"मध्य पूर्व": अवतरणों में अंतर

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== मध्य-पूर्व संघर्ष का इतिहास ==
== मध्य-पूर्व संघर्ष का इतिहास ==
[[अरब]] और [[इसराइल]] के संघर्ष की छाया [[मोरोक्को]] से लेकर पूरे खाड़ी क्षेत्र पर है. इस संघर्ष का इतिहास काफी पुराना है.
[[अरब]] और [[इसराइल]] के संघर्ष की छाया [[मोरोक्को]] से लेकर पूरे खाड़ी क्षेत्र पर है। इस संघर्ष का इतिहास काफी पुराना है।


14 मई 1948 को पहला [[यहूदी]] देश इसराइल अस्तित्व में आया. यहूदियों और अरबों ने एक दूसरे पर हमले शुरू कर दिए. लेकिन यहूदियों के हमलों से फ़लस्तीनियों के पाँव उखड़ गए और हज़ारों लोग जान बचाने के लिए लेबनान और मिस्र भाग खड़े हुए.
14 मई 1948 को पहला [[यहूदी]] देश इसराइल अस्तित्व में आया. यहूदियों और अरबों ने एक दूसरे पर हमले शुरू कर दिए. लेकिन यहूदियों के हमलों से फ़लस्तीनियों के पाँव उखड़ गए और हज़ारों लोग जान बचाने के लिए लेबनान और मिस्र भाग खड़े हुए.
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; पीएलओ का गठन
; पीएलओ का गठन


1948 में इसराइल के गठन के बाद से ही अरब देश इसराइल को जवाब देना चाहते थे. जनवरी 1964 में अरब देशों ने [[फ़लस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन]] ([[पीएलओ]]) नामक संगठन की स्थापना की. 1969 में [[यासिर अराफ़ात]] ने इस संगठन की बागडोर संभाल ली. इसके पहले अराफ़ात ने [[फ़तह]] नामक संगठन बनाया था जो इसराइल के विरुद्ध हमले कर काफी चर्चा में आ चुका था.
1948 में इसराइल के गठन के बाद से ही अरब देश इसराइल को जवाब देना चाहते थे। जनवरी 1964 में अरब देशों ने [[फ़लस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन]] ([[पीएलओ]]) नामक संगठन की स्थापना की. 1969 में [[यासिर अराफ़ात]] ने इस संगठन की बागडोर संभाल ली. इसके पहले अराफ़ात ने [[फ़तह]] नामक संगठन बनाया था जो इसराइल के विरुद्ध हमले कर काफी चर्चा में आ चुका था।


; 1967 का युद्ध
; 1967 का युद्ध


इसराइल और इसके पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव का अंत युद्ध के रूप में हुआ. यह युद्ध 5 जून से 11 जून 1967 तक चला और इस दौरान मध्य पूर्व संघर्ष का स्वरूप बदल गया. इसराइल ने [[मिस्र]] को ग़ज़ा से, [[सीरिया]] को गोलन पहाड़ियों से और [[जॉर्डन]] को पश्चिमी तट और पूर्वी [[यरुशलम]] से धकेल दिया. इसके कारण पाँच लाख और फ़लस्तीनी बेघरबार हो गए.
इसराइल और इसके पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव का अंत युद्ध के रूप में हुआ। यह युद्ध 5 जून से 11 जून 1967 तक चला और इस दौरान मध्य पूर्व संघर्ष का स्वरूप बदल गया। इसराइल ने [[मिस्र]] को ग़ज़ा से, [[सीरिया]] को गोलन पहाड़ियों से और [[जॉर्डन]] को पश्चिमी तट और पूर्वी [[यरुशलम]] से धकेल दिया. इसके कारण पाँच लाख और फ़लस्तीनी बेघरबार हो गए.


; 1973 का संघर्ष
; 1973 का संघर्ष


जब कूटनीतिक तरीकों से मिस्र और सीरिया को अपनी ज़मीन वापस नहीं मिली तो 1973 में उन्होंने इसराइल पर चढ़ाई कर दी. [[अमरीका]], [[सोवियत संघ]] और [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] ने संघर्ष को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस युद्ध के बाद इसराइल अमरीका पर और अधिक आश्रित हो गया. इधर [[सऊदी अरब]] ने इसराइल को समर्थन देने वाले देशों को [[पेट्रोलियम]] पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जो मार्च 1974 तक जारी रहा.
जब कूटनीतिक तरीकों से मिस्र और सीरिया को अपनी ज़मीन वापस नहीं मिली तो 1973 में उन्होंने इसराइल पर चढ़ाई कर दी. [[अमरीका]], [[सोवियत संघ]] और [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] ने संघर्ष को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस युद्ध के बाद इसराइल अमरीका पर और अधिक आश्रित हो गया। इधर [[सऊदी अरब]] ने इसराइल को समर्थन देने वाले देशों को [[पेट्रोलियम]] पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जो मार्च 1974 तक जारी रहा.


; शांति समझौता
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; फ़लस्तीनी इंतिफ़ादा
; फ़लस्तीनी इंतिफ़ादा


इसराइल के कब्ज़े के विरोध में 1987 में फ़लस्तीनियों ने इंतिफ़ादा यानी जनआंदोलन छेड़ा जो ज़ल्दी ही पूरे क्षेत्र में फैल गया. इसमें नागरिक अवज्ञा, हड़ताल और बहिष्कार शामिल था. लेकिन इसका अंत इसराइली सैनिकों पर पत्थर फेंकने से होता. जवाब में इसराइली सुरक्षाबल गोली चलाते और फ़लस्तीनी इसमें मारे जाते.
इसराइल के कब्ज़े के विरोध में 1987 में फ़लस्तीनियों ने इंतिफ़ादा यानी जनआंदोलन छेड़ा जो ज़ल्दी ही पूरे क्षेत्र में फैल गया। इसमें नागरिक अवज्ञा, हड़ताल और बहिष्कार शामिल था। लेकिन इसका अंत इसराइली सैनिकों पर पत्थर फेंकने से होता. जवाब में इसराइली सुरक्षाबल गोली चलाते और फ़लस्तीनी इसमें मारे जाते.


; शांति प्रयास
; शांति प्रयास


[[खाड़ी युद्ध]] के बाद मध्य पूर्व में शांति स्थापना के लिए अमरीका की पहल पर 1991 में [[मैड्रिड]] में शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ.
[[खाड़ी युद्ध]] के बाद मध्य पूर्व में शांति स्थापना के लिए अमरीका की पहल पर 1991 में [[मैड्रिड]] में शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ।
1993 में नोर्व के शहर ओस्लो में भी शांति के लिए वार्ता आयोजित की गई. इसमें इसराइल की ओर से वहाँ के तत्कालीन प्रधानमंत्री रॉबिन और फ़लस्तीनी नेता यासिर अराफ़ात ने हिस्सा लिया. इसके बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति [[बिल क्लिंटन]] की पहल पर [[ह्वाइट हाउस]] में शांति के घोषणा पत्रों पर हस्ताक्षर हुए. पहली बार इलराइली प्रधानमंत्री रोबिन और फ़तस्तीनी नेता अराफ़ात को लोगों ने हाथ मिलाते देखा.
1993 में नोर्व के शहर ओस्लो में भी शांति के लिए वार्ता आयोजित की गई. इसमें इसराइल की ओर से वहाँ के तत्कालीन प्रधानमंत्री रॉबिन और फ़लस्तीनी नेता यासिर अराफ़ात ने हिस्सा लिया. इसके बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति [[बिल क्लिंटन]] की पहल पर [[ह्वाइट हाउस]] में शांति के घोषणा पत्रों पर हस्ताक्षर हुए. पहली बार इलराइली प्रधानमंत्री रोबिन और फ़तस्तीनी नेता अराफ़ात को लोगों ने हाथ मिलाते देखा.


; फ़लस्तीनी प्राधिकारण
; फ़लस्तीनी प्राधिकारण


4 मई 1994 को इसराइल और पीएलओ के बीच [[काहिरा]] में सहमति हुई कि इसराइल कब्ज़े वाले क्षेत्रों को खाली कर देगा. इसके साथ ही फ़लस्तीनी प्राधिकारण का उदय हुआ. लेकिन ग़ज़ा पर फ़लस्तीनी प्राधिकरण के शासन में अनेक मुश्किलें पेश आईं. इन समस्याओं के बावजूद मिस्र के शहर ताबा में ओस्लो द्वितीय समझौता हुआ. इस पर पुन: हस्ताक्षर हुए. लेकिन इन समझौतों से भी शांति स्थापित नहीं हो पाई और हत्याओं और आत्मघाती हमलों का दौर जारी है.
4 मई 1994 को इसराइल और पीएलओ के बीच [[काहिरा]] में सहमति हुई कि इसराइल कब्ज़े वाले क्षेत्रों को खाली कर देगा. इसके साथ ही फ़लस्तीनी प्राधिकारण का उदय हुआ। लेकिन ग़ज़ा पर फ़लस्तीनी प्राधिकरण के शासन में अनेक मुश्किलें पेश आईं. इन समस्याओं के बावजूद मिस्र के शहर ताबा में ओस्लो द्वितीय समझौता हुआ। इस पर पुन: हस्ताक्षर हुए. लेकिन इन समझौतों से भी शांति स्थापित नहीं हो पाई और हत्याओं और आत्मघाती हमलों का दौर जारी है।


== देश और क्षेत्र ==
== देश और क्षेत्र ==

00:31, 15 सितंबर 2014 का अवतरण

मध्य पूर्व का राजनीतिक नक्शा

मध्य पूर्व (या पूर्व में ज्यादा प्रचलित पूर्व के करीब (Near East)) दक्षिण पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप और उत्तरी पूर्वी अफ़्रीका में विस्तारित क्षेत्र है। इसकी कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं है, अक्सर इस शब्द का प्रयोग पूर्व के पास (Near East) के एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता, ठीक सुदूर पूर्व (Far East) के विपरित। मध्य पूर्व शब्द का प्रचलन १९०० के आसपास के यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ।

इतिहास

मध्यपूर्व, अपने विस्तृत रूप में एक बहुत ही पुराना क्षेत्र है। अक्सर पश्चिमी विद्वान इसे सभ्यता के आरंभ स्थल की संज्ञा देते हैं क्योंकि यहाँ यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म के अलावा अन्य कई मतो और विश्वासों का जन्म हुआ था। उर्वर चन्द्र उस क्षेत्र को कहते हैं जो आज के दक्षिणी इराक में दजला और फ़ुरात नदियों के बीच था। पश्चिमी विद्वान मानते हैं कि सबसे पहले सभ्यता की शुरुआत यहीं से हुई थी। बेबीलोन और मिस्र की सभ्यताओं को प्राचीन दुनिया की सबसे विकसित सभ्यता माना जाता है। अक्सर चीनी सभ्यता के समर्थक इसका विरोध करते हैं पर यहाँ कई असाधारण अवधारणाओं का जन्म हुआ जैसे- लेखन कला, कई धर्म और धर्मयुद्ध।

ईसा के 1200 साल पहले हजरत मूसा ने मिस्र के फराओ (राजा) के यहाँ से यहूदियों को मुक्त कराया और इसरायल तथा जुडया नामक दो राज्यों की स्थापना आज के इजरायल के क्षेत्र में की। ईसा के 770 साल पहले बेबीलोन के असीरिया और अक्कद ने क्रमशः इन दोनों पर अधिकार कर लिया। इन्होंने यहूदियों को बहुत यातनाए दी। उनके मंदिरों को नष्ट कर डाला और इन्हें इस क्षेत्र से पूर्व की तरफ (आज के ईरान) विस्थापित कर दिया। 559 ईसापूर्व में पार्स के राजा कुरोश ने अपनी सत्ता स्थापित की और उसने बेबीलोन पर अधिकार कर लिया। इस काल में यहूदियों को अपनी मातृभूमि वापस लौटने का अवसर मिला। फ़ारसियों (पारसी) ने यहूदियों को अपना मंदिर बनाने की भी अनुमति दी। ईसापूर्व 330 में सिकन्दर ने फारस पर अधिकार कर लिया। ईसा पूर्व 100 के आसपास यह रोमन साम्राज्य का अंग बना। रोमन लोगों के अपने देवी-देवता थे और वे यहूदियों को बाग़ी के रूप में देखते थे। ईसा मसीह ने ईसाई धर्म का आरंभ किया। पर 313 इस्वी से पहले तक रोम के शासकों ने ईसाईयों को बहुत प्रताड़ना दी। बिजेन्टाइन (पूर्वी रोमन), फारसी (सासानी) और अरबों के बीच कई युद्ध हुए। मुहम्मद साहब के परनोपरान्त फ़ारस पर अरबों का अधिकार हो गया औक कालान्तर में ईरान इस्लाम में परिवर्तित हो गया। पर कुछ राजनैतिक कारणों से ईरानी शिया बने जबकि अरब सुन्नी रहे।

सोलहवीं सदी में तुर्कों ने मक्का पर अधिकार कर लिया और वे इस्लाम के सर्वेसर्वा हो गए। यहूदियों को भगाया गया और वे यूरोप में बसते गए। 1900 इस्वी के आसपास यहूदी यूरोप से भाग कर आज के इसरायल में आने लगे जो अब तुर्कों का फिलीस्तीन प्रांत था। 1948 में यहूदियों ने नए स्वतंत्र इसरायल की घोषणा की। अरब देशों और इसरायल में कई युद्ध हुए।

मध्य-पूर्व संघर्ष का इतिहास

अरब और इसराइल के संघर्ष की छाया मोरोक्को से लेकर पूरे खाड़ी क्षेत्र पर है। इस संघर्ष का इतिहास काफी पुराना है।

14 मई 1948 को पहला यहूदी देश इसराइल अस्तित्व में आया. यहूदियों और अरबों ने एक दूसरे पर हमले शुरू कर दिए. लेकिन यहूदियों के हमलों से फ़लस्तीनियों के पाँव उखड़ गए और हज़ारों लोग जान बचाने के लिए लेबनान और मिस्र भाग खड़े हुए.

पीएलओ का गठन

1948 में इसराइल के गठन के बाद से ही अरब देश इसराइल को जवाब देना चाहते थे। जनवरी 1964 में अरब देशों ने फ़लस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (पीएलओ) नामक संगठन की स्थापना की. 1969 में यासिर अराफ़ात ने इस संगठन की बागडोर संभाल ली. इसके पहले अराफ़ात ने फ़तह नामक संगठन बनाया था जो इसराइल के विरुद्ध हमले कर काफी चर्चा में आ चुका था।

1967 का युद्ध

इसराइल और इसके पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव का अंत युद्ध के रूप में हुआ। यह युद्ध 5 जून से 11 जून 1967 तक चला और इस दौरान मध्य पूर्व संघर्ष का स्वरूप बदल गया। इसराइल ने मिस्र को ग़ज़ा से, सीरिया को गोलन पहाड़ियों से और जॉर्डन को पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम से धकेल दिया. इसके कारण पाँच लाख और फ़लस्तीनी बेघरबार हो गए.

1973 का संघर्ष

जब कूटनीतिक तरीकों से मिस्र और सीरिया को अपनी ज़मीन वापस नहीं मिली तो 1973 में उन्होंने इसराइल पर चढ़ाई कर दी. अमरीका, सोवियत संघ और संयुक्त राष्ट्र संघ ने संघर्ष को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस युद्ध के बाद इसराइल अमरीका पर और अधिक आश्रित हो गया। इधर सऊदी अरब ने इसराइल को समर्थन देने वाले देशों को पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जो मार्च 1974 तक जारी रहा.

शांति समझौता

मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात 19 नवंबर 1977 को यरुशलम पहुँचे और उन्होंने इसराइली संसद में भाषण दिया. सादात इसराइल को मान्यता देने वाले पहले अरब नेता बने. अरब देशों ने मिस्र का बहिष्कार किया लेकिन अलग से इसराइल से संधि की. 1981 में इसराइल के साथ समझौते के कारण इस्लामी चरमपंथियों ने सादात की हत्या कर दी.

फ़लस्तीनी इंतिफ़ादा

इसराइल के कब्ज़े के विरोध में 1987 में फ़लस्तीनियों ने इंतिफ़ादा यानी जनआंदोलन छेड़ा जो ज़ल्दी ही पूरे क्षेत्र में फैल गया। इसमें नागरिक अवज्ञा, हड़ताल और बहिष्कार शामिल था। लेकिन इसका अंत इसराइली सैनिकों पर पत्थर फेंकने से होता. जवाब में इसराइली सुरक्षाबल गोली चलाते और फ़लस्तीनी इसमें मारे जाते.

शांति प्रयास

खाड़ी युद्ध के बाद मध्य पूर्व में शांति स्थापना के लिए अमरीका की पहल पर 1991 में मैड्रिड में शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। 1993 में नोर्व के शहर ओस्लो में भी शांति के लिए वार्ता आयोजित की गई. इसमें इसराइल की ओर से वहाँ के तत्कालीन प्रधानमंत्री रॉबिन और फ़लस्तीनी नेता यासिर अराफ़ात ने हिस्सा लिया. इसके बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पहल पर ह्वाइट हाउस में शांति के घोषणा पत्रों पर हस्ताक्षर हुए. पहली बार इलराइली प्रधानमंत्री रोबिन और फ़तस्तीनी नेता अराफ़ात को लोगों ने हाथ मिलाते देखा.

फ़लस्तीनी प्राधिकारण

4 मई 1994 को इसराइल और पीएलओ के बीच काहिरा में सहमति हुई कि इसराइल कब्ज़े वाले क्षेत्रों को खाली कर देगा. इसके साथ ही फ़लस्तीनी प्राधिकारण का उदय हुआ। लेकिन ग़ज़ा पर फ़लस्तीनी प्राधिकरण के शासन में अनेक मुश्किलें पेश आईं. इन समस्याओं के बावजूद मिस्र के शहर ताबा में ओस्लो द्वितीय समझौता हुआ। इस पर पुन: हस्ताक्षर हुए. लेकिन इन समझौतों से भी शांति स्थापित नहीं हो पाई और हत्याओं और आत्मघाती हमलों का दौर जारी है।

देश और क्षेत्र

देश और झंडे क्षेत्र
(वर्ग किमी)
जनसंख्या धनत्व
(per km²)
राजधानी जीडीपी (कुल) प्रति व्यक्ति मुद्रा सरकार आधिकारिक भाषा
फारस का पठार:
 ईरान 1,648,195 71,208,000 42 तेहरान $753 बिलियन (2007) $10,600 (2007) ईरानियन रियाल इस्लामिल गणराज्य फारसी
मेसापोटामिया:
 इराक 437,072 24,001,816 55 बगदाद $102.3 बिलियन (2007) $3,600 (2007) इराकी दीनार संसदीय लोकतंत्र (विकासशील) अरबी, कुर्दीश
अरब प्रायद्वीप:
 कुवैत 17,820 3,100,000 119 कुवैत शहर $130.1 बिलियन (2007) $39,300 (2007) कुवैती दीनार संवैधानिक वंशानुगत अरबी
 बहरीन 665 656,397 987 मनामा $24.5 बिलियन (2007) $32,100 (2007) बहरीनी दीनार संवैधानिक राजशाही अरबी
 ओमान 212,460 3,200,000 13 मस्कत $61.6 बिलियन (2007) $24,000 (2007) ओमान रियाल पूर्ण राजशाही अरबी
 कतर 11,437 793,341 69 दोहा $57.7 बिलियन (2007) $80,900 (2007) कतारी रियाल राजशाही अरबी
साँचा:Country data सउदी अरब 1,960,582 23,513,330 12 रियाद $564.6 बिलियन (2007) $23,200 (2007) रियाल पूर्ण राजशाही अरबी
 संयुक्त अरब अमीरात 82,880 5,432,746 30 आबूधाबी $167.3 बिलियन (2007) $37,300 (2007) यूएई दिरहाम संघीय संवैधानिक राजशाही अरबी
 यमन 527,970 18,701,257 35 साना $52 बिलियन (2007) $2,300 (2007) यमनी रियाल गणराज्य अरबी
लेवांत:
 इस्राइल 20,770 7,029,529 290 जेरुसलम3 $185.9 बिलियन (2007) $25,800 (2007) इस्राइली नई शिकल संसदीय लोकतंत्र हिब्रू, अरबी
 जार्डन 92,300 5,307,470 58 अम्मान $28 बिलियन (2007) $4,900 (2007) जार्डनी दीनार संवैधानिक राजशाही अरबी
 लेबनान 10,452 3,677,780 354 बेरुत $42.3 बिलियन (2007) $11,300 (2007) लेबनानी पाउंड गणराज्य अरबी
 सीरिया 185,180 17,155,814 93 दमस्क $87 बिलियन (2007) $4,500 (2007) सीरियाई पाउंड अध्यक्षीय गणराज्य अरबी
भूमध्य सागर:
 साइप्रस 9,250 792,604 90 निकोसिया $21.4 बिलियन (2007) $27,100 (2007) यूरो गणराज्य यूनानी, तुर्की
अनातोलिया:
तुर्की तुर्की1 783,562 72,334,256 91 अंकारा $888 बिलियन (2007) $12,900 (2007) तुर्की लीरा संसदीय लोकतंत्र तुर्की
उत्तरी अफ्रीका:
 मिस्र 1,001,449 77,498,000 74 काहिरा $404 बिलियन (2007) $5,500 (2007) मिस्री पाउंड अर्द्ध-अध्यक्षीय गणराज्य (लोकतंत्र) अरबी
स्वशासी क्षेत्र: फ़िलस्तीन:
फिलिस्तीन राज्य गाजा पट्टी 360 1,376,289 3,823 गाजा $5 बिलियन (पश्चिमी किनारा शामिल) (2006) $1,100 (पश्चिमी किनारा शामिल) (2006) इस्राइली नई शिकल फ़िलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण हमास अरबी
फिलिस्तीन राज्य पश्चिमी किनारा 5,8603 2,500,0005 4323,4 रामल्लाह इस्राइली नई शिकल फ़िलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण फतह अरबी

Source:

Notes:

1 तुर्की के गणना में पूर्वी थेरेस शामिल है, जो अनातोलिया का हिस्सा नहीं है।

2 इस्राइली कानून के अधीन। संयुक्त राष्ट्र जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी मान्यता नहीं देता।

3 1967 के पहले की सीमा के अनुसार, पश्चिमी किनारा पूरी तरह से शामिल।

4 इसके अतिरिक्त करीब 400,000 इस्राइली रहवासी पश्चिमी किनारे में, जिसका आधा हिस्सा पूर्वी जेरुसलम में आता है।

बाहरी कड़ियाँ