"निज़ामाबाद": अवतरणों में अंतर

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प्राचीन काल में इन्‍द्रपुरी और इन्‍दूर के नाम से विख्‍यात '''[[आंध्र प्रदेश]]''' का '''निजामाबाद''' अपनी समृद्ध संस्‍कृति के साथ-साथ ऐतिहासिक स्‍मारकों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस जिले की सीमाएं [[करीमनगर]], [[मेडक]] और [[नंदेदू]] जिलों से मिलती और पूर्व में आदिलाबाद से मिलती हैं।


==सीमाएं==
यह जिला चालुक्‍य, तुगलक, गोलकुंडा और निजाम शासकों के अधीन रह चुका है। इन सभी शासकों की अनेक निशानियां इस नगर में देखी जा सकती है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह स्‍थान औद्योगिक विकास से पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। निजामाबाद से गोदावरी नदी आंध्रप्रदेश में प्रवेश कर इस राज्‍य को समृद्ध करने में अहम भूमिका अदा करती है।

==पर्यटन स्थल==
===निजाम सागर===
[[हैदराबाद]] से 144 किमी. उत्‍तर पश्चिम में स्थित कृत्रिम जलकुंड निजामसागर गोदावरी नदी की एक शाखा मंजीरा नदी पर बनाया गया है। यह स्‍थान अपनी मनमोहक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां का मुख्‍य आकर्षण विशाल बांध है जिसपर तीन किमी. लंबी सड़क है जिस पर गाडियां चलती हैं। यहां के खूबसरत उद्यान लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। निजाम सागर में बोटिंग का भी आनंद लिया जा सकता है। पर्यटकों के लिए भी यहां सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं।

===अशोक सागर===
निजामाबाद से करीब 7 किमी. दूर अशोक सागर एक विशाल कृत्रिम जलाशल है। यहां पर सफाई से बनाए गए उद्यान और खूबसूरत चट्टानें हैं। जलाश्‍ाय के बीचों बीच देवी सरस्‍वती की 15 फीट ऊंची प्रति इस स्‍थान की सुंदरता में चार चांद लगाती है। अष्‍टभुजाकार रेस्‍टोरेंट में खानपान का आनंद भी उठाया जा सकता है। अशोक सागर में झूलने वाला सेतु और बोटिंग सुविधाएं भी उपलब्‍ध हैं।

===कंठेश्‍वर===
निजामाबाद में एक जगह है जिसे कंठेश्‍वर के नाम से जाना जाता है। यह स्‍थान यहां स्थित मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो करीब 500 साल पुराना है। भगवान शिव (नील कंठेश्‍वर) को समर्पित इस मंदिर का वास्‍तुशिल्‍प देखते ही बनता है। इस मंदिर का निर्माण सातवाहन राजा सतकर्नी द्वितीय ने करवाया था। रथसप्‍तर्णी उत्‍सव यहां हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है।

===बड़ा पहाड़ दरगाह===
प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु यहां सयैद सदुल्‍लाह हुसैनी की मजार पर मत्‍था टेकने यहां आते हैं। यह दरगाह वर्नी और चंदूर की पहाडि़यों के बीच स्थित है। इस स्‍थान को रोपवे के निर्माण के लिए चुना गया है।

===निंबाद्री गुट्टा===
मनोरम दृश्‍यावली के बीच स्थित लिंबाद्री पर्वत पर श्री नरसिंह स्‍वामी मंदिर प्रमुख दर्शनीय स्‍थल है। यह जगह निजामाबाद से 55 किमी. की दूरी पर स्थित है। हर साल कार्तिक सुद्दा तडिया से त्रयोदशी तक यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

===सारंगपुर===
निजामाबाद से 8 किमी. दूर सारंगपुर में विशाल हनुमान मंदिर है जो इस जिले का प्रमुख धार्मिक स्‍थाल है। छत्रपति शिवाजी के गुरु संत समर्थ रामदास ने करीब 452 साल पहले इस मंदिर की नींव रखी थी। आवागमन की सुविधा, बिजली पानी का प्रबंध, धर्मशाला, बच्‍चों के लिए उद्यान आदि के होने से यह स्‍थान बड़ी संख्‍या में भक्‍तों को अपनी ओर खींचता है।

===आर्कलॉजिकल एंड हेरिटेज म्‍यूजियम===
यह संग्रहालय 2001 में किया गया था। संग्रहालय में पाषाण काल से लेकर विजय नगर के समय तक के अवशेष और शिल्‍प कला का प्रदर्शन किया गया है। यह संग्रहालय तीन भागों में बांटा गया है- आर्कलॉजिकल सेक्‍शन, स्‍कल्‍पचरल गैलरी और ब्रॉन्‍स और डेकोरेटिव गैलरी। इसके अलावा अस्‍त्र-शस्‍त्रों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है।

===किला रामालयम===
मूल रूप से इंद्रपुरी के नाम से जाना जाने वाले इस शहर और किले का निर्माण राष्‍ट्रकुटों ने किया था। किले में 40 फुट ऊंचा एक विजय स्‍तंभ है जिसका निर्माण राष्‍ट्रकुट शासन के दौरान किया गया था। 1311 में अलाउद्दीन खिलजी ने इस किले पर अधिकार कर दिया। इसके बाद यह बहमनी, कुतुब शाही और असफ जोहिस के हाथ में आया। वर्तमान किला असफ जाही शैली के वास्‍तुशिल्‍प को दर्शाता है। किले में ही छत्रपति शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास द्वारा बनाया गया बड़ा राममंदिर भी है। राजालयम किले से निजामाबाद शहर का सुंदर नजारा दिखाई देता है।

==आवागमन==
;वायु मार्ग:
नजदीकी हवाई अड्डा हैदराबाद 162 किमी. और वारंगल 230 किमी. दूर
;रेल मार्ग:
निजामाबाद हैदराबाद और मुंबई सैक्‍शन से जुड़ा है।
;सड़क मार्ग:
यह आंध्र प्रदेश और बाहर के शहरों से सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। हैदराबाद और मुंबई से यहां के लिए वॉल्‍वो सर्विस भी उपलब्‍ध है।

==इन्हें भीदेखें==
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[[श्रेणी: आंध्र प्रदेश के शहर]]
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[[श्रेणी: भारत के शहर]]
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17:53, 3 दिसम्बर 2008 का अवतरण

निज़ामाबाद
—  शहर  —
निर्देशांक: (निर्देशांक ढूँढें)
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य आंध्र प्रदेश
महापौर
सांसद

प्राचीन काल में इन्‍द्रपुरी और इन्‍दूर के नाम से विख्‍यात आंध्र प्रदेश का निजामाबाद अपनी समृद्ध संस्‍कृति के साथ-साथ ऐतिहासिक स्‍मारकों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस जिले की सीमाएं करीमनगर, मेडक और नंदेदू जिलों से मिलती और पूर्व में आदिलाबाद से मिलती हैं।

सीमाएं

यह जिला चालुक्‍य, तुगलक, गोलकुंडा और निजाम शासकों के अधीन रह चुका है। इन सभी शासकों की अनेक निशानियां इस नगर में देखी जा सकती है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह स्‍थान औद्योगिक विकास से पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। निजामाबाद से गोदावरी नदी आंध्रप्रदेश में प्रवेश कर इस राज्‍य को समृद्ध करने में अहम भूमिका अदा करती है।

पर्यटन स्थल

निजाम सागर

हैदराबाद से 144 किमी. उत्‍तर पश्चिम में स्थित कृत्रिम जलकुंड निजामसागर गोदावरी नदी की एक शाखा मंजीरा नदी पर बनाया गया है। यह स्‍थान अपनी मनमोहक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां का मुख्‍य आकर्षण विशाल बांध है जिसपर तीन किमी. लंबी सड़क है जिस पर गाडियां चलती हैं। यहां के खूबसरत उद्यान लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। निजाम सागर में बोटिंग का भी आनंद लिया जा सकता है। पर्यटकों के लिए भी यहां सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं।

अशोक सागर

निजामाबाद से करीब 7 किमी. दूर अशोक सागर एक विशाल कृत्रिम जलाशल है। यहां पर सफाई से बनाए गए उद्यान और खूबसूरत चट्टानें हैं। जलाश्‍ाय के बीचों बीच देवी सरस्‍वती की 15 फीट ऊंची प्रति इस स्‍थान की सुंदरता में चार चांद लगाती है। अष्‍टभुजाकार रेस्‍टोरेंट में खानपान का आनंद भी उठाया जा सकता है। अशोक सागर में झूलने वाला सेतु और बोटिंग सुविधाएं भी उपलब्‍ध हैं।

कंठेश्‍वर

निजामाबाद में एक जगह है जिसे कंठेश्‍वर के नाम से जाना जाता है। यह स्‍थान यहां स्थित मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो करीब 500 साल पुराना है। भगवान शिव (नील कंठेश्‍वर) को समर्पित इस मंदिर का वास्‍तुशिल्‍प देखते ही बनता है। इस मंदिर का निर्माण सातवाहन राजा सतकर्नी द्वितीय ने करवाया था। रथसप्‍तर्णी उत्‍सव यहां हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है।

बड़ा पहाड़ दरगाह

प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु यहां सयैद सदुल्‍लाह हुसैनी की मजार पर मत्‍था टेकने यहां आते हैं। यह दरगाह वर्नी और चंदूर की पहाडि़यों के बीच स्थित है। इस स्‍थान को रोपवे के निर्माण के लिए चुना गया है।

निंबाद्री गुट्टा

मनोरम दृश्‍यावली के बीच स्थित लिंबाद्री पर्वत पर श्री नरसिंह स्‍वामी मंदिर प्रमुख दर्शनीय स्‍थल है। यह जगह निजामाबाद से 55 किमी. की दूरी पर स्थित है। हर साल कार्तिक सुद्दा तडिया से त्रयोदशी तक यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

सारंगपुर

निजामाबाद से 8 किमी. दूर सारंगपुर में विशाल हनुमान मंदिर है जो इस जिले का प्रमुख धार्मिक स्‍थाल है। छत्रपति शिवाजी के गुरु संत समर्थ रामदास ने करीब 452 साल पहले इस मंदिर की नींव रखी थी। आवागमन की सुविधा, बिजली पानी का प्रबंध, धर्मशाला, बच्‍चों के लिए उद्यान आदि के होने से यह स्‍थान बड़ी संख्‍या में भक्‍तों को अपनी ओर खींचता है।

आर्कलॉजिकल एंड हेरिटेज म्‍यूजियम

यह संग्रहालय 2001 में किया गया था। संग्रहालय में पाषाण काल से लेकर विजय नगर के समय तक के अवशेष और शिल्‍प कला का प्रदर्शन किया गया है। यह संग्रहालय तीन भागों में बांटा गया है- आर्कलॉजिकल सेक्‍शन, स्‍कल्‍पचरल गैलरी और ब्रॉन्‍स और डेकोरेटिव गैलरी। इसके अलावा अस्‍त्र-शस्‍त्रों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है।

किला रामालयम

मूल रूप से इंद्रपुरी के नाम से जाना जाने वाले इस शहर और किले का निर्माण राष्‍ट्रकुटों ने किया था। किले में 40 फुट ऊंचा एक विजय स्‍तंभ है जिसका निर्माण राष्‍ट्रकुट शासन के दौरान किया गया था। 1311 में अलाउद्दीन खिलजी ने इस किले पर अधिकार कर दिया। इसके बाद यह बहमनी, कुतुब शाही और असफ जोहिस के हाथ में आया। वर्तमान किला असफ जाही शैली के वास्‍तुशिल्‍प को दर्शाता है। किले में ही छत्रपति शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास द्वारा बनाया गया बड़ा राममंदिर भी है। राजालयम किले से निजामाबाद शहर का सुंदर नजारा दिखाई देता है।

आवागमन

वायु मार्ग

नजदीकी हवाई अड्डा हैदराबाद 162 किमी. और वारंगल 230 किमी. दूर

रेल मार्ग

निजामाबाद हैदराबाद और मुंबई सैक्‍शन से जुड़ा है।

सड़क मार्ग

यह आंध्र प्रदेश और बाहर के शहरों से सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। हैदराबाद और मुंबई से यहां के लिए वॉल्‍वो सर्विस भी उपलब्‍ध है।

इन्हें भीदेखें