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'''न्यायमूर्ति सुजाता वसंत मनोहर''' (जन्म: 28 अगस्त 1934) [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सुप्रीम कोर्ट]] की [[न्यायाधीश]] और [[राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (भारत)]] की सदस्य रह चुकी है।
'''न्यायमूर्ति सुजाता वसंत मनोहर''' (जन्म: 28 अगस्त 1934) [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सुप्रीम कोर्ट]] की [[न्यायाधीश]] और [[राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (भारत)]] की सदस्य रह चुकी है।


28 अगस्त 1934 में जन्मी सुजाता मनोहर एक मजबूत कानूनी पृष्ठभूमि वाले परिवार में पैदा हुईं। उनके पिता [[गुजरात उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा [[मुंबई]] में हुई। तत्पश्चात एल्फिंस्टन कॉलेज, [[मुंबई]] से [[स्नातक]] करने के बाद लेडी मार्गरेट हॉल, [[ऑक्सफोर्ड]], [[ब्रिटेन]] चली गईं जहां उन्होने दर्शन शास्त्र, राजनीति शस्त्र और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। 14 फ़रवरी 1958 को उन्होने अधिवक्ता की पढ़ाई हेतु दाखिला लिया।1970-71 के दौरान उन्हें सहायक सरकारी अधिवक्ता, सिटी सिविल कोर्ट, बॉम्बे में नियुक्त किया गया। 23 जनवरी 1978 से वे [[मुंबई उच्च न्यायालय]] का अतिरिक्त [[न्यायाधीश]] नियुक्त किया गया। 28 नवंबर 1978 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 15 जनवरी 1994 में वे [[मुंबई उच्च न्यायालय]] की मुख्य न्यायाधीश बनीं। 21 अप्रैल 1994 में उन्हें [[केरल उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया। 8 नवंबर 1994 को वे [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सुप्रीम कोर्ट]] की [[न्यायाधीश]] बनीं और 27 अगस्त 1999 को इस पद से सेवानिवृत हुई।<ref>{{cite web |url=http://users.ox.ac.uk/~ouclj/patrons.html |title=Oxford University Commonwealth Law Journal - Board of Patrons |accessdate=2013-11-27}}</ref><ref>[http://www.itatonline.org/articles_new/?p=8 ''Principles of Natural Justice'', Justice Smt. Sujata V. Manohar, Supreme Court of India (Retd.)]</ref>
28 अगस्त 1934 में जन्मी सुजाता मनोहर एक मजबूत कानूनी पृष्ठभूमि वाले परिवार में पैदा हुईं। उनके पिता [[गुजरात उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा [[मुंबई]] में हुई। तत्पश्चात एल्फिंस्टन कॉलेज, [[मुंबई]] से [[स्नातक]] करने के बाद लेडी मार्गरेट हॉल, [[ऑक्सफोर्ड]], [[ब्रिटेन]] चली गईं जहां उन्होने दर्शन शास्त्र, राजनीति शस्त्र और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। 14 फ़रवरी 1958 को उन्होने अधिवक्ता की पढ़ाई हेतु दाखिला लिया। 1970-71 के दौरान उन्हें सहायक सरकारी अधिवक्ता, सिटी सिविल कोर्ट, बॉम्बे में नियुक्त किया गया। 23 जनवरी 1978 से वे [[मुंबई उच्च न्यायालय]] का अतिरिक्त [[न्यायाधीश]] नियुक्त किया गया। 28 नवंबर 1978 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 15 जनवरी 1994 में वे [[मुंबई उच्च न्यायालय]] की मुख्य न्यायाधीश बनीं। 21 अप्रैल 1994 में उन्हें [[केरल उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया। 8 नवंबर 1994 को वे [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सुप्रीम कोर्ट]] की [[न्यायाधीश]] बनीं और 27 अगस्त 1999 को इस पद से सेवानिवृत हुई।<ref>{{cite web |url=http://users.ox.ac.uk/~ouclj/patrons.html |title=Oxford University Commonwealth Law Journal - Board of Patrons |accessdate=2013-11-27}}</ref><ref>[http://www.itatonline.org/articles_new/?p=8 ''Principles of Natural Justice'', Justice Smt. Sujata V. Manohar, Supreme Court of India (Retd.)]</ref>
== सन्दर्भ ==
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01:58, 23 सितंबर 2014 का अवतरण

न्यायमूर्ति सुजाता वसंत मनोहर (जन्म: 28 अगस्त 1934) सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (भारत) की सदस्य रह चुकी है।

28 अगस्त 1934 में जन्मी सुजाता मनोहर एक मजबूत कानूनी पृष्ठभूमि वाले परिवार में पैदा हुईं। उनके पिता गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई। तत्पश्चात एल्फिंस्टन कॉलेज, मुंबई से स्नातक करने के बाद लेडी मार्गरेट हॉल, ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन चली गईं जहां उन्होने दर्शन शास्त्र, राजनीति शस्त्र और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। 14 फ़रवरी 1958 को उन्होने अधिवक्ता की पढ़ाई हेतु दाखिला लिया। 1970-71 के दौरान उन्हें सहायक सरकारी अधिवक्ता, सिटी सिविल कोर्ट, बॉम्बे में नियुक्त किया गया। 23 जनवरी 1978 से वे मुंबई उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 28 नवंबर 1978 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 15 जनवरी 1994 में वे मुंबई उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं। 21 अप्रैल 1994 में उन्हें केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया। 8 नवंबर 1994 को वे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं और 27 अगस्त 1999 को इस पद से सेवानिवृत हुई।[1][2]

सन्दर्भ

  1. "Oxford University Commonwealth Law Journal - Board of Patrons". अभिगमन तिथि 2013-11-27.
  2. Principles of Natural Justice, Justice Smt. Sujata V. Manohar, Supreme Court of India (Retd.)

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