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एक प्राकृतिक वर्षावन विशाल मात्रा में [[कार्बन डाईऑक्साइड|कार्बन डाइऑक्साइड]] का उत्सर्जन और अवशोषण करता है। एक वैश्विक पैमाने पर, लंबी अवधि के अपशिष्ट लगभग संतुलन में रहे हैं, ताकि एक उथल-पुथल रहित वर्षावन का वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड स्तर पर शुद्ध प्रभाव बहुत ही कम होगा।<ref>[http://www.grida.no/CLIMATE/IPCC_TAR/wg1/pdf/TAR-03.PDF Grida.no]</ref> हालांकि उनके अन्य जलवायु प्रभाव (उदाहरण के लिए जल वाष्प के पुनःचक्रण से [[बादल|बादलों]] का निर्माण) हो सकते हैं। आज किसी भी वर्षावन को अबाधित नहीं माना जा सकता।<ref name="Lewis">लुईस, एस.एल., फिलिप्स, ओ.एल., बेकर, टी.आर., लॉयड, जे. एट अल. 2004 "उष्णकटिबंधीय वन संरचना और गतिशीलता में सम्मिलित परिवर्तन: 50 दक्षिण अमेरिकी लंबी अवधि के भूखंडों द्वारा सबूत" फिल. ट्रांस. आर. सोसाइटी लंदन. 359</ref> वर्षावनों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड<ref name="Malhi">मलही, वाई और ग्रेस, जे. 2000 "उष्णकटिबंधीय वनों और वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड" ट्री 15</ref> मुक्त करने के पीछे, मानव प्रेरित वनों की कटाई की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसा ही प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे [[सूखा]] जिसका परिणाम पेड़ों का खात्मा है।<ref>{{cite news| url=http://www.theage.com.au/articles/2004/03/06/1078464675256.html?from=storyrhs | location=Melbourne | work=The Age | title=Drought may turn forests into carbon producers | date=2004-03-06}}</ref> कुछ जलवायु मॉडल परस्पर प्रभाव डालते हुए वनस्पति के साथ चलते हैं और अनुमान है कि 2050 के आस पास सूखे के कारण अमेजन वर्षावन को एक बड़ी हानि होगी, जिससे वन डाइबैक का शिकार होगा और तदनंतर और अधिक कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त होगी।<ref>[http://www.metoffice.gov.uk/research/hadleycentre/pubs/HCTN/HCTN_42.pdf Metoffice.gov.uk]{{Dead link|date= जनवरी 2009}}</ref> अब से पचास लाख वर्ष बाद, अमेज़न वर्षावन काफी समय पूर्व ही सूख गया होगा खुद को सवन्नाह में परिवर्तित कर लिया होगा (यदि वनों की कटाई की समस्त मानवीय गतिविधियां रातोंरात रुक जाएं तब भी)।<ref name="wildfuturetv">द फ्यूचर इज वाइल्ड टेलीविजन प्रोग्रैम</ref> हमारे ज्ञात जानवरों के वंशज अमेजन के पूर्व वर्षावन से बने सूखे सवन्नाह के साथ अनुकूलन कर लेंगे और नए गर्म तापमान में फले-फूलेंगे।<ref name="wildfuturetv"/> |
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== मानव उपयोग == |
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15:34, 22 सितंबर 2014 का अवतरण
वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है।
विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है।[1] यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है।[2] विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन[3] के रूप में गलत समझ लिया जाता है।
भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन।
उष्णकटिबंधीय
विश्व के अनेक वर्षावन मानसून के कम दबाव के क्षेत्र वाले स्थानों से संबद्ध हैं, जिन्हें अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है।[4] उष्णकटिबंधीय वर्षावन वे वर्षावन हैं, जो उष्ण कटिबंधों में स्थित हैं और जमैका के पास (कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच) पाए जाते हैं और दक्षिण पूर्व एशिया (म्यांमार से फिलीपींस, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और पूर्वोत्तर ऑस्ट्रेलिया), श्रीलंका, कैमरून से कांगो (कांगो वर्षावन) तक उप-सहारा अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका (जैसे अमेजन वर्षावन), मध्य अमेरिका (जैसे बोसावास, दक्षिणी युकाटेन प्रायद्वीप - एल-पेटेन-बेलीज-कैलैकमुल) और कई प्रशांत द्वीप समूह (जैसे हवाई) में मौजूद हैं।
उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को "पृथ्वी के फेफड़े" कहा गया है हालांकि यह ज्ञात है कि अब प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वायुमंडल को शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करने में वर्षावनों का योगदान कम ही है।[5][6]
समशीतोष्ण
समशीतोष्ण वर्षावन वे वर्षावन हैं जो समशीतोष्ण क्षेत्रों में हैं। वे उत्तरी अमेरिका (उत्तर पश्चिमी प्रशांत में, ब्रिटिश कोलंबिया कोस्ट में और प्रिंस जॉर्ज के पूर्व में रॉकी माउंटेन ट्रेंच का अंतःस्थलीय वर्षावन), यूरोप में (ब्रिटिश द्वीप समूह जैसे आयरलैंड के तटीय क्षेत्र, स्कॉटलैंड, दक्षिणी नार्वे, एड्रियाटिक तट के साथ-साथ पश्चिमी बाल्कन के कुछ भाग और स्पेन के पश्चिमोत्तर में, तथा जॉर्जिया और तुर्की के तटीय क्षेत्रों सहित, काले सागर के तटीय क्षेत्रों में, पूर्वी एशिया में (दक्षिणी चीन में, ताइवान, जापान और कोरिया के बड़े भाग में और सखालिन द्वीप पर तथा रूस के सुदूर पूर्वी तट), दक्षिण अमेरिका (दक्षिणी चिली) और ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड में भी पाए जा सकते हैं।
परतें
एक उष्णकटिबंधीय वर्षावन आम तौर से चार मुख्य परतों में विभाजित होता है, निर्गत (इमर्जेंट), वितानावरण (कैनोपी), निम्नस्थ वन-वितान (अंडरस्टोरी) तथा वनस्थल (फॉरेस्ट फ्लोर), प्रत्येक में उस क्षेत्र विशेष के साथ अनुकूलन कर पाने वाले भिन्न पौधे और जीव पाए जाते हैं।
निर्गत (इमर्जेंट) परत
निर्गत (इमर्जेंट) परत में एक छोटी संख्या में अत्यंत लंबे वृक्ष, जिनहें इमर्जेंट्स कहा जाता है, पाए जाते हैं, जो वितानावरण (कैनोपी) से ऊंचे होते हैं, 45-55 मीटर की ऊंचाई तक, हालांकि कुछ प्रजातियां तो 70-80 मीटर तक पहुंच जाती हैं।[7][8] उन्हें कुछ क्षेत्रों में गर्म तापमान और प्रचंड हवाओं का सामना करने के लिए सक्षम बनने की आवश्यकता है। चील, तितलियां, चमगादड़ और कुछ बंदर इस परत में रहते हैं।
वितानावरण (कैनोपी) परत
वितानावरण परत में सर्वाधिक लंबे पेड़ों की बहुतायत होती है, आमतौर पर 30-45 मीटर लंबे। जैवविविधता के सर्वाधिक घने क्षेत्र वितानावरण (कैनोपी) वन में पाए जाते हैं, आसन्न पेड़ों के शीर्षों द्वारा बने पत्तों के कमोबेश निरंतर आवरण से पूर्ण क्षेत्र आच्छादित रहता है। कुछ अनुमानों के अनुसार, सभी पौधों की प्रजातियों का 50 प्रतिशत यहां है, अर्थात पृथ्वी पर जितना जीवन है उसका आधा इन में मिल सकता है। इन विशाल पेड़ों के तनों और शाखाओं से लिपटे हुए परजीवी पौधे पानी और खनिज वर्षा और सहायक पौधों पर एकत्रित मलबे से प्राप्त करते हैं। यहां के पशु निर्गत परत में पाए जाने वाले पशुओं जैसे ही हैं, लेकिन इनमें विविधता अधिक है। ऐसा माना जाता है कि संसार की सभी कीट प्रजातियों का एक चौथाई वितानावरण वर्षावन में पाए जाते हैं। लंबे समय से वैज्ञानिक वनस्पति एवं जीवों के वास की दृष्टि से वितानावरण वनों की समृद्धता के प्रति शंकित रहे हैं किंतु अभी हाल ही में इसकी खोज के व्यावहारिक तरीकों का विकास किया गया है। बहुत पहले 1917 में, प्रकृतिवादी विलियम बीबे ने घोषणा की थी कि "जीवन का एक और महाद्वीप अभी खोजा जाना शेष है, पृथ्वी पर नहीं, लेकिन इसके सौ से दो सौ फुट ऊपर जो हजारों वर्ग मील तक फैला हुआ है।" इस प्राकृतिक आबादी की सही मायने में खोज 1980 के दशक में प्रारंभ हुई, जब वैज्ञानिकों ने आड़ी कमानों (क्रॉसबो) का उपयोग कर पेड़ों पर रस्सियां फेंक कर वितानावरण तक पहुंचने का तरीका विकसित कर लिया। वितानावरण परतों का अन्वेषण अभी प्रारंभिक अवस्था में ही है, लेकिन अन्य तरीकों में सबसे ऊंची शाखाओं के ऊपर से उड़ने के लिए हवाई पोतों और गुब्बारों का उपयोग शामिल है, तथा वनस्थल (फॉरेस्ट फ्लोर पर क्रेनों और वॉकवे का निर्माण करना भी। हवाई पोतों या इसी प्रकार के अन्य हवाई प्लेटफार्मों का उपयोग कर उष्णकटिबंधीय वनों के वितानावरणों तक पहुंचने के विज्ञान को डेन्ड्रोनॉटिक्स कहा जाता है।[9]
निम्नस्थ वन-वितान (अंडरस्टोरी) परत
निम्नस्थ वन-वितान (अंडरस्टोरी) परत वितानावरण और वनस्थल के बीच स्थित होती है। निम्नस्थ वन-वितान (अंडरस्टोरी) परत अनेक जीवों का वास स्थल है जिनमें शामिल हैं, अनेक प्रकार के पक्षी, सांप और छिपकलियां, इनके साथ ही परभक्षियों में जैगुआर, बोआ कॉन्सट्रिक्टर्स और तेंदुआ। इस स्तर पर पत्ते बहुत बड़े होते हैं। कीट जीवन भी प्रचुर मात्रा में है। बहुत से पौधे जो बड़े होकर वितानावरण स्तर तक जाते हैं, निम्नस्थ वन-वितान (अंडरस्टोरी) में मौजूद हैं। वर्षावन के ऊपर चमकते सूर्य का मात्र 5% प्रकाश ही निम्नस्थ वन-वितान (अंडरस्टोरी) तक पहुंचता है। इस परत को झाड़ी परत भी कहा जा सकता है, यद्यपि झाड़ी परत को एक अलग परत भी माना जा सकता है।
वनस्थल (फॉरेस्ट फ्लोर)
वनस्थल (फॉरेस्ट फ्लोर) सबसे नीची परत है जहं सूर्य का मात्र 2% प्रकाश ही पहुंचता है। केवल कम प्रकाश में अनुकूलित पौधे ही इस क्षेत्र में उग सकते हैं। नदी किनारों, दलदल और वृक्षहीन भूमि, जहां घने पौधे पाए जाते हैं, से दूर वनस्थल अपेक्षाकृत वनस्पतिहीन है, क्योंकि सूर्य की बहुत ही कम रोशनी यहां तक पहुंचती है। यहां पर पौधों के क्षय और पशुओं के अवशेष पाए जाते हैं जो अपघटन को तीव्र करने वाले गर्म और नमीयुक्त वातावरण के कारण शीघ्र ही गायब हो जाते हैं। यहां कई प्रकार के कवक पाए जाते हैं जो पशु एवं वनस्पति अवशेषों के अपघटन में सहायता करते हैं।
वनस्पति और जीव-जंतु
विश्व की आधे से अधिक पशुओं और पौधों की प्रजातियां वर्षावन में पाई जाती हैं।[10] वर्षावन में स्तनपायी, सरीसृप, पक्षी और अकशेरुकी सहित पशु-पक्षियों की व्यापक श्रेणियों को अनुकूल वातावरण मिलता है। स्तनधारियों में शामिल हैं वानर, बिल्ली तथा अन्य प्रजातियां। सरीसृप परिवारों में शामिल हैं सांप, कछुआ, गिरगिट और अन्य परिवार जबकि पक्षियों में वेंगीडे और कुकुलिडे परिवारों के पक्षी शामिल हैं। अकशेरूकियों के दर्जनों परिवार वर्षावन में पाए जाते हैं। कवक भी वर्षावन में बहुत आम है क्योंकि यह वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के अपघटन के अवशेषों से पोषण प्राप्त करती है। वनों की कटाई, वास योग्य स्थान में कमी और वायुमंडल में जैवरासायनिक पदार्थों के उत्सर्जन की वजह से ये प्रजातियां तेजी से गायब हो रही हैं।[11]
मिट्टी
कृपया इस section में विस्तार करें। अधिक जानकारी वार्ता पृष्ठ पर मिल सकती है। (December 2008) |
एक उष्णकटिबंधीय वर्षावन में वनस्पति के विकास के बावजूद मिट्टी की गुणवत्ता प्रायः काफी खराब है। तीव्र जीवाण्विक अपघटन धरण संचय को रोकता है। लेटराइजेशन प्रक्रिया के कारण लोहे और एल्यूमीनियम ऑक्साइड का जमाव ऑक्सीसोल को चमकदार लाल रंग देता है और कभी-कभी खनन योग्य जमा, जैसे बॉक्साइट भी निर्माण करता है। अधिकांश पेड़ों की जड़ें सतह के पास ही होती हैं, क्योंकि जमीन के नीचे अधिक पोषक तत्व नहीं हैं, अधिकांश खनिज अपघटित होती पत्तियों की शीर्ष परत से (मुख्यतः) तथा जीवों से प्राप्त होते हैं। छोटे अधःस्तरों पर, विशेषतः ज्वालामुखी मूल की उष्णकटिबंधीय मिट्टी काफी उपजाऊ हो सकती है। यदि पेड़ साफ कर दिए गए, तो वर्षा खुली मिट्टी पर होगी और उसे बहा ले जाएगी, अंततः झरने बनेंगे, फिर नदियां और बाढ़ आना संभव हो जाएगा।
वैश्विक जलवायु पर प्रभाव
एक प्राकृतिक वर्षावन विशाल मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन और अवशोषण करता है। एक वैश्विक पैमाने पर, लंबी अवधि के अपशिष्ट लगभग संतुलन में रहे हैं, ताकि एक उथल-पुथल रहित वर्षावन का वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड स्तर पर शुद्ध प्रभाव बहुत ही कम होगा।[12] हालांकि उनके अन्य जलवायु प्रभाव (उदाहरण के लिए जल वाष्प के पुनःचक्रण से बादलों का निर्माण) हो सकते हैं। आज किसी भी वर्षावन को अबाधित नहीं माना जा सकता।[13] वर्षावनों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड[14] मुक्त करने के पीछे, मानव प्रेरित वनों की कटाई की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसा ही प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे सूखा जिसका परिणाम पेड़ों का खात्मा है।[15] कुछ जलवायु मॉडल परस्पर प्रभाव डालते हुए वनस्पति के साथ चलते हैं और अनुमान है कि 2050 के आस पास सूखे के कारण अमेजन वर्षावन को एक बड़ी हानि होगी, जिससे वन डाइबैक का शिकार होगा और तदनंतर और अधिक कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त होगी।[16] अब से पचास लाख वर्ष बाद, अमेज़न वर्षावन काफी समय पूर्व ही सूख गया होगा खुद को सवन्नाह में परिवर्तित कर लिया होगा (यदि वनों की कटाई की समस्त मानवीय गतिविधियां रातोंरात रुक जाएं तब भी)।[17] हमारे ज्ञात जानवरों के वंशज अमेजन के पूर्व वर्षावन से बने सूखे सवन्नाह के साथ अनुकूलन कर लेंगे और नए गर्म तापमान में फले-फूलेंगे।[17]
मानव उपयोग
उष्णकटिबंधीय वर्षावन लकड़ी के साथ ही मांस और खाल जैसे पशु उत्पाद प्रदान करते हैं। वर्षावन का पर्यटन स्थलों के रूप में भी और प्रदत्त पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के कारण भी महत्त्व है। कई खाद्य पदार्थ मूल रूप से उष्णकटिबंधीय जंगलों से आते थे और अभी भी ज्यादातर उसी क्षेत्र के भू-भाग में उगाए जाते हैं जहां पहले प्राथमिक वन थे।[18] इसके अलावा, वनस्पति व्युत्पन्न औषधियों का आम तौर से बुखार, फंगल संक्रमण, जलना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं, दर्द, श्वांस रोग और घाव के उपचार में प्रयोग किया जाता है।[19]
मूल लोग
कृपया इस section में विस्तार करें। अधिक जानकारी वार्ता पृष्ठ पर मिल सकती है। (December 2008) |
18 जनवरी 2007 को, एफयूएनएआई ने भी सूचना दी है कि उन्होंने पुष्टि कर ली है कि 2005 की 40 से बढ़ कर अब ब्राजील में 67 संपर्क नहीं की गई जनजातियां हैं। इस वृद्धि के साथ, ब्राजील संपर्क नहीं की गई जनजातियों के मामले में न्यू गिनी द्वीप से आगे निकल गया है जहां अभी तक सर्वाधिक संपर्क नहीं की गई जनजातियां थी।[20] न्यू गिनी के इरियन जाया प्रांत या पश्चिम पापुआ द्वीप में अनुमानित 44 संपर्क नहीं किये गए आदिवासी समूह रह रहे हैं।[21] वनों की कटाई की वजह से जनजातियां खतरे में हैं, विशेष रूप से ब्राजील में।
मध्य अफ्रीकी वर्षावन में, विषुवत वर्षावन में रहने वाले शिकारी फरमर लोगों में से एक, अपने छोटे कद (औसतन डेढ़ मीटर या 59 इंच से कम) की विशेषता वाले म्बूती पिग्मीज रहते हैं। वे 1962, में कॉलिन टर्नबुल के एक अध्ययन द फॉरेस्य पीपल का विषय थे।[22] दक्षिण पूर्व एशिया में रहने वाले पिग्मीज अलग हैं जिन्हें नेग्रिटो कहा जाता है।
जंगलों की कटाई
पूरी 20वीं शताब्दी के दौरान उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण वर्षावनों में पेड़ों की कटाई तथा कृषि हेतु उनकी सफाई होती रही है और दुनिया भर में वर्षावनों के क्षेत्र सिकुड़ते रहे हैं।[23] जीव विज्ञानियों ने अनुमान लगाया है कि वर्षावनों के विनाश के साथ उनके निवास स्थान हटाये जाने के कारण बड़ी संख्या में प्रजातियों को विलुप्त होने के लिए मजबूर किया जा रहा है (संभवतः 50,000 प्रति वर्ष से अधिक; हार्वर्ड विश्वविद्यालय के ईओ विल्सन कहते हैं कि इस गति से तो 50 वर्ष के अंदर पृथ्वी पर समस्त प्रजातियों की एक चौथाई या अधिक समाप्त हो जाएंगी)।[24].
वर्षावनों के ह्रास का एक अन्य कारक शहरी क्षेत्रों का विस्तार है। जीवन शैली में आमूल परिवर्तन की मांग को पूरा करने के लिए हो रहे रिबन विकास के कारण, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में विकसित हो रहे तटवर्ती वर्षावन, अब दुर्लभ हो गए हैं।[25]
जंगलों को तीव्र गति से नष्ट किया जा रहा है।[26][27][28] पश्चिम अफ्रीका के वर्षावन का लगभग 90 प्रतिशत नष्ट कर दिया गया है।[29] 2000 वर्ष पूर्व मनुष्य के आगमन से अब तक, मेडागास्कर ने अपने दो तिहाई मूल वर्षावन खो दिए हैं।[30] वर्तमान गति से, इंडोनेशिया में उष्णकटिबंधीय वर्षावन 10 वर्ष में काट दिए जायेंगे और पापुआ न्यू गिनी में 13 से 16 वर्षों में।[31]
कई देशों,[32] विशेष रूप से ब्राजील ने अपने वनों की कटाई को राष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित किया है।[33] सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेजन में वनों की कटाई की दर 2007 के बारह महीनों की तुलना में 2008 में 69 प्रतिशत अधिक हो गई। [34] डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार वनों की कटाई से अमेजन वर्षावनों का लगभग 60 प्रतिशत 2030 तक नष्ट हो जायेगा।[35]
30 जनवरी 2009 को न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख में कहा गया कि एक अनुमान के अनुसार, हर साल वर्षावन के काटे गए प्रत्येक एकड़ के लिए, कटिबन्धों में 50 एकड़ नए वन उगाये जा रहे हैं।..." नए वनों में पुरानी कृषि भूमि पर द्वितीयक वन शामिल हैं और इसलिए ये अवक्रमित वन कहलाते हैं।[36]
सितम्बर 2009 की एक नई ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्षावनों को बचा सकने के उपायों की खोज के नए अवसरों की शुरुआत हो रही है। ब्राजील में, पर्यावरण मंत्री कार्लोस मिंक ने गर्व के साथ घोषणा की है कि अमेज़न के वनों की कटाई की दर पिछले साल 46 प्रतिशत तक गिर गई। इसका मतलब है, 21 वर्ष पूर्व जब से देश ने वार्षिक आंकड़े रखने शुरू किये हैं, यह वनों के काटे जाने का निम्नतम स्तर है। लेकिन ब्राजील ने न केवल समग्र रूप में वनों की कटाई को कम किया है बल्कि वनों के ह्रास की गति को भी धीमा किया है। वार्षिक गिरावट अब दो हजार से अधिक है। जब एक देश अधिक समृद्ध और अधिक औद्योगीकृत हो जाता है, तो उस देश में वनों की कटाई भी कम हो जाती है। इसलिए, कुछ देशों के एक समूह में अपवाद हैं जहाँ वनों की कटाई इतनी लाभदायक है कि यह समृद्धि के विकास में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गयी है। नया लक्ष्य सिर्फ वनों की कटाई को रोकना ही नहीं बल्कि लंबी अवधि के लिए वन प्रबंधन करना है, जो एक बड़े पैमाने पर होता है। वर्षावन की रक्षा के लिए अधिक पुलिस अधिकारी और अवैध प्रवेश को रोकना।[37]
इन्हें भी देखें
- बादल वन
- पारिस्थितिकी
- अंतर्देशीय वर्षावन
- यथावत् वन परिदृश्य
- जंगल
- वर्षावन फाउंडेशन फंड
संदर्भ
- ↑ "Rainforests.net - Variables and Math". अभिगमन तिथि 2009-01-04.
- ↑ पशु केंद्र में वर्षावन
- ↑ वर्षावनों के खूनी निवासी
- ↑ होब्गूड (2008). सतह दबाव और हवा की ग्लोबल पैटर्न. ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी. 08-03-2009 को पुनःप्राप्त.
- ↑ ब्रोकर, वालेस एस. (2006). "ब्रीदिंग इजी: Et tu, O2." कोलंबिया विश्वविद्यालय Columbia.edu
- ↑ मोरन, एफ.ई., "ब्राजील के अमेज़न में वनों की कटाई और भूमि का प्रयोग," मानव पारिस्थितिकीय, खंड 21, संख्या 1, 1993"
- ↑ Bourgeron, Patrick S. "Spatial Aspects of Vegetation Structure". प्रकाशित Frank B. Golley (संपा॰). Tropical Rain Forest Ecosystems. Structure and Function. Ecosystems of the World (14A संस्करण). Elsevier Scientific. पपृ॰ 29–47. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0444419861.
- ↑ "Sabah". Eastern Native Tree Society. अभिगमन तिथि 2007-11-14.
- ↑ डेंड्रोनॉटिक्स - परिचय
- ↑ वर्षावन के तथ्य
- ↑ वनों की कटाई के प्रभाव-उन्मूलन
- ↑ Grida.no
- ↑ लुईस, एस.एल., फिलिप्स, ओ.एल., बेकर, टी.आर., लॉयड, जे. एट अल. 2004 "उष्णकटिबंधीय वन संरचना और गतिशीलता में सम्मिलित परिवर्तन: 50 दक्षिण अमेरिकी लंबी अवधि के भूखंडों द्वारा सबूत" फिल. ट्रांस. आर. सोसाइटी लंदन. 359
- ↑ मलही, वाई और ग्रेस, जे. 2000 "उष्णकटिबंधीय वनों और वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड" ट्री 15
- ↑ "Drought may turn forests into carbon producers". The Age. Melbourne. 2004-03-06.
- ↑ Metoffice.gov.uk[मृत कड़ियाँ]
- ↑ अ आ द फ्यूचर इज वाइल्ड टेलीविजन प्रोग्रैम
- ↑ मायर्स, एन. (1985). प्राथमिक स्रोत . डब्ल्यू. डब्ल्यू. नोर्टन एंड कंपनी, न्यूयॉर्क, पीपी 189-193.
- ↑ अंतिम पेपर: वर्षावन के औषधीय मूल्य 15 मई 2003, अमांडा हेडेट मई 2003
- ↑ अधिक वियुक्त अमेज़न जनजातियों के निशान ब्राजील ने देखे
- ↑ बीबीसी (BBC): अलग जनजातियों के साथ पहला संपर्क?
- ↑ द ट्राइबल पीपल्स, थिंकक्वेस्ट (ThinkQuest)
- ↑ अगले दशक तक पूरा वर्षावन गायब होने को तैयार है, द इंडीपेंडेंट
- ↑ भारी प्रजाति की कमी को रोकने के लिए वार्ता कोशिश करता है, न्यूयॉर्क टाइम्स
- ↑ लिटोरल वर्षावन-यह धमकी क्यों है?
- ↑ थॉमस मैरेंट: आउट ऑफ़ द वुड्स, द इंडीपेंडेंट
- ↑ ब्राजील: अमेज़न वन विनाश का दर तीन गुना है, FOXNews.com, 29 सितंबर 2008
- ↑ पापुआ न्यू गिनी के वर्षावन सोंच से भी पहले गायब हो रहे हैं
- ↑ वर्षावन और कृषि
- ↑ विज्ञान: मॉनिटर, मेडागास्कर के सिकुड़ते हुए वर्षावन को उपग्रह ने अनुश्रवण किया, 19 मई 1990, न्यू साइंटिस्ट
- ↑ एशिया के वनों की कटाई का काला छेद चीन है, AsiaNews.it, 24 मार्च 2008
- ↑ 2007 में अमेजन में वनों की कटाई तेजी से बढ़ी, Usatoday.com, 24 जनवरी 2008
- ↑ Vidal, John (20 May 2005). "Rainforest loss shocks Brazil". guardian.co.uk. London. अभिगमन तिथि 7 July 2010.
- ↑ ब्राजील: अमेजन वनों की कटाई और बिगड़ रहा है, Msnbc.com, 30 अगस्त 2008
- ↑ Benjamin, Alison (6 December 2007). "More than half of Amazon will be lost by 2030, report warns". guardian.co.uk. London. अभिगमन तिथि 7 July 2010.
- ↑ वर्षा वनों पर न्यू जंगल्स ने एक बहस प्रस्तुत किया, द न्यूयॉर्क टाइम्स, 30 जनवरी 2009
- ↑ DN.se
आगे पढ़ें
- बटलर, आर.ए. (2005) अ प्लेस आउट ऑफ़ टाइम: ट्रॉपिकल रेनफॉरेस्ट एंड द पेरिल्स दे फेस . ऑनलाइन प्रकाशित: Rainforests.mongabay.com
- रिचर्ड्स, पी.डब्लू. (1996). द ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट . 2न्ड एड. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस ISBN 0-521-42194-2
- व्हिटमोर टी.सी. (1998) एन इंट्रोडक्शन टू ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट 2न्ड एड. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 0-19-850147-1
बाहरी कड़ियाँ
- वर्षावन (वर्षावनों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी)
- एक वर्षावन में पशु
- वर्षावन एक्शन नेटवर्क
- वर्षावन बहाली पर सबा जैव विविधता परीक्षण
- वर्षावन पोर्टल
- वर्षावन राष्ट्र के लिए गठबंधन
- प्रिंस का वर्षावन परियोजना
- वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम
- डेव किम्बल वर्षावन फोटो कैटलॉग (वेट ट्रॉपिक्स, ऑस्ट्रेलिया)
- वर्षावन पौधे