - साहित्यिक योगदान के लिए
- 1984 गालिब मोदी अवार्ड
- 1987 इकबाल सम्मान
- 1989 ज्ञानपीठ पुरस्कार - उपन्यास ‘आख़िरी शब के हमसफ़र’ के लिए
संबंधित कड़ियाँ
- हैदर कुर्रतुलएन हैदर (विकिस्रोत)
- कुर्रतुलएन हैदर (अंग्रेज़ी विकिपीडिया)
बाहरी कडियाँ
- बी.बी.सी साइट पर उनकी मृत्यु का समाचार
- चिट्ठा प्रत्यक्षा पे किताबी कोना ..कुर्रतुलएन हैदर की चाँदनी बेगम