"आपेक्षिकता सिद्धांत": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो बॉट: छोटे कोष्ठक () की लेख में स्थिति ठीक की।
छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया।
पंक्ति 11: पंक्ति 11:
१) भौतिकी के नियम एक दूसरे के सापेक्ष एकसमान (यूनिफार्म) गति कर रहे सभी निरिक्षकों के लिए '''समान''' होते हैं। (गैलिलियो का सापेक्षिकता का सिद्धान्त)
१) भौतिकी के नियम एक दूसरे के सापेक्ष एकसमान (यूनिफार्म) गति कर रहे सभी निरिक्षकों के लिए '''समान''' होते हैं। (गैलिलियो का सापेक्षिकता का सिद्धान्त)


२) [[निर्वात]] में प्रकाश का वेग सभी निरिक्षकों के लिए '''समान''' होता है चाहे उन सबकी सापेक्ष गति कुछ भी हो, चाहे प्रकाश के स्रोत
२) [[निर्वात]] में प्रकाश का वेग सभी निरिक्षकों के लिए '''समान''' होता है चाहे उन सबकी सापेक्ष गति कुछ भी हो, चाहे प्रकाश के स्रोत


की गति कुछ भी हो।
की गति कुछ भी हो।
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
* किसी निरीक्षक के सापेक्ष किसी दिशा में गतिशील वस्तुओं की लम्बाई उस दिशा में घट जाती है। (Length contraction)
* किसी निरीक्षक के सापेक्ष किसी दिशा में गतिशील वस्तुओं की लम्बाई उस दिशा में घट जाती है। (Length contraction)


* दो घटनायें जिन्हें कोई निरीक्षक 'क' एक साथ (simultaneous) घटित होता हुआ देखता है, किसी दूसरे निरीक्षक 'ख' को वे एक साथ घटित होती हुई '''नहीं''' दिखेंगी यदि दूसरा निरीक्षक पहले के सापेक्ष गतिशील है। (Relativity of simultaneity)
* दो घटनायें जिन्हें कोई निरीक्षक 'क' एक साथ (simultaneous) घटित होता हुआ देखता है, किसी दूसरे निरीक्षक 'ख' को वे एक साथ घटित होती हुई '''नहीं''' दिखेंगी यदि दूसरा निरीक्षक पहले के सापेक्ष गतिशील है। (Relativity of simultaneity)


* द्रव्य और उर्जा तुल्य हैं; एक को दूसरे के रूप में बदला जा सकता है। इस परिवर्तन में '''E = mc2''' का सम्बन्ध लागू होता है।
* द्रव्य और उर्जा तुल्य हैं; एक को दूसरे के रूप में बदला जा सकता है। इस परिवर्तन में '''E = mc2''' का सम्बन्ध लागू होता है।

09:19, 19 सितंबर 2014 का अवतरण

सामान्य आपेक्षिकता में वर्णित त्रिविमीय स्पेस-समय कर्वेचर की एनालॉजी के का द्विविमीयप्रक्षेपण

आपेक्षिकता सिद्धांत अथवा सापेक्षिकता का सिद्धांत (अंग्रेज़ी: थ़िओरी ऑफ़ रॅलेटिविटि), या केवल आपेक्षिकता, आधुनिक भौतिकी का एक बुनियादी सिद्धांत है जिसे अल्बर्ट आइंस्टीन ने विकसित किया और जिसके दो बड़े अंग हैं - विशिष्ट आपेक्षिकता (स्पॅशल रॅलॅटिविटि) और सामान्य आपेक्षिकता (जॅनॅरल रॅलॅटिविटि)।[1] फिर भी कई बार आपेक्षिकता या रिलेटिविटी शब्द को गैलीलियन इन्वैरियन्स के संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है। थ्योरी ऑफ् रिलेटिविटी नामक इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले सन १९०६ में मैक्स प्लैंक ने किया था। यह अंग्रेज़ी शब्द समूह "रिलेटिव थ्योरी" (जर्मन: Relativtheorie) से लिया गया था जिसमें यह बताया गया है कि कैसे यह सिद्धांत प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी का प्रयोग करता है। इसी पेपर के चर्चा संभाग में अल्फ्रेड बुकरर ने प्रथम बार "थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी" (जर्मन: Relativitätstheorie) का प्रयोग किया था।[2][3]

विशिष्ट आपेक्षिकता

चित्र:Albert Einstein 1979 USSR Stamp.jpg

इसका प्रतिपादन सन १९०५ में आइंस्टीन ने अपने एक शोधपत्र ऑन द एलेक्ट्रोडाइनेमिक्स ऑफ् मूविंग बॉडीज में की थी। विशिष्ट सापेक्षता दो परिकल्पनाओं (पॉस्चुलेट्स) पर आधारित है जो शास्त्रीय यांत्रिकी (क्लासिकल मेकैनिक्स) के संकल्पनाओं के विरुद्ध (उलटे) हैं:

१) भौतिकी के नियम एक दूसरे के सापेक्ष एकसमान (यूनिफार्म) गति कर रहे सभी निरिक्षकों के लिए समान होते हैं। (गैलिलियो का सापेक्षिकता का सिद्धान्त)

२) निर्वात में प्रकाश का वेग सभी निरिक्षकों के लिए समान होता है चाहे उन सबकी सापेक्ष गति कुछ भी हो, चाहे प्रकाश के स्रोत

की गति कुछ भी हो।

इस सिद्धान्त से निकलने वाले परिणाम आश्चर्यजनक हैं; इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • किसी स्थिर घडी की अपेक्षा एक गतिशील घडी धीमी चलती है। (टाइम डिलेशन्) (Time dilation)
  • किसी निरीक्षक के सापेक्ष किसी दिशा में गतिशील वस्तुओं की लम्बाई उस दिशा में घट जाती है। (Length contraction)
  • दो घटनायें जिन्हें कोई निरीक्षक 'क' एक साथ (simultaneous) घटित होता हुआ देखता है, किसी दूसरे निरीक्षक 'ख' को वे एक साथ घटित होती हुई नहीं दिखेंगी यदि दूसरा निरीक्षक पहले के सापेक्ष गतिशील है। (Relativity of simultaneity)
  • द्रव्य और उर्जा तुल्य हैं; एक को दूसरे के रूप में बदला जा सकता है। इस परिवर्तन में E = mc2 का सम्बन्ध लागू होता है।

शास्त्रीय यांत्रिकी में प्रयुक्त गैलिलियो का रूपान्तरण (Galilean transformations) प्रयुक्त होता है जबकि विशिष्ट सापेक्षता में लारेंज रूपानतरण (Lorentz transformations)।

सामान्य आपेक्षिकता

मुख्य लेख: सामान्य आपेक्षिकता

सन १९०७ से १९११ के बीच आइन्स्टीन द्वारा विकसित आपेक्षिकता सिद्धान्त ही 'सामान्य आपेक्षिकता' के नाम से जाना जाता है। विशेष आपेक्षिकता मुख्य लेख: विशेष आपेक्षिकता सोवियत संघ स्टांप अल्बर्ट आइंस्टीन के लिए समर्पित

अन्तरिक्ष समय की संरचना के विशेष सापेक्षता सिद्धांत है। यह आइंस्टीन "चलती निकायों के विद्युत में" 1905 कागज में पेश (कई अन्य भौतिकविदों के योगदान के लिए विशेष सापेक्षता का इतिहास देखें). विशेष सापेक्षता दो पर आधारित है तत्वों जो शास्त्रीय यांत्रिकी में विरोधाभासी हैं:

भौतिकी के नियम के नियमानुसार (आपेक्षिकता सिद्धांत) किसी जड़त्वीय निर्देश तंत्र के सापेक्ष गति कर रहे सभी पर्यवेक्षकों के लिए सभी भौतिक नियम समान होंगे।

समष्टि में सभी पर्यवेक्षकों के लिए प्रकाश का वेग समान रहता है, चाहे प्रकाश स्रोत उनके सापेक्ष गतिशील हो अथवा नहीं।

परिणामी सिद्धांत शास्त्रीय यांत्रिकी, जैसे की तुलना में बेहतर प्रयोग के साथ सहमत में Michelson मॉर्ले के प्रयोग है कि 2 मांगना का समर्थन करता है, लेकिन यह भी कई आश्चर्य की बात परिणाम है। इनमें से कुछ हैं:

समकालीनता के सापेक्षता: दो घटनाओं, एक पर्यवेक्षक के लिए एक साथ, एक और पर्यवेक्षक के लिए एक साथ नहीं हो सकता है अगर पर्यवेक्षकों सापेक्ष गति में हो सकता है।

चलती घड़ियों समय फैलाव: एक है पर्यवेक्षक "स्थिर" घड़ी से अधिक धीरे - धीरे टिकटिक मापा जाता है। लंबाई संकुचन: ऑब्जेक्ट्स कि वे पर्यवेक्षक करने के लिए सम्मान के साथ आगे बढ़ रहे हैं दिशा में छोटा किया जा मापा जाता है। मास - ऊर्जा तुल्यता: E=mc2 ऊर्जा और जन के बराबर है और जिसकी काया पलट हो सके हैं। गति अधिकतम परिमित है: कोई भौतिक वस्तु, संदेश, या फ़ील्ड पंक्ति एक शून्य में प्रकाश की गति से तेजी से यात्रा कर सकते हैं।

विशेष सापेक्षता के परिभाषित सुविधा Lorentz परिवर्तनों द्वारा शास्त्रीय यांत्रिकी के गलीली परिवर्तनों के प्रतिस्थापन है। (विशेष सापेक्षता विद्युत चुंबकत्व और परिचय के माक्सवेल 's समीकरण देखें).

रहेगा == इन्हें भी देखें ==

संदर्भ

  1. आइंस्टीन, ए (१९१६ (अनुवार १९२०)), रिलेटिविटी: द स्पेशल एण्ड जनरल थ्योरी, न्यू यॉर्क: एच होल्ट एण्ड कंपनी |year= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. प्लैंक, मैक्स (१९०६), "द मेज़र्मेंट ऑफ कॉफमैन ऑन द डिफ़्लेक्टिबिलिटी ऑफ बीटा रेज़ इन देयर इम्पॉर्टैन्स फ़ॉर द डायनेमिक्स ऑफ द इलेक्ट्रॉन्स", Physikalische Zeitschrift, : ७५३-७६१
  3. मिलर, अर्थर, आई (१९८१), अल्बर्ट आइंश्टीन्स स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी। इमर्जेन्स (१९०५) एण्ड अर्ली इन्टर्प्रिटेशन (१९०५-१९११), रीडिंग: एडीसन-वेलेस्ली, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-201-04679-2सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)

वाह्य सूत्र

साँचा:Link FA